Champai Soren [New CM Jharkhand] Latest News, Age, Education, Family,cast, Career, Political Party, Relation With Hemant Soren, champai soren Biography in Hindi – कौन हैं चम्पई सोरेन, उम्र, शिक्षा, परिवार, राजनैतिक कैरियर, पॉलिटिकल पार्टी, जाती, झारखंड के मुख्यमंत्री,
चंपई सोरेन एक प्रमुख भारतीय राजनीतिज्ञ हैं, जो 2024 से झारखंड के सातवें मुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत हैं। वे झारखंड मुक्ति मोर्चा के सदस्य हैं और झारखंड के सेराइकेला विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। इससे पहले, वे हेमंत सोरेन की कैबिनेट में परिवहन, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण के कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्यरत थे। चम्पई सोरेन अपनी राजनीतिक दक्षता और समर्पण के लिए जाने जाते हैं, और उन्होंने झारखंड के विकास और प्रगति में अहम योगदान दिया है।
Table of Contents
champai soren Biography In Hindi
शीर्षक | विवरण |
जन्म | जन्म: 1956, झारखंड के जिलिंगगौड़ा मे |
शिक्षा | मैट्रिक |
पिता | सिमर सोरेन |
पत्नी | मको सोरेन |
बच्चे | 4 बेटे 3 बेटियाँ |
राष्ट्रियता | भारतीय |
पॉलिटिकल पार्टी | झारखंड मुक्ति मोर्चा |
विधानसभा सदस्य | 2005 से वर्तमान तक |
अन्य पद | 29 दिसंबर 2019 से 31 जनवरी 2024 तक अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री, झारखंड सरकार |
वर्तमान पद | झारखंड मुख्यमंत्री |
कार्यकाल | 2024 से – |
चंपई सोरेन जन्म और शिक्षा
चंपई सोरेन का जन्म झारखंड के जिलिंगगौड़ा में सन 1956 हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा मे 1974 में जमशेदपुर स्थित राम कृष्ण मिशन हाई स्कूल से 10वीं तक की पढ़ाई की थी और मैट्रिक की उपाधि ली है। शिक्षा के क्षेत्र में उनकी सीमित उपलब्धि के बावजूद, उनकी राजनीतिक समझ और कुशलता का परिचय उनके लंबे राजनीतिक करियर में मिलता है।
चंपई सोरेन का परिवार
चंपई एक कृषक परिवार से आते है इनके पिता का नाम स्वर्गीय सिमर सोरेन है । इनकी पत्नी का नाम माको सोरेन है, इसके अलावा इनके परिवार मे इनके 4 बेटे व 3 बेटियाँ है ।
चंपई सोरेन राजनीतिक सफर
चंपई सोरेन का राजनैतिक कैरियर 1991 मे शुरू हुआ और वे विधायक के रूप मे चुने गए परंतु इनका का असल राजनीतिक करियर 2005 से माना जाता है , जब वे पहली बार झारखंड की दूसरी विधानसभा के लिए चुने गए। उनकी राजनीतिक समझ और क्षेत्रीय विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने उन्हें जल्द ही एक महत्वपूर्ण राजनीतिक व्यक्तित्व के रूप में स्थापित किया। 2009 में, वे झारखंड की तीसरी विधानसभा के लिए फिर से चुने गए, और 11 सितंबर 2010 से 18 जनवरी 2013 तक विज्ञान और प्रौद्योगिकी, श्रम और आवास मंत्री के रूप में कार्य किया। इस अवधि में, उन्होंने अपने विभागों में कई महत्वपूर्ण पहल की।
13 जुलाई 2013 से 28 दिसंबर 2014 तक, वे खाद्य और नागरिक आपूर्ति, परिवहन मंत्री के पद पर रहे, जहाँ उन्होंने राज्य के लोगों के लिए महत्वपूर्ण नीतियों और सुधारों का नेतृत्व किया। 2014 में, वे चौथी बार विधानसभा में पुनः चुने गए, और फिर 2019 में पांचवीं बार, जहां उन्होंने परिवहन, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री के रूप में कार्य किया। इस पद पर रहते हुए, उन्होंने सामाजिक न्याय और विकास के विभिन्न कार्यक्रमों का आरंभ किया।
2024 में, उन्हें झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में निर्धारित किया गया, जो उनके लंबे और उपलब्धिपूर्ण राजनीतिक करियर का चरमोत्कर्ष है। उनके नेतृत्व में, झारखंड राज्य ने विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की है, और उनका ध्यान राज्य के समग्र विकास पर केंद्रित रहा है।
चंपई सोरेन के विवाद
चंपई सोरेन, जो झारखंड की राजनीति में एक जाना-माना नाम हैं, उन्हें कई बार विवादों के केंद्र में पाया गया है। पिछले वर्ष, एक बड़ा विवाद तब खड़ा हुआ जब झारखंड सरकार के परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी और चंपई सोरेन के बीच मतभेद सामने आए। इस विवाद का कारण था नागालैंड में पंजीकृत वाहनों पर कार्रवाई करने का अधिकारी का आदेश। इस आदेश से असंतुष्ट होकर, सोरेन ने सभी संबंधित फाइलें अपने पास मंगा लीं।
इसके अलावा, मंत्री के तौर पर उन्होंने राज्य परिवहन आयुक्त को केवल दैनिक कार्यों का निपटान करने का निर्देश दिया। नीतिगत और वित्तीय मामलों से संबंधित फाइलें सीधे परिवहन मंत्री के पास भेजने का आदेश भी जारी किया गया। इस निर्णय से विभाग में काफी हंगामा मचा था। इस विवाद की गंभीरता को देखते हुए, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा था। इस तरह के विवादों ने चंपई सोरेन की राजनीतिक छवि पर प्रभाव डाला है और उन्हें अक्सर मीडिया की सुर्खियों में रखा है।
चंपई सोरेन झारखंड के नए मुख्यमंत्री
चंपई सोरेन फिलहाल झरखान सरकार मे यातायात मंत्री और अनुसूचित जाती, जनजाति और पिछड़ा वर्ग के कल्याण मंत्री है इसी के साथ वे झारखंड मुक्ति मोर्चा के उपाध्यक्ष भी है । फिलहाल भूमि घोटाले मे चल रही इडी पूछताछ के कारण झारखंड के मुख्यमंत्री आज राज्यभावन मे अपना इस्तीफा देंगे इसी के साथ चंपई सोरेन 41 से अधिक विधायको के साथ मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी प्रस्तुत करेंगे।
चंपई सोरेन के संबंध मे कुछ महत्वपूर्ण तथ्य –
“झारखंड के नए मुख्यमंत्री जिन्हें ‘झारखंड टाइगर’ के नाम से भी जाना जाता है, के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य इस प्रकार हैं:
1. चंपई सोरेन, जो हेमंत सोरेन सरकार में वरिष्ठ मंत्री हैं, सिमल सोरेन के सबसे बड़े पुत्र हैं, जो झिलिंगगोडा गांव, सरायकेला-खरसावां जिले में एक किसान हैं।
2. चंपई सोरेन ने अपने पिता के साथ खेती में भी काम किया है। उन्होंने सरकारी स्कूल से 10वीं तक की शिक्षा प्राप्त की। इस दौरान, उनकी कम उम्र में शादी हो गई और उनके चार पुत्र और तीन पुत्रियां हुई।
3. चंपई सोरेन ने 90 के दशक के अंत में शिबू सोरेन के साथ झारखंड आंदोलन में सक्रिय भाग लिया और जल्द ही ‘झारखंड टाइगर’ के रूप में प्रसिद्धि पाई। उन्होंने सरायकेला सीट पर एक उपचुनाव के माध्यम से स्वतंत्र विधायक बनकर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की।
4. चंपई सोरेन को अर्जुन मुंडा की नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार में कैबिनेट मंत्री नियुक्त किया गया। इस दौरान उन्होंने महत्वपूर्ण मंत्रालयों का कार्यभार संभाला। वे 11 सितंबर, 2010 से 18 जनवरी, 2013 तक मंत्री रहे।
5. राष्ट्रपति शासन के बाद, जब हेमंत सोरेन ने राज्य में सरकार बनाई, तो चंपई सोरेन खाद्य और नागरिक आपूर्ति तथा परिवहन मंत्री बने।
FAQ –
उत्तर: वे झारखंड मुक्ति मोर्चा के सदस्य हैं।
उत्तर: चंपई सोरेन ने वर्ष 1991 से राजनीति में प्रवेश किया।
उत्तर: उन्होंने 29 दिसंबर 2019 से 31 जनवरी 2024 तक अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री, झारखंड सरकार का कार्यभार संभाला था।
उत्तर: चंपई सोरेन का जन्म 1 जनवरी 1961 को सरायकेला, झारखंड में हुआ था।
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