दिल्ली मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की जीवनी, जीवन परिचय, बायोग्राफी, जन्म कहां हुआ, धर्म, जाति, बेटी, पिता, पत्नी, विवाद, करियर, मोबाइल नंबर (Arvind Kejariwal Biography in Hindi) (Age, Caste, Religion, Education, Daughter, Wife, Family, News)
अरविंद केजरीवाल तात्कालिक भारतीय राजनीति में वह नाम हैं, जो अक्सर किसी न किसी विवाद में उलझे रहते हैं. अन्ना जन लोकपाल बिल आंदोलन से भारतीय राजनीति की सक्रिय जमीन पर कदम रखने वाले अरविंद केजरीवाल ने एक समय में अपनी तीव्र राजनैतिक सक्रियता से पूरे देश का ध्यान अपनी तरफ़ खींच लिया था. इन्होंने अन्ना आंदोलन के बाद अपनी राजनैतिक पार्टी बनाई, जिसका नाम है ‘आम आदमी पार्टी’. आम आदमी पार्टी ने पहली बार दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ी और एक बेहतर परिणाम के साथ सामने आई. इसे 70 में कुल 28 सीटें प्राप्त हुई थीं. लगभग डेढ़ महीने कांग्रेस के बाहरी समर्थन में सरकार चलाने के बाद अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफा दे दिया. उनके इस्तीफे के बाद लगभग एक वर्ष तक दिल्ली में एलजी का शासन रहा. दूसरी बार जब चुनाव हुए, तो यह परिणाम और भी बेहतर हो गया. इस पार्टी को 70 में से कुल 67 सीटें प्राप्त हुईं, ये एक ऐतिहासिक जीत थी. राजनीति से पहले ये आईआरएस अफसर थे.
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अरविंद केजरीवाल की जीवनी (Arvind Kejariwal Biography in Hindi)
नाम | अरविंद केजरीवाल |
जन्मदिन | 16 अगस्त 1968 |
उम्र (Age) | 51 |
जन्म स्थान | सिवानी, हरियाणा |
गृहनगर | हरियाणा |
नागरिकता | भारतीय |
धर्म | हिन्दू |
जाति (Caste) | वैश्य (बनिया) |
भाषा ज्ञान | हिंदी, अंग्रेजी |
पेशा | मुख्यमंत्री |
अरविंद केजरीवाल की पत्नी, बेटी, पिता एवं परिवार (Arvind Kejariwal Wife, Daughter, Father and Family)
माता का नाम | गीता देवी |
पिता का नाम | गोबिंद राम केजरीवाल |
भाई का नाम | मनोज |
बहन का नाम | रंजना |
पत्नी का नाम | सुनीता केजरीवाल |
बेटे का नाम | पुलकित |
बेटी का नाम | हर्षिता |
अरविंद केजरीवाल का जन्म कहां हुआ, धर्म, जाति (Arvind Kejariwal Birth, Caste, Religion)
हरियाणा में जन्मे अरविंद के पिता एक इलेक्ट्रिकल इंजिनियर हैं. अरविंद केजरीवाल एक मध्यमवर्गीय परिवार से हैं. ये अपने भाई बहनों में सबसे बड़े भाई हैं. इनका अधिकाँश बचपन उत्तर भारत के शहरों में जैसे सोनीपत, गाजियाबाद, हिसार आदि में गुज़रा. केजरीवाल का जन्म एक हिन्दू धर्म के वैश्य यानि कि बनिया जाति में हुआ.
अरविंद केजरीवाल की शिक्षा (Kejariwal Education)
- ये बचपन में हिसार में स्थित कैंपस स्कूल और इसके बाद सोनीपत में स्थित क्रिस्चियन मिशनरी स्कूल के छात्र रहे. इन्होंने यहाँ से अपनी स्कूली पढाई पूरी की.
- स्कूल के बाद ने अपने स्नातक के लिये इन्होंने आईआईटी खड़गपुर में दाखिला लिया. यहाँ से इन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल की.
- अरविंद ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) में भी अपनी सफलता दर्ज की और आईआरएस अधिकारी के रूप में कार्य करने के लिए नियुक्त हुए.
अरविंद केजरीवाल का करियर (Kejariwal Career)
अरविंद केजरीवाल का करियर राजनीति से पहले या राजनीति के बाद भी एक सफल करियर के रूप में सामने आता है. इनके करियर की कुछ विशेष जानकारियाँ यहाँ दी जा रही हैं.
- आईआईटी खड़गपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल करने के बाद इन्होंने सन 1989 में टाटा स्टील से अपना करियर शुरू किया. इनकी पोस्टिंग जमशेदपुर की गयी थी.
- तीन वर्ष यहाँ कार्य करने के बाद सन 1992 में इन्होंने अपना पहला इस्तीफा दिया, ताकि सिविल सर्विस की तैयारी कर सकें.
- इन्हें सिविल सर्विस की परीक्षा में सफलता प्राप्त हुई और यहाँ से ये भारत सरकार के अधीन काम करने लगे. यहीं से इन्होंने राजनीति की जमीनी पहलुओं ठीक से समझा.
अरविंद केजरीवाल राजनीति में प्रवेश का कारण (Arvind Kejariwal Political Career)
अरविंद केजरीवाल ने अन्ना हजारे के जनलोकपाल आंदोलन में बहुत सक्रियता से कार्य किया. किन्तु कोई सीधा लाभ न मिल पाने की वजह से आंदोलन का उद्देश्य सफल नहीं हो पा रहा था. अन्ना के अनुसार राजनीति कीचड़ है, जिसमें उतरने वाले लोग गंदे हो जाते हैं, जबकि अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस कीचड़ को साफ करना भी हम देशवासियों का काम है. अतः आंदोलन के साथ साथ एक स्वस्थ सक्रीय राजनीति की भी आवश्यकता होती है. अरविंद ने जनलोकपाल बिल के मुद्दे से राजनीति में कदम रक्खा. अरविंद केजरीवाल के अनुसार जब वे आईआरएस अफसर के रूप में कार्य कर रहे थे, तो उन्हें अक्सर भ्रष्टाचार जैसी समस्या का सामना करना पड़ता था. इसी वजह से उन्होंने इस नौकरी को छोड़ा था.
अरविंद केजरीवाल का समाज कल्याण कार्य (Arvind Kejariwal Social Work)
अरविंद केजरीवाल अपने करियर के आरंभिक दिनों से ही सामाजिक कार्यों में रूचि लेने लगे थे. इन्होंने टाटा स्टील जमशेदपुर से इस्तीफा देकर एक तरफ सिविल सर्विस की तैयारी की, तो वहीँ दूसरी तरफ कोलकाता में रहते हुए इन्होंने मदर टेरेसा से भेंट की. इन्होंने मदर टेरेसा के आश्रम में दो महीने तक कार्य किया. इसके बाद इन्होंने ‘क्रिश्चियन ब्रदर्स एसोसिएशन’ के साथ कार्य किया. अरविंद ने गाँवों के लिए ‘राम कृष्ण मिशन’ के साथ जुड़ कर विभिन्न तरह के कार्य किये. कालांतर में इन्होंने ‘नेहरु युवा केंद्र’ को अपने समाज कल्याण कार्य का मंच चुना. इन्होंने आयकर विभाग में काम करते हुए ‘परिवर्तन’ नामक जन आंदोलन की शुरुआत की. इस जन आंदोलन के माध्यम से इन्होंने दिल्ली में होने वाले राशन कार्ड को लेकर जो स्कैम का पर्दाफाश किया था.
आम आदमी पार्टी “आप” की स्थापना (Aam Aadmi Indian Political Party (AAP))
अरविंद केजरीवाल अफसरी करते हुए सरकारी तंत्र में गहरे बैठे भ्रष्टाचार को अच्छे से समझ गये थे. उन्हें ये बात भी समझ में आ गयी थी, कि इस तंत्र में अफसरी करते हुए भ्रष्टाचार को काबू में नहीं किया जा सकता है. इन्होंने सामाजिक मुद्दों पर ध्यान देते हुए वर्ष 2006 में आयकर विभाग के ‘जॉइंट कमिश्नर’ पद से इस्तीफा दे दिया. इस इस्तीफे के बाद वे लगातार सामाजिक मुद्दों से जुड़े रहे और समाधान के रास्ते ढूंढते रहे. इन्होंने अन्ना के आंदोलन में भाग लिया, जहाँ उन्हें पार्टी बनाने की आवश्यकता महसूस हुई. नवम्बर 2012 में इन्होंने आम आदमी पार्टी की नींव रखी.
अरविंद केजरीवाल अवार्ड और सम्मान (Arvind Kejariwal Award and Achievement)
- वर्ष 2005 में इन्हे को आईआईटी खड़गपुर की तरफ से सत्येन्द्र के. दुबे अवार्ड से सम्मानित किया गया. यह अवार्ड इन्हें सरकारी तंत्र में पारदर्शिता लाने की वजह से दिया गया.
- वर्ष 2006 में परिवर्तन जनआंदोलन के नेतृत्व करने की वजह से इन्हें रमन मेगसेसे अवार्ड से भी सम्मानित किया गया. इन्होंने इस अवार्ड की राशि एक एनजीओ को दान कर दी थी.
अरविंद केजरीवाल की कुल संपत्ति (Arvind Kejariwal Net Worth)
मासिक आय | 1.25 लाख रूपए साथ में अन्य भत्ते |
कुल संपत्ति | रू 2 करोड़ |
अरविंद केजरीवाल वाद-विवाद (Arvind Kejariwal Controversies)
अरविंद केजरीवाल ने जब से राजनीति में कदम रखा है, वे विवादों के घेरे में आते रहे हैं. इनके ऊपर कई धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज हैं. कई नेताओं ने इन पर मानहानि के मुकदमे चलाये.
- पूर्व गवर्नर नजीब जंग से विवाद : वर्ष 2015 में अरविंद केजरीवाल ने नजीब जंग पर आरोप लगाया, कि वे केंद्र सरकार के कहने के मुताबिक काम कर रहे हैं, विशेष कर अफसरों के तबादले.
- टीवी एड का विवाद : अरविंद केजरीवाल ने अपने प्रचार के लिए टीवी एड निकाला था, जिसमें “वो परेशान करते रहे, हम काम करते रहे” पंक्ति थी.
- प्रशांत भूषण और योगेन्द्र यादव के साथ : आप पार्टी बनने में इन दोनों का भी योगदान है. बाद में इनके और अरविंद के बीच रिश्ते खराब हो गये. एक विडियो में अरविंद इन दोनों को गालियाँ देते नज़र आये थे.
- नकली डिग्री : अरविंद केजरीवाल पर ये आरोप भी है, कि उन्होंने कई ऐसे लोगों को अपनी पार्टी से टिकट दी है, जिनके पास फर्जी डिग्रीयाँ हैं.
- वन मैन पार्टी: अरविंद पर अक्सर पार्टी के लोग ये आरोप लगाते हैं कि अरविंद पार्टी को किसी लोकतान्त्रिक तरीके के बिना अपनी मर्जी से चलाते हैं. और उनमे घमंड भी है.
- दिल्ली पुलिस: दिल्ली पुलिस केंद्र सरकार के अंतर्गत है. इस वजह से अक्सर अरविंद केजरीवाल और दिल्ली पुलिस के बीच तनाव का माहौल बना रहता है. इन्होंने अपने एक इंटरव्यू में दिल्ली पुलिस को ठुल्ला कहा था.
- बिजली बिल की अधिकता : इनके मुख्यमंत्री रहते मुख्य मंत्री निवास मे बिजली बिल 1 लाख रूपए का आया था. इस पर विपक्ष ने कहा कि वे लोगों के पैसे से अपना सुख भोग रहे हैं. उनके निवास पर 35 एसी और कई कूलर होने की बातें सामने आई.
अरविंद केजरीवाल से सम्बंधित दिलचस्प बातें (Arvind Kejariwal Interesting Facts)
- अरविंद केजरीवाल को हिंदी फ़िल्में देखनी बेहद पसंद है. वो आमिर खान के अभिनय के बहुत बड़े प्रशंसक हैं और उनकी लगभग हर फिल्म देखते हैं.
- अरविंद केजरीवाल ने आईआईटी की परीक्षा पहली बार में ही निकाल ली थी. इन्होंने सिविल सर्विस की परीक्षा भी एक बार में निकाली.
- अपने कॉलेज के दौरान इन्हें राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं थी, बल्कि ये थिएटर में रूचि रखते थे.
- अरविंद केजरीवाल ने वर्ष 1989 में आईआईटी खड़गपुर छोड़ी और इसी वर्ष गूगल के तात्कालिक सीईओ ने इस संस्था में पढने के लिये अपना नामांकन कराया.
- आईआरएफ अफसर होने के दिनों में इन्होंने चपरासी की सेवा नहीं ली और ये प्रतिदिन अपना डेस्क खुद साफ़ करते थे.
- इनकी और इनकी पत्नी की मुलाकात ‘नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन’ में वर्ष 1994 में हुई थी. वहीँ से इनके रिश्ते आगे बढे.
अरविंद केजरीवाल दिल्ली के नए मुख्यमंत्री – दिल्ली चुनाव 2020 (Arvind Kejariwal As a CM)
अरविन्द केजरीवाल एक बार फिर बहुमत से जीत हासिल कर दिल्ली की कुर्सी में विराजमान हो गए है. दिल्ली की जनता ने उन्हें जिताकर एक बार फिर मौका दिया है.
अरविंद केजरीवाल पंजाब चुनाव 2022 (Arvind Kejariwal Punjab Chunav 2022)
अरविंद केजरीवाल ने इस साल के पंजाब चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन कर एक ऐतिहासिक जीत हासिल की है. इस तरह से भारत के 2 राज्यों दिल्ली एवं पंजाब में अब केजरीवाल की आम आदमी पार्टी की सरकार आ चुकी है. पंजाब राज्य में अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री के रूप में भगवंत मान को उम्मीदवार बनाया था. और उनकी इसमें जीत हुई है. अब पुजाब के नए मुख्यमंत्री आप पार्टी से भगवंत मान जी हैं.
अरविंद केजरीवाल जी ने आम लोगों की समस्या को समझ कर उन्हीं लोगों के बीच में से आम आदमी पार्टी बनाई है. और लोगों ने उनके कार्यों को सराहा भी है. जिसके चलते आज वे 2 राज्यों में अपना शासन करने में कामयाब हो पाए. अब आगे वे और राज्यों में भी अपना सिक्का उछाल सकते हैं.
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