मूर्तिकार अरुण योगीराज का जीवन परिचय, रामलला की प्रतिमा, राम की मूर्ती, कहां के रहने वाले हैं, पत्नी, परिवार, उम्र, करियर (Arun Yogiraj Biography in Hindi) (Murtikar, Shilpi, Sculpture, Age, Ram Statue, Family, Wife, Idol, Career)
श्री राम मन्दिर का निर्माण अपने आप में एक अद्भुत कला के रूप में पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने का पूरा दमखम रखता हैं। क्योंकि पर्यटकों को वहाँ के+ कलाकारों द्वारा बनायी गयी ऐसी कलाकृति को देखने के बाद, आप अन्दर से आत्मविभोर हो जायेंगे, और खुशी से झूम उठेंगे, और आप जब राम लला की मूर्ति देखेंगे तो ऐसा प्रतीक होगा कि हम त्रेतायुग में आ गये हैं, क्योंकि मूर्ति को देखने के बाद ऐसा लगता हैं, कि प्रभु श्रीराम जी कुछ कहना चाहते हैं। तो ऐसी अद्भुत मूर्ति का निर्माण ऐसे महान शख्सियत ने की हैं, जिनका नाम अरुण योगीराज हैं। इनके द्वारा बनाई गई मूर्ति आपको अपनी ओर खींचे लिए जायेगी और 22 जनवरी 2024 को इनके द्वारा बनाई गई मूर्ति अयोध्या नगरी में स्थापित की जायेगी। कौन हैं ये अरुण योगीराज जी, इस लेख में हम आपको उनके बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी देने जा रहे हैं।
Table of Contents
Arun Yogiraj Biography in Hindi
पूरा नाम | अरुण योगीराज शिल्पी |
जन्म | सन 1987 |
जन्म स्थान | मैसूर |
शिक्षा | एमबीए |
कॉलेज | ज्ञात नहीं |
पेशा | मूर्तिकार |
रामलला की मूर्ति कितनी बड़ी हैं | 51 इंच |
शंकराचार्य की मूर्ति | 12 फुट |
रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा | 22 जनवरी 2024 |
सम्मान | इन्हे 2014 में केंद्र सरकार द्वारा यंग टैलेंट अवार्ड। |
राशि | मेष राशि |
वर्तमान समय में चर्चा | रामलला की मूर्ति का निर्माण करने की वजह से |
अन्य मूर्तियों का निर्माण | सुभाष चंद्र की मूर्ति स्वामी रामकृष्ण परमहंस की आदमकद प्रतिमा |
अरुण योगीराज कौन हैं
अरुण योगीराज किसी भी पहचान के मोहताज नहीं है, क्योंकि अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को इनके द्वारा निर्माण की गई रामलला की मूर्ति को वहाँ पर स्थापित किया जाएगा। अरुण योगीराज जी ने अपने मूर्तिकार के रूप में उन्होंने बहुत सी मूर्तियों का निर्माण किया है, जिससे उनकी इस कलाकारी के बारे में हमारे प्रधानमंत्री जी द्वारा उन्हें पहले ही प्रोत्साहित किया जा चुका हैं। क्योंकि उन्होंने बहुत महान हस्तियाँ की मूर्ति का निर्माण कार्य किया हैं, जो तकरीबन आज से 1000 साल पहले थे, उनकी भी मूर्तियों का निर्माण का श्रेय इन्ही को जाता है। इनकी मूर्तियाँ जो निर्माणित की जाती है, देखने में ऐसा प्रतीत होता हैं, कि सामने कुछ कहना चाहती हैं।
अरुण योगीराज का जन्म एवं शुरूआती जीवन
महान मूर्तिकार का जन्म के बारे में संदेह हैं, इनके जन्म के बारे में अभी कुछ पता नहीं हैं, कि इनका जन्म कब हुआ था, मगर एक अनुमानित डेट के हिसाब से यह बताया जा सकता हैं कि इनका जन्म 1987 के आसपास हुआ था, और जन्म स्थान की बात की जाये तो यह भारत देश के दक्षिणी क्षेत्र के कर्नाटक में हुआ था। अगर देखा जाए तो मूर्तिकार के रूप में उन्हें यह पेशा विरासत में प्राप्त हुआ हैं, क्योंकि इनके पिता भी एक विख्यात मूर्तिकार थे, इनके पिता ने गुरुकुल से शिक्षा प्राप्त की थी और वहीं से उन्होंने अपने पारंपरिक पेशे को चुन लिया था।
अरुण योगीराज की पत्नी एवं परिवार
पिता का नाम | योगीराज शिल्पी |
माता का नाम | सरस्वती |
पत्नी का नाम | विजयतरुणी |
बच्चे | ज्ञात नहीं |
अरुण योगीराज द्वारा निर्मित राम जी की मूर्ती का हुआ चयन (Latest News)
अरुण योगीराज एक विख्यात मूर्तिकार के रूप में लोगों के जुबान पर उनका नाम विराजमान हैं, ऐसी महान शख़्सियत को जन्म देने वाले माता-पिता कोई मामूली इंसान नहीं होंगे, क्योंकि ऐसी कला इन्हें इनके माता-पिता और पूर्वजों से ही प्राप्त हुई है। जिसका उपयोग करके आज उनका नाम पूरे भारत देश में गूंज रहा हैं। इनकी माता का नाम सरस्वती हैं, उन्हें जब यह पता चला कि रामलला की मूर्ति का निर्माण और आखरी रूप उनके बेटे अरुण योगीराज दे रहे है, तो वह बहुत प्रसन्न हुई और खुशी से झूम उठी और उन्होंने अपने बारे में यह भी बताया कि वह रामलला की मूर्ति जो गर्भ गृह में रखी जायेगी वहाँ पर 22 जनवरी 2024 को जाने की पूरी कोशिश करेगी और कला के प्रदर्शन के रूप में अपने बेटे की प्रशंसा को अपने कानों से सुनने में उन्हें बहुत ख़ुशी मिलेंगी। केंद्रीय मंत्री द्वारा जब यह ऐलान किया गया कि अरुण योगीराज द्वारा रामलला की जिस मूर्ति का निर्माण किया गया है उसे 22 जनवरी 2024 में अयोध्या मंदीर के गर्भ गृह में रखी जायेगी। यह खबर जब उनकी पत्नी के पास पहुंची तो उन्होंने कहा कि मैं अब इस पर किस प्रकार प्रक्रिया दूँ। मुझे कुछ समझ में ही नहीं आ रहा हैं, कि कैसे शुक्रिया अदा करें। उन्होंने यह भी बताया कि यह हमारे लिए बहुत खुशी का दिन हैं और इस पल को हम कभी नहीं भूल पाएंगे। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा हैं कि “जहाँ राम हैं वहाँ हनुमान हैं” यह प्रतिमा अरुण योगिराज के द्वारा बनाई गई हैं। इन्ही की प्रतिमा को नामित कर दिया गया है।
अरुण योगीराज की शिक्षा
अरुण योगीराज की शिक्षा की बात की जाए तो इन्होंने अपनी मास्टर तक की शिक्षा 2008 में पूर्ण की हैं, और इन्होंने मास्टर में मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन किया है। इनकी प्रारंभिक शिक्षा की बात की जाए तो इन्होंने अपने क्षेत्र के स्कूल से ही शिक्षा प्राप्त की हैं। यह पढ़ने में काफी अच्छे थे, तो उन्होंने मास्टर को भी पूर्ण किया और साथ ही साथ उन्होंने एक प्राइवेट कंपनी में काफी सालों तक कार्य किया।
अरुण योगिराज का लुक्स
हाईट | 5.5 से 6 फुट |
आँखे | काली |
चेहरा | गोरा |
बाल | काले |
अरुण योगीराज को विरासत में मिली यह कला
अरुण योगीराज के पूर्वज जो थे, वह गुरुकुल में शिक्षा प्राप्त करते थे। शिक्षा प्राप्त करने के बाद इसी क्षेत्र में उन्होंने अपनी अहम योगदान देना शुरू कर दिया था। और इनके पूर्वजों ने काफी मूर्तियों का निर्माण भी किया था। उनके दादाजी ने आज से करीब 35 या 36 साल पहले यह कह दिया था, कि अरुण योगीराज यह भी एक मूर्तिकार के रूप में विख्यात होंगे और आज देखा जाए तो उनकी वाणी सत्य साबित हुई हैं। फिर कुछ समय बाद अरुण योगीराज ने अपनी प्राइवेट नौकरी को छोड़कर उन्होंने अपने पूर्वजों का व्यवसाय चुन लेने के बाद राम लला की मूर्ति के निर्माण करने के बाद उनका नाम सभी क्षेत्रों में गुंजाने लगा हैं। उत्तर से लेकर दक्षिण तक पूर्व से लेकर पश्चिम तक चारों तरफ अरुण योगीराज के ही नाम की चर्चा हो रही हैं।
अरुण योगीराज के द्वारा अन्य मूर्तियों का निर्माण
अरुण योगीराज जी ने जब से अपने पूर्वजों के पेशा को अपना पेशा समझ कर शुरू किया है तब से उन्होंने इस पेशे में रहकर काफी मूर्तियों का निर्माण किया जिनमें से कुछ विख्यात मूर्तियों के नाम इस प्रकार हैं।
- शंकराचार्य की मूर्ति जो केदारनाथ में स्थापित है,
- दिल्ली में इंडिया गेट के पास स्थापित की गई सुभाष चंद्र की मूर्ति,
- मैसूर में स्वामी रामकृष्ण परमहंस की आदमकद प्रतिमा,
- एक ही चट्टान से काटकर बनाई गई बृहत नंदी की प्रतिमा,
- स्वामी जी शिव कुमार की प्रतिमा,
- माँ बनष्करी की प्रतिमा,
- बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर की लाइफ साइज प्रतिमा आदि।
- इनके अलावा अरुण योगीराज जी भगवान शिव, श्रीकृष्ण एवं हनुमान जी की भी प्रतिमा बना चुके हैं।
अरुण योगीराज द्वारा निर्मित शंकराचार्य जी की मूर्ति
अरुण योगिराज द्वारा शंकराचार्य की मूर्ति का निर्माण राम लला मूर्ति के पहले ही कर दिया था, जिससे उस टाइम पर यह काफी चर्चा का विषय बने रहे हैं, क्योंकि शंकराचार्य की मूर्ति का निर्माण ऐसा किया गया था कि जैसे हमारे तपस्वी शंकराचार्य जी हमारे सामने बैठे हैं और इस कलाकारी के लिए उन्हें काफी प्रोत्साहित और प्रशंसा के साथ नवाजा गया था और इस मूर्ति का निर्माण काफी बड़ा था। 12 फुट की इस प्रकार की प्रतिमा को मैसूर में सरस्वती पुरम में बनाया था।
अरुण योगीराज जी द्वारा रामलला की मूर्ति का निर्माण
अरुण योगीराज की चर्चा वर्तमान समय में इसलिए हो रही हैं क्योंकि उन्होंने अयोध्या के त्रेता युग के राजा भगवान श्री रामचंद्र जी की मूर्ति का निर्माण किया हैं, और इन्होंने बताया हैं, कि जो उन्होंने इस मूर्ति का निर्माण किया हैं, उसमें इन्होंने दिन-रात एक कर दिया हैं, और हमारे देश के प्रधानमंत्री जी ने मूर्ति की प्रशंसा करते हुए यह कहा की यह अपने आप में एक अच्छी कलाकारी का प्रदर्शन हैं। और रामलला की मूर्ति बनाना कोई आसान काम नहीं था रामलला की मूर्ति 22 जनवरी 2024 को गर्भ गृह में रखी जायेगी जहाँ पर बड़ी-बड़ी हस्तियाँ प्राण प्रतिष्ठा के लिए मौजूद होंगी।
अरुण योगिराज के पास संपत्ति
अरुण योगिराज जी बताते है, कि अपने मूर्तिकार के पेशे को बड़े दिल से करते है, वे 15 से 16 घंते कार्य करते हैं। तब कहीं जाकर एक मूर्ति का निर्माण होता हैं, और अगर इनकी संपत्ति की बात की जाए, तो इनके पास तकरीबन अनुमानित चार से पाँच करोड़ रुपये है, वैसे संपत्ति घटती बढ़ती रहती है।
अरुण योगिराज को मिले सम्मान
- इन्हे 2014 में केंद्र सरकार द्वारा यंग टैलेंट अवार्ड।
- मैसूर डिस्ट्रिक्ट ऑथोरिटी और कर्नाटक सरकार द्वारा राज्य उत्सव अवार्ड।
- शिल्पकार संघ द्वारा शिल्प कौस्तुभ अवार्ड
- मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने भी सम्मानित किया हैं।
- संयुक्त राष्ट्र के महासचिव कोफ़ी अन्ना ने उनकी प्रशंसा की
- मैसूर राज परिवार द्वारा उन्हें सम्मानित किया गया
- मैसूर स्पोर्ट अकादमी द्वारा भी उन्हें सम्मानित किया गया।
- मैसूर विश्वविद्यालय के कुलपति ने भी उन्हें सम्मानित किया।
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FAQ
Ans: एक विख्यात मूर्तिकार।
Ans: विजयतरुणी।
Ans: राम लला की मूर्ति 51 इंच की बनाई गई है।
Ans: 1987 में हुआ था।
Ans: एमबीए
Ans: अरुण योगिराज का यह पूर्वजों का पेशा था उसी को बाद में इन्होंने चुन लिया।
Ans: 22 जनवरी 2024
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