अरूण जेटली का जीवन परिचय (Arun Jaitley biography in hindi)
वर्तमान भारतीय राजनीति में जिन नेताओं की बात सबसे ज्यादा होती है, उनमें से एक भाजपा क कद्दावर नेता और देश के फाइनेंस मिनिस्टर अरूण जेटली का भी नाम आता है. पेशे से वकील अरूण जेटली की इस कद तक पहुंचने की राजनीतिक यात्रा भी कम दिलचस्प नहीं है. अपनी बेहतरीन वाक् शैली के लिए जाने वाले श्री जेटली को देश के बेहतरीन वकीलों में भी गिना जाता है. उन्होंने देश के कई चर्चित मामलों में पैरवी की है.
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अरूण जेटली का जीवन परिचय
नाम | अरूण जेटली |
जन्म | 28 दिसंबर 1992 |
जन्म स्थान | नई दिल्ली |
उम्र | 64 साल |
व्यवसाय | भारतीय राजनेता और वकील |
पार्टी का नाम | भारतीय जनता पार्टी |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
स्कूल | सेंट जेवियर्स स्कूल, नई दिल्ली |
कॉलेज | श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, नई दिल्ली दिल्ली विश्वविद्यालय |
शैक्षिक योग्यता | श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, नई दिल्ली (वाणिज्य में स्नातक) दिल्ली विश्वविद्यालय (कानून की डिग्री) |
राजनीति की शुरूआत | वर्ष 1977 में |
पिता का नाम | महाराज किशन जेटली |
माता का नाम | रतन प्रभा जेटली |
बहन का नाम | मधु भार्गव |
जाति | पंजाबी ब्राह्मण |
शौक | पुस्तकें पढ़ना |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
पत्नी का नाम | संगीता जेटली |
बच्चे | रोहन जेटली, सोनाली जेटली |
संपत्ति | 113 करोड़ |
अरुण जेटली का शुरूआती जीवन (Arun Jaitley early life)
अरूण जेटली का जन्म 28 दिसम्बर सन 1952 को वकीलों और समाज सेविओं के परिवार में हुआ. उनके परिवार में हमेशा से ही सामाजिक कार्यों की परम्परा रही. उनके पिता महाराज किशन जेटली भी पेशे से वकील थे और दिल्ली के नारायण विहार में निवास करते थे. अरूण जेटली की मां रतन प्रभा एक समाज सेवी थी. अरूण जेटली ने अपनी स्कूली शिक्षा सेंट जेवियर्स स्कूल, दिल्ली से ही पूरी की. शुरू से ही उनका रूझान पढ़ाई के प्रति था और वे अपने स्कूल के होनहार विद्यार्थियों में गिने जाते थे. पढ़ाई के अलावा डिबेट्स और किक्रेट उनके पसंदीदा विषय थे. अपनी आगे की पढ़ाई उन्होंने श्री राम कॉलेज आॅफ कॉमर्स से पूरी की, जहां उन्होंने एक बेहतरीन डिबेटर के तौर पर अपनी पहचान स्थापित की और अपने कॉलेज के छात्र संघ के अध्यक्ष भी चुने गए. अपनी वकालत की पढ़ाई उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से ही पूरी की. बचपन में ही पारिवारिक माहौल मिलने के कारण उनकी रूचि वकालत, कानून और राजनीति में हो गई थी और अपने कॉलेज के चुनाव जीतने के बाद उन्होंने इसी दिशा में कदम बढ़ाना उचित समझा. उस दौर में वे जनता पार्टी के भ्रष्टाचार उन्मूलन आंदोलन से खासे प्रभावित हुए. और उन्होंने इस पार्टी से खुद को जोड़ा और आंदोलन में अपनी भूमिका निभाई. पार्टी ने उन्हें युवा संगठन में काम करने के लिए पद दिया.
अरूण जेटली का निजी जीवन (Arun Jaitley personal details)
अरूण जेटली ने गिरिधर लाला डोगरा और शकुंतला डोगरा की बेटी संगीता से विवाह किया और उनसे उन्हें एक बेटा रोहन जेटली और एक बेटी सोनाली जेटली हुए. उनकी दोनों संतानों ने भी अपने पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए वकालत को पेशे के तौर पर अपनाया है.
अरूण जेटली की राजनीतिक यात्रा (Arun Jaitley political career)
सही मायनों मे अरूण जेटली की राजनीतिक यात्रा 1974 मे शुरू होती है जब वे पहली बार अपने कॉलेज के छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए. उनकी यह सफलता साधारण नहीं थी क्योंकि यह वह दौर था जब कांग्रेस देश की सबसे शक्तिशाली राजनीतिक पार्टी थी, और उसके छात्र संगठन नेशनल स्टूडेंट यूनियन आॅफ इंडिया का देश भर के महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में खासा प्रभाव था. ऐसे वक्त में अरूण जेटली ने अपने कॉलेज में भारतीय जनता पार्टी के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के बैनर तले चुनाव लड़ा, और जीत हासिल की. उन्होंने अपने कॉलेज में एन एस यू आई का वर्चस्व तोड़ा. वे इस दौर में भारतीय राजनीति के कद्दावर नेता जय प्रकाश नारायण से खासे प्रभावित रहे जिन्हें देश भर में जेपी के नाम से जाना जाता है. इसी बीच जब अरूण जेटली राजनीति के पाठ सीख रहे थे तभी 1975 में देश में 22 महीने के लिए आपातकाल लग गया. उन्होंने इसका विरोध किया और वे उन नेताओं में रहे जिन्हें इस विरोध के कारण 19 महीने दिल्ली की तिहाड़ जेल में बिताने पड़े. इस घटना को वे अपने जीवन का टर्निंग प्वाइंट मानते हैं, क्योंकि अपनी जेल यात्रा के दौरान उन्हें ढेरों तरीके से लोगों को देखने, समझने और मिलने का मौका मिला.
अरूण जेटली भारतीय जनता पार्टी के जाने माने नेता और फिलहाल भारत सरकार में वित्त मंत्री और कॉर्पोरेट अफेयर्स के मंत्री हैं. इसके अलावा वे एशियन डेवलपमेंट बैंक के बोर्ड आॅफ गवर्नर्स के सदस्य के तौर पर भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं. जैसा की सबको पता है कि वे भारत के उच्चतम न्यायालय के एक वरिष्ठ वकील भी हैं. इससे पहले वे भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल भी रह चुके हैं. वे 2002 और 2004 में भारतीय जनता पार्टी के सचिव भी रहे. 2009 में उन्होंने अपने इस पद को तब छोड़ दिया, जब वे भारतीय जनता पार्टी की ओर से राज्य सभा में सांसद के तौर पर चुने गए. वे अपनी पार्टी के प्रमुख रणनीतिकारों में से एक माने जाते हैं. उन्हें 2002 में राज्य सभा के सदस्य के तौर पर तीसरी बार चुना गया. इसके अलावा वे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के वाइस प्रेसीडेंट भी रहे, लेकिन आईपीएल के दौरान अपने उपर लगे आरोपों के कारण, उन्होंने निष्पक्ष जांच करवाने के लिए अपने पद से इस्तीफा दे दिया.
आरुण जेटली के जीवन में आये उतार चढ़ाव (Arun Jaitley career graph)
- 1977 में अरूण जेटली को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद दिल्ली का अध्यक्ष और पूरे भारत के लिए इस संगठन का सचिव बना दिया गया.
- अखिल भारती विद्यार्थी परिषद के लिए लंबे समय तक काम करने के बाद अरूण जेटली ने 1980 में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली.
- उन्होंने इसके बाद भारतीय जनता पार्टी के लिए दिल्ली शाखा में एक युवा ब्रिगेड की भी स्थापना की.
- 1991 में उन्हें भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य चुन लिया गया.
- 1998 में उन्हें संयुक्त राष्ट्र संघ की आम सभा में भारत सरकार की ओर से डेलीगेट बनाकर भेजा गया. इसी सत्र में ड्रग्स और मनी लॉड्रिंग बिल आम सभा में प्रस्तुत किया गया.
- 1999 में अरूण जेटली को आम चुनाव से ठीक पहले पार्टी प्रवक्ता के पद पर नियुक्त किये गये.
- चुनाव में भाजपा को जीत मिलने के बाद उन्हें मिनिस्टर आॅफ स्टेट, डिपार्टमेंट आॅफ इनफॉर्मेशन एंड ब्राडकास्टिंग बनाया गया. इसी दौरान उन्हें लॉ, जस्टिस और कंपनी अफेयर्स जैसे विभागों के लिए काम करने का मौका दिया गया.
- इसके बाद आगे चलकर उन्हें विनिवेश के लिए गठित किये नये मंत्रालय का जिम्मा सौंपते हुए कैबिनेट में राज्य मंत्री के तौर पर शामिल किया गया.
- 2000 में उन्हें गुजरात से राज्य सभा सांसद के तौर पर पहली बार चुना गया.
- इसी वर्ष उन्हें कानून, न्याय और कंपनी मामलात् मंत्रालय के लिए मंत्री के तौर पर शपथ दिलाई गई, साथ ही उन्हें जहाजरानी मंत्रालय भी अतिरिक्त प्रभार के तौर पर सौंपा गया.
- राम जेठमलानी के कैबिनेट से इस्तीफे के बाद 2000 में ही उनकी जगह कैबिनेट मिनिस्टर बना दिया गया.
- कानून मंत्रालय का कार्यभार संभालते हुए उन्होंने अपने मंत्रालय के लिए सिविल प्रोसीजर कोड, भरतीय दण्ड प्रक्रिया और कंपनीज एक्ट में कई संशोधन करवाए.
- इसके बाद उनके राजनीतिक जीवन में बड़ा बदलाव तब आया जब उन्होंने भाजपा में जनरल सेक्रेट्री बनने के लिए 2002 में इस्तीफा दे दिया.
- 2003 तक वे पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता के तौर पर भी अपनी सेवाएं देते रहें. 2003 में उन्होंने एक बार फिर कॉमर्स एंड इंडस्ट्री और लॉ एंड जस्टिस की कमान संभाली.
- अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने विश्व व्यापार मंडल के साथ भारत की भूमिका को निर्णायक मोड़ दिया जिस पर देश आज तक कायम है.
- 2006 और 2012 में उन्हें दो बार गुजरात से राज्य सभा सांसद के तौर पर चुन कर भेजा गया.
- 2014 में उन्होंने लोकसभा के अमृतसर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा.
मृत्यु –
अरुण जेटली जी का लम्बी बीमारी के बाद 24 अगस्त 2019 को देहांत हो गया. पिछले साल उनका गुर्दा ट्रांसप्लांट का ओपरेशन हुआ था. तबसे ही उनकी तबियत उपर-नीचे होती रही है. तबियत ख़राब के चलते ही अरुण जी ने फरवरी में वित्त मंत्री होने के बावजूद अंतरिम बजट पेश नहीं किया था. उनकी जगह पियूष गोयल जी ने बजट पेश किया था. अरुण जी ने 2019 के आम चुनाव से भी दूरी बनाई थी. 10 अगस्त को ख़राब स्वास्थ्य के चलते उन्हें ऐम्स हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. जहाँ उन्हें टिश्यू कैंसर की भी शिकायत हो गई थी. 24 अगस्त को 66 साल की उम्र में उन्होंने आखिरी साँसे ली, जिसके बाद उनके सभी चाहने वालों में शोक का माहोल रहा.
अरुण जेटली जी का मोदी जी की राजनैतिक जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रहा है. स्कूल के समय से दोनों साथ थे. दोनों घनिष्ट मित्र थे, मोदी जी ने उन्हें अपने कैबिनेट में महत्वपूर्ण स्थान दिया था.
FAQ
Ans- अरूण जेटली का जन्म 28 दिसंबर 1952 को नई दिल्ली में हुआ था।
Ans- केंद्रीय मंत्री के तौर पर उन्होंने वित्त मंत्री के रूप में काम किया था।
Ans- अरूण जेटली की मृत्यृ 24 अगस्त 2019 में हुई थी।
Ans- अरूण जेटली की पार्टी का नाम बीजेपी है।
Ans- अरूण जेटली एक नेता के साथ-साथ वकील थे।
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