उत्तर प्रदेश (यू पी) दिवस का महत्त्व, निबंध, इतिहास क्या है और क्यों मनाया जाता है, उत्तरप्रदेश स्थापना दिवस (UP Diwas Significance, History, Essay in Hindi) (Date, Theme, Celebration)
जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है उत्तर प्रदेश दिवस, मतलब उत्तर प्रदेश के नागरिक उस राज्य के स्थापना दिवस को या किसी खास दिन को अपने राज्य के लिए उत्साह से एक साथ मिलकर मनाईगें. भारत में कई राज्य अपने राज्य के एक खास दिन को अपनी तरह से मनाते है, जैसे मध्य प्रदेश स्थापना दिवस, राजस्थान स्थापना दिवस, बिहार स्थापना दिवस आदि. यह वह दिन होता है जिस दिन राज्य के नागरिक वहाँ की संस्कृति और पंरम्परा से फिर परिचित होते हैं और उन्हें वहाँ की आगामी योजनाओं को जानने का अवसर मिलता है. इस दिन का आयोजन वहाँ की सरकार द्वारा किया जाता है. साल 2018 से योगी आदित्यनाथ सरकार ने जनवरी के महीने में उत्तर प्रदेश दिवस को मनाने की घोषणा की है. उत्तर प्रदेश में यह आयोजन सूचना विभाग, संस्कृति विभाग और पर्यटन विभाग मिलकर करेंगे.
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उत्तर प्रदेश दिवस कब मनाया जाता है (UP Diwas Date)
नाम | उत्तरप्रदेश स्थापना दिवस |
कब मनाया जाता है | 24 जनवरी |
पहली बार कब मनाया गया | सन 1950 में |
विरोध | मुंबई में |
कब हुआ | सन 1989 में |
जैसा कि हम सभी को ज्ञात है उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने कई अहम् फैसले जैसे अयोध्या में दीपावली मनाना, राम जी की बहुत बड़ी प्रतिमा स्थापित करना आदि लिए है. इसी सूची में एक फैसला और शामिल है, जिसे आगे आने वाले सालो में याद तो रखा जायेगा और मनाया भी जायेगा, वह है उत्तर प्रदेश दिवस मनाये जाने का फैसला. साल 2021 से हर साल 24 जनवरी को उत्तर प्रदेश दिवस के रूप में मनाया जायेगा.
इस साल 2023 में उत्तर प्रदेश दिवस 24 जनवरी 2023 को मनाया जायेगा.
24 जनवरी को उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस क्यों मनाया जाता है (Why Celebrate UP Diwas)
उत्तर प्रदेश के स्थापना दिवस 24 जनवरी को यादगार बनाने के लिए इस दिन को एक खास दिन कहकर मनाने का फैसला लिया गया है. इसकी एक और वजह शायद ही कुछ लोगो को पता होगा कि 24 जनवरी 1950 से पहले तक उत्तर प्रदेश को यूनाइटेड प्राविंस के नाम से जाना था, यही वह दिन था, जब उत्तर प्रदेश को उसका अपना नाम मिला था. इसलिए इस दिन को यादगार के रूप में मानाने का फैसला योगी सरकार द्वारा लिया गया.
उत्तर प्रदेश दिवस का इतिहास (UP Diwas History in Hindi)
जैसे हर एक दिन के पीछे एक कहानी जुड़ी होती है, वैसे ही उत्तर प्रदेश दिवस के पीछे भी एक खास इतिहास है. आपको यह जानकर आश्चर्य होगा, कि उत्तर प्रदेश दिवस उत्तर प्रदेश से कई वर्ष पूर्व महाराष्ट्र में मनाया जाता आ रहा है. साल 1989 में 24 जनवरी को सर्वप्रथम महाराष्ट्र में उत्तर प्रदेश दिवस के रूप में मनाया गया था. इस आयोजन के पीछे अमरजीत मिश्र के भरसक प्रयास शामिल थे. उन्होंने इस दिन को उत्तर प्रदेश में मनाने के लिए भी प्रयत्न किये, परंतु उनके यह प्रयत्न सफल नहीं हुए. जब केंद्रीय मंत्री राम नाईक उत्तर प्रदेश के राज्य पाल बने, तो अमरजीत मिश्र ने अपना प्रस्ताव उनके समक्ष रखा और वे भी उनसे सहमत हो गये. उन्होंने यह बात उस वक़्त के तात्कालिक मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के समक्ष रखी, परंतु उन्होंने इसे अस्वीकार कर दिया. इसके बाद जब प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई, उन्होंने यह बात फिर उठाई और इस बार उन्हें सफलता मिल गयी. और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर दिया.
उत्तर प्रदेश दिवस कैसे मनाया जायेगा (How to Celebrate)
इस कार्यक्रम में हर साल उस राज्य के मुख्यमंत्री मुख्य अतिथी होते है. इस साल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथी होंगे. इस कार्यक्रम में प्रदेश के राज्यपाल जिनका इस कार्यक्रम को मनाने में महत्वपूर्ण भूमिका है, भी शामिल होंगे. इसके लिए कार्यक्रम की रूपरेखा बनाई जाएगी, और मंत्रियों और अधिकारियों की एक समिति बनाई जाएगी. यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेश के लखनऊ में मनाना तय हुआ है, इसी के साथ इसे उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों में भी मनाया जायेगा. इस कार्यक्रम के द्वारा यहाँ के लोगो को यहाँ कि सांस्कृतिक धरोहर से पहचान कराने का प्रयत्न किया जायेगा. साथ ही नये युवा वर्ग को विकास में शामिल करने का प्रयास किया जायेगा.
मुंबई में उत्तर प्रदेश दिवस का राज ठाकरे द्वारा विरोध
राज ठाकरे ने मुंबई में उत्तर प्रदेश दिवस मनाने को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था, उन्होंने साल 2009 में कहा था कि वे मुंबई में उत्तर प्रदेश दिवस नहीं मनाने देंगे. परंतु कांग्रेस पार्टी के नेता मुन्ना त्रिपाठी ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा था, कि हम यह आयोजन यहाँ आयोजित करेंगे और इससे मुंबई वासियों को कोई दिक्कत नही आने देंगे. उन्होंने इस आयोजन में राज ठाकरे को भी आमंत्रित किया था.
यह कार्यक्रम अँधेरी में बीएमसी मैदान पर आयोजित किया गया था, जिसमे करीबन 15000 लोग शामिल हुए थे. इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथी शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे थे. इनके अतिरिक्त अभिनेता और राजनेता राज ठाकरे, कांग्रेस प्रमुख कृपा शंकर सिंह और अभिनेता रवि शंकर ने भी इस आयोजन में शिरकत की थी.
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FAQ
Ans : 24 जनवरी
Ans : सन 1950 में
Ans : भारत का संविधान लागू होने पर
Ans : मुंबई के मुख्यमंत्री जी ने
Ans : उत्तरप्रदेश में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं.
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