बाल दिवस महत्व पर लेख व कविता 2023 (Bal Diwas or Children’s Day significance, history, Kavita In Hindi)
बच्चे ही किसी देश का भविष्य होते हैं ,उनका विकास देश के विकास को मजबूती देता हैं जितना शक्तिशाली देश के बच्चा होता हैं उतना ही उस देश का युवा प्रभावशील बनता हैं और उतना ही उज्ज्वल उस देश का भविष्य होता हैं इसलिए हमारे देश में प्रति वर्ष बाल दिवस मनाया जाता हैं.यह दिन एक राष्ट्रिय त्यौहार बाल दिवस के रूप में बच्चो को समर्पित किया गया हैं.
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बाल दिवस कब मनाया जाता हैं (Children’s Day 2023 Date)
बाल दिवस पंडित जवाहरलाल नेहरु के जन्म दिवस 14 नवंबर के दिन मनाया जाता हैं. जवाहरलाल नेहरु स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री थे और वे बच्चों को बहुत पसंद करते थे, इसलिए ही बच्चे उन्हें चाचा नेहरु कह कर पुकारते थे.
नेहरु परिवार ने देश की आजादी में भरपूर योगदान दिया और इसी का परिणाम रहा कि उन्हें देश वासियों ने बहुत पसंद किया और वे इस लोकतान्त्रिक देश के प्रथम प्रधानमंत्री बने.
चाचा नेहरु को बच्चों से विशेष प्रेम था. वे अपना समय बच्चो के बीच बिताना बहुत पसंद करते थे और बच्चे भी इनके साथ सहज महसूस करते थे आसानी से इनसे जुड़ जाते थे अपने दिल की बात इनसे कर पाते थे इसलिए बाल दिवस के लिए नेहरु जी के जन्म दिवस से अच्छा कोई मौका नहीं हो सकता था.
बाल दिवस विश्व स्तर पर भी मनाया जाता है, जिसकी दिनांक 20 नवंबर हैं इसकी घोषणा 1 जून 1950 में Women’s International Democratic Federation द्वारा की गई थी. विभिन्न देशों में भिन्न- भिन्न तारीख पर यह दिन मनाया जाता हैं. भारत देश में यह दिन 14 नवंबर को मनाया जाता हैं.
बाल दिवस इतिहास (Children’s Day History)
विश्व स्तर पर बाल दिवस मनाये जाने का प्रस्ताव श्री वी कृष्णन मेनन द्वारा दिया गया था, जिसके बाद सबसे पहली बार बाल दिवस अक्टूबर में मनाया गया. सभी देशों में इसे मनाये जाने एवम स्वीकृति मिलने के बाद संयुक्त महा सभा द्वारा 20 नवंबर को अन्तराष्ट्रीय बाल दिवस की घोषणा की गई.
बच्चो के अधिकारों के हनन को रोकने के लिये संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा उनके अधिकारों की भी घोषणा की गई और उसी के आधार पर बाल दिवस मनाये जाने की बात को पुरे विश्व ने स्वीकार किया.
भारत देश में कई बाल श्रमिक हैं, जबकि हमारे देश में 18 वर्ष से कम की आयु के बच्चो को किसी भी तरह का काम करने की इजाजत नहीं है. बाल अधिकारों को सामने रखने के लिए तथा उनके प्रति सभी को जगाने के लिए बाल दिवस का होना जरुरी हैं. इस एक दिन के कारण सरकार एवम अन्य लोगो का ध्यान इस ओरे करना जरुरी हैं. इस एक दिन से इस समस्या का समाधान आसान नहीं हैं लेकिन इस ओर सभी के ध्यान को केन्द्रित करने के लिए इस एक दिन का होना जरुरी हैं.
बच्चे ही देश का भविष्य होते हैं अगर वे पढने लिखने की उम्र में काम करेंगे, आजीविका के लिए खून पसीना एक करेगे, तो देश का भविष्य अंधकारमय हो जायेगा. सामान्य शिक्षा सभी का हक़ हैं और उसे ग्रहण करना आज के बच्चो का कर्तव्य बभी होना चाहिये तब ही देश का विकास संभव हैं.
बाल दिवस एक ऐसा आईना होना चाहिये, जिसके जरिये सभी को बालको के अधिकार का पता चले और इसका हनन करने वालों को इस बात की गहराई का पता चले, कि वे किस प्रकार देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. तभी बाल दिवस का होना कारगर सिद्ध होगा.
कैसे मनाया जाता हैं ? (Children’s Day Celebration)
भारत देश में बड़ी धूमधाम से बाल दिवस मनाया जाता हैं. इस दिन पंडित नेहरु को श्रधांजलि दी जाती हैं. बच्चो के चहेते चाचा नेहरु के जीवन के पन्नो को आज के दिन पलटा जाता है, आने वाली पीढ़ी को आजादी के लिए दिये गये इनके योगदान के बारे में बताया जाता हैं.
विभिन्न तरीको से बाल दिवस मनाया जता हैं :
- विशेषकर विद्यालयों में बाल दिवस के उपलक्ष्य में आयोजन किये जाते हैं. कई तरह की प्रतियोगिता रखी जाती हैं.
- कई तरह के नाटकों का आयोजन किया जाता हैं, नृत्य, गायन एवम भाषण का भी आयोजन किया जाता हैं.
- बच्चो के लिए खासतौर पर मनाये जाने वाले इस त्यौहार में बच्चों को उनके अधिकारों, उनके कर्तव्यों के बारे में अवगत कराया जाता हैं.
- छोटे-छोटे बच्चों के मनोरंजन के लिये पिकनिक एवम कई खेल कूद का आयोजन किया जाता हैं.
- इस दिन रेडियो पर भी कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं जो बच्चो को मार्गदर्शन प्रदान करते हैं.
इस तरह पुरे देश में स्कूल ,सरकारी संस्थाओं एवम कॉलोनी में बाल दिवस का त्यौहार मनाया जाता हैं. बच्चो के उत्साह को बढ़ाने के लिये कई प्रतियोगिता रखी जाती हैं जिससे उनके अंदर के कई गुणों का पता चलता हैं.और इसी से बच्चों का सर्वांगिक विकास होता हैं.
दूसरे देशों में बाल दिवस (Childrens day) कब मनाया जाता है?
क्रमांक | देश का नाम | तारीख |
1. | बहमास | जनवरी का पहला शुक्रवार |
2. | थाईलैंड | जनवरी का दूसरा शनिवार |
3. | न्यूजीलैंड | मार्च का पहला रविवार |
4 | बांग्लादेश | 17 मार्च |
5 | चाइना
हांगकांग | 4 अप्रैल |
6. | तुर्की | 23 अप्रैल |
7. | मैक्सिको | 30 अप्रैल |
8. | जापान, साउथ कोरिया | 5 मई |
9. | मालदीव | 10 मई |
10. | यूनाइटेड स्टेट | जून का दूसरा रविवार |
11. | पाकिस्तान | 1 जुलाई |
12. | इंडोनेशिया | 23 जुलाई |
13. | अर्जेंटीना, पेरू | अगस्त का तीसरा रविवार |
14. | जर्मनी | 20 सितम्बर |
15. | सिंगापूर | अक्टूबर का पहला शुक्रवार |
16. | ऑस्ट्रेलिया, मलेशिया | अक्टूबर का चौथा शनिवार |
17. | दक्षिण अफ्रीका | नवम्बर का पहला शनिवार |
18. | कैनेडा, फ्रांस, ग्रीस, आयरलैंड, इजराइल, केन्या, मलेशिया, फिलिपिन्स, सर्बिआ, स्पेन, स्वीडन, स्विट्ज़रलैंड, यूनाइटेड किंगडम | 20 नवम्बर |
19. | ब्राजील | 12 अक्टूबर |
20. | ईरान | 8 अक्टूबर |
बाल दिवस पर कविता (Bal Diwas Kavita Poem)
आता हैं हर वर्ष ये पल
झूमे नाचे बच्चे संग-संग
देते चाचा नेहरु को श्रद्धांजलि
थे यह देश के पहले प्रधानमंत्री
करते थे बच्चों से प्यार
हर जयंती पर होता बच्चो का सत्कार
कच्ची मिट्टी हैं बच्चो का आकार
सच्चे साँचे में ढले यही हैं दरकार
ना हो अन्याय से भरा इनका जीवन
प्रतिज्ञा करो न करोगे बाल शोषण
नन्ही सी कलि हैं ये
भारत का खिलता कमल हैं ये
बाल दिवस पर हैं इन्हें सिखाना
जीवन अनमोल हैं यूँही ना गँवाना
देश के भविष्य हो तुम
शक्तिशाली युग की ताकत हो तुम
इस कविता के माध्यम से यही सन्देश देना चाहती हूँ कि बाल दिवस केवल एक त्यौहार नहीं हैं इस दिन बच्चों को उनके अधिकार और कर्तव्य सिखाना हम नागरिकों का फर्ज हैं ताकि देश का भविष्य उज्जवल हो सके. सबसे पहले हमें खुद को बाल दिवस का महत्व समझाना हैं ताकि हम बच्चो का शोषण ना करे और ना होने दे. जब तक देश के बच्चे स्वस्थ एवम शिक्षित नहीं होते तब तक एक अच्छे देश की कल्पना व्यर्थ हैं.
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