फ्रेंडशिप डे का इतिहास, कब आता है, 2024 में कब है, डेट, स्टेटस, निबंध, शायरी, कविता व अनमोल वचन (Friendship Day Kab hai, History, Essay, Shayari, Quotes, 2024 Date in Hindi)
दोस्ती का रिश्ता सबसे खास होता हैं. मित्रता जीवन का अभिन्न अंग हैं बिना मित्र के जीवन अधुरा हैं. हर एक मोड़ पर कुछ खास साथी मिलते हैं, जो दिल में जगह बना लेते हैं और बिना किसी चाह के हमारी जिन्दगी से जुड़ जाते हैं. दोस्ती आसानी से हो तो जाती हैं लेकिन एक सच्चा दोस्त बार- बार नहीं मिलता. इसलिये अपने उस खास दोस्त को फ्रेंडशिप डे की बधाई देना ना भूले. क्योकि फ्रेंडशिप डे का महत्व बहुत होता है.
Table of Contents
फ्रेंडशिप डे का इतिहास, निबंध (Friendship Day History Essay)
नाम | फ्रेंडशिप डे |
शुरुआत कब हुई | सन 1935 में |
किस देश ने की | अमेरिका |
किसके द्वारा हुई | यूएस कांग्रेस सरकार द्वारा |
किसके लिए हुई | दोस्तों के लिए |
उद्देश्य | दोस्ती को बढ़ावा एवं सम्मान देना |
2024 में | 4 अगस्त |
किस दिन मनाई जाती है | अगस्त के पहले रविवार को |
फ्रेंडशिप डे की शुरुवात 1935 में की गई थी. वो वर्ल्ड वार का समय था. उस वक्त जरूरत थी, दोस्ती की भावना सभी के भीतर वापस पनपने की. फिर से लोग एक दुसरे पर भरोसा कर सके. एक देश दुसरे देश से जुड़ सके. इसी कारण US कांग्रेस ने एक दिन को फ्रेंडशिप डे के रूप में मनाना निश्चित किया.और अगस्त के पहले सन्डे को फ्रेंडशिप डे के रूप में मनाया जाने लगा. इस तरह इस खास दिन को सभी देशो ने अपनाना शुरू कर दिया. धीरे- धीरे कई देशो ने अगस्त के पहले सन्डे को दोस्ती के नाम कर दिया. इस तरह से खुबसूरत रिश्ते की शान और बढ़ गई. इसकी बढती लोकप्रियता को देख US ने 1997 में विनी द पूह (Winnie – the Pooh) फेमस कार्टून करैक्टर को फ्रेंडशिप डे का ब्रांड एम्बेस्डर बनाया.
फ्रेंडशिप डे कब मनाया जाता है (Friendship Day)
हर साल फ्रेंडशिप डे अगस्त के पहले रविवार को मनाया जाता है. इस दिन दोस्त एक दुसरे को गिफ्ट देते हैं. जिनसे उन तौहफो से यादें जुड़ जाती हैं. तोहफों की कीमत नहीं उसमे छिपी भावना देखी जाती है.
फ्रेंडशिप डे क्यों मनाया जाता है (Why Friendship Day Celebrate)
वक्त कैसा भी हो पर दोस्त होते थे, होते हैं और होते रहेंगे. रिश्ते तो खून के कारण बनते हैं पर दोस्त विचारों और अहसास के कारण बनते हैं. एक दुसरे की अच्छी बुरी आदतों को जानने के बाद हम दोस्त बनाते हैं और जीवन भर इस अनमोल रिश्ते को निभाते हैं. इसी रिश्ते को सम्मान देने के लिए यह फ्रेंडशिप मनाया जाता है.
फ्रेंडशिप डे 2024 में कब है (Friendship Day 2024 date)
फ्रेंडशिप डे हर साल अगस्त के पहले रविवार को मनाया जाता हैं जो इस बार 4 अगस्त 2024 को आ रहा हैं. यह दिन दोस्तों को समर्पित किया जाता हैं.
फ्रेंडशिप डे कैसे मानते हैं (Friendship Day Celebration)
फ्रेंडशिप डे के दिन सभी लोग अपने दोस्तों से मिलते हैं. चाहे वे कितने भी पुराने क्यों न हो या कितने भी नए क्यों न हो. सभी से मिलकर उन्हें फ्रेंडशिप की मुबारकबाद देते हैं, और उन्हें साथ में अपनी याद के लिए कुछ तोहफे भी देते हैं. दोस्तों के साथ बाहर घुमने जाते हैं. पार्टी करते हैं.
फ्रेंडशिप डे गिफ्ट आईडिया (Friendship Day Gift Suggestion)
- कार्ड्स
- दोस्तों की पुरानी तस्वीरे
- अपनी सबसे खास चीज अपने दोस्त को दे सकते हैं जैसे कोई ड्रेस, शर्ट, घडी, गॉगल्स आदि
- डायरी जिसमे दोस्त के बारे में कुछ खास लिखा हो
- रिकॉर्डिंग – दोस्त के लिए कुछ बाते रिकॉर्ड करके उसकी सीडी दोस्त को दे सकते हैं.
- अगर दोस्त को पढने का शौक हैं तो नॉवेल दे सकते हैं.
- परफ्यूम, वाच, गॉगल्स, ड्रेस, शर्ट, बेग, वॉलेट, केप
- उसके फेवरेट सेलेब्रिटी की तस्वीरे
फ्रेंडशिप डे दोस्ती पर हिंदी शायरी (Friendship Day Hindi Shayari)
हर एक उम्र के खास दोस्त होते हैं.
बचपन में गली मोहल्ले में यार बन जाते हैं ,
स्कूल के टफ कम्पटीशन में साथ खड़े होते हैं.
कॉलेज के दिनों में यही मस्ती मारते हैं
तो कुछ वन नाईट स्टडी में जगा-जगाकर पढ़ाते हैं.
ऑफिस के टेंशन भरे दिनों में मूवी ले जाते हैं,
तो कुछ घर की टेंशन में हमदर्द बन जाते हैं
हाई टेक ज़माने में फेसबुक व्हाट्स एप फ्रेंड्स बन जाते.
इसी तरह अजनबी करीब आकर करीबी दोस्त बन जाते.
Happy Friendship Shayari For Best Friend
बहते आंसू भी जहाँ थम जाते हैं
उदासी भरे लम्हे खुशनुमा हो जाते हैं
कोई जादूगर नहीं हैं वो शख्स
वो ही तो अज़ीज़ दोस्त कहलाते हैं.
Happy Friendship Day message
वक्त बदलता हैं,
कोई पास, कोई दूर हो जाता हैं
लेकिन जो यादों में भी हँसा जाये,
वो ही बेस्ट फ्रेंड कहलाता हैं
Dosti Par Shayari
दोस्ती एक लम्हा हैं
जो वक्त- वक्त बदलता हैं
लम्हा जब यादों में कैद हो जाये
शख्स दिल में कही बस जाये
तो ये लम्हा ता उम्र साथ चलता हैं
Friendship Day Shayari For Old Friends
होस्टल की चार दिवारी में जो साथ सपने बुनते थे
चिल्लर चिल्लर का हिसाब कर जो आपस में लड़ते थे
आज लाखो की सेलेरी लिए राह तकते बैठे हैं
आज उन दिनों की चाह में वो नुक्कड़ पर चाय लिये बैठे हैं.
Friendship Day Shayari For True Friends
जो तकलीफ में मुँह पर हँसते हैं
गुस्से से भरे मूड में जो और सताते हैं
टपकते आंसू जिन्हें पोछना नहीं आता
पर हँसाना वो जानते हैं
कबख्त जो पार्टी का खर्चा डबल करवा दे
वही सच्चे यार कहलाते हैं.
दोस्ती एक रिश्ता जो कुछ नहीं मांगता
जो मान अपमान का राग नहीं गाता
ये रिश्ता बस प्यार की भाषा समझता हैं
जब यार कह दे I mISS You yAAR
ये उसमे छिपी तकलीफ को समझता हैं.
Friendship Day Poem For Childhood Friends
बचपन के लम्हों में जो साथ थे
वो दोस्त याद आते हैं
गिल्ली डंडे की टीम में जो साथ थे
वो दोस्त याद आते हैं
जब भी पीछे मुड़कर देखा
तो वो दोस्त याद आते हैं
माना अब साथ नहीं वो लम्हे
पर आज भी मुस्कान में छिपे
वो दोस्त याद आते हैं
जीवन के हर पड़ाव के साथ
नए दोस्त जुड़ते जाते हैं
हर एक पड़ाव के बाद
दोस्त यादों में बसते जाते हैं
कमबख्त ये दुनियाँ दारी दोस्तों जुदा कर देती हैं
लेकिन दोस्त तो दिल में ही कहीं ठहर जाते हैं
पर दुखी ना होना मेरे यार
हम भी फेविकोल का ऐसा जोड़ हैं
जो दोस्तों को कभी अलविदा नहीं कहते
अनजान फ़रिश्ते जिंदगी बदल जाते हैं
नम आँखों में खुशियों की लड़ी बन जाते हैं
खून के रिश्तों से भी जो खास बन जाते हैं
वही अजनबी तो अजीज़ दोस्त बन जाते हैं
जैसे होता हैं आँखों और पलकों का रिश्ता
वैसा ही होता हैं दोस्त जीवन में फ़रिश्ता
राहे कितनी ही गहरा जाये
एक साथ हमेशा हाथ देता हैं
दुनियाँ कितनी भी बेवफा हो जायें
दोस्त परछाई की तरह साथ होता हैं
फ्रेंडशिप डे अनमोल वचन (Happy Friendship Day Quotes)
- मित्रता वो होती हैं ,जो आपके लिए एक आईने की तरह काम करती हैं.
- सच्ची दोस्ती में मन मुटाव जरुर होता हैं लेकिन दुश्मनी नहीं हो सकती.
- रूठना मनाना ही तो दोस्ती का टॉनिक हैं.
- अगर एक सच्चा दोस्त आपका विरोधी बन जाये तो दो पल रुककर अपने आप का आँकलन जरुर करें.
- एक सच्चे मित्र को गलतफहमी के चलते कभी दूर ना जाने दे यह कोहिनूर खो देने के बराबर हैं.
- आज के समय में मित्र कपड़ो की तरह बदलते हैं.
- दोस्ती इत्फाकन हो जाती हैं लेकिन इत्फाकन निभाई नहीं जाती.
- बिना दोस्तों ने बड़ा बैंक बैलेंस भी अधुरा सा लगता हैं.
- सच्ची दोस्ती ही अमीर बनाती हैं.
- दोस्त अर्जी देने से पहले मर्जी जान जाते हैं.
- रुआंस दिल जिससे बात करके शांत हो जाता हैं वही सच्चा दोस्त कहलाता हैं.
फ्रेंडशिप दोस्ती पर हिंदी कहानी (Friendship Day Story for Best Friend)
इतिहास हो या आज का समय दोस्ती सदैव रही हैं.दोस्ती के सबसे अच्छे उदहारण पौराणिक कथाओं में मिलते हैं.
कृष्ण और सुदामा की दोस्ती
सुदामा श्री कृष्ण के बचपन का साथी था. श्री कृष्ण शिक्षा हेतु सांदीपनी ऋषि के आश्रम गए थे. वहाँ उनकी भेट सुदामा से होती हैं और दोनों में घनिष्ठ मित्रता हो जाती हैं.
कहानी
एक दिन सांदीपनी कृष्ण और सुदामा को एक विशेष कार्य हेतु यात्रा पर भेजते हैं और उनके खाने के लिए कुछ चने सुदामा के पास रखवा देते हैं और मिल बाट कर खाना ऐसा आदेश देते हैं. दोनों यात्रा पर निकल जाते हैं. रास्ते में तेज वर्षा होती हैं. दोनों एक जगह बैठने का फैसला करते हैं.पेड़ के निचे कृष्ण एवम पेड़ की डाली पर सुदामा बैठ जाते हैं. सुदामा को भूख लगती हैं और वे कृष्ण को बोले बिना चने खाने लगते हैं. तभी कृष्ण सुदामा से चने मांगते हैं तो सुदामा उन्हें झूठ बोल देते हैं कि चने रास्ते में गिर गये और सारे चने खुद खा लेते हैं. उनके झूठ बोलने के कारण नियति उन्हें सबक सिखाती हैं. सुदामा का जीवन बहुत गरीबी में बिताता हैं. तब उनकी पत्नी उन्हें कृष्ण के पास जाने का बोलती हैं. तब सुदामा कहते हैं. सखा के घर बिना कुछ लिए जाना सही नहीं हैं. तब सुदामा की पत्नी कच्चे धान की पोटली सुदामा को देती हैं. सुदामा कई महीनो की यात्रा के बाद द्वारिका पहुँचते हैं. वहाँ द्वारपाल को बोलते हैं कृष्ण को संदेशा दो कि उनका मित्र सुदामा आया हैं. उसकी दशा देख सभी सुदामा का मजाक उड़ाते हैं. कहते हैं कि श्री कृष्ण का मित्र वो भी ऐसा फटेहाल.
राजमहल के भीतर जब संदेशा जाता हैं. तब कृष्ण रुक्मणि के साथ बैठे होते हैं. संदेशा सुनते ही कृष्ण भागते हुए खुद ही सुदामा को लेने निकल पड़ते हैं. मित्र प्रेम में कृष्ण ना पैरों में कुछ पहनते हैं ना ही उन्हें किसी बात का होश रहता हैं. सुदामा के पास पहुँच कर कृष्ण उसे गले लगा लेते हैं. मजाक उड़ाने वाले सभी लोग देखते रह जाते हैं.
सुदामा को भीतर ले जाकर श्री कृष्ण स्वयं उनके पैर धोते हैं. उसमे लगे कांटे निकालते हैं. हाथों से उनके पैर पोछते हैं. सुदामा की ऐसी हालत देख कृष्ण की आँखे भर आती हैं. उन्हें रोता देख रानिया डर जाती हैं. लेकिन ऐसा मित्र प्रेम देख सभी की आँखे भर जाती हैं.
कृष्ण सुदामा से पूछते हैं कि भाभी (सुदामा की पत्नी) उनके लिए क्या उपहार भेजा. सुदामा को वो कच्चे धान की पोटली देने में झिझक महसूस होती हैं लेकिन कृष्ण उसे ढूंढ लेते हैं और बड़े चाव से खाते हैं जैसे कोई मेवा हो. जैसे ही एक मुट्ठी खाते हैं सुदामा के घर अनाज से भर जाता हैं. दूसरी मुट्ठी खाते हैं तो सुदामा का घर कच्ची झोपड़ी से पक्का महल बन जाता हैं. तीसरी मुट्ठी खाते ही सुदामा की पत्नी एवम बच्चे सुंदर कपड़ो एवम गहनों से लद जाते हैं.
ऐसे श्री कृष्ण अपनी दोस्ती निभाते हैं और गरीब सुदामा को धनवान बनाकर भेजते हैं.
दोस्ती के ऐसे कई उदहारण मिलते हैं. जिसमे दोस्त एक दुसरे के लिए मर मिटते हैं.
सुदामा और कृष्ण की कहानी में एक ही बात दिखाई देती हैं कि बचपन में हुई एक नादानी के कारण कृष्ण सुदामा ने नाराज नहीं होते बल्कि अपने मित्र के दुःख को दूर करते हैं. कृष्ण एक नगरी के राजा होते हैं और सुदामा के गरीब फटेहाल ब्राहमण लेकिन उनकी मित्रता में कोई भेद दिखाई नहीं देता. इस प्रकार दोस्ती में कभी ऊंचे बड़े का भेद नहीं होता. दोस्ती में बस दिल मिलते हैं स्टेटस नहीं.
राम एवं सुग्रीव दोस्ती
सुग्रीव भी इसी मित्रता के कारण बिना जान की परवाह किये रावण से युद्ध लड़ते हैं. राम जी को सीता माता को ढूंढने में अपनी पूरी जान लगा देते हैं. भगवान राम भी सुग्रीव के भाई बालि को मार कर उन्हें उनका राज्य एवम पत्नी दिलवाते हैं. इतना बड़ा युद्ध दोस्ती के बलबूते पर लड़ा जाता हैं.
दोस्ती ही एक ऐसा बंधन हैं जिसे लोग खून के कारण नहीं बल्कि अपने प्रेम के कारण चुनते हैं. दोस्त भावनाओ के कारण बनते हैं. इन्हें व्यक्ति खुद चुनता हैं. सच्चा मित्र जीवन के हर क्षेत्र में साथ निभाता हैं. वो दोस्त की गलत बात में कभी उसका साथ नहीं देता बल्कि एक दर्पण की भांति उसके सामने उसके चरित्र को ला रखता हैं. हर हाल में दोस्त को गलत राह पर जाने से रोकता हैं.
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FAQ
Ans : 4 अगस्त 2024
Ans : सन 1935 में
Ans : यूएस की कांग्रेस सरकार ने
Ans : अमेरिका
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