पुस्तकालय का महत्त्व निबंध लाभ | Importance, Benefits of Library Essay in Hindi

पुस्तकालय का महत्त्व व लाभ निबंध Importance, Benefits of Library Essay in Hindi

पुस्तकालय का महत्त्व पर निबंध

कहते हैं किताबें इन्सानों की सबसे अच्छी दोस्त होती हैं. जैसे व्यक्ति अपने  दोस्त का हर पल, हर घड़ी, हर मुश्किल में साथ देते हैं, वैसे ही किताबें भी हर विषम परिस्थिति में मनुष्य की सहायक होती है. किताबों में हर मुश्किल सवाल, परिस्थिति का हल छुपा होता है. इंसान किसी भी दुविधा में रहे, किताबों को पढ़ने से, समझने से उसकी सोच का विस्तार होता है. कुछ लोग किताबें पढ़ने के शौकीन होते हैं. उन्हें तरह तरह की किताबों को संग्रह करना अच्छा लगता है. 

Pustakalaya

एक शांत कमरा, ढेर सारी किताबें, कई लोग, फिर भी चुप. कुछ याद आया ? जी हाँ ! मैं बात कर रही हूँ किताबों से भरे उस कमरे की जिसे “पुस्तकालय” या “Library” कहते हैं. अपने स्कूल या कॉलेज के दौरान हम सभी कई बार पुस्तकालय गए होंगे.

क्या है पुस्तकालय का अर्थ? (Library meaning)

पुस्तकालय को हिन्दी में पुस्तकालय कहते हैं, जिसका संधि विच्छेद करने पर “पुस्तक” + “आलय” होता है, आलय का अर्थ होता है “स्थान”. इसी प्रकार पुस्तकालय का अर्थ हुआ “पुस्तकों का स्थान”.  पुस्तकालय में तरह – तरह की किताबों का संग्रह होता है. यहाँ हर उम्र के व्यक्ति के लिए उसकी रुचि के अनुसार किताबें उपलब्ध रहती हैं.

पुस्तकालय के भाग (Part of Library ) :

सामान्यतः पुस्तकालय में दो भाग (sections) होते हैं. लाइब्ररी में एक भाग  किताबें पढ़ने के लिए और दूसरा भाग किताबों को जारी करने के लिए होता है. यहाँ लाइब्रेरियन होता है, जो लाइब्ररी में आने वालों की सूची की जानकारी रखता है.   

रीडिंग सेक्शन (Reading Section) :

यह किताब पढ़ने का कक्ष होता है. इस कमरे में या भाग में तरह तरह के अखबार, मासिक, दैनिक पत्रिकाएँ (मेगजीन्स) टेबल पर रखी होती हैं. इस भाग में विभिन्न विषयों पर आधारित ढेर सारी पुस्तकें रखी होती है. कोई भी व्यक्ति अपनी रुचि अनुसार उस विषय पर रखी हुई पुस्तक को  इस कक्ष में आराम से बैठकर पढ़ सकता है.

 किताबें जारी करने का भाग (Issue Section) :

इस कक्ष में पूरी पुस्तकालय की देख – रेख के लिए एक लाइब्रेरियन होता है. लाइब्रेरियन द्वारा लाइब्ररी में रखी गयी किताबें, लाइब्ररी में आने जाने वाले व्यक्तियों की सूची, उनके द्वारा जारी की गयी किताबों का रिकॉर्ड रखा जाता है.

कौन कौन से व्यक्ति पुस्तकालय में आ रहे हैं तथा उनके द्वारा पढ़ने के लिए चुनी गयी किताबों की लिस्ट किताबें जारी करने का भाग में लाइब्रेरियन द्वारा मैंटेन की जाती है.

पुस्तकालय के सदस्य बनने के सामान्य नियम (Rule of Library Membership):

ऐसे तो अलग अलग पुस्तकालय के अपने अपने नियम होता हैं, परंतु फिर  भी कुछ नियम प्रत्येक पुस्तकालय में लागू किए जाते हैं. पुस्तकालय में माने जाने वाले  कुछ सामान्य नियम नीचे दिये गए हैं : 

  • पुस्तकालय का सदस्य बनने के लिए पुस्तकालय में मासिक रूप से कुछ शुल्क देय होता है. एक बार पुस्तकालय का सदस्य बनने के बाद व्यक्ति पुस्तकालय में उपलब्ध अपनी मनचाही कोई भी किताब पढ़ सकता है.
  • किसी भी पुस्तकालय के सदस्य बनते वक़्त, शुरू में सुरक्षानिधि के रूप में शुल्क जमा करवाना होता है. यह शुल्क किताबों की देख – रेख के लिए लिया जाता है.
  • तय समय सीमा के अंदर किताबों को लौटाना होता है. किताब जमा करवाने तथा उन्हें लौटाने के अलग अलग पुस्तकालय के अलग अलग नियम होते हैं.

पुस्तकालय के प्रकार (Types of library):

पुस्तकालय दो प्रकार की होती है :

पब्लिक पुस्तकालय यह पुस्तकालय सभी वर्ग के लोगों के लिए उपलब्ध रहती है. कोई भी व्यक्ति इस पुस्तकालय में जा कर अपनी मनचाही किताब पढ़ सकता है.
Private (निजी पुस्तकालय) कुछ विशेष वर्ग के लोग जैसे वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंट, डॉक्टर आदि को उनके पेशे से जुड़े कई पहलुओं को जानने और समझने के लिए अलग – अलग किताबों की आवश्यकता होती है. इसलिए वे अपने पेशे से जुड़ी किताबों को संग्रह कर स्वयं की पुस्तकालय बना लेते हैं. इन्हें ही प्राइवेट/ निजी पुस्तकालय कहा जाता है.

पुस्तकालय के फायदे/ उपयोग/ महत्त्व (Library Importance, Benefits in hindi):

पुस्तकालय बहुत ही उपयोगी होती है.

आसान जरिया :

सभी के लिए, सभी विषयों की पुस्तकें खरीदना आसान नहीं है. कुछ गरीब लोग महंगी – महंगी किताबें नहीं खरीद सकते. उनके लिए पुस्तकालय, पुस्तकों का बहुत ही सुगम एवं आसान माध्यम है.

एक ही कीमत पर कई लोगों का फायदा :

एक बार पुस्तकालय में किताब आ गयी, तो वो कई लोगों द्वारा पढ़ी जाती है. लोग उसे पढ़ कर पुस्तकालय में लौटा देते हैं, जो फिर किसी अगले व्यक्ति को पढ़ने के काम आती है.

कम कीमत पर किताबें उपलब्ध :

पुस्तकालय में कम कीमत पर व्यक्ति कई किताबें पढ़ सकता है एवं अपने ज्ञान को बढ़ा सकता है. शुरू के शुल्क और बहुत कम मासिक शुल्क पर ही व्यक्ति पुस्तकालय का सदस्य बन सकता हैं एवं वहाँ रखी गयी ढेर सारी किताबों का फायदा उठा सकता है.

शांति :

पुस्तकालय में बहुत ही शांति होती है. वहाँ पढ़ने वालों को “बात न करने की” सख्त हिदायत दी जाती है. पुस्तकालय में अलग अलग जगह कई तख्ती या दीवालों पर “कृपया शोर न करें”, “शांति बनाए रखें” जैसे जुमले लिखे होते हैं. यहाँ बैठ कर व्यक्ति शांति और एकाग्रचित्त हो कर अपना पूरा ध्यान किताब पढ़ने में लगा सकता है. यहाँ ध्यान नहीं भटकता.

ज्ञान बढ़ाने का अचूक जरिया :

व्यक्ति के ज्ञान को विस्तार देने के लिए पुस्तकालय बहुत ही उपयोगी माध्यम है. औसत वर्ग का व्यक्ति अपनी रुचि या जरूरत की महंगी सभी किताब नहीं खरीद पाता और पैसे के अभाव में वह ज्ञान और शिक्षा से वंचित रह जाता है. परंतु पुस्तकालय के माध्यम से सभी प्रकार की किताबें एवं उनके ज्ञान का आसानी से लाभ लिया जा सकता है.

पुस्तक पढ़ने के फायदे (Importance of book reading):

प्रत्येक व्यक्ति को अलग अलग विषयों की किताब पढ़ने का शौक रहता है. बच्चे, बूढ़े, जवान किसी भी उम्र का व्यक्ति अपने शौक अनुसार किताबों को पढ़ कर अपना ज्ञान वर्धन कर सकते हैं.

  • अलग अलग विषयों पर किताबें पढ़ने से व्यक्ति में हर क्षेत्र का ज्ञान बढ़ता है.
  • कॉमिक्स, किस्से कहानी, उपन्यास, नाटक आदि पढ़ने से व्यक्ति में काल्पनिकता बढ़ती है. किताब पढ़ते वक़्त व्यक्ति किताब में लिखी कहानी या घटना में खो कर काल्पनिकता में चला जाता है.
  • पढ़ाई से संबन्धित किताब पढ़ने से व्यक्ति शिक्षित हो कर अपने जीवन में आगे बढ़ता है.
  • किताबें पढ़ने से जागरूकता आती है.
  • साहित्यिक किताब समाज एवं सामाजिक जानकारी देती है. लाइब्ररी में कई एतिहासिक किताबें भी उपलब्ध रहती हैं जिसे पढ़ कर व्यक्ति देश और दुनिया के रोचक इतिहास को जान सकता है.

भारत के कुछ पुस्तकालय ( Library in India) :

भारत के गाँव में पुस्तकालय की बहुत आवश्यकता है, जिससे की सभी वर्ग के लोग शिक्षित हो कर अपने ज्ञान को बढ़ा सके. जरूरत है तो बस गाँव के लोगों को नए आयाम देने की. 

 भारत में बहुत कम और चुनिन्दा पुस्तकालय हैं. नीचे कुछ प्रमुख पुस्तकालयों के नाम तथा उनकी जगह दी गयी है :

  • गौतमी ग्रंधालयम : राजामुन्द्री, आंध्र प्रदेश.
  • खुदा बख्श ओरिएंटल लाइब्रेरी : पटना
  • सिन्हा लाइब्रेरी : पटना
  • माँ चंद्रकांता जी पब्लिक लाइब्रेरी : पटना
  • बूक्वोर्क चिल्ड्रन : पणजी (गोवा)
  • गोवा सेंट्रल लाइब्रेरी : पणजी
  • डॉ. फ्रान्सिस्को लुईस गोमेस डिस्ट्रिक्ट लाइब्रेरी : साउथ गोवा
  • स्टेट सेंट्रल लाइब्रेरी : तिरुवनन्तपुरम
  • गुलाब बाघ पब्लिक लाइब्रेरी : उदयपुर, राजस्थान
  • मौलाना आजाद लाइब्रेरी : अलीगढ़, उत्तर प्रदेश
  • नेशनल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया : पश्चिम बंगाल
  • दयाल सिंह लाइब्रेरी : दिल्ली
  • जामिया हमदर्द लाइब्रेरी : दिल्ली

पुस्तकालय बन गया है आय का जरिया

आज पढ़े लिखे लोगों को जॉब नहीं मिल रही है, रोजगार नहीं मिल रहा है ऐसे लोगों ने अपनी शिक्षा का सही उपयोग किया है. हमने बहुत सारे ऐसे लोग देखें है जिन्होंने जरूरत के अनुसार अपने शहर और क्षेत्र में पुस्तकालय बनाये हैं. इसकी मदद से वह अपनी आय बढाने में भी सफल हुए है. आज Library पढाई करने का एक अच्छा स्थान बना हुआ है. आज अनेक शहरों में आपको एक से अनेक Library देखने को मिल जायेगी. अगर आप भी बेरोजगार है तो आप पुस्तकालय ( Library )  को अपना रोजगार बना सकते हो.

इन पुस्तकालयों के अलावा भी कई जगह छोटे – बड़े पुस्तकालय हैं, जहां जा कर व्यक्ति अपने किताब पढ़ने के शौक को पूरा कर सकते हैं. इनके अलावा कुछ पुस्तक प्रेमी तथा समाजसेवकों ने चलती फिरती पुस्तकालय की भी शुरुआत की. यह बहुत ही रोचक तथा उपयोगी तरीका है. चलती फिरती वेन या ट्रॉली ट्रक में कई किताबें एकत्र कर रखी जाती है, जिसे गली – गली, गाँव, कस्बों, शहरों में घुमाया जाता है तथा वहाँ के लोगों कों किताबें मुहैया कराई जाती है. इसका उद्देश्य उन लोगों तक किताबें तथा ज्ञान पहुंचाना है, जो शहर आ कर महंगी पुस्तकें नहीं खरीद सकते.    

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