जिद्दी बच्चो को कैसे सुधारे (तरीके) (How to Handle Stubborn and Aggressive Child in hindi)
कहते हैं बच्चों में भगवान बसते हैं और भगवान को क्या चाहिए ? पर आज समय के साथ बच्चों की जिद्द भी बढ़ती जा रही है। बच्चों को भगवान कम शैतान ज्यादा कहा जाता हैं क्योंकि जब यह जिद्द पर आते हैं तो बड़ो-बड़ो की छुट्टी कर देते हैं। आज हम आपको जिद्दी बच्चों को सुधारने के लिए कुछ टिप्स और बच्चों की जिद्द से लेकर कुछ ऐसी बातें बताने वाले हैं जो आपके और आपके बच्चों के बहुत काम आएगी।
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पॉजिटिव और नेगेटिव जिद्द में अंतर
जिद्द भी दो प्रकार की होती हैं, इन्हें हम पॉजिटिव और नेगेटिव जिद्द का नाम दे सकते हैं।
पॉजिटिव जिद्द क्या हैं ?
खेलने की जिद –
बहुत से बच्चे खेलने की जिद्द करते हैं और यह हमें बुरी भी लगती है। हमें लगता है कि बच्चे का पढाई में मन नही लग रहा हैं और वह खेलने में व्यस्त होता जा रहा है। पर ऐसा नही होता, ज़िन्दगी में खेल भी उतना ही जरूरी है, जितनी की शिक्षा।
बुक के लिए जिद्द करना –
बहुत से बच्चों को देखा है मैंने जो स्कूल में हमेशा बुक्स और पढाई की चीजों की जिद्द करते हैं। यह पॉजिटिव जिद्द है, क्योंकि आप जानते हैं, आगे बढ़ने के लिए पढ़ना बहुत जरूरी हैं।
बाहर घूमने की जिद्द –
अगर आपका बच्चा बाहर घूमने की जिद्द करता है, तो यह बहुत अच्छी जिद्द है। हर माता-पिता का फर्ज है कि बच्चे को बाहर घुमाने लेजाना चाहिए। पर यह सब लिमिट में अच्छा लगता है।
हमेशा कुछ नया सीखने की ज़िद्द –
ऑफिस के काम से तंग होकर जब हम घर आते है और घर आते ही बच्चा मोबाइल से लेकर टेक्नोलॉजी के इतने सवाल पूछता है कि दिमाग खराब हो जाता है। उसकी यह ज़िद्द हमेशा रहती है कि इस सवाल का जवाब उसे आज ही मिलना चाहिए। ऐसी ज़िद्द हमें खराब जरुर लगती है पर यह ज़िद्द बच्चों के लिए बहुत अच्छी और लाभदायक होती है।
नेगेटीव जिद्द क्या हैं ? (Stubborn Child Symptoms)
बार बार खिलोने की जिद्द करना-
बहुत से बच्चे ऐसे भी होते हैं जो खिलोनो के लिए अपने घर वालों से भी लड़ लेते हैं। इस जिद्द को आप नेगेटिव कह सकते हो. बच्चा खिलोनो की जिद्द करेगा पर अगर यह जिद्द झगड़े में तब्दील हो तो इसे बहुत गलत जिद्द कह सकते हैं ।
स्कूल न जाने की जिद्द –
कुछ बच्चे स्कूल न जाने की जिद्द करते है इसे आप नेगेटिव जिद्द कह सकते हैं। क्योंकि स्कूल न जाना अपने आने वाले भविष्य को खराब करना है।
होटल के खाने की ज़िद्द –
जब बच्चा छोटा होता है और हम उसे शौंक से होटल में खाना खिला के लाते हैं पर जब वह थोडा बड़ा होता है तो होटल में खाने की ज़िद्द करने लग जाता है। महीने में एक दो बार तो ठीक है पर हर रोज ऐसी ही ज़िद्द करें तो हमें उसकी इस ज़िद्द को सुधारने की बहुत आवश्यकता होगी। आप जानते हैं कि बाहर का खाना हमारे स्वास्थ्य को कितना खराब करता है।
पॉकेट मनी बढाने की ज़िद्द –
एक समय था जब हम स्कूल एक टॉफी के लालच में चले जाते थे . पर आज समय बहुत बदल गया है। आज बच्चों को पॉकेट मनी भी देनी पड़ती है और यह हर महीने हर दिन और हर हफ्ते बदलती रहती है। और बच्चे भी पॉकेट मनी बढाने की ज़िद्द हमेशा करते है पर आप जानते है कि बच्चों को पॉकेट मनी से ही गलत आदत लगती है और ऐसे में उसे हमेशा लिमिट में ही रहना चाहिए और पॉकेट मनी की अगर वह बार-बार ज़िद्द करता है तो यह नेगेटिव ज़िद्द होती है।
मोबाइल की जिद्द –
बच्चे आजकल मोबाइल के लिए बहुत जिद्द करते है. बड़े चाहे कितना भी मना करें, डांट लें, बच्चे नहीं मानते और बड़ों को उनके आगे झुकना पड़ता है. बच्चे अगर एक सीमित समय के लिए मोबाइल देखते है, तो वो उतना बुरा नहीं है उनके लिए. पेरेंट्स को बच्चों को मोबाइल देते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बच्चा किस तरह का कंटेंट देख रहा है. बच्चों को ऐसे विडियो देखने के लिए प्रेरित करें, जहाँ वो अपनी उम्र के बच्चों के ही शिक्षात्मक विडियो देखें. अंजनी टॉय वर्ल्ड यूट्यूब चैनल इसी तरह का कंटेंट लेकर आया है. बच्चों को यह चैनल दिखाएँ, इसमें एक छोटी बच्ची खेल-खेल में बड़ी बातें सिखा देती है. बच्चे जब अपनी हमउम्र से बड़ी-बड़ी शिक्षात्मक बातें सुनते है तो उन्हें जल्दी और अच्छे से समझ आती है. इससे आपका बच्चा समझदार बनेगा, साथ ही जिद्द कम करेगा.
जिद्द से होने वाले फायदे एंव नुकसान
बच्चों का जिद्दी होना अच्छा भी हो सकता है और गलत भी, यानि जिद्दी होने के फायदे भी बहुत है और नुकसान भी। अगर हम जिद्दी होने के फायदे और नुकसान बताएं तो यह इस तरह हैं।
जिद्दी होने के फायदे (Stubborn Child Benefits)
सफलता की पहली निशानी है जिद्दी होना –
बहुत से सफल लोगों का कहना है कि वह बचपन से ही बहुत जिद्दी थे और उन्हें उनका जिद्दीपन आज इस मुकाम पर लाया है। ऐसे लोगों ने बताया कि जिद्दी होना सफलता की निशानी हैं और अगर हम अपने आप से एक बार ज़िद्द कर लेते हैं कि हमें कुछ करके दिखाना है तो हमें कोई रोक नहीं सकता है।
खुलकर बोलने वाले होते है जिद्दी बच्चें –
आपने बहुत से बच्चों को देखा होगा जो भीड़ को देखकर चुप रहे जाते है या कुछ बोलते ही नहीं है. हम हमेशा चाहते हैं कि हमारा बच्चा हमेशा खुलकर बोले और हमेशा सही और गलत सबके सामने बताये. ऐसे में जिद्दी बच्चो में यह क्वालिटी होती है कि वह कभी किसी से डरते नहीं है और ना ही उन्हें भीड़ इत्यादि से डर लगता है। बताया जाता है कि ऐसे बच्चों में आगे जाकर लीडर बनने की काबिलियत होती है।
जिद्दी होने के नुकसान (Disadvantages of Stubborn Child)
जिद्दीपन में कुछ गलत कर जाना –
बहुत से बच्चे अपने जिद्दीपन में ऐसी गलतियाँ कर देते है जिनकी वजह से सामने वाले का बहुत नुकसान होता है या फिर उनका भी नुकसान हो जाता है। अक्सर बच्चें छोटी उम्र में ही ड्राइव, साइकिलिंग की ज़िद्द करते है और यह उनके लिए बहुत नुक्सानदायक हो सकता है।
उनकी इमेज खराब होना –
हालांकि बच्चों की इमेज उनकी उम्र के साथ बदलती रहती है पर अगर बच्चा बहुत ज्यादा जिद्दी है तो समय के साथ फैमिली में बच्चे के बारें में नेगेटिव बाते होने लगती है और उन्हें लगता है कि आपका बच्चा आगे जाकर भी ऐसा ही शरारती बनेगा।
जिद्दी बच्चों कैसे सुधारें (How to Handle Stubborn and Aggressive Child)
बहस ना करें –
अकसर हम बच्चों की जिद्द पूरी नही कर पाते हैं तो उससे बहस करते हैं। अगर आप भी अपने बच्चों से बहस करते हैं तो गलत बात है। उन्हें रिलेक्स होने दे, उसके बाद उन्हें उनकी जिद्द पुरी ना करने की वजह बताएं।
उनकी बात पूरी सुने –
बच्चों की बात हमेशा पूरी सुने, अगर आप उनकी बात पूरी नही सुनोगे तो उन्हे लगेगा कि आप उनकी बात को तवजु नही दे रहे। ऐसे में बच्चा आपसे दूर हो जाएगा।
जबरदस्ती ना करें –
अगर वह अपनी जिद्द पर अड़े हुए है तो उनकी जिद्द पूरी करने का आस्वाशन जरूर दें। और उनका मूड अच्छा होने तक का इंतजार करें। उनसे जबरदस्ती ना करें और उन्हें यह कभी ना कहें कि उनकी जिद्द पूरी नही की जाएगी। अगर ऐसा कहा तो वह आपसे दूरियां बनाने लगेगा। इससे अच्छा है उनके अच्छे मूड में उसे समझाएं।
सरप्राइज जरुर देंवे –
जिद्दी बच्चों को सुधारने के लिए सबसे अच्छा तरीका यह भी है कि बच्चों द्वारा मांगी गई चीजों को सरप्राइज के रूप में देंवे। इससे आपको शुरुआत में प्रॉब्लम होगी पर ऐसा करने पर बच्चे अपनी चीजों का ज़िद्द कम करेंगे, क्योंकि उन्हें आपसे उम्मीद रहेगी कि आप बहुत जल्द उन्हें यह चीज सरप्राइज करने वाले है। धीरे-धीरे आप सरप्राइज में कुछ और देना शुरू करें और बच्चों को अपने दोस्त की तरह ट्रीट करें।
प्यार और दोस्ती जरूरी है –
अगर आप अपने बच्चे को जिद्दी नहीं बनाना चाहते तो उससे दोस्ती करें और उसे दोस्त की तरह समझाएं। इससे वह आपकी बात ज्यादा सुनेगा और समझेगा, इतना ही नही बच्चे को कभी ऐसा फील ना होने दें कि वह जिद्दी है उसे दोस्त की तरह प्यार से समझाएं। आप देखेंगे कि ऐसा करने से बच्चा बहुत जल्दी गलत और सही समझने लगेगा और आपकी बातों को सुनने लगेगा।
जब बच्चा छोटा हो तो उससे एक दोस्त के जैसे बर्ताव करें, ऐसा करने से बच्चा जब बड़ा हो गया तो भी वह आपसे हर बातें शेयर करेगा और आपकी बातों को समझेगा. यदि बच्चा आपकी कोई भी बात नहीं मानता है, तो आप को समझना होगा कि वास्तव में परेशानी कहां पर है. ऐसा करने पर बच्चे की परेशानी को आप सही तरीके से समझ जाएंगे और उसी के आधार पर बच्चे को समझाने का प्रयत्न भी करेंगे. बच्चे को बहुत ही प्यार से रखें और बच्चे के सामने किसी को भी ना गुस्सा करें. इन सभी उपायों से आप अपने बच्चे को समझा सकते हैं और उसके जिद्दी व्यवहार को घर पर ही ठीक कर सकते हैं. इसके साथ-साथ आप बच्चे को अनुशासन सिखा सकते हैं, क्योंकि बच्चे को अनुशासित करना बहुत जरूरी है.
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