यो-यो टेस्ट क्या है | What is Yo-Yo Test and its procedure in hindi
यो यो टेस्ट बीप टेस्ट में वेरिएशन किया हुआ एक नया टेस्ट है, इस टेस्ट की वजह से ही क्रिकेट में युवराज सिंह और सुरेश रैना जैसे खिलाडियों को खेल से बाहर रहना पड़ा . और यही वजह है की इस टेस्ट के बारे में लोग जानना चाहते है कि यह है क्या, इसमें क्या होता है.
यो यो टेस्ट एक तरह का फिटनेस टेस्ट है जो की क्रिकेट, फुटबॉल, हॉकी रक्बी आदि खेलों में होता है. इस टेस्ट का मुख्य उद्देश्य खिलाडियों का स्टेमिना जांचना और फिटनेस को परखना है. हाल ही में भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली और कोच ने यह ऐलान कर दिया है कि अब क्रिकेट में केवल फिट खिलाडियों को ही जगह दी जाएगी. इसी के साथ फिटनेस कोच शंकर वासु ने भी सभी खिलाडियों के लिए फिटनेस टेस्ट अनिवार्य कर दिया है.
बीप टेस्ट का वेरिएशन (Variation in Beep Test) :
जैसा की हमने पहले ही बताया कि यह यो यो टेस्ट बीप टेस्ट का वेरिएशन है और इसे डेनमार्क फुटबॉल फिजियोलॉजिस्ट जेन्स बैंग्सबो द्वारा विकसित किया गया है. इस टेस्ट के दो वर्जन है, लेवल 1 और 2 यह क्रमशः शुरुआत और एडवांस वर्जन है. इसका लेवल 1, बीप टेस्ट की तरह ही इफेक्टिव है परंतु इसके लेवल 2 में स्पीड बढाई जाती है और इसमे अलग अलग समय पर स्पीड क्रमशः बढाई जाती है. इस टेस्ट में हर 40 मीटर की दौड़ के बाद रिकवरी का समय भी दिया जाता है.
यो यो टेस्ट का मुख्य उद्देश्य (Purpose of Yo-Yo Test ):
इस टेस्ट के द्वारा खिलाड़ियों की फिटनेस का परिक्षण किया जाता है. अब इंडिया में भी क्रिकेट के लिए इस टेस्ट को अनिवार्य कर दिया गया है इसके पीछे कोच और कप्तान का मुख्य उद्देश्य टीम में फिट खिलाडियों का चयन करना है. जब खिलाडी शारीरिक रूप से फिट होंगे, तो वे अंतराष्ट्रीय मैदानों पर अन्य टीमों के खिलाफ बेहतर प्रदर्शन कर पायेंगे.
इस टेस्ट के लिए निम्न चीजों की जरुरत होगी :
समतल और नॉन स्लिप्प्री जगह, डिस्टेंस को निर्धारित करने के लिए कोन, पहले से रिकॉर्ड ऑडियो सीडी या आप टीम बीट टेस्ट सॉफ्टवेयर का उपयोग भी कर सकते है, ऑडियो प्लेयर, रिकॉर्डिंग शीट. इन सब चीजों के द्वारा आप खुद भी यह परिक्षण कर सकते है.
यो यो टेस्ट की प्रक्रिया (Yo Yo Test Procedure in hindi):
हम यहाँ आपको कुछ चित्र और डिस्क्रिप्शन के माध्यम से मैदान में होने वाले यो यो टेस्ट की प्रक्रिया समझाने जा रहें है. इसकी सहायता से आप इस टेस्ट के बारे में अच्छे से अंदाजा लगा सकते है.
नीचे चित्र की सहायता से हम आपको खिलाडियों की मैदान में स्थिति बताने का प्रयास कर रहें है, जिससे आप इस टेस्ट को आसानी से समझ पायेंगे .
प्रक्रिया (Process) :
यो यो टेस्ट के लिए चित्र के अनुसार सेटअप तैयार किया जाता है, इसमे चित्र के अनुसार तीन पॉइंट होते है A, B और C तीनों जगह मार्क के लिए कोन रखे जाते है. जब यह टेस्ट मैदान पर किया जाता है तो A कोन और C कोन के समीप स्पीकर लगाये जाते है, इन स्पीकर की सहायता से खिलाड़ियों को इंस्ट्रक्शन दिये जाते है. जैसा की चित्र में बताया गया है A कोन और B कोन के मध्य की दूरी 5 मीटर होती है, यह दूरी खिलाड़ियों की रिकवरी के लिए होती है. और इसके बाद B कोन जिसे स्टार्टिंग पॉइंट भी कहा जाता है, वहाँ से C कोन का अंतर 20 मीटर होती है, इसी दूरी पर खिलाड़ियों को दौड़ लगानी होती है.
जब यह टेस्ट मैदान में होता है तो टेस्ट स्टार्ट होने के पहले खिलाड़ियों को मैदान पर अनाउंस करके बताया जाता है कि टेस्ट चालू होने वाला है, इस अनाउंसमेंट के बाद खिलाडियों को B पॉइंट पर आकर दौड़ के लिए तैयार होना रहता है. फिर इसके बाद खिलाड़ियों को रेस के कुछ सेकंड पहले सतर्क किया जाता है. फिर बीप की आवाज के साथ आपको दौड़ शुरू करनी होती है. इसके बाद आपको दूसरा बीप बजने से पहले तय समय में C कोन को टच करके वापस आना होता है, और इस प्रकार तीसरा बीप बजने से पहले आपको B कोन की लाइन को पार करना होता है. अगर आपकी स्पीड सही होगी, तो आपके B कोन को पार करते ही तीसरे बीप की आवाज सुनाई देगी. अब इसके बाद B कोन से A कोन के बीच की 5 मीटर की दूरी रिकवरी के लिए होती है, और इस रिकवरी के लिए खिलाडी के पास 10 सेकंड का टाइम होता है और इस 10 सेकंड में ही खिलाडी को A कोन से B कोन तक आना होता है.
अब इसके बाद यदि अगले राउंड में खिलाडी की स्पीड परिवर्तित होती है, तो इन 10 सेकंड के रिकवरी टाइम में स्पीकर में से इंस्ट्रक्शन दिये जाते है, जिसे खिलाड़ी को सुनना पढता है. इसके बाद बीप बजते ही दी गयी स्पीड में यह प्रक्रिया पुनः दोहरानी होती है. इसके अलावा इस टेस्ट में शटल भी होते है यहा शटल से तात्पर्य उस स्पीड में नंबर ऑफ़ राउंड से होता है. जैसे 5 और 9 की स्पीड में B से C के बीच 1 राउंड लगाना होता है और 11 की स्पीड में यह राउंड की संख्या बड़कर 2 हो जाती है. इस टेस्ट में यदि आप B कोन को पार करने से पहले बीप की आवाज सुन लेते है, तो इसका मतलब यह होता है की आपकी स्पीड कम है, और अगर तीसरी बीप के पहले आप पुनः B कोन पर नहीं आते है तो आपको वार्निंग मिल जाती है. इस प्रकार की 2 वार्निंग मिलने का मतलब यह होता है की आप टेस्ट से बाहर हो चुकें है. इस टेस्ट के लिए शटल, स्पीड और डिस्टेंस के लिए अलग अलग मानक पहले से ही तय किये जा चुकें है. जिसके हिसाब से खिलाड़ियों का परिक्षण किया जाता है.
यो यो टेस्ट में भारतीय खिलाड़ियों की स्थिति (Status of Indian Players in Yo Yo Test):
हम सभी इस बात से परिचित है कि इस टेस्ट में युवराज सिंह असफल रहें, इस टेस्ट के दौरान उनका स्कोर 16 था, मतलब उन्होंने इस टेस्ट के लिए लगभग 1120 किलोमीटर दौड़ लगाई होगी. इस टेस्ट को पार करने के लिए खिलाड़ी को 19.5 का स्कोर पार करना होता है, इसका मतलब आपको 19 की स्पीड में 5 शटल तक दौड़ लगानी होती है, जिसमे कुल दूरी 2240 किलोमीटर तय करनी होती है.
युवराज के अलावा सुरेश रैना भी ऐसे खिलाड़ी है, जो इस टेस्ट में सफल नहीं रहे. इस टेस्ट में सफल नहीं होने के कारण इन्हें आस्ट्रेलिया के साथ हो रही सीरिज से हाथ धोना पड़ा. हालांकि इन्हें प्रदर्शन फिलहाल अन्य मैचों में निराशा जनक नहीं है, परंतु भारतीय टीम के कप्तान और कोच ने इस टेस्ट में पास होना टीम में एंट्री के लिए आवश्यक करार दिया है. इस सबके के कारण युवी और रैना के फेन भी बहुत निराश है.
टीम इंडिया में इस टेस्ट में सबसे अच्छा प्रदर्शन टीम के कप्तान कोहली, और इनके अलावा जडेजा और मनीष पांडे का है. इनका स्कोर इस टेस्ट में 21 है इसका मतलब ये लोग 2720 मीटर की दूरी तय कर दौड़ सकते है. परंतु ऑस्ट्रेलिया में प्रत्येक क्रिकेट खिलाड़ी का स्कोर 21 से ज्यादा ही है. इसलिए टीम इंडिया को जरुरत है की वह मेहनत करके इस स्कोर को पार करे और खुद को फिट साबित कर अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी जगह और भी अच्छी करे.
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