Vrindavan Chandrodaya Mandir features and history in hindi वृंदावन चंद्रोदय मंदिर विश्व का सबसे लम्बा मंदिर है, जो अभी मथुरा के वृंदावन में अंडर कंस्ट्रक्शन है. इस मंदिर की कुल लागत 300 करोड़ रू. है. यह इस्कोन बैंगलोर द्वारा बनाया जा रहा अब तक का सबसे महंगा मंदिर है. यह मंदिर के पदचिन्ह 5 एकड़ में फैले हुये हैं, और इसकी लम्बाई 700 फीट की है. इस मंदिर में वर्ष भर में आने वाले विभिन्न तरह के धार्मिक पर्वों और त्योहारों को मनाया जाएगा. आने वाले समय में यह मंदिर हिन्दूओं के लिए एक बहुत बड़ा दर्शनिक स्थान होगा. इस मंदिर के बारे में नीचे दर्शाया गया है.
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वृंदावन चंद्रोदय मंदिर की विशेषता (Vrindavan Chandrodaya Mandir Features in hindi)
- इस मंदिर को चारों तरफ विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों और पौधों से सजाया जाने वाला है.
- यह मंदिर 26 एकड़ ज़मीन में इन वनस्पतियों के साथ फैला हुआ रहेगा. इसमें कुल 12 वन भी होंगे, जिनका आध्यात्मिक महत्व होगा.
- इसमे विभिन्न तरह की वनस्पतियाँ, हरी चराई, विभिन्न दुर्लभ फलों और फूलों के पेड़ पौधे मौजूद होंगे. इसके अलावा साफ़ पानी का झील, झरना आदि जिनका वर्णन हमारे आर्टिकल श्रीमद्भागवत श्री कृष्ण के अनमोल वचन में किया गया है, वे सब इस मंदिर में मौजूद होगा. ताकि यहाँ पर आने वाले श्रद्धालुओं को भगवान श्री कृष्ण के समय के वृन्दावन का आभास हो पायेगा.
- यह मंदिर विश्व प्रसिद्द दुबई स्थित बुर्ज खलीफा से भी आगे निकलने वाला है. इस मंदिर की नींव बुर्ज खलीफा से भी गहरी बनायी गयी है. बुर्ज खलीफा की नींव 50 मीटर की है, किन्तु इस मंदिर की नींव 55 मीटर की बनायी गई हैं, ताकि इसकी ऊंचाई अधिक हो सके. खलीफा वारियर की कहानी यहाँ पढ़ें.
- इस फाउंडेशन में लगभग 511 कॉलम होने की खबर है. इस मंदिर में विभिन्न तरह के लाइट शो, व्रजमंडल परिक्रमा आदि विशेष आकर्षण के रूप में होंगे.
- यह मंदिर एक तरह से बहुत बड़ा महत्व रखने वाला मंदिर है. इस मंदिर के निर्माण से यह जगह से एक टूरिस्ट प्लेस के रूप में भी विकसित होगा और राज्य सरकार को इसका अच्छा फायेदा प्राप्त होगा.
वृंदावन चंद्रोदय मंदिर का इतिहास (Vrindavan Chandrodaya Mandir History)
श्रीला प्रभुपाद इस्कोन के संस्थापक ने, साल 1972 में श्री रूपा गोस्वामी के भजन कुटीर के समक्ष युक्लता वैराग्य के विषय में बताया. इस समायोजन में इनके 12 से अधिक विदेशी अनुयायी थे. यहीं पर श्रीला प्रभुपाद ने कहा कि –‘जिस तरह हमने बड़ी बड़ी इमारतों को बनाया है, ठीक उसी तरह हम चाहें तो भगवान् श्री कृष्ण का भी एक बहुत बड़ा मंदिर का निर्माण कर सकते हैं, जिससे ‘मटेरियल एक्टिविटी’ का शुद्धिकरण हो सके.’
श्रीला प्रभुपाद के इस वक्तव्य से प्रभावित होकर इस्कोन बैंगलोर के भक्तों ने इन मंदिर के प्रोजेक्ट का आरम्भ किया. मार्च 2016 में होली के शुभ पर्व पर, इस मंदिर की नींव मथुरा के वृन्दावन में रखी गयी. इस्कोन का अनुमान ये है कि अगले पांच वर्षों में ये मंदिर बन के तैयार हो जाएगा. इस मंदिर के सफ़ल निर्माण के बाद वृन्दावन विश्व के मानचित्र पर एक नए सितारे की तरह चमक उठेगा. इसे बनाने की इच्छा इस्कोन के संस्थापक श्रीला प्रभुपाद की थी, जो अब पूरी होने की राह पर है.
वृंदावन चंद्रोदय मंदिर की संरचना विषयक जानकारी (Vrindavan Chandrodaya Mandir Structure Details)
इस मंदिर की संरचना में आईआईटी दिल्ली के सिविल इंजीनियर डिपार्टमेंट के इंजिनियर लगे हुए हैं, जिनके स्ट्रक्चरल कंसलटेंट संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के थोर्नटन टॉमसटी हैं. इस मंदिर के निर्माण के लिए मुख्य आर्केटेक्ट के रूप में गुडगाँव का इंजीनियस स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड और नॉएडा स्थित क्विंटेस्सेंस डिजाईन स्टूडियो है. ये दोनों कम्पनियां इस मंदिर के लैंडस्केपिंग के सारे काम करेंगी. इसके बाद एचवीएसी यानि हीटिंग, वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग का काम गुप्ता कंसलटेंट और एसोसिएट्स द्वारा और सभी तरह के अन्य इलेक्ट्रिकल फिटिंग और वायरिंग के लिए डब्ल्यूबीजी कंसलटेंट को चुना गया है. इसके अलावा लाइट डिजाईन के लिए ऑस्ट्रेलिया की कंपनी काम कर रही है.
इस तरह इस मंदिर के निर्माण में कई बड़ी बड़ी कम्पनियां एक साथ काम कर रही हैं. इससे ये अनुमान लगाया जाता है, कि यह मंदिर कितना भव्य होने वाला है.
वृंदावन चंद्रोदय मंदिर के प्रांगण में विशेष आकर्षण और सुविधाएँ (Vrindavan Chandrodaya Mandir Campus)
यह एक विश्व प्रसिद्द मंदिर बनने जा रहा है, जहाँ पर देश विदेश से कई श्रद्धालु दर्शन के लिए आयेंगे. इस वजह से यहाँ पर विशेष तरह की सुविधाओं का होना भी ज़रूरी है. इस मंदिर प्रांगण में श्रद्धालुओं को दी जाने वाली सुविधाएँ निम्न लिखित हैं.
- हेलिपैड
- 12 एकड़ ज़मीन गाड़ियों की पार्किंग के लिए
- खाने और पीने के लिए कैंटीन
- इंडोर राधा कृष्णा रिक्रिएशन पार्क
- कृष्णा हेरिटेज म्यूजियम
- यहाँ पर एक ऐसी जगह का निर्माण किया जा रहा है, जहाँ पर अकीक टेलिस्कोप लगा हुआ रहेगा. इस टेलिस्कोप से श्रद्धालू पूरा वृन्दावन देख पायेगा.
- प्रांगण में विद्यामंदिर चंद्रोदय थीम पार्क भी होगा.
- मंदिर के अन्दर एक कैप्सूल एलीवेटर लगा होगा.
- वैदिक साहित्य के अनुसार व्रम्हांड के विभिन्न तरह के सौर मंडलों का प्रकाश और ध्वनि पर आधारित प्रदर्शन होता है.
- यह मंदिर 30 एकड़ के ब्रज का वाँ नामक जंगल से घिरा हुआ होगा.
वृंदावन चंद्रोदय मंदिर में पर्व और त्यौहार (Vrindavan Chandrodaya Mandir Festival)
इस मंदिर में हिन्दू संस्कृति में आने वाले विभिन्न तरह के श्री कृष्ण सम्बंधित पर्व त्योहारों को मनाया जाएगा. यहाँ के मुख्य त्योहारों में रथयात्रा, पालकी उत्सव, झुलानोत्सव आदि बड़े धूम धाम से मनाया जाएगा. साथ ही यहाँ सबसे ज्यादा धूमधाम से मनाया जाने वाला त्यौहार श्री कृष्ण जन्माष्टमी है जिसे यहाँ बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इन पर्व त्योहारों के दौरान विभिन्न तरह की सांस्कृतिक प्रोग्राम का समायोजन किया जाएगा.
वृंदावन चंद्रोदय मंदिर में सामाजिक कार्यक्रम (Vrindavan Chandrodaya Mandir Cultural Program)
इस मंदिर में विभिन्न तरह के सामाजिक गतिविधियों को भी शामिल की जायेगी. इन सामजिक गतिविधियों में निम्न क़दम द्रष्टव्य है:
- ब्रज के ग़रीब बच्चो के लिए अक्षय पात्र मीड डे मील की व्यवस्था.
- वृन्दावन की विध्व्वाओं के लिए विभिन कल्याणकारी कार्य.
- यमुना नदी को उसके पुराने सौंदर्य में वापस लाना.
- गाय चूँकि श्री कृष्ण को अतिप्रिय थीं और आज भी ब्रज का एक महत्वपूर्ण अंश है, अतः गौ सेवा के लिए गौशाला का निर्माण.
ऐसा माना जा रहा है कि अलगे 3 वर्ष में ये मंदिर पूरी तरह से बन के तैयार हो जाएगा, और लोग यहाँ पर आ सकेंगे और मंदिर में भगवान श्री कृष्ण के दर्शन का सुख उठा पायेंगे.
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