उद्योग आधार का रजिस्‍ट्रेशन व लाभ की जानकारी | Udyog Aadhaar registration document benefits information in hindi

उद्योग आधार का रजिस्‍ट्रेशन व लाभ की जानकारी Udyog Aadhaar registration document benefits information in hindi

भारत के प्रधानमंत्री सभी तबके के लोगों का एक साथ देश के विकास करने की कोशिश कर रहे हैं. देश के विकास के लिए धन का एक बड़ा हिस्सा देश में होने वाले व्यापार से आता है. अतः सरकार व्यापार में लोगों के सहयोग करने के लिए कटिबद्ध है. इसके बारे में पूरी जानकारी यहाँ दर्शायी गई है.

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उद्योग आधार का रजिस्‍ट्रेशन व लाभ की जानकारी

उद्योग आधार क्या है (What is Udyog Aadhaar)

उद्योग आधार भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय द्वारा जारी 12 सांख्यिक पंजीकरण संख्या है. ये पंजीकरण संख्या पहले से चल रहे छोटे छोटे उद्योगों को तथा ऐसे ही नए उद्योगों को दिया जा रहा है. इसे प्राप्त करने के लिए पंजीकरण कराना होता है. 18 सितम्बर 2015 को इसके हवाले से सरकार द्वारा उद्योग आधार मेमोरैंडम ज़ारी किया गया था. उद्योग आधार की सहायता से एमएसएमई (मिनिस्ट्री ऑफ़ माइक्रो, स्माल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज) के अंतर्गत पंजीकरण कराया जा सकता है.

पहले एमएसएमई के अंतर्गत पंजीकरण कराने के लिए बहुत से काग़ज़ी कार्यवाही पूरी करनी होती थी, जिसके इंटरप्रेंयूर मेमोरेंडम -1 (EM- I) और  इंटरप्रेंयूर मेमोरेंडम -2 (EM-II)  नाम के दो फॉर्म भरने की आवश्यकता होती थी. ये एक पेचीदा काम था, किन्तु उद्योग आधार के आ जाने से विभिन्न तरह के फॉर्म भरने की कोई आवश्यकता नहीं है. यदि आपका व्यापार स्माल, मीडियम अथवा माइक्रो इंडस्ट्री के अंतर्गत आता है, तो आप बहुत आसानी से उद्योग आधार के तहत अपना पंजीकरण करवा सकते हैं. ऑनलाइन के ज़रिये शुरू होने की वजह से इसका लाभ अधिक से अधिक लोग उठा सकेंगे. उद्योग आधार में समय भी बहुत कम लगता है, और कई ग़ैर ज़रूरी औपचारिकताओं से आवेदकों को राहत मिल गयी है.

एमएसएमई विभाग क्या है (What is MSME Department)

एमएसएमई विभाग देश में चल रहे सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को बढ़ावा देने और नियंत्रित करने का काम करता है. ये मंत्रालय ऐसे उद्यमों को आरम्भ करने के लिए उद्यमियों को आर्थिक तथा तकनीकी सहयोग भी देता है. ये मंत्रालय फिलहाल कलराज शर्मा के अधीन है. ये 26 मई 2014 से इस पद पर कार्यरत हैं.

उद्योग आधार की पृष्ठभूमि (Udyog Aadhaar scheme)

सन 2006 में देश की तात्कालिक सरकार द्वारा एक अधिनियम को संसद में पास करा कर इस नीति को अमल में लाया गया. इस अधिनियम के तहत सरकार ने सभी छोटे और माध्यम उद्योगों को विश्व स्तर पर लाने की तथा उनमे प्रतियोगिता की भावना को बढाने की कोशिश की. इससे उन छोटे उद्यमियों के व्यापार और कला का विकास भी हुआ और देश की जीडीपी दर में भी वृद्धि हुई.

इसमें MSMED क़ानून लाने के पहले सारे व्यापारिक संस्थानों को ‘इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन अधिनियम’ के तहत संचालित किया गया, जिसे सन 1995 में पारित किया गया था. MSMED लाने के बाद सरकार ने सभी ग़ैर कृषि संस्थानों को इस योजना के अधीन किया.

MSMED अधिनियम के अनुसार MSME को दो भागों में बांटा जा सकता हैं.

  • मैन्युफैकचरिंग एंटरप्राइजेज : इसके अंतर्गत कई छोटे बड़े प्लांट और मशीनरी में निवेश किया जाता है.
  • सर्विस एंटरप्राइजेज : इसके अंतर्गत चलने वाले उद्योग कई विभिन्न तरह की सेवाओं का लाभ देकर उसके एवज़ में पैसे लेते हैं.

उद्योग आधार के लाभ (Udyog Aadhaar benefits)

  • उद्योग आधार के अंतर्गत पंजीकरण कराने की सभी औपचारिकताएं ऑनलाइन ही पूरी होती हैं.
  • उद्यम की जानकारियों पर स्वप्राख्यापन करके ही इस फॉर्म को भरा जा सकता है.
  • इस पंजीकरण के लिए उद्यमी को व्यक्तिगत आधार संख्या, उद्यम का नाम, पता, बैंक डिटेल आदि देने पड़ते हैं.
  • एक व्यक्ति एक आधार संख्या से एक से अधिक उद्योग आधार का फॉर्म भर सकता है.
  • इस फॉर्म को भरने के लिए सरकार की तरफ से किसी भी तरह का शुल्क लागू नहीं किया गया है, अतः इस फॉर्म को भरने के लिए किसी शुल्क की आवश्यकता नहीं है.
  • एक बार फॉर्म भर के अपलोड कर देने पर, फॉर्म भरते समय दिए गये ई मेल पर पंजीकरण संख्या आ जाती है.

उद्योग आधार के लिए आवश्यक दस्तावेज (Udyog Aadhaar documents)

नीचे सभी आवश्यक दस्तावेजों का वर्णन किया जा रहा है –

  • आवेदक के पास उसका व्यक्तिगत 12 सांख्यिक आधार संख्या होना आवश्यक है.
  • आधार में जारी नाम को ही उद्योग के मालिकाना हक़ के लिए प्रयोग किया जाएगा.
  • यदि आवेदक के पास किसी तरह का जाति प्रमाण पत्र है, तो उसे जमा देने की आवश्यकता होती है.
  • व्यापार चलाने के लिए व्यापारिक संस्था का क़ानूनी तौर पर सही नाम देना आवश्यक है. एक व्यक्ति एक साथ एक से अधिक एंटरप्राइज के लिए उद्योग आधार आवेदन दे सकता है. ये सभी आवेदन एक ही आधार संख्या पर पंजीकृत हो सकते हैं.
  • आवेदक को संस्था का प्रकार का प्रमाण देना आवश्यक है. उद्योग संस्था प्रोप्रिएटरशिप, पार्टनर शिप, प्राइवेट लिमिटेड, पब्लिक लिमिटेड, एलएलसी आदि के अंतर्गत पंजीकृत हो सकता है.
  • व्यापारिक स्थल के पते का प्रमाण पत्र, ईमेल एड्रेस और फ़ोन नंबर देना अनिवार्य है.
  • उद्योग शुरू होने की तारिख का प्रमाण
  • जिस बैंक खाते का इस्तेमाल उद्योग के लिए किया जा रहा है, उसके विवरण देने अनिवार्य हैं
  • एंटरप्राइज में काम कर रहे लोगों की सही संख्या देना अनिवार्य है.

उद्योग आधार के लिए पंजीकरण (Udyog Aadhaar registration online and offline)

  • इसके लिए आवेदक ऑनलाइन या ऑफलाइन किसी भी तरह से आवेदन दे सकता है. अतः पंजीकरण के लिए दो बहुत आसान रास्ते मौजूद हैं.
  • इसकी सहायता से सरकार द्वारा दी जा रही विभिन्न सेवाओं का लाभ आवेदक अपने व्यापार के विस्तार के लिए उठा सकता है.
  • उद्योग आधार ने ईएम II आवेदन को पहले से बहुत ही अधिक आसान बना दिया है. इसकी सहायता से लेन देन बहुत ही आसान और परेशानी मुक्त हो गया है.,
  • एक बार पंजीकरण करा लेने के बाद आवेदक सरकार की कई सुविधाओं को उठाने के लिए सक्षम हो जाता है, मसलन आसान ऋण, कम ब्याज दर वाले ऋण आदि का लाभ आवेदक को मिलता है.
  • विदेश में होने वाली प्रदर्शनी में भाग लेने के लिए आवेदक को सरकार द्वारा विदेश जाने का पैसा मिलता है.
  • पंजीकरण किये गये एंटरप्राइज को सरकार द्वारा कई तरह की सब्सिडी मुहैया कराई जाती है.

इस तरह आधार उद्योग से जुड़ कर सूक्ष्म, छोटे और मध्यम व्यापारी अपने व्यापार को नयी दिशा दे सकते हैं. सरकार द्वारा चली जा रही योजनाओं का लाभ उठाकर अपने व्यापार को बृहत् रूप देने का ये एक उत्तम मौक़ा है. कई लोग इसका लाभ उठा भी रहे हैं.  

Update

23/07/2018

उद्योग आधार पोर्टल पर 48 लाख एमएसएमई रजिस्टर्ड

केंद्र के मेक इन इंडिया मिशन के लिए यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है कि माइक्रो, स्माल एवं मीडियम इंटरप्राइजेज के केन्द्रीय मंत्रालय ने सितम्बर 2015 से अब तक यानि पिछले 3 वर्षों के दौरान 48.40 लाख से भी अधिक एमएसएमई पंजीकृत कर लिए हैं. इनमें से 43,18,841 माइक्रो, 5,00,942 स्माल और 19,766 मीडियम उद्यमों के रूप में पंजीकृत हुए हैं. माइक्रो, स्माल एवं मीडियम उद्यमों के लिए राज्य मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने कल यानि 18 जुलाई को राज्य सभा में इसके बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि यूएएम के लांच से पहले 2013-14 एवं 2014-15 के दौरान 7.88 लाख एमएसएमई उद्यमियों का पंजीकरण हुआ. इसके अलावा देश में 24,248 एमएसएमई उद्यमियों का पंजीकरण रद्द कर दिया गया, जिनमे से 25 गुजरात के एवं 927 झारखंड के थे. इसमें होने वाली वृद्धि छोटे व्यवसायों में होने वाली निरंतर वृद्धि को दर्शाती है.

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