उदयभान सिंह राठौड़ की जीवनी Udaybhan Singh jeevan Parichay in hindi

उदयभान सिंह राठौड़ की जीवनी [Udaybhan Singh Rathod Biography in hindi] [History, Tanaji Movie, Saif Ali Khan Role, Death, Wife]

इतिहास में कई तरह की योद्धा हुए हैं जिन्होंने अपनी जान को जोखिम में डालकर भारत माता की रक्षा की है.  इन सभी योद्धाओं की लड़ाई खासतौर पर मुगल साम्राज्य से देखी गई है. मुगलों से होने वाली लड़ाई तो एक आम बात है परंतु इतिहास में ऐसा व्यक्ति भी हुआ है जो कि हिंदू होते हुए भी मुगलों की तरफ से लड़ा और इस क्रूर हिंदू राजा का नाम उदय भान  राठौर है. इस नाम का जिक्र हाल ही में रिलीज होने वाली फिल्म तानाजी  की कहानी में सुनने को मिला. रोचक बात यह है कि उदय भान राठौर जो कि एक राजपूत है, इन्होंने इतिहास में हिंदू मराठा राजा से  मुगलों की तरफ से युद्ध किया. इस कहानी से सभी के दिमाग में एक ही सवाल आता है कि आखिर कौन था उदय भान राठौर जिसने अपनी ही माटी को दगा दिया.

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उदयभान सिंह राठौड़ की जीवनी

कौन हैं उदयभान सिंह राठौड़?

उदयभान सिंह राठौड़  एक राजपूत योद्धा था जिसके हौसले बुलंद थे. उदय भान तलवारबाजी में निपूर्ण थे उनके आगे अच्छे अच्छे टिक नहीं पाते थे. जब उदयभान राठोड़ युद्ध करता था उसे नजरअंदाज कर पाना नामुमकिन था लेकिन उदय भान एक राजपूत राजा नहीं थे अपितु कोंडाना किले के एक रक्षक थे जिन्हें मुग़ल राजा जय सिंह प्रथम द्वारा नियुक्त किया गया था. यह औरंगजेब के कार्यकाल में मुग़ल सेना के सेनापति थे.

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नामउदयभान सिंह राठौड़
जन्म1635
मृत्युफरवरी 1670
उम्र35 साल
धर्महिन्दू
जातिराजपूत
कामयोद्धा

उदयभान सिंह राठौड़ द्वारा लड़ा अंतिम युद्ध

उदय भान सिंह राठौर जाति से एक हिंदू राजपूत है लेकिन इतिहास में इन्होंने मुगलों का साथ दिया ……इन्हें औरंगजेब द्वारा मुगलों का सूबेदार बनाया गया लेकिन ऐसा कैसे संभव हुआ ???? एक हिंदू राजपूत जो कि हिंदुस्तान का है उसने कैसे मुगलों का साथ दिया ???? क्यों वह मुगलों की तरफ से अपने ही हिंदू देश के मराठा छत्रपति शिवाजी महाराज के खिलाफ लड़ा और कैसे मुगलों ने इस पर इतना विश्वास किया कि इसे कोंढाणा जैसे बड़े किले की जिम्मेदारी सौंपी .

यह बात है सन 1670 कि जब शिवाजी महाराज ने यह तय किया कि वे कोंढाणा किले को जीतने के लिए उस पर चढ़ाई करेंगे क्योंकि यह किला जीतना बहुत जरूरी था यह किला सुरक्षा की दृष्टि से सबसे महत्वपूर्ण किला था जिसे जीतकर मराठा साम्राज्य अपना खोया हुआ सम्मान वापस प्राप्त करना चाहता था और कोंढाणा को वापस पाने की जिद्द शिवाजी महाराज की मां जीजाबाई की थी जिन्होंने शिवाजी महाराज को यह आदेश दिया कि वह कोंढाणा पर चढ़ाई करें और उसे वापस मराठा साम्राज्य में मिलाएं परंतु कहीं ना कहीं यह बहुत कठिन था क्योंकि मुगलों ने कोंढाणा का सूबेदार  उदयभान सिंह राठौर को बनाया था.

उदय भान सिंह राठौर एक बहुत ही शक्तिशाली योद्धा था और वह शुरुआत में हिंदू साम्राज्य का ही वफादार था लेकिन बाद में उसने मुगलों को अपने शौर्य से प्रभावित किया और उनके साथ मिलकर उनका सूबेदार बना …..आखिर ऐसा क्यों किया था उदय भान ने ????

यह जानने के लिए हम आपको थोड़ा पीछे ले चलते हैं …..

उन दिनों उदय भान एक राजघराने में जगत सिंह के राजमहल में राजकुमारी कमला देवी को तलवारबाजी सिखाने जाया करता था …. ऐसे में उसकी मुलाकात रोजाना राजकुमारी से होती थी । समय बीतते बीतते उदय भान राजकुमारी से प्रेम करने लगता हैं

और जैसे ही उदय भान राजकुमारी से अपने प्रेम का इजहार करते हैं राजकुमारी यह कहकर प्रेम प्रस्ताव ठुकरा देती है कि राजकुमारी और उदय भान का कोई मेल नहीं है तब उदय भान सिंह राठौर कहते हैं कि कैसे कोई मेल नहीं मेरे पिता भी एक महंत हैं तब राजकुमारी उसे जवाब देती है कि यह बात धन-संपत्ति कि नहीं तुम्हारे और मेरे रक्त में ही मेल नहीं….. मुझे भली-भांति पता है कि तुम्हारे पिता एक महंत है लेकिन तुम्हारी माता..

इतना कहकर राजकुमारी चुप हो जाती है लेकिन यह बात उदयसिंह राठौर को चुभ जाती है और उन्हें राजपूतों से नफरत होने लगती है. वे वापस लौटते हैं और अपनी मां को गले लगाते हुए एक प्रण करते हैं और उसी प्राण के अनुसार वह मुगलों के साम्राज्य में जाकर मुगलों को अपनी शक्ति का प्रदर्शन करते हैं जिससे खुश होकर मिर्जा राजा जयसिंह उदयभान सिंह राठौर को मुगल सेना में शामिल कर लेते हैं और इस तरह उदयभान सिंह राठौर बदले की आग में जलते हुए एक राजपूत होते हुए भी मुगलों का साथ देते हैं और राजकुमारी की शादी जिस राजकुमार से होती है उसे मारकर उसके राज्य को हड़प लेता हैं और राजकुमारी को भी बंदी बनाकर अपने साथ ले जाता हैं..

इसी प्रेम प्रसंग के कारण उदय भान बदला लेना चाहता था  और इस बदले के कारण ही राजपूत उदय भान मुगलों का साथ देता हैं और उनकी इसी शक्ति का लाभ उठाते हुए मुगल उन्हें कोंढाणा किले का सूबेदार बनाते हैं …..

दोस्तों यही कारण था कि एक हिंदू राजपूत होते हुए भी उदय भान मुगलों की तरफ से लड़ता हैं लेकिन इस कहानी को जानने के बाद फिर एक प्रश्न दिमाग पर उठता है कि आखिर उदय भान सिंह राठौर की मां वह कौन थी क्यों उनकी मां की कारण राजकुमारी कमला ने इस प्रेम प्रस्ताव को ठुकरा दिया था..

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सैफ अली खान ने निभाया उदयभान का किरदार

सन 2020 में सैफ अली खान ने फ़िल्मी दुनिया में वापसी की हैं और इस बार वे एक एतिहासिक चरित्र का किरदार निभाने जा रहे हैं. फिल्म ताना जी में सैफ उदयभान सिंह राठौड़ का किरदार निभा रहे हैं जो कि एक राजपूत योद्धा हैं. इस फिल्म में सैफ नकारात्मक भूमिका में नजर आयेंगे लेकिन नेगेटिव रोल के बावजूद यह किरदार काफी अहम् और शक्तिशाली हैं जिसका इतिहास में नाम हैं.

सैफ अपने इस किरदार में कैसे नजर आते हैं यह फिल्म के रिलीज़ के बाद ही पता चलेगा यह फिल्म 10 जनवरी को सिनेमाघरों में आयेगी जिसमें मुख्य भूमिका में अजय देवगन दिखाई देंगे. पहली बार ये अभिनेता किसी एतिहासिक किरदार को निभाते दिखने वाले हैं.

FAQ

Q- उदयभान सिंह राठौड़का जन्म कब हुआ?

Ans- उदयभान सिंह राठौड़ का जन्म 4 फरवरी 1670 में हुआ।

Q- उदयभान सिंह राठौड़ की कब हुई मृत्यृ?

Ans- उदयभान सिंह राठौड़ की मृत्यृ सन् 1970 में हुई।

Q- उदयभान सिंह राठौड़ किस चीज में निपुण थे?

Ans- उदयभान सिंह राठौड़ तलवारबाजी में निपुण थे।

Q- उदयभान सिंह राठौड़ कब रहे सेनापति?

Ans- उदयभान सिंह राठौड़ औरंगजेब के कार्यकाल में मुगल सेना के सेनापति थे।

Q- उदयभान सिंह राठौड़ का इतिहास किसके साथ जुड़ा है?

Ans- उदयभान सिंह राठौड़ मुगलों के साथ हमेशा से जुड़ा रहा है।

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Pavan Agrawal
मेरा नाम पवन अग्रवाल हैं और मैं मध्यप्रदेश के छोटे से शहर Gadarwara का रहने वाला हूँ । मैंने Maulana Azad National Institute of Technology [MNIT Bhopal] से इंजीन्यरिंग किया हैं । मैंने अपनी सबसे पहली जॉब Tata Consultancy Services से शुरू की मुझे आज भी अपनी पहली जॉब से बहुत प्यार हैं।

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