Salwan Momika Biography: कौन है सलवान मोमिका, जिसने स्वीडन में जलाई क़ुरान, जानिए कितनी सच है इनके मृत पाए जाने की खबर

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सलवान मोमिका, एक इराकी शरणार्थी जिन्होंने इस्लाम की आलोचना करते हुए स्वीडन में नाम कमाया, उनकी जीवन यात्रा उल्लेखनीय और विवादास्पद रही है। जन्म से एक ईसाई परिवार में, उन्होंने अंततः नास्तिकता को अपनाया और धार्मिक विचारों पर अपनी नुक्ताचीनी के लिए जाने जाते थे। स्वीडन में रहते हुए, मोमिका ने कई बार कुरान को जलाया, जिससे विश्वभर में व्यापक प्रतिक्रिया और बहस का सामना करना पड़ा। उनकी गतिविधियों ने उन्हें कई धार्मिक और राजनीतिक समूहों के निशाने पर ला दिया था, और अंततः उनकी मृत्यु की खबर एक रहस्य बनकर रह गई है , जिसने विश्व समुदाय को हैरानी में डाल दिया। आइये इनके जीवन को इस आर्टिक्ल के द्वारा जानने की कोशिश करेंगे।

Salwan Momika Biography: कौन है सलवान मोमिका, जिसने स्वीडन में जलाई क़ुरान, जानिए कितनी सच है इनके मृत पाए जाने की खबर

Salwan Momika Biography

विवरणजानकारी
पूरा नामसलवान सबाह मत्ती मोमिका
जन्म तिथि23 जून 1986
जन्म स्थानउत्तरी इराक
पेशाराजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ता, इस्लाम के आलोचक
खास पहचानकुरान जलाने के लिए जाने जाते हैं
मृत्यु तिथि2 अप्रैल 2024 (रिपोर्ट के अनुसार)
मृत्यु स्थाननॉर्वे (रिपोर्ट के अनुसार)

सलवान मोमिका कौन है

सलवान मोमिका, जिनका पूरा नाम सलवान सबाह मत्ती मोमिका है, 23 जून 1986 को जन्मे एक इराकी शरणार्थी थे जो इस्लाम के आलोचक के रूप में प्रसिद्ध हुए। उन्होंने स्वीडन में कई विरोध प्रदर्शनों का आयोजन किया, जहां उन्होंने सार्वजनिक रूप से कुरान को जलाया। उनका जन्म उत्तरी इराक में एक ईसाई परिवार में हुआ था, लेकिन वे खुद को नास्तिक मानते थे। मोमिका इराक में राजनीतिक रूप से सक्रिय थे और इस्लामिक स्टेट के खिलाफ लड़ने वाले पोपुलर मोबिलाइजेशन फोर्सेज (PMF) का हिस्सा बने। वे स्वीडन में एक शरणार्थी के रूप में आए और यहां अपने विचारों और कार्यों के माध्यम से चर्चा में बने रहे।

सलवान मोमिका का जन्म और शुरुआती जीवन

सलवान मोमिका का जन्म 23 जून 1986 को उत्तरी इराक में एक ईसाई परिवार में हुआ था। बचपन से ही उन्होंने अपने आसपास की राजनीतिक और सामाजिक अशांति को अनुभव किया। वे खुद को नास्तिक मानते थे और उन्होंने इराक में राजनीतिक रूप से सक्रिय भूमिका निभाई। मोमिका पोपुलर मोबिलाइजेशन फोर्सेज (PMF) का हिस्सा बने, जो इस्लामिक स्टेट के खिलाफ लड़ रहा था। उनकी युवावस्था और प्रारंभिक वयस्कता इराक में विभिन्न संघर्षों के बीच गुजरी, जिसने उनके विचारों और आगामी कार्यों की नींव रखी।

सलवान मोमिका का पेशा

सलवान मोमिका पेशे से एक राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ता थे। उन्होंने इराक में राजनीतिक गतिविधियों में भाग लिया और पोपुलर मोबिलाइजेशन फोर्सेज (PMF) के साथ काम किया। इराक छोड़ने के बाद, मोमिका स्वीडन में बस गए और वहाँ उन्होंने इस्लाम की आलोचना करने वाले विरोध प्रदर्शनों का आयोजन किया। उन्होंने सार्वजनिक रूप से कुरान को जलाने के कार्यक्रम आयोजित किए, जिससे वे अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में आ गए। मोमिका ने स्वीडन में एक राजनीतिक पार्टी, सीरियाक डेमोक्रेटिक यूनियन की स्थापना की और उसके लिए रिक्सडैग (स्वीडिश संसद) के लिए उम्मीदवार बनने की इच्छा व्यक्त की। उनका पेशा उनके विचारों और आदर्शों को प्रतिबिंबित करता है, जिसमें उन्होंने निजी स्वतंत्रता और धार्मिक आलोचना की वकालत की।

सलवान मोमिका ताजा खबर/ लेटैस्ट न्यूज़

सलवान मोमिका की ताजा खबर के अनुसार, उन्हें 2 अप्रैल 2024 को नॉर्वे में मृत पाया गया। इस खबर ने विश्वभर में विशेष रूप से उनके विवादास्पद कृत्यों के कारण व्यापक ध्यान आकर्षित किया है। मोमिका, जिन्होंने जून 2023 में स्टॉकहोम में कुरान जलाने की घटना का आयोजन किया था, उनकी मृत्यु की सूचना ने अनेक प्रतिक्रियाओं को जन्म दिया है। ‘रेडियो जेनोआ’ और अन्य सूत्रों ने उनके मृत्यु की खबर दी, हालांकि नॉर्वे की मुख्य मीडिया वेबसाइटों ने अब तक इसे पुष्टि नहीं की है। इस घटना ने वैश्विक समुदाय में विस्तृत चर्चा और बहस को प्रेरित किया है, जिसमें मोमिका के कार्यों और उनके जीवन के अंतिम परिणामों पर गहन विचार-विमर्श शामिल है।

सलवान मोमिका के विवाद

सलवान मोमिका के विवादों की शुरुआत उनके इस्लाम और कुरान की आलोचना से हुई थी। जून 2023 में, मोमिका ने स्टॉकहोम में सबसे बड़ी मस्जिद के सामने कुरान जलाने का कार्य किया, जिसकी वीडियो और तस्वीरें वायरल हो गई थीं। इस कृत्य ने विश्वभर में तीव्र प्रतिक्रियाएँ और विवाद को जन्म दिया। कई लोगों ने उनके साहस की प्रशंसा की, जबकि अन्य ने उनके कार्यों को निंदनीय बताया।

इस्लाम के प्रति उनकी आलोचना और कुरान जलाने की घटना ने उन्हें इस्लामी कट्टरपंथियों का लक्ष्य बना दिया। उनके खिलाफ ‘सर तन से जुदा’ जैसे नारे लगाए गए, जो इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा मौत की धमकी को दर्शाता है।

मोमिका की विवादास्पद गतिविधियां और उनके बोल्ड कदमों ने उन्हें विश्वभर में चर्चित कर दिया, लेकिन इसने उनके जीवन को भी खतरे में डाल दिया। उनकी मृत्यु ने इस विवाद को और भी गहरा कर दिया है, जिससे वैश्विक समुदाय में धार्मिक स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की आज़ादी के मुद्दों पर नए सिरे से बहस छिड़ गई है।

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