राष्ट्रीय पराक्रम दिवस (पराक्रम दिवस कब मनाया गया, पराक्रम दिवस क्या है, पराक्रम दिवस कब मनाया जाता है, पराक्रम दिवस क्यू मनाया जाता है,) Parakram Diwas in Hindi (Essay Speech,birth anniversary )
आज की युवा पीढ़ी को भले ही आजादी के महत्व से अनभिज्ञ है, परंतु जिन महान सपूतों ने भारत की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी, उन्हें यह अच्छे से पता था कि स्वराज क्या होता है और देश की आजादी का क्या मतलब होता है। ऐसे अनेक वीर हमारे देश में पैदा हो चुके हैं जिन्होंने भारत माता को गुलामी की बेड़ियों से आजाद करवाने के लिए अपना तन मन धन समर्पित कर दिया।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस भी ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने भारत माता को अंग्रेजों की गुलामी से आजाद करवाने के लिए आजाद हिंद फौज की स्थापना की थी। इसके अलावा कई क्रांतिकारियों की सहायता भी की थी। अतः नेताजी सुभाष चंद्र बोस की याद में ही पराक्रम दिवस को मनाने की घोषणा गवर्नमेंट ने की है। ऐसे में आइए जान लेते हैं कि पराक्रम दिवस क्या है।
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राष्ट्रीय पराक्रम दिवस
दिवस: | राष्ट्रीय पराक्रम दिवस |
घोष्णाकर्ता : | पीएम नरेंद्र मोदी |
तारीख: | 23 जनवरी |
संबंध: | नेताजी सुभाष चंद्र बोस |
उद्देश्य: | सुभाष चंद्र बोस को याद करना |
साल: | 2023 |
पराक्रम दिवस क्या है?
जैसा कि आप जानते हैं कि हर साल 23 जनवरी का दिन ही वह दिन होता है, जब भारत माता के वीर सपूत नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को पूरे भारत वर्ष में हर्षोल्लास के साथ सेलिब्रेट किया जाता है। सरकार ने यही दिन पराक्रम दिवस को मनाने के लिए चयनित किया।
इस प्रकार से 23 जनवरी के दिन को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के अलावा पराक्रम दिवस कहकर भी अब बुलाया जाने लगा है, तो अगर आप से कोई यह सवाल करें कि पराक्रम दिवस कब आता है तो आप उसे जवाब दे सकते हैं कि पराक्रम दिवस 23 जनवरी को आता है।
इस दिन नेता जी की जयंती भी सेलिब्रेट की जाती है। नेताजी ही वह व्यक्ति हैं जिन्होंने भारत के लोगों में देशभक्ति का जज्बा भरा था और “तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा” का नारा दिया था।
पराक्रम दिवस क्यों मनाया जाता है?
लोगों को नेताजी सुभाष चंद्र बोस के द्वारा किए गए देश भक्ति से संबंधित कामों के बारे में जानकारी हासिल हो, साथ ही लोग नेताजी सुभाष चंद्र बोस को कभी भी भुला ना सके और लोग उन्हें सम्मान कि निगाहों से देखें इसी बात को देखते हुए गवर्नमेंट ने 23 जनवरी के दिन को पराक्रम दिवस के तहत मनाने की घोषणा की है ताकि भारत के युवा वर्ग को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जिंदगी से प्रेरणा मिले और उनके अंदर भी देशभक्ति की भावना का जागरण हो।
अब तक हर साल 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जन्म जयंती आती थी और इसे सामान्य जन्म जयंती के तौर पर ही मनाया जाता था। परंतु गवर्नमेंट ने नेताजी को सम्मान देने के लिए इस दिन को पराक्रम दिवस घोषित कर दिया। इस प्रकार नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जन्म जयंती को पराक्रम दिवस के नाम से भी अब जाना जाएगा।
पराक्रम दिवस को मनाने की घोषणा किसने की?
बता दें कि, वर्तमान के समय में पश्चिम बंगाल राज्य में तृणमूल कांग्रेस की पार्टी की सरकार चल रही है जिसकी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी है। इसी पार्टी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जन्म जयंती को देशनायक दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा की है, वही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 23 जनवरी साल 2021 में नेताजी की जन्म जयंती पर अपने बयान में इस बात को कहा है कि साल 2022 से इस दिन को पराक्रम दिवस के तहत ही सेलिब्रेट किया जाएगा
इस दिन प्रधानमंत्री जी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस को लेकर के एक ट्वीट भी किया था। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा था कि “भारत माता के सच्चे सपूत और आजाद हिंद फौज के संस्थापक नेताजी सुभाष चंद्र बोस को मैं दिल से नमन करता हूं।”
पराक्रम दिवस कैसे मनाया जाता है?
बता दें कि जिस प्रकार पहले नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जन्म जयंती मनाई जाती थी, उसी प्रकार आगे भी इनकी जन्म जयंती मनाई जाएगी। बस फर्क यह रहेगा कि अब उनकी जन्म जयंती को पराक्रम दिवस का नाम दे दिया गया है। इसलिए अब जब कोई नेता, नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जन्म जयंती पर बधाई देगा तो वह पराक्रम दिवस का इस्तेमाल करेगा।
इस दिन विद्यालय में विद्यार्थियों के द्वारा नाटक का आयोजन किया जाता है, साथ ही कॉलेज और यूनिवर्सिटी में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जिंदगी के ऊपर आधारित लेक्चर भी आयोजित होते हैं, जिसमें विद्यार्थी नेताजी सुभाष चंद्र बोस पर अपने-अपने मत प्रकट करते हैं।
इस दिन नेताजी सुभाष चंद्र बोस के चाहने वाले मीटिंग का आयोजन भी करते हैं और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के द्वारा देश हित में किए गए कामों को लोगों को बताते हैं और उनकी जिंदगी से प्रेरणा लेते हैं।
पराक्रम दिवस से संबंधित बातें :-
1: अब से हर साल 23 जनवरी को पराक्रम दिवस मनाया जाएगा।
2: पराक्रम दिवस नेताजी सुभाष चंद्र बोस की याद में मनाया जाता है।
3: पराक्रम दिवस को मनाने की घोषणा नरेंद्र मोदी जी ने की है।
4: नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जन्म जयंती को पराक्रम दिवस के तहत मनाने की घोषणा 23 जनवरी साल 2021 में की गई।
5: पराक्रम दिवस को सुभाष चंद्र बोस की जन्म जयंती भी कहा जाता है।
6: पराक्रम दिवस को शौर्य दिवस भी कहा जाता है।
7: ममता बनर्जी ने पराक्रम दिवस को देशनायक दिवस के नाम से मनाने की घोषणा की थी
FAQ:
Ans: देश के वर्तमान प्रधानमंत्री श्रीमान नरेंद्र मोदी जी ने वर्ष 2021 में 23 जनवरी के दिन नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जन्म जयंती को पराक्रम दिवस के तहत मनाने की घोषणा की।
Ans: नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जन्म जयंती को
Ans: 23 जनवरी
Ans: तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा
Ans: नेता जी को सम्मान देने के लिए और उनकी याद में
Ans: पराक्रम का मतलब होता है शौर्य। इस प्रकार पराक्रम दिवस को शौर्य दिवस भी कह कर बुलाया जा सकता है।
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