Pramod Yadav Murder Case 2024: बीजेपी नेता प्रमोद यादव की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या, पिता की मौत के 44 साल बाद फिर इतिहास दोहराया

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जौनपुर जिले में चौंकाने वाली घटना उजागर हुई है। यहाँ एक भाजपा नेता का गोली लगने से निधन हो गया है। इस वारदात से सभी में हलचल मच गई है। पुलिस ने घटनास्थल पर पहुँच कर जाँच प्रारम्भ की है।

Pramod Yadav Murder Case 2024: बीजेपी नेता प्रमोद यादव की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या, पिता की मौत के 44 साल बाद फिर इतिहास दोहराया

BJP Leader Pramod Yadav Murder Case 2024

विवरणजानकारी
पूरा नामप्रमोद यादव
जन्मस्थानबोधापुर गांव, जौनपुर जिला, उत्तर प्रदेश
पेशाराजनीतिज्ञ
राजनीतिक पार्टीभारतीय जनता पार्टी (BJP)
पदभाजपा किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष (पूर्व), जिला मंत्री
चुनावी इतिहास2012 में मल्हनी विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी (नामांकन निरस्त)
विशेष योगदानकिसानों के हित में कार्य
पारिवारिक पृष्ठभूमिपिता: राजबली यादव, जनसंघ से जुड़े थे
निधन7 मार्च 2024

बीजेपी नेता प्रमोद यादव हत्या न्यूज़

उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले की एक खबर से सभी चौंक गए हैं। बोधापुर गांव के रहने वाले और भाजपा किसान मोर्चा के पहले जिलाध्यक्ष प्रमोद यादव (55) की गोली लगने से मौत हो गई। वे हाल ही में भाजपा के जिला महामंत्री बने थे। इस खबर से इलाके में हलचल मच गई और घटनास्थल पर अफरा-तफरी का माहौल था। इस घटना के बारे में सुनते ही पुलिस विभाग में हड़बड़ी मच गई। पुलिस ने तुरंत घटनास्थल की ओर रुख किया और जांच शुरू कर दी। वहां पर बहुत सारे पुलिस वाले तैनात किए गए हैं।

कौन थे प्रमोद यादव

प्रमोद यादव ने राजनीति में अपना एक विशेष स्थान बनाया था। वह जौनपुर जिले के बोधापुर गांव के रहने वाले थे और भाजपा के महत्वपूर्ण नेता के रूप में जाने जाते थे। 2012 के विधानसभा चुनाव में, उन्हें भाजपा ने मल्हनी से प्रत्याशी के रूप में उतारा था, लेकिन दस्तावेजों में कमी के कारण उनका नामांकन रद्द कर दिया गया। प्रमोद यादव ने अपने राजनीतिक करियर में कई उल्लेखनीय कार्य किए थे। वह भाजपा किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष के पद पर भी कार्यरत रहे। उनके कार्यकाल में किसानों के हित में कई पहल की गईं। उनका जीवन और करियर उनके समर्पण और निष्ठा को दर्शाता है।

प्रमोद की राजनीतिक यात्रा में उनके पिता राजबली यादव का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। राजबली यादव, जो कि जनसंघ के समय से ही राजनीति में सक्रिय थे, ने प्रमोद को राजनीति के प्रति प्रेरित किया। वे पांच दशक पहले जनसंघ के टिकट पर रारी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ चुके थे। भाजपा नेता प्रमोद यादव जौनपुर जिले के बोधापुर गांव के निवासी थे। 2012 में, भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें मल्हनी विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया था। हालांकि, कुछ जरूरी दस्तावेजों के अभाव में उनका नामांकन निर्वाचन अधिकारी द्वारा खारिज कर दिया गया था।

अपूर्णीय क्षति

प्रमोद यादव की असामयिक मृत्यु ने न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे राजनीतिक समुदाय को भी गहरा झटका दिया है। उनकी मृत्यु के पीछे के कारणों की जांच पुलिस द्वारा की जा रही है। प्रमोद यादव अपने पीछे एक ऐसी विरासत छोड़ गए हैं जिसे उनके समर्थक और परिवार के सदस्य हमेशा याद रखेंगे।

जौनपुर में भाजपा नेता की गोली मारकर हत्या

जौनपुर में एक घटना ने सबको हैरान कर दिया। गुरुवार की सुबह, प्रमोद यादव नाम के एक व्यक्ति पर जब वे अपने घर के बाहर थे, कुछ अनजान लोगों ने गोली चला दी। उन पर तीन गोलियां चलाई गईं और फिर हमलावर वहां से एक बाइक पर भाग निकले। प्रमोद को जिला अस्पताल ले जाया जा रहा था, पर रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। पुलिस ने मौके से बदमाशों की बाइक को जब्त कर लिया और जांच में लग गई है। घटनास्थल पर पुलिस अधीक्षक डॉ. अजय पाल शर्मा समेत पुलिस की टीम पहुंची है। वे स्थानीय लोगों और परिवार के सदस्यों से बातचीत कर घटना के हर पहलू पर गौर कर रहे हैं।

जौनपुर में भाजपा नेता की मौत पर चर्चा

प्रमोद यादव, जो भाजपा किसान मोर्चा के पहले जिलाध्यक्ष रह चुके हैं, ने 2012 में मल्हनी से भाजपा के टिकट पर दो बार विधानसभा के चुनाव में हिस्सा लिया था। उनकी मौत की खबर सुनकर, भाजपा के कई नेता और समर्थक मौके पर जमा हो गए हैं। इस घटना को लेकर लोगों में विभिन्न प्रकार की बातें हो रही हैं।

प्रमोद यादव के पिता की भी हुई थी हत्या

1980 में, प्रमोद यादव के पिता, राजबली यादव की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। राजबली जनसंघ के सदस्य थे। उस शाम, जब हल्की बारिश हो रही थी, वह एक दोस्त के साथ शहर से मूरकटवा गए थे। वहां से वे अपनी बाइक छोड़कर पैदल घर की ओर जा रहे थे, तभी एक घात लगाए हुए बदमाश ने उन पर गोली चला दी। राजबली ने एक बार जनसंघ के टिकट पर रारी विधानसभा से चुनाव भी लड़ा था, लेकिन वह चुनाव हार गए थे।

भाजपा नेता की गाड़ी रोककर हत्या

नगर के पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार के मुताबिक, बोधापुर के रहने वाले और भाजपा के जिला मंत्री प्रमोद कुमार यादव अपने काम के लिए हर सुबह जिला मुख्यालय जाते थे। आज सुबह लगभग 10 बजे जब वह अपनी स्कॉर्पियो गाड़ी से बोधापुर गांव से निकले और गांव के मोड़ पर पहुंचे, तब दो मोटरसाइकिल सवार बदमाशों ने शादी के कार्ड देने के बहाने इशारा करके उनकी गाड़ी रोकी। प्रमोद जब गाड़ी का शीशा खोल रहे थे, उसी समय एक बदमाश ने पिस्तौल निकाली और उन पर चार गोलियां चला दीं। बाद में, घायल प्रमोद को गांव के लोग फौरन जिला अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

प्रमोद यादव को चुनावी मैदान में उतारने में धनंजय सिंह की भूमिका?

कहा जा रहा है कि 2012 के विधानसभा चुनाव के लिए प्रमोद यादव को भाजपा का उम्मीदवार बनाने में पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने महत्वपूर्ण योगदान दिया था। पांच साल पहले, पार्टी ने प्रमोद को भारतीय किसान मोर्चा का जिलाध्यक्ष भी बनाया था। अभी, प्रमोद यादव भाजपा के जिला मंत्री के पद पर कार्यरत थे। उनके पिता, राजबली यादव को जनसंघ के पुराने सदस्यों में गिना जाता है। पांच दशक पहले, राजबली ने जनसंघ के टिकट पर रारी विधानसभा से चुनाव लड़ा था, हालांकि उस समय उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

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