ऑक्सीजन क्या है, निबंध, कैसे बनती है, लेवल कैसे बढ़ाएं | Oxygen Essay in Hindi, Machinery

ऑक्सीजन क्या है, निबंध, कैसे बनती हैबनाने की विधि, प्लांट कैसे लगायें, लेवल कैसे बढ़ाएं, बढ़ाने के उपाय कांसेंट्रेटर, मशीन, सिलिंडर, उपयोग [Oxygen Essay in Hindi] (MachineryMeaningConcentratorCylinder, PriceLevel)  

प्राणवायु के रूप में मनुष्य जीवन के लिए सबसे अहम जो चीज है वह है ऑक्सीजन। ऑक्सीजन जिसके बिना 1 मिनट भी सांस लेना इंसान के लिए नामुमकिन है। प्रकृति की एक ऐसी अमूल्य वस्तु जो इंसान को जीवित रखने के लिए अनिवार्य है यह ऑक्सीजन है। बिना भोजन और पानी के भले ही इंसान कुछ समय तक सांस ले सकता है लेकिन बिना ऑक्सीजन के एक पल भी जीना पृथ्वी पर रहने वाले प्राणियों के लिए मुमकिन है ही नहीं। ऑक्सीजन को एक रासायनिक तत्व भी माना जाता है जो अपने आप में ही एक महत्वपूर्ण और सबसे अलग तत्व है। इस पूरे वातावरण में पांचवा भाग ऑक्सीजन का ही है एक ऐसा तत्व जो सभी तत्व के साथ मिलाया जा सकता है।

ऑक्सीजन क्या है (Oxygen Meaning)

मनुष्य के शरीर में दो तिहाई हिस्सा केवल ऑक्सीजन के तत्वों से ही मिलकर बना होता है। आमतौर पर सजीवों में ऑक्सीजन हाइड्रोजन कार्बन और अन्य तत्वों के साथ मिलाजुला तत्व मौजूद होता है। सरल भाषा में ऑक्सीजन की परिभाषा कुछ इस प्रकार है कि प्राणवायु के नाम से उल्लेखित यह कैसा तत्व है जिसका 21% भाग वायु में उपस्थित होता है। पृथ्वी का वायुमंडल विभिन्न गैसों का मिश्रण तो है लेकिन इसमें सबसे महत्वपूर्ण गैस ऑक्सीजन है।

ऑक्सीजन का सूत्र क्या है (Formula)

ऑक्सीजन वायुमंडल में पाई जाने वाली एक ऐसी गैस है जो पूरी तरह से गंध रहित और रंगहीन होती है। इसका रासायनिक सूत्र जो विज्ञानों द्वारा खोजा गया है वह O2 है। हालांकि प्रकृति में उपस्थित वायुमंडल के अंदर सबसे अधिक नाइट्रोजन गैस है। लेकिन सबसे अधिक महत्वपूर्ण केवल ऑक्सीजन ही है।

ऑक्सीजन का सूत्र – O2

ऑक्सीजन कंसंट्रेटर क्या है (Concentrator)

भारत देश में आई कोरोना की दूसरी लहर इनमें सबसे ज्यादा कमी ऑक्सीजन की दिखाई दी। ऑक्सीजन की कमी की वजह से हजारों लोग तड़प तड़प कर मर गए। इसी बीच ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की मांग बढ़ती हुई दिखाई दी। आखिरकार ऑक्सीजन कंसंट्रेटर होता क्या है चलिए हम बताते हैं.

ऑक्सीजन कंसंट्रेटर कोरोना की दूसरी लहर के बीच जीवन वरदान के रूप में लोगों के काम आने वाली एक पोर्टेबल मशीन है। जो ऑक्सीजन की कमी होने की वजह से तड़प रहे मरीजों को ऑक्सीजन थेरेपी देने के लिए काम आती है। एक ऐसी मशीन जिसे कहीं पर भी आसानी से लाया ले जाया जा सकता है। बिना बिजली और बैटरी के इसका उपयोग आसानी से किया जा सकता है। यह एक ऐसी मशीन है जो हवा में मौजूद नाइट्रोजन और अन्य गैसों को अलग करती है तथा ऑक्सीजन को छानने का काम करती है। डॉक्टरी ऑक्सीजन बनाने के लिए यह एक बहुत ही अच्छी और छोटी मशीन है जिसे ऑक्सीजन गैस जनरेटर और ऑक्सीजन जनरेटर प्लांट के नाम से जाना जाता है।

ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के दाम (Concentrator Price)

कोरोना की दूसरी लहर ने इंसानों को ऑक्सीजन की कीमत अच्छी तरह समझा दी जब जिंदगी जीने के लिए ऑक्सीजन खरीदने की आवश्यकता पड़ी। फिलहाल देश में कई तरह के ऑक्सीजन कंसंट्रेटर तैयार कर लिए गए हैं जिनकी अलग-अलग कीमत इस प्रकार है।

ऑक्सीजन कंसेंट्रेटरकीमत
5 एलपीएम स्‍टेशनरी ऑक्‍सीजन कंसंट्रेटर 30,000 रूपये – 65,000 रुपये
8 एलपीएम स्‍टेशनरी ऑक्‍सीजन कंसंट्रेटर66,000 रुपये – 95,000 रुपये
10 एलपीएम स्‍टेशनरी ऑक्‍सीजन कंसंट्रेटर70,000 रुपये – 1.30 लाख रुपये 
पल्‍स फ्लो पोर्टेबल ऑक्‍सीजन कंसंट्रेटर  1.60 लाख रुपये – 2.25 लाख रुपये 

ऑक्सीजन सिलेंडर क्या हैं (Oxygen Cyclinder)

जिस प्रकार ऑक्सीजन कंसंट्रेटर एक छोटी पोर्टेबल मशीन है जिससे घरेलू इस्तेमाल के लिए भी उपयोग में लाया जा सकता है। उसी प्रकार ऑक्सीजन सिलेंडर आकार में बड़े और अस्पतालों के बड़े टैंकर में स्टोर किए जाते हैं। इन सिलेंडरों के जरिए अस्पताल की पाइप लाइन की मदद से ऑक्सीजन मरीजों को उनकी सहूलियत के लिए उनके बेड तक पहुंचाया जाता है।

ऑक्सीजन सिलेंडर की कीमत (Price)

ऑक्सीजन सिलिंडर की कीमत की बात करें, तो आपको बता दें कि ऑक्सीजन सिलिंडर विभिन्न साइज़ के आते हैं. इसलिए सभी सिलिंडर की कीमत अलग है. वैसे सबसे छोटा ऑक्सीजन गैस सिलिंडर 300 रूपये से लेकर सबसे बड़ा ऑक्सीजन गैस सिलिंडर 20 हजार से भी ऊपर का हो सकता है.

ऑक्सीजन मशीन (Machinery)

मरीजों को ऑक्सीजन देने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले साधन को ऑक्सीजन मशीन के रूप में देखा जाता है। जिन मरीजों को ऑक्सीजन की कमी की वजह से सांस जैसी समस्याओं से गुजरना पड़ता है उन्हें ऑक्सीजन मशीन के जरिए ऑक्सीजन देकर उनकी सांसों के प्रवाह को संतुलित किया जाता है।

ऑक्सीजन कैसे बनता है (बनाने की विधि) (Process)

आमतौर पर ऑक्सीजन बनाने की आवश्यकता होती नहीं है क्योंकि हमारे वायुमंडल में ऑक्सीजन पहले से मौजूद होता है लेकिन कई सारे तत्वों के बीच मैं से केवल ऑक्सीजन को निकाल कर एक सिलेंडर में भरना और एक मरीज तक पहुंचाने की क्या प्रक्रिया है इसके बारे में हम आपको बताते हैं।

भारत देश में बहुत से ऐसे बड़े बड़े प्लांट लगे हुए हैं जो प्राकृतिक हवा से नाइट्रोजन और ऑक्सीजन को अलग करते हैं।

●   ऑक्सीजन बनाने की प्रक्रिया को ऑक्सीजन गैस क्रायोजेनिक डिस्टलेशन प्रोसेस कहा जाता है।

●   प्रकृति की हवा को कंप्रेशर के जरिए मशीनों में डाला जाता है जिसमें भारी दबाव डालकर हवा में से धूल और मिट्टी के कणों को हटाया जाता है।

●   जब हवा शुद्ध हो जाती है तब उस कंप्रेस हवा को मॉलिक्यूलर छलनी एडजॉर्बर की मदद से फिर से ट्रीट किया जाता है ताकि हवा में से पानी के कण, कार्बन डाइऑक्साइड और हाइड्रोकार्बन को अलग किया जा सके।

●   इस पूरी प्रक्रिया में कंप्रेस की गई हवा को डिस्टलेशन कॉलम में ले जाया जाता है जहां इस को पूरी तरह से ठंडा किया जाता है।

●   यह पूरी प्रक्रिया प्लेट्स एंड हीट एक्सचेंजर एंड एक्सपेंशन टरबाइन के जरिए पूरा किया जाता है।

●   जब हवा में से ऑक्सीजन अलग हो जाता है तब उसे 185 डिग्री सेंटीग्रेड तक पूरी तरह ठंडा किया जाता है जिससे उसे डिस्टिल्ड किया जाता है। डिस्टिल्ड की प्रक्रिया एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें पानी अथवा तरल को उबालकर उसकी भाप को कंडेंस करके जमा किया जाता है। इस प्रक्रिया को अलग-अलग चरणों में कई बार दोहराया जाता है।

●   डिस्टिल्ड प्रक्रिया के दौरान नाइट्रोजन ऑक्सीजन और आर्गन जैसी सभी गैसों को अलग अलग कर दिया जाता है।

●   इस पूरी प्रक्रिया के बाद लिक्विड ऑक्सीजन और गैस ऑक्सीजन दोनों तरह की ऑक्सीजन प्राप्त हो जाती है।

●   दोनों ही तरह की ऑक्सीजन को अलग-अलग सिलेंडर में भरकर मरीजों के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

ऑक्सीजन प्लांट कैसे लगायें

ऑक्सीजन कैसे बना कर तैयार की जाती है इसकी पूरी प्रक्रिया हम आपको पहले ही बता चुके हैं। अब यदि कोई व्यक्ति ऑक्सीजन प्लांट लगाना चाहता है और ऑक्सीजन का व्यवसाय प्रारंभ करना चाहता है तो उनको निम्नलिखित प्रक्रिया से गुजरना होगा।

बिजनेस लाइसेंस :-

सबसे पहले ऑक्सीजन व्यापार प्रारंभ करने के लिए बिजनेस लाइसेंस की आवश्यकता होती है। बिजनेस लाइसेंस प्राप्त करने के लिए कुछ दिशा निर्देश और नियम निर्धारित किए गए हैं जिनका पालन करना बेहद आवश्यक है अन्यथा राज्य स्तर पर आपको लाइसेंस प्राप्त नहीं हो सकेगा।

ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए स्थान :-

ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए आपको एक खुले स्थान की आवश्यकता होगी क्योंकि यह एक खतरनाक प्रक्रिया होती है इसलिए किसी भी भीड़-भाड़ इलाके में आप इस प्लांट को शुरू न करें।

वित्त की आवश्यकता :-

ऑक्सीजन बनाने का प्लांट बड़े पैमाने पर लगाया जाता है इसलिए इसमें अधिक पैसा इन्वेस्ट करने की भी आवश्यकता होती है। ऑक्सीजन का प्लांट काफी बड़ा होता है जिसे लगवाने के लिए आपको वित्त इकट्ठा करना आवश्यक है।

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ऑक्सीजन लेवल कैसे बढ़ाए (बढ़ाने के उपाय) (Level)

आमतौर पर मनुष्य का ऑक्सीजन लेवल 95 से 100 फ़ीसदी के बीच होना चाहिए। 95 से कम ऑक्सीजन लेवल यदि किसी का होता है तो समझ लीजिए कि किसी परेशानी का इशारा है। पल्स ऑक्सीमीटर पर ऑक्सीजन का लेवल 93 से 90 के बीच अगर आपको दिखा रहा है तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इसके अलावा हम आपको कुछ ऐसे उपाय भी बताने जा रहे हैं जिनकी मदद से आप घर बैठे ऑक्सीजन लेवल बढ़ा सकते हैं।

अपनी डाइट पर दें ध्यान :-

कोरोना के इस दौर में ऑक्सीजन लेवल का गिरना बहुत ज्यादा गलत है ऐसे में अपनी डाइट को मेंटेन करना बहुत ज्यादा जरूरी है। ऑक्सीजन लेवल को बनाए रखने और बढ़ाने के लिए आपको अपने दिल्ली आहार में हरी पत्तेदार सब्जियां खासतौर से पालक, दालें, बींस मीट अंडा और मछली जैसी चीजें भरपूर मात्रा में गाने चाहिए क्योंकि इन सभी खाद्य पदार्थों में भरपूर मात्रा में आयरन और ऑक्सीजन का लेवल बढ़ाने की क्षमता होती है।

नियमित रूप से करें व्यायाम :-

एक्सरसाइज आपको हमेशा स्वस्थ रखती है इसलिए ऑक्सीजन लेवल को बढ़ाने के लिए आप रोज 25 से 30 मिनट तक एक्सरसाइज जरूर करें इससे आपकी श्वसन क्षमता बढ़ती है और जवाब तेज गति से सांस लेने और छोड़ने वाली एक्सरसाइज करते हैं तो आपके फेफड़े दुरुस्त रहते हैं और आसानी से ऑक्सीजन को अधिक मात्रा में अपने अंदर वहन कर सकते हैं।

इनडोर प्लांट्स लगाएं :-

कुछ पेड़ पौधे ऐसे होते हैं जिन्हें हम घर के बाहर ही लगा सकते हैं परंतु कुछ पेड़ पौधे ऐसे होते हैं जो घर के अंदर भी लगाए जा सकते हैं जिससे हमारे घर की खूबसूरती तो बढ़ती है लेकिन ऑक्सीजन का लेवल भी बना रहता है। अपने ऑक्सीजन लेवल को बढ़ाने के लिए आप अपने घर में स्पाइडर, एलोवेरा, मनी प्लांट, स्नेक प्लांट और गैरबेरा जैसे पौधे लगा सकते हैं।

लिक्विड अपनाएं :-

तरल पदार्थ जो हमारे शरीर की अधिक से अधिक बीमारियों को हमारे शरीर से निकाल कर बाहर फेंक देते हैं। आपको यह पता होगा कि पानी का रासायनिक सूत्र H2O है इसका सीधा अर्थ है कि पानी के अंदर ऑक्सीजन पहले से मौजूद होता है इसलिए जब आप लगातार पानी का सेवन करते रहेंगे तो आपकी बॉडी हाइड्रेट रहती है और ऑक्सीजन के लेवल को बढ़ाने में सहायता मिलती है।

भले ही आज तक मनुष्य में ऑक्सीजन का महत्व ना समझा हो परंतु कोरोनावायरस में ऑक्सीजन के महत्व को अच्छी तरह से प्रत्येक मनुष्य को समझा दिया है। अच्छा रहेगा कि वक्त रहते हम आवश्यक वस्तुओं के महत्व को समझें और उनका उचित इस्तेमाल करें। प्रकृति में ऑक्सीजन के संतुलन को बनाए रखने के लिए अपने आसपास पेड़ पौधे अवश्य लगाएं।

FAQ

Q : क्या वायुमंडल में ऑक्सीजन गैस मौजूद होती है?

Ans : हां

Q : एक पेड़ हमें कितनी ऑक्सीजन देता है?

Ans : शोधकर्ताओं के अनुसार नए पेड़ पौधों से 10 लीटर तक ऑक्सीजन 24 घंटे में मिलती है।

Q : वायुमंडल में कौन सी गैस मौजूद हैं?

Ans : नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, आर्गन, कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य

Q : किन चीजों को खाने से बढ़ता है ऑक्सीजन लेवल?

Ans : हरी पत्तेदार सब्जियां, अनार, लहसुन, गोभी, फूल गोभी, अंकुरित अनाज आदि.

Q : स्वस्थ मनुष्य की बॉडी में ऑक्सीजन लेवल कितना होना चाहिए?

Ans : 95 से 100 के बीच

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