Lychee fruit seed juice health skin hair benefits side effects in hindi लीची एक मीठा फल है यह जब पूरी तरह से नहीं पके तो स्वाद इसका खट्टा भी होता है. ये गर्मियों के मौसम के अंत में और बरसात के शुरुआती सीजन में ही पाया जाता है. इसका बोटेनिकल नाम लीची चिनेंसिस है. लीची सोपबैरी परिवार से आता है. यह जीनस का सदस्य है. लीची मूलतः चीन में ज्यादा उत्पादित किया जाता है, इसके अलावा यह भारत, दक्षिण पूर्व एशिया, साउथ अफ्रीका, वियतनाम, ब्राजील, थाईलैंड, ऑस्ट्रेलिया और यूनाइटेड स्टेट में भी पाया जाता है क्योंकि इन देशों का मौसम और जलवायु इसकी खेती के लिए सबसे ज्यादा उपयुक्त है क्योंकि वहा की जलवायु उष्णकटिबंधीय होती है. लीची को कई तरह के नामों से बुलाया जाता है हिंदी में इसे लीची, तमिल में इसे विलाज़ी पज्हम, मलयालम में इसे लीची पज्हम नाम से पुकारा जाता है. यह अपने स्वाद की वजह से पुरे विश्व में काफी पसंद किया जाता है. चीन में लीची को रोमांस का प्रतीक भी माना जाता है.
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लीची फल, बीज, रस के फ़ायदे व नुकसान
भारत में इसकी खेती बिहार के मुज़फ्फरपुर में बहुतायत में होती है. बिहार, पश्चिम बंगाल और आसाम से ज्यादा लीची का उत्पादन करता है. लीची ने लोगों की पसंद की वजह से छोटे छोटे बजारों के साथ ही पुरे विश्व के सुपर मार्केट में भी अपनी जगह बना ली है. लीची की मांग जितनी अधिक है उसका उत्पादन उतना अधिक नहीं है क्योंकि यह हर मौसम में नहीं उगाया जा सकता है. इसके लिए भाभा अटॉमिक रिसर्च सेंटर (BARC) इस पर शोध कार्य कर रहे है ताकि विभिन्न समय में भी इसकी फ़सल उगाई जा सके.
लीची के प्रकार (Types of Lychee)
लीची के बहुत सारे प्रकार है, यह एक मोटे बीज वाला फल है. लीची का फल देखने में स्ट्रोबरी के फल जैसा दिखता है. इसके ऊपर की परत हरी होती है, और पूरी तरह से पक जाने के बाद यह हल्के लाल और गुलाबी रंगत लिए होते है. उसके अंदर मरून या भूरे रंग का एक बीज होता है, बीज के ऊपर इसके गुदे होते है जिसका सेवन किया जाता है. किसी किसी नस्ल में इसके पतले बीज भी पाए जाते है. भारत में इसे विभिन्न नामों से बुलाया जाता है जिसमे शामिल है शाही, देहरादून, बड़े और लाल लीची, कलकतिया, गुलाब जैसी सुगन्धित लीची. इनमे से सबसे ज्यादा पसंद होने वाली लीची के प्रकारों में शाही लीची सबसे ज्यादा पसंद की जाती है, क्योंकि उसके अंदर गुदे या पल्प बहुत ज्यादा पाए जाते है और लीची की अपेक्षा यह स्वादिष्ट भी ज्यादा होता है. चीन में यह सबसे अधिक विकसित है जिनके प्रकारों में शामिल है- संयुएहोंग, बैला, दज़ु, हेइए, नुओमिची, गुइवेइ, लंज्हू, चेंजि और शुइदोंग आदि.
लीची का इतिहास (Litchi history)
लीची की खेती की शुरुआत का इतिहास दक्षिण चीन में 1059 ईस्वी में मलेशिया और उत्तरी वियतमान में पाया गया है, और अनौपचारिक रूप से 2000 बी सी में इसके चाइना में पाए जाने की घोषणा हुई. चीन के सम्राट जुआंग ज़ोंग का लीची पसंदीदा फल था राजा के पास यह फल जल्दी से पहुचाने के लिए घोड़ों का इस्तेमाल होता था, क्योंकि यह सिर्फ़ दक्षिण चीन में ही उगाया जाता था. लीची को वैज्ञानिक तरीके से पिअर सोंनेरत द्वारा 1748 से 1814 में अपनी यात्रा से लौटने के बाद वर्णित किया. बाद में मेडागास्कर ने इसको प्रमुख रूप से वर्णित किया. लीची का पेड़ 30 से 40 फिट तक लम्बा हो सकता है. अब इसको उन्नत तरीके से गमलों में भी लगाया जाता है जो सजावट के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके पते लम्बे और नुकीले होते है फल लगने से पहले इसमें मंजर लगते है. फल एक साथ 8 से 10 तक संख्या में लगते है.
लीची में पाए जाने वाले पोषक तत्व (Lychee fruit nutrition facts)
प्रति 100 ग्राम पर
सिध्दांत | पोषक तत्व | पोषक तत्व का %
RDA |
एनर्जी | 66 किलो ग्राम कैलोरी | 3.3% |
कार्बोहाइड्रेट | 16.53 ग्राम | 12.7 % |
प्रोटीन | 0.83 ग्राम | 3.3% |
कुल शामिल फैट | 0.44 ग्राम | 1.5% |
कोलेस्ट्रोल | 0 मिली ग्राम | 2% |
फाइबर | 1.3 ग्राम | 0% |
फोलेतेस | 14 माइक्रो ग्राम | 3.5% |
नियासिन | 0.603 मिली ग्राम | 3.5% |
कोलिने | 7.1% मिली ग्राम | 1% |
प्य्रिदोक्सिने | 0.100 मिली ग्राम | 9% |
रिबोफ्लाविन | 0.065 मिली ग्राम | 3.5% |
थायमिन | 0.011 मिली ग्राम | 1% |
विटामिन सी | 71.5 मिली ग्राम | 119% |
विटामिन इ | 0.07 मिली ग्राम | 0.5% |
विटामिन के | 0.4 माइक्रो ग्राम | 0.3 % |
इलेक्ट्रोलाइट्स | ||
सोडियम | 1 मिली ग्राम | 0% |
पोटैशियम | 171 मिली ग्राम | 3.5% |
कैल्शियम | 5 मिली ग्राम | 0.5% |
कॉपर | 0.148 मिली ग्राम | 16% |
आयरन | 0.31 मिली ग्राम | 4% |
मैग्नेशियम | 10 मिली ग्राम | 2.5% |
मैंगनीज | 0.055 मिली ग्राम | 2.5% |
फोस्फोरस | 31 मिली ग्राम | 4.5% |
सेलेनियम | 0.6 | 1% |
जिंक | 0.07 मिली ग्राम | 0.5% |
लीची से फ़ायदा (Lychee benefits in hindi)
लीची को खाने से बहुत सारे फ़ायदे मिलते है. जिसे नीचे दर्शाया गया है-
लीची स्वास्थ्य के लिए लाभदायक (Litchi fruit Benefits for health)
कैंसर से लड़ने में सहायक :
लीची में ऐसे कई तत्व मौजूद होते है जो मनुष्य को कैंसर से बचने में सहायता करते है. लीची में फ्लेवोनॉयडस पाए जाते हैं जो कैंसर से लड़ने में सहायक होते है. लीची में ब्रेस्ट कैंसर से लड़ने की क्षमता अधिक होती है.
पेट के लिए लाभकारी :
पेट में दर्द एवं कब्ज़ जैसी समस्यओं में लीची का सेवन अत्यंत लाभकारी होता है. पेट को साफ करने के अलावा यह पेट की जलन से भी बचाता है. भोजन के बाद लीची का सेवन करने से यह भोजन को पचाने में सहायता कराती है.
मजबूत इम्युनिटी :
लीची में बहुत अधिक मात्रा में पाया जाने वाला विटमिन सी रक्त कोशिकाओ के निर्माण में एवं लोह तत्वों के अवशोषण में भी मदद करता है, जोकि इम्युनिटी सिस्टम को बनाये रखने के लिए अत्यधिक आवश्यक है.
ह्रदय रोगों में लाभदयक :
अगर आप ह्रदय संबंधित किसी भी रोग से ग्रस्त है तो लीची का सेवन आपके लिए अत्यंत लाभकारी है. लीची में मौजूद पोटेशियम आपको ह्रदय रोगों से बचाता है. यह ह्रदय की गति की अनियमितता को भी ठीक करता है.
भरपूर ऊर्जा का स्त्रोत :
अगर गर्मी के मौसम में आपको बहुत थकान या कमजोरी महसूस होती है तो लीची आपको बहुत फायदा करेगी. लीची में नियासिन नामक तत्व मौजूद होता है जो हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन का निर्माण करता है, जिससे हमारे शरीर को ऊर्जा मिलती है और थकान एवं कमोजोरी दूर होती है.
वजन कम करने में सहायक :
लीची ओलिगोनोल नामक एक तत्व पाया जाता है जो हमारे शरीर से अत्यधिक वसा को कम करने के साथ साथ सूर्य की हानिकारक किरणों से भी हमारी रक्षा करता है. यह हमारे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को भी सही रखता है.
- लीची में कैल्शियम, मैग्नेशियम, विटामिन सी और पोटैशियम की मात्रा पाई जाती है जो बड़ो के साथ ही बच्चों के लिए भी बहुत लाभ दायक है. लीची को खाने से बच्चों का शारीरिक विकास ठीक तरह से होता है. इसमें मिनरल्स भी बहुत मात्रा में होते है, मिनरल्स की वजह से दांत और हड्डियाँ मजबूत होती है.
- यह त्वचा में होने वाली एलर्जी से भी बचाने की क्षमता रखता है. साथ ही शरीर में होने वाली कमज़ोरी से बचाता है.
- पाईल्स के रोगियों के लिए भी लीची खाना अच्छा होता है क्योंकि यह पेट में जमे हुए टोक्सिन को निकाल कर पेट को साफ़ रखता है, जिस वजह से कब्ज जैसी परेशानी नहीं होती. लीची मीठा लगता है, जिसको खाने के बाद मीठा खाने की चाहत कम हो जाती है.
- लीची में कैलोरी की मात्रा कम होती है जिससे हमारे शरीर का मोटापा नहीं बढ़ सकता इसलिए इसको खाना लाभदायक होता है. यह पाचन शक्ति को भी बढ़ाता है.
- इसमें पोटैशियम की मात्रा होने से यह ब्लड प्रेसर को भी नियंत्रित करता है. यह कैंसर जैसी घातक बीमारी से बचाव करने की क्षमता रखता है.
- इन्फेक्शन से होने वाली बीमारियों सर्दी, खासी से भी बचाने में सहायक होता है. पानी की कमी को शरीर में नहीं होने देता. वैसे तो मधुमेह के रोगियों को मीठे फल का सेवन कम करना चाहिए लेकिन लीची मधुमेह के रोगी भी खा सकते है.
लीची त्वचा के लिए लाभदायक (Lychee fruit Benefits for skin)
लीची में विटामिन बी कॉम्प्लेक्स, विटामिन ए और विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है जिसकी वजह से ये त्वचा के लिए विशेष तरह से लाभदायक है. यह त्वचा को चमकदार और दाग़ धब्बों रहित बनाने में मदद करता है. इसके अलावा इसके त्वचा के लिए फायदे और भी हैं –
उम्र के बढ़ते असर को रोके :
असमय त्वचा पर अगर झुरिया पड़ रही हो तो लीची का उपयोग इसको रोकने में सहायक हो सकता है. इसके लिए आप घर पर ही इसका फेस पैक बना सकते है. इसके लिए 4 से 5 लीची के पल्प निकाल कर और एक केले का छोटा सा टुकड़ा दोनों को मिक्स कर अच्छे से मसल ले और अपने त्वचा के ऊपर लगा कर उसको गोल घुमाते हुए मसाज करे और फिर 15 मिनट बाद इसे सादे पानी से धो दे. लीची में बहुत सारे एंटीओक्सिडेंट पाए जाते है जो ख़राब त्वचा की परत को हटाकर नई त्वचा का विकास करते है जिससे त्वचा में नई जान आ जाती है.
चेहरे पर पड़ी झाइयो को हटाये :
किसी भी सुंदर चेहरे पर अगर दाग़ दिखने लगे तो यह दिखने में अच्छे नहीं लगते है. इसलिए इससे बचने के लिए लीची के जूस का इस्तेमाल किया जा सकता है. 4 से 5 लीची का बीज निकाल कर उसका रस निकाल ले और रुई की सहायता से इसे झाइयों और दाग़ वाले स्थान पर लगाये, फिर 15 मिनट तक लगा कर रखने के बाद इसे धो दे. ये करने से जल्द ही चेहरे के दाग़ के हटने में राहत मिलेगी.
धूप से बचाय :
धूप की वजह से जो चेहरे पर कालापन आ जाता है उन्हें लीची के जूस को लगा कर दूर किया जा सकता है. इसके लिए लीची के जूस में विटामिन इ के कैप्सूल को काट कर उसके लिक्विड को मिला कर इसे कालेपन वाले जगह पर लगाये और फिर 30 मिनट बाद ठंढे पानी से धो दे. लीची धूप से जली या काली पड़ी हुई त्वचा के लिये इसलिए लाभदायक है क्योंकि इसमें विटामिन सी पाया जाता है और उसमे विटामिन इ के कैप्सूल को मिलाकर लगाने से त्वचा में नई जान आ जाती है.
लीची बालों के लिए लाभदायक (Litchi fruit Benefits for hair)
लीची बालों के लिए भी लाभकारी है. लीची को खाने के साथ ही अगर बालों में भी लगया जाए तो यह बहुत लाभदायक होगा. बालों को झड़ने से रोकने में सहायक : प्रदुषण की वजह से और ज्यादा चिंता करने की वजह से हमारे बाल झड़ने लगतें है. लीची का इस्तेमाल कर हम इस समस्या से बच सकते है. इसके लिए 7 से 8 लीची का जूस और 2 चम्मच एलोवेरा जेल को एक कटोरे में अच्छे से मिलाकर इसको बालों की जड़ों पर हल्के हाथों से मसाज करे, फिर 1 घंटे बाद इसे माइल्ड शैम्पू से धो कर सुखा ले. इस पैक को लगाने से लाभ ये होगा कि जो बाल ज्यादा कड़े और बेजान से दिखते है वो मुलायम और नरम दिखने लगेंगे, क्योकि लीची में फ़ोलिक एसिड की मात्रा रहती है जो बालों को नरम करती है. जिस वजह से बेजान बाल भी चमकदार बन जाते है.
लीची से नुकसान (Litchi fruit side effects)
लीची एक बेहद स्वादिष्ट एवं लाभकारी फल है. गर्मियों में इसका सेवन कर आप अपने शरीर को कई तरह से लाभ पंहुचा सकते है, परन्तु इसका सेवन सीमित मात्रा में ही लाभकारी है. एक स्वस्थ व्यक्ति को एक दिन में 10 से अधिक लीची का सेवन नहीं करना चाहिए. किसी भी चीज़ की अति नुकसानदायक ही होती है. लीची गुणों से भरपूर है परन्तु इसके अधिक सेवन से सिरदर्द एवं नकसीर की समस्या हो सकती है. लीची में शुगर की मात्रा बहुत अधिक होती है, इसलिए मधुमेह से पीड़ित लोगो को इसका सेवन नहीं करना चाहिए.
- लीची के ज्यादा सेवन से सिर दर्द, सांस लेने में कठिनाई जैसी समस्यां हो सकती है.
- लीची को मौसम के शुरुआत में खाना चाहिए नहीं तो ज्यादा समय बीत जाने पर इसमें कीड़े लग जाते है जो लाभ के बदले नुकसान पंहुचा सकते है.
- लीची को खाली पेट खाने से भी यह नुकसान पंहुचा सकता है.
लीची के बीज के फायदे (Liche seed benefits)
लीची के बीज के भी कई फायदे है इसलिए लीची खाने के बाद बीज फेंकने की बजाय सम्भाल कर रखें. अगर आपके शरीर में कही भी सूजन है तो लीची के बीज को पीस कर उसका लेप लगाने से सूजन एवं दर्द दोनों में राहत मिलती है. लीची के बीज का पाउडर चाय में मिला कर पीने से पाचन सम्बन्धी विकार दूर होते है. लीची के पेड़ की जड़ चेचक रोग के लिए अत्यंत लाभकारी है.
- लीची को कुछ लोग सुखा कर भी इस्तेमाल करते है. इसके बीजों को सुखे हुये फल की सूची में रखा जाता है.
- इसके बीज का इस्तेमाल दवा को बनाने में भी किया जाता है. लीची के बीज को खाने से लाभ के साथ नुकसान भी है. हीलियम वेबसाइट ने यह कहा है कि खाने में इसका स्वाद खराब लगने के साथ ही यह पाचन क्रिया को भी प्रभावित कर देता है.
- लीची के बीज में बहुत सारे मिनरल्स, विटामिन पाए जाते है, जो शरीर को लाभ पहुँचाने के लिए सहायक है.
लीची जूस या पत्ते का फ़ायदा (Litchi juice benefits)
- लीची का जूस गर्मियों से बचने में बहुत राहत देता है, इसके ताजे गुदों से रस या जूस निकाल कर पीया जाता है.
- आजकल जूस बाजारों में पैक होकर भी आने लगे है. जो कभी भी किसी भी समय आसानी से मिल सकते है. लीची का जूस हम घर पर भी आसानी से बना सकते है.
- लीची का जूस पीने से प्यास कम लगती है. कभी भी जूस को खाली पेट न पीये.
- लीची को सुखा कर भी प्रयोग किया जाता है. सुखी हुई लीची में कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है.
लीची का सेवन कैसे करें (How to eat Litchi fruit)
लीची को कई तरीकों से खा सकते है. इसको सालाद के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते है. इसके छिलके को हटाकर और जो बीज होता है उसको निकाल कर उसके गुदे को ऐसे भी खा सकते है. इसका विभन्न तरह से शरबत के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है. लीची को ताजे रूप में खाना अधिक सेहतमंद होता है. लीची को जैम, जेली और सेक बना के भी खाया जा सकता है.
लीची को खाने से हुई मौत का विवाद (Lichee fruit diet side effects)
लीची के सेवन को लेकर बिहार में हुई मौत चर्चा का विषय बन चूका था, क्योंकि अचानक से बिहार में बच्चों को एक रहस्यमई बीमारी होने लगी थी. जिसमे अचानक से चक्कर आने लगता था और वो बेहोश होकर गिर पड़ते थे जिनमे से कुछ की मौत भी हो जाती थी.
इस बीमारी के ऊपर 2013 में यू. एस. सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC), अमेरिका और दिल्ली नेशनल सेन्टर फॉर डिजेज कण्ट्रोल (NCDC) और भारत के वैज्ञानिकों ने शोध किया, कि आखिर इसकी वजह क्या है. उस शोध में उन्होंने पाया कि अगर बच्चे सुबह में लीची को खाने के बाद दोपहर का खाना नहीं खा रहे है, तो उनके शरीर में ग्लूकोज की मात्रा कम हो जाती है. इसका मुख्य कारण लीची में मौजूद हेपोग्लिसिन ए और MCPG नामक रसायन का होना है जो प्राकृतिक रूप से ही लीची में पाया जाता है. जिसकी वजह से ग्लूकोज की मात्रा शरीर में बननी कम हो जाती है जिसके चलते बच्चे बेहोश हो जाते है और उनमे से कुछ की मृत्यु भी हो जाती है.
लीची को खाने से होने वाली मौत को राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र (NRCL) ने विज्ञान पत्रिका में छपी खबर लैंसेट ग्लोबल शोध के नतीजो को मानने से इंकार कर दिया है. उनका मानना है कि किसी भी तरह का फल हमें नुकसान नहीं पहुंचता है बस खाते वक्त इसकी मात्रा का ध्यान रखना चाहिए. इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च की तरफ से भी यही कहा गया है कि समस्या फलों को खाने से नहीं हो रही, बल्कि इसकी सेवन की मात्रा से हो रही है.
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