महाभारत में कीचक का वध कैसे हुआ
पांडवों के 13 साल के अग्यात्वास के दौरान वे अपने आप को कौरवों से छुपाने के लिए अपना भेष बदल कर विराटनगर में जाते है| पांडव और उनकी पत्नी द्रौपदी वहां सेवक की तरह रहते है| युधिस्ठिर राजा विराट के मंत्री कनक के रूप में कार्य करता है| अर्जुन ब्रिहन्नाला नाम के किन्नर के रूप में वहां की राजकुमारी उत्तरा को नृत्य सिखाता है| भीम राजा बल्लाव के रूप में खाना बनाने वाला होता है| वही नकुल भाम्ग्रंती के रूप में घुड़सवार और सहदेव तंत्रिपाल के रूप में चरवाहा होता है| पांडव पत्नी द्रोपदी, सैरंध्री(मालिनी) के रूप में वहां की रानी सुदेशना की दासी होती है|
स्त्री पर बुरी नजर विनाश का रास्ता हैं
कीचक विराटनगर का सेनापति और महारानी सुदेशना का भाई होता है| कीचक बहुत जिद्दी किस्म का आदमी था, वो जो चाहता था पाकर ही रहता था, उसने कभी अपनी ज़िन्दगी में ना नहीं सुना था| कीचक एक बहुत आकर्षित आदमी था, सभी राजकुमारियां उस पर मरती थी| कीचक एक बार अपनी बहन सुदेशना से मिलने उसके महल में गया, वहां उसने उसकी दासी मालिनी (द्रोपदी) को देखा| द्रोपदी के रंग रूप को देख कीचक पागल ही हो गया, वो अपनी सारी पत्नियों को भी भूल गया जो उसके साथ रहती है| कीचक ने मन में ठान लिया कि वो उसे पाकर ही रहेगा| कीचक यह बात अपनी बहन सुदेशना को बताता है और मालिनी को उसके पास भेजने को कहता है|
द्रोपदी कीचक के पास जाती है और मदिरा का पात्र देती है| कीचक उसे पीछे से पकड़ लेता है और बोलता है कि वो उसे अपनी रानी बनाना चाहता है| द्रोपदी अपने आप को छुड़ा कर गुस्से में कीचक से कहती है कि वो उससे दूर रहे अन्यथा उसके लिए अच्छा नहीं होगा| ऐसी आवाज सुन कर कीचक चकित हो जाता है और उसे शक होता है कि मालिनी एक मामूली दासी नहीं बल्कि किसी बड़े घराने से ताल्लुक रखती है| इसी दौरान दुर्योधन, शकुनी विराटनगर आते है और राजा विराट से मिलते है| वे राजा विराट से कहते है कि पांडव पिछले एक साल से उनके नगर में रह रहे है| तब राजा विराट बोलते है कि उन्हें इस बारे में नहीं पता और उन्होंने पांडव को शरण नहीं दी है| तब दुर्योधन राजा विराट को बोलता है कि अगर वो उसका साथ नहीं देंगे तो वो उन्हें मार डालेगा| दुर्योधन द्रोपदी के बारे में भी राजा विराट को बताता है वो बोलता है कि वो बहुत सुंदर और आकर्षित है| ये बातें कीचक सुन लेता है और वो समझ जाता है कि मालिनी ही द्रोपदी है| तब कीचक दुर्योधन के पास जा कर पांडवो को ढूँढने में उनकी मदद करने को कहता है, यह बात वो राजा विराट को भी नहीं बताता है|
कीचक (Keechak) जो कि जान चूका था द्रोपदी की सच्चाई, उसके पास जाकर उसे द्रोपदी नाम से बुलाता है , यह सुन द्रोपदी अचंभित हो जाती है| कीचक उसे धमकाने लगता है, वो उससे बोलता है कि वह रात को उसके कक्ष में आये नहीं तो द्रोपदी की सच्चाई वो सबको बता देगा| कीचक उससे बोलता है कि वैसे भी उसके 5 पति है 6 हो जाने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा| द्रोपदी कीचक की बातें सुन परेशान हो जाती है और पांडवो से मिलने जाती है| अर्जुन बोलता है कि कीचक को द्रोपदी के साथ साथ इस राज्य की भी लालसा है, वो राजा विराट की जगह खुद राजा बनना चाहता है| तब पांडव मिल कर कीचक को मारने की योजना बनाते है|
कीचक विराटनगर का राजा बनने की बात दुर्योधन और शकुनी को बताता है , वो उनसे बोलता है कि वे राजा विराज से युद्ध कर उसे और उसके बेटे उत्तर को मार डाले ताकि वो राजा बन जाये| बदले में वो पांडवो को खोज कर उनका अग्यात्वास तोड़ने का वादा करता है| दुर्योधन उसकी बात मन जाता है| कीचक के जाने के बाद शकुनी दुर्योधन को समझाता है कि कीचक का वध (keechak vadh mahabharat ) भीम आज ही कर देगा| वो उसे बोलता है कि द्रोपदी का अपमान पांडव कभी सहन नहीं कर सकते| शकुनी दुर्योधन को बोलता है कि आज जब भीम कीचक का वध करेगा तब वहां के शोर से हम समझ जायेंगे कि युद्ध कहाँ हो रहा है और वहां जाकर भीम और बाकि पांडवो को पकड़ लेंगे| शकुनी को यह नहीं पता होता है कि अर्जुन के पास एक योजना होती है अपने अग्यात्वास को बचाने के लिए|
योजना अनुसार द्रोपदी कीचक को अपने कक्ष में बुलाती है| कीचक वहां आता है और द्रोपदी को लेटा हुआ देख उसके पास जाकर उसे पकड़ लेता है| वहां द्रोपदी के रूप में भीम होता है, भीम अपने बल से कीचक के हर अंग की बारी बारी से हड्डीयां तोड़ देता है| दोनों के बीच हो रहे शोर को छुपाने के लिए अर्जुन जो नाचने वाला होता है उसी समय तबले की थाप और घुंघरू से शोर करने करने लगता है जिस वजह से पूरे महल में सिर्फ वही आवाज होती है और दुर्योधन एवं शकुनी भीम तक नहीं पहुँच पाते है| भीम कीचक को इस तरह मारता है कि कोई भी उसे पहचान तक नहीं पता है|
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