जैसलमेर सिटी के दार्शनिक स्थल Jaisalmer Tourist Places Visit In Hindi
भारत के राजस्थान प्रदेश को एक रॉयल, राजघराना राज्य माना जाता है, यहाँ बड़े बड़े राजाओं के राजघराने है, बड़े बड़े किले जो आज भी लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते है. वहां का एक शहर है, जैसलमेर जहाँ राजस्थान का रंग देखने को मिलता है. राजस्थान का जैसलमेर शहर वहां की राजधानी जयपुर से 575 किलोमीटर दूर स्थित है. जैसलमेर को गोल्डन सिटी के नाम से भी जाना जाता है. विश्व की पुरानी धरोहर के रूप में जैसलमेर एक राज्य के नाम से प्रसिध्य हुआ करता था. यहाँ पीले से रंग की रेत पाई जाती है, यहाँ अनेकों किले, पैलेस एवं जैन समुदाय के मंदिर है. यहाँ बहुत से मंदिर, किले का निर्माण पत्थरों की नक्काशी करके बनाये गए है. जैसलमेर को भारत की महान थार मरुस्थल का दिल कहा जाता है. यह एक जिला है, जिसकी आबादी 78 हजार के आसपास होगी.
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जैसलमेर सिटी के दार्शनिक स्थल Jaisalmer Tourist Places Visit In Hindi
जैसलमेर इतिहास (Jaisalmer Rajasthan History) –
जैसलमेर का नाम महारावल जैसल सिंह के नाम पर पड़ा था. 1156 AD में इन्होने इस जगह का निर्माण किया था. 1156 से 1818 तक महारावल जैसल का यहाँ राज्य हुआ करता था, 1818 में इसे उनसे ब्रिटिश सेना ने छीन लिया था. जैसलमेर का मतलब है ‘जैसल के ऊँचे ऊँचे किले’ इसे गोल्डन सिटी इसलिए कहा जाता है, क्युंकी यहाँ की हर चीज का निर्माण पीली रेत और पीले बलुआ पत्थर से हुआ है. जिससे यह सिटी गोल्डन सी दिखाई पड़ती है.
जैसलमेर राजस्थान का सबसे बड़ा जिला है, और साथ ही, देश का सबसे बड़ा जिला है. यह पश्चिम से दक्षिण पश्चिम में पाकिस्तान की बॉर्डर तक फैला हुआ है. यहाँ पाकिस्तान की बॉर्डर 471 किलोमीटर लम्बी है.
जैसलमेर कैसे पहुंचें –
- एयरप्लेन के द्वारा (By Air) – जैसलमेर में एअरपोर्ट नहीं है. इधर से सबसे करीबी एअरपोर्ट जोधपुर में है, जो 294 किलोमीटर दूर है. यहाँ से बस, टैक्सी के द्वारा जैसलमेर पहुंचा जा सकता है. अभी सिविल एअरपोर्ट का निर्माण जैसलमेर में चालू है, कुछ दिनों में ये चालू हो जायेगा.
- ट्रेन के द्वारा (By Rail) – जैसलमेर से बीकानेर, लालगढ़, जोधपुर, अजमेर, पाली, जयपुर, अलवर, रेवारी, गुडगाँव, दिल्ली, गाजियाबाद, मुरादाबाद, काठगोदाम, काशीपुर और रामनगर शहरों की ट्रेन से डायरेक्ट कनेक्टिविटी है, जिसका आवागमन रोज यहाँ होता है. इसके अलावा सप्ताह में एक बार अबू रोड, लखनऊ, गया, वाराणसी, मुगलसराई, कलकत्ता, अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत और मुंबई के लिए ट्रेन चलती है. मुंबई के दर्शनीय स्थल के बारे में यहाँ पढ़ें. दिवाली, दशहरा, गर्मी, ठण्ड एवं डेजर्ट फेस्टिवल के समय स्पेशल AC ट्रेन चलती है. जैसलमेर का रेलवे स्टेशन भारत की सबसे आलिशान ट्रेन ‘पैलेस ऑन व्हील’ का भी मुख्य स्टेशन है, इस ट्रेन में सवार लोगों को यहाँ भी भ्रमण कराया जाता है. ‘पैलेस ऑन व्हील’ महाराजा एक्सप्रेस ट्रेन के बारे में विस्तार से यहाँ पढ़ें.
- रोड के द्वारा (By Road) – जैसलमेर नेशनल हाईवे 15 से जुड़ता है, यहाँ के लिए राजस्थान सरकार की तरफ से, दिल्ली एवं अहमदाबाद से स्पेशल वॉल्वो बस भी चलती है, साथ ही टैक्सी भी मिल जाती है. इसके अलावा जोधपुर, जयपुर, उदयपुर, बीकानेर, बारमेर, माउंट आबू, मुंबई, पुणे से प्राइवेट बस चलती है. दिल्ली के दर्शनीय स्थल के बारे में यहाँ पढ़ें.
भारत के बड़े शहरों से जैसलमेर की दुरी –
- दिल्ली – 793 किलोमीटर
- जयपुर – 575 किलोमीटर
- जोधपुर – 294 किलोमीटर
- उदयपुर – 522 किलोमीटर
जोधपुर जाने का सही समय (Best time to visit Jaisalmer) –
जैसलमेर जाने का सही समय सितम्बर से मार्च के बीच का होता है. इस समय यहाँ मौसम एक सा रहता है, न बहुत गर्मी न अधिक ठंडी. विशेषज्ञों के अनुसार जैसलमेर घुमने के लिए आपको कम से कम एक हफ्ता का समय वहां गुजारना चाहिए. इस बीच आप घुमने फिरने के साथ साथ राजस्थान के लजीज खाने का लुफ्त भी उठा पायेंगें.
जैसलमेर में देखने योग्य स्थान कुछ इस प्रकार है–
जैसलमेर फोर्ट (Jaisalmer Fort) –
जैसलमेर फोर्ट को गोल्डन फोर्ट नाम से भी जाना जाता है. जब महारावल जैसल 1156 में यहाँ आये थे, तब उन्होंने इसका निर्माण करवाया था. यह मेरु के हिल में स्थित है, जिसे त्रिकूट गढ़ कहा जाता है. इस किले ने भारत देश की बहुत सी बड़ी बड़ी लड़ाइयाँ देखी है. इसे दुनिया में सबसे बड़े किले के रूप में ख्याति प्राप्त है. यह पीले और गोल्डन बलुआ पत्थरों से बना है, जिस वजह से यह अपने आप में बहुत सुंदर लगता है. इसकी भारी बलुआ पत्थर की दीवारें, दिन के दौरान शेर की तरह एक गहरे पीले रंग की दिखाई देती है, जबकि सूर्यास्त के समय शहद की गोल्डन चमकती है. यह किला राजस्थान कलाकृति का एक विशाल रूप है. बॉलीवुड के महान डायरेक्टर ‘सत्यजित रे’ ने इस किले पर एक नावेल लिखी थी, जिस पर बाद में ‘सोनर किला’ नाम से फिल्म भी बनी थी. यह किला आज भी लोगों के लिए खुला है, जैसलमेर जिले की एक चौथाई आबादी अभी भी इस किले के अंदर रहती है. इस किले के अंदर राज महल, जैन मंदिर और लक्ष्मीनाथ मंदिर स्थित है, जो पर्यटकों का मुख्य आकर्षण है.
बड़ा बाग (Bada Bagh) –
बड़ा बाग मतलब बहुत बड़ा गार्डन. यह जैसलमेर से रामगढ़ की ओर 6 किलोमीटर में फैला हुआ है. 16 वीं शताब्दी की शुरुवात में महारावल जैत सिंह के सामने इसका निर्माण शुरू हुआ था. इनके बेटे लुनाकरण ने अपने पिता की मृत्यु के बाद इसे पूरा करवाया था. यहाँ एक झरने का निर्माण कराया गया, जिसके बाजु में बगीचा और छतरी बनाया गया. यहाँ बाद में भी दुसरे राजाओं ने छतरी बनवाई थी. बगीचे में एक स्मारक है, जहां बड़े बड़े अमीर और उनके परिवारों का अंतिम संस्कार किया गया था. यहाँ आज एक शाही स्मारक है, जहाँ महाराजाओं के क्षत्र, तलवार रखे हुए है. बड़ा बाग में सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय व्यू बहुत अच्छा होता है, अधिकतर लोग इसी समय जाते है.
पटवों की हवेली (Patwon Ki Haveli) –
यह जैसलमेर में मुख्य शहर में ही स्थित है. इसका निर्माण प्रसिध्य व्यापारी गुमान चन्द और उसके बेटों ने करवाया था. यह बड़े पैमाने पर एक पांच मंजिला ईमारत है, जहाँ पांच सुंदर विशाल सुइट्स ( Suites) भी है. इसमें बड़े बड़े गलियारे है, एवं दीवारों में सुंदर सुंदर सजावट व नक्काशी की गई है. इसका पूरा निर्माण पीले बलुआ पत्थरों से हुआ था. भव्यता और स्मारक की वास्तुकला, शहर की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाती है. यहाँ की पांच हवेली में से एक को अब संग्रहालय में तब्दील कर दिया गया है. तीसरी हवेली पर बीते युग के स्थानीय कारीगरों का काम चलता रहता है.
सैम सैंड दूंस (Sam Sand Dunes) –
अगर आप रेगिस्तान का मजा लेना चाहते हो तो, आपको रेगिस्तान की सफारी जरुर करनी चाहिए. सैम सैंड दूंस सफारी के लिए एक बहुत अच्छा स्थान है. ऊँठ के उपर बैठकर रेगिस्तान में घूमना बहुत रोमांचक होता है, इस सफारी के द्वारा आपको रेगिस्तान के सूर्यास्त को दिखाया जाता है, जो बहुत मनमोहक दृश्य होता है. ऊँठ के अलावा यहाँ जीप की भी सफारी उपलब्ध है. यही पर जैसलमेर का सबसे फेमस डेजर्ट फेस्टिवल फरवरी, मार्च के महीने में होता है.
डेजर्ट फेस्टिवल (Desert Festival) –
यह जैसलमेर में फरवरी, मार्च महीने के समय 3 दिन का होता है. यह जैसलमेर घुमने का बेस्ट समय होता है, इस दौरान बहुत से लोग देश विदेश से यहाँ पहुँचते है और राजस्थान को करीब से देखते है. इस फेस्टिवल में फोल्क डांस, फोल्क गाना, नाटक देखने को मिलते है, साथ ही बढ़िया बढ़िया राजिस्थानी खाना, शॉपिंग भी करने को मिलती है.
रामदेवरा (Ramdevra) –
यह जैसलमेर का एक गाँव है. यहाँ तंवर राजपूत के संत रामदेवजी ने 1384 CE में 33 साल की उम्र में समाधी ले ली थी. यह राजपूत समुदाय के बहुत से लोगों के इष्ट देव है, जो हर साल यहाँ उनकी पूजा करने आते है.
थार हेरिटेज संग्रहालय (The Thar Heritage Museum) –
यह शहर के मेन मार्किट में ही स्थित है. इस संग्रहालय का निर्माण लक्ष्मी नारारण खत्री ने कराया था. यह संग्रहालय थार मरुस्थल के इतिहास, संस्कृति, कला और आर्किटेक्चर को बतलाता है. यहाँ बताया गया है कि 10 लाख सालों में कैसे समुद्र सूखता चला गया, और इतना विशाल थार मरुस्थल बन गया. यहाँ मरुस्थल के पहले सागर में चलने वाले जहाज के अवशेष, घोड़े, जैसलमेर की सिक्के, हथियार, और भी पुरानी चीजों को सहेज के रखा गया है.
गादिसर लेक (Gadisar lake) –
यह जैसलमेर किले से 1 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है. इसे सबसे पहले महारावल जैसल ने बनवाया था, जिसे 1367 AD में महारावल गरसी ने फिर से अपने तरीके से बनवाया था. यहाँ रहने वालों के लिए इसी लेक से पानी आपूर्ति पूरी होती है, लगातार पानी के उपयोग से यह लेक सूखता जा रहा है. इस लेक के आस पास आपको मंदिर, छतरी देखते को मिलेगी. यहाँ अंदर जाने का मुख्य दरवाजा पीले बलुआ पत्थर से बना है, जो बहुत विशाल और सुंदर है. इस लेक में बोटिंग भी होती है, जिसके द्वारा आप पुरे लेक का मजा ले सकते हो.
डेजर्ट नेशनल पार्क (Desert National Park) –
यह भारत के सबसे बड़े पार्कों में से एक है. इसका क्षेत्रफल 3162 किलोमीटर का है. प्रकति के अनुरूप क्षेत्र न होने के बावजूद आप यहाँ तरह तरह के जीव और वनस्पति को देखेंगें. प्रवासी पक्षियों की बड़ी संख्या यहाँ देखी जा सकती है। आप एक जीप सफारी लेकर शानदार परिदृश्य को देख सकते हो, जो इस पार्क में विलुप्त झीलों के दृश्य को प्रस्तुत करता है.
सिल्क रूट आर्ट गैलरी (Silk Route Art Gallery) –
यहाँ राजस्थान की शॉपिंग का मजा लिया जा सकता है. यहाँ राजस्थान के परम्परागत कपड़े, बैग, पेचवर्क, शाल, चादरें और ज्वेलरी मिलती है. यहाँ सब कुछ जो मिलता है, वो हाथ का बना हुआ होता है. कपड़ों के अलावा यहाँ घर में सजाने वाली सुंदर सुंदर हैंडमेड चीजें भी मिलती है. यहाँ शॉपिंग करके आपको एक नए तरीके का अनुभव होगा, साथ ही आपके पास जैसलमेर, राजस्थान की याद के तौर पर अच्छी चीजों का कलेक्शन हो जायेगा.
लोद्रवा (Lodhruva) –
यह जैसलमेर जिले का एक गाँव है, जो वहां से 15 किलोमीटर दूर है. यहाँ जैन का विशाल मंदिर है, जिसका निर्माण 11 वीं शताब्दी में हुआ था, लेकिन कुछ समय बाद इसको ध्वस्त कर दिया गया था. इसका निर्माण फिर से 1970 में करवाया गया था. यहाँ इसके अलावा हिंगलाज माता मंदिर, चामुंडा माता मंदिर और शिव जी पुराना मंदिर है.
जैसलमेर में स्थित संग्रहालय (Jaisalmer Museum) –
डेजर्ट कल्चर सेंटर और म्यूजियम |
जैसलमेर फोल्कलोर म्यूजियम |
सरकारी म्यूजियम |
जैसलमेर फोर्ट पैलेस म्यूजियम |
जैसलमेर वॉर म्यूजियम |
अकल फॉसिल पार्क म्यूजियम |
कैक्टस पार्क म्यूजियम, कुलधरा |