शिक्षाप्रद कहानी- न्याय का महत्व कहानी

न्याय का महत्व (Importance Of Judgement In Hindi) एक घटना के जरिये यह कहानी न्याय के महत्व को बताती हैं . गलती पर सजा मिलना जरुरी हैं लेकिन गलती कितनी बड़ी हैं और उसके लिए क्या सजा होनी चाहिये . इस बात का महत्व हैं  निजी स्वार्थ के रहते न्याय करना अनुचित हैं 

Importance Of Judgement In Hindi

Importance Of Judgement In Hindi

न्याय का महत्व

एक राजा था जिसे शिल्पी कला अत्यंत प्रिय थी | वह मूर्तियों की खोज में देश परदेश जाया करता था . इस प्रकार वे कई मूर्तियाँ अपने राज महल में लाकर रखते और स्वयं उनकी देख रेख करवाते सभी मूर्तियों में उन्हें तीन मूर्तियाँ जान से भी ज्यादा प्यारी थी | सभी को पता था कि राजा को इन मूर्तियों से अत्यंत लगाव हैं .

एक दिन एक सेवक इन मूर्तियों की सफाई कर रहा था तभी गलती से उसके हाथों एक मूर्ति टूट गई . जब राजा को यह बात पता चली तो उन्हें बहुत क्रोध आया और उन्होंने उस सेवक को मृत्युदान दे दिया . सजा के सुनने के बाद सेवक ने अन्य दो मूर्तियों को भी तोड़ दिया | यह देख कर सभी को आश्चर्य हुआ . राजा ने उस सेवक से इसका कारण पूछा तब उस सेवक ने कहा महाराज ! क्षमा करना | यह मूर्तियाँ मिट्टी की बनी हैं अत्यंत नाजुक हैं .अमरता का वरदान लेकर तो आई नहीं हैं | आज नहीं तो कल टूट ही जाती . अगर मेरे जैसे किसी प्राणी से टूट जाती तो उसे अकारण ही मृत्युदंड का भागी बनना पड़ता . मुझे तो मृत्यु दंड मिल ही चूका हैं इसलिए मैंने ही अन्य दो मूर्तियों को तोड़’कर उन दो व्यक्तियों की जान बचा ली .यह सुनकर राजा की आँखे खुल गई उसे अपनी गलती का भान हुआ और उसने सेवक को सजा से मुक्त कर दिया .

इस तरह सेवक ने सिखाया साँसों का मूल्य . न्यायाधीश के आसन पर बैठकर अपने निजी प्रेम के चलते छोटे से अपराध के लिए मृत्युदंड देना उस आसन का अपमान हैं .एक उच्च आसन पर बैठकर हमेशा उसका आदर करना चाहिये . राजा हो या कोई भी अगर उसे न्याय करने के लिए चुना गया हैं तो उसे न्याय के महत्व (Importance Of Judgement) को समझना चाहिये .

मूर्ति से राजा को प्रेम था लेकिन उसके लिए सेवक को मृत्युदंड देना न्याय के विरुद्ध था . न्याय की कुर्सी पर बैठकर किसी को भी अपनी भावनाओं से दूर हट कर फैसला देना चाहिये . राजा से कई गुना अच्छा तो वो सेवक था जिसने मृत्यु के इतना समीप होते हुए भी परहित का सोचा .

यह कहानी हमें अपने जीवन में भी बदलाव करने के प्रति प्रेरित करती हैं . कभी कभी हमारी प्रिय वस्तु के टूट जाने अथवा खो जाने पर हम अपनों पर ही गुस्सा करते हैं . हम एक वस्तु और रिश्ते के फर्क को भूल जाते हैं और अनादर करने लगते हैं जो कि गलत हैं . यह कहानी हमें शिक्षा देती हैं कि आवेश में आकार कभी कोई निर्णय नहीं लेना चाहिये .

न्याय का महत्व (Importance Of Judgement) बहुत बड़ा होता हैं न्यायाधीश ईश्वर तुल्य होता हैं अगर ईश्वर भी भक्तों में प्रिय एवम अप्रिय देखने लगे तो संसार का रूप ही बदल जायें

सेवक ने बताया साँसों का मूल्य / न्याय का महत्व (Importance Of Judgement) यह कहानी आपको कैसी लगी ? आप राजा के स्थान पर होते तो क्या करते ?

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Karnika
कर्णिका दीपावली की एडिटर हैं इनकी रूचि हिंदी भाषा में हैं| यह दीपावली के लिए बहुत से विषयों पर लिखती हैं | यह दीपावली की SEO एक्सपर्ट हैं,इनके प्रयासों के कारण दीपावली एक सफल हिंदी वेबसाइट बनी हैं

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