भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी (आईएएस ऑफिसर) कैसे बने | How to Become an IAS Officer in hindi
भारत एक बहुत बड़ा देश है. इस देश के प्रशासन को चलाने के लिए प्रत्येक वर्ष कई लोग प्रशासनिक सेवाओं के लिए चुने जाते हैं. कई लोगों का यह सपना होता है कि वे भारतीय प्रशासनिक सेवा के अंतर्गत अपना योगदान दें और अपना करियर प्रशासनिक सेवाओं में बनाये. दरअसल प्रशासनिक सेवाओं में काम करने वाले लोगों को सरकार द्वारा कई तरह की सुविधाएं दी जाती है. यहाँ पर प्रशासनिक सेवाओं में एक बहुत ही महत्वपूर्ण पद आईएएस बनने का वर्णन किया जा रहा है.
आईएएस की परीक्षा (IAS Exam)
आईएएस की परीक्षा संघ लोक सेवा आयोग द्वारा संचालित होती है. इसे अंग्रेज़ी में यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीएससी) भी कहा जाता है. ध्यान रखें कि यूपीएससी एक संवैधानिक संस्था है, जिसका वर्णन आर्टिकल 315 से 323 के बीच में किया गया है. आईएएस पद भी एक संवैधानिक पद है. संघ लोक सेवा आयोग की तरफ से एक वर्ष पहले ही परीक्षाओं का कैलेण्डर तैयार होकर आ जाता है, जिसमे विभिन्न परीक्षाओं की सूचना, परीक्षा का आवेदन और परीक्षा की तारीख वागैरह दी हुई रहती है. प्रशासनिक सेवाओं की परीक्षा दो बार में पूरी होती है. पहले आवेदक को इसके प्रीलिम्स निकालने होते हैं और इसके बाद आईएएस मैन्स की परीक्षाएं पास करनी होती हैं.
आईएएस परीक्षा के लिए योग्यता (IAS Exam Eligibility)
आईएएस परीक्षा के आवश्यक योग्यताओं का वर्णन किया जा रहा है.
- आईएएस परीक्षा में बैठने के लिए आवेदक को सबसे पहले भारत का नागरिक होना आवश्यक है.
- आईएएस की परीक्षा में बैठने के लिए जनरल श्रेणी के लोगों की आयु वर्ष 21 से 32 के बीच की होनी चाहिए.
- इस परीक्षा में ओबीसी यानि अदर बैकवर्ड क्लासेज के लिए यह आयु सीमा 21 वर्ष 35 वर्ष की होती है.
- इस परीक्षा के एससी एसटी के लिए यह आयु सीमा और अधिक बढ़कर अधिकतम आयु 37 वर्ष की हो जाती है.
कितनी बार आईएएस की परीक्षाएं दे सकते हैं (How Often Can I Take IAS Exam)
आईएएस परीक्षा में अधिकतम बार परीक्षा में बैठने की सीमा तय है.
- यह परीक्षा किसी जनरल श्रेणी के लोग अधिकतम 6 बार दे सकते हैं.
- यदि परीक्षार्थी ओबीसी श्रेणी का है, तो परीक्षार्थी अधिकतम 9 बार परीक्षा दे सकता है.
- यदि परीक्षार्थी एससी और एसटी श्रेणी का है, तो वर्ष अपनी अधिकतम आयु यानि 37 वर्ष तक परीक्षा में बैठ सकता है.
- यह एटेम्पट प्रीलिम्स परीक्षा में बैठने से गणना होती है.
आईएएस की परीक्षा का प्रथम चरण (प्रीलिम्स) (First Step of IAS Exam)
परीक्षा के प्रथम चरण को प्रीलिम्स कहा जाता है. प्रीलिम्स में दो पेपर होते हैं, जिसे परीक्षा के दौरान भरने होते हैं. इसका पहला पेपर जनरल स्टडी का होता है और दूसरा पेपर सी- सेट (C-SAT) का होता है. ये दोनों पेपर दो दो घंटे के होते है और दोनों के पूर्णांक 200 होते हैं.
- जनरल स्टडीज : इस पेपर में अधिकतम 100 सवाल दिए हुए होते हैं. इसमें इतिहास, भूगोल, विज्ञान, राजनीति आदि आ जाते हैं.
- सी-सेट (C-SAT) : इस पेपर में अधिकतम 80 सवाल होते हैं. इसमें एसएससी अथवा बैंकिंग स्तर के सवाल पूछे जाते हैं. इसमें कोम्प्रेहेंसिव, रीजनिंग, basic न्युमरेसी आदि चीज़े आती हैं.
परीक्षा का दूसरा चरण (मेन्स एग्जाम) (Second Step of IAS Exam)
प्रीलिम्स में सफ़ल होने के बाद परीक्षार्थी को मेन्स परीक्षओं को पार करना होता है. यह परीक्षा बहुत ही कठिन है, यहाँ पर इस परीक्षा से सम्बंधित बातों का वर्णन किया जा रहा है.
- मैन्स परीक्षा में पांच मुख्य पेपर होते हैं, जिसका कुल अंक 250 का होता है, जिसके लिए कुल 3 घंटे का समय प्राप्त होता है. इस पेपर के दौरान आवश्यक विषयों की सूची निम्नलिखित है.
- जनरल एस्से : इस पेपर में परीक्षार्थियों को राजनीति, तकनीक, समाज आदि से सम्बंधित दो निबंध लिखने की आवश्यकता होती है.
- जनरल पेपर 1 : इस पेपर में परीक्षार्थी से भारतीय इतिहास, भूगोल, समाजशास्त्र और संस्कृति से जुड़े सवाल पूछे जाते हैं.
- जनरल पेपर 2 : इस पेपर में परीक्षार्थी से संविधान, प्रशासन, सामाजिक न्याय, राजनीति और अंतर्राष्ट्रीय सम्बंधित सवाल पूछे जाते हैं.
- जनरल पेपर 3 : इस पेपर में परीक्षर्थी को तकनीक, अर्थनीति, बायोडाइवर्सिटी, डिजास्टर मैनेजमेंट आदि से सम्बंधित सवाल हल करने होते हैं.
- जनरल पेपर 4 : इस पेपर को एथिक्स पेपर भी कहा जाता है. इस पेपर में आम तौर पर ऐसे सवाल पूछे जाते हैं जिससे ये पता चल सके कि किसी मुद्दे पर परीक्षार्थी का निजी विचार क्या है.
- इसके अतिरिक्त एक परीक्षार्थी को एक अतिरिक्त विषय चयन करने की आवश्यकता होती है. इसके अंतर्गत कुल 2 पेपर होते हैं, और प्रत्येक पेपर 250 अंक के होते हैं. किसी परीक्षार्थी के पास कुल 26 में से एक अतिरिक्त विषय को चयनित करने की आवश्यकता होती है. यह विषय परीक्षार्थी अपनी रुचि के अनुसार चुन लेता है.
- परीक्षार्थी को अंग्रेजी और अपने द्वीतीय भाषा की परीक्षा भी उत्तीर्ण करने की आवश्यकता होती है. ध्यान रखें ये दोनों परीक्षाएँ 300 अंक की होती है, जिसे उत्तीर्ण करने के लिये कुल 100- 100 अंक दोनों पेपर में अर्जित करने होते हैं. इन परीक्षाओं में प्राप्त अंक मुख्य रिजल्ट में नहीं जोड़ा जाता है.
आईएएस का तीसरा चरण (Third Step of IAS Exam)
आईएएस के मैन्स परीक्षा में उत्तीर्ण हो जाने के बाद परीक्षार्थी को पर्सनालिटी टेस्ट से गुजरना होता है. यह टेस्ट कुल 275 अंक के होते हैं. इसके जुड़ने पर आईएएस की कुल परीक्षा 2025 नंबर की हो जाती है. इसमें प्राप्त किये गये अंक से विद्यार्थियों का रैंक तय किया जाता है. इस तरह विभिन्न स्तर पर प्राप्त अंकों के अनुसार लोगों को भारत सरकार के प्रशासनिक सेवा के अंतर्गत विभिन्न कैडरर के अंतर्गत नौकरी प्राप्त होती है.
आईएएस परीक्षा की तैयारी कैसे करें (How to Preparation For IAS Exam in hindi)
प्रशासनिक सेवाओं में आईएएस सबसे ऊंचा पद है. इस पद के लिए तैयारियों का अर्थ है बाकि सभी पदो के लिए तैयारी करना. इस परीक्षा की तैयारी के लिए बड़े शहरों में कई कोचिंग संस्थाएं होती हैं. विदद्याथियों को किसी एक बेहतर सेंटर से जुड़ जाने की आवश्यकता होती है. इस परीक्षा की तैयारी में सबसे अधिक महत्त्व आपका प्रयास है. अतः नियमित रूप से अध्ययन करना अति आवश्यक है. बैंक एग्जाम की तैयारी करने के टिप्स यहाँ पढ़ें.
इससे सम्बंधित कुछ विशेष बातें नीचे दी जा रही है.
- परीक्षा में सफ़ल होने के लिए लगातार करंट अफेयर्स से जुड़े रहे. इस परीक्षा के पेपर्स में तात्कालिक मुद्दों से जुड़े कई सवाल होते हैं.
- प्रशासनिक सेवाओं के लिए विद्यार्थी को लगातार अपने समस्त विषयों का अध्ययन नियमित रूप से करने की आवश्यकता होती है.
- रोज अखबार पढ़ना काफ़ी कारगर सिद्ध हो सकता है. अतः विद्यार्थी को नियमित रूप से रोज अखबार पढ़ने चाहिए.
- विद्यार्थी के लिए इस परीक्षा में सिलेबस बहुत ही अधिक मदद करता है. इस वजह से विद्यार्थियों को हर वक़्त अपने साथ सिलेबस रखना और उसका अनुशरण करना अनिवार्य है.
- इसमें कुछ पेपर्स ऐसे हैं, जो स्टेटिक हैं, जैसे विश्व इतिहास और भूगोल. अतः इन पेपर की तैयारी जोरदार करनी चाहिए, ताकि इन विषयों में अधिक अंक अर्जित किया जा सके. गेट परीक्षा की तैयारी कैसे करें यहाँ पढ़ें.
- विद्यार्थियों को नियमित रूप से पुराने आईएएस प्रश्नपत्रों को हल करके अभ्यासरत रहने की आवश्यकता होती है.
आईएएस अधिकारी की जिम्मेवारी (IAS Officer Responsibilities)
यह पद भारतीय प्रशासनिक सेवा में एक बहुत ही महत्वपूर्ण पद है. इस पद पर कार्यरत रहते हुए अपने समाज के लिए बहुत कुछ किया जा सकता है. एक आईएएस ऑफिसर एसडीओ के पद से कैबिनेट सेक्रेटरी के पद तक कार्य कर सकता है, सरकार आवश्यकता के अनुसार एक आईएएस ऑफिसर की नियुक्ति विभिन्न पदों पर करती है. हालाँकि सभी पद बहुत ही महत्वपूर्ण पद होते हैं. अतः कोई भी एक आईएएस ऑफिसर को पूरी निष्ठा और जिम्मेवारी से अपना कार्य करना होता है. इन पदों पर कोई कार्यरत अफसरों को पदों के अनुसार तनख्वाह प्राप्त होती है.
आईएएस ऑफिसर की सैलरी (IAS Officer Salary)
आईएएस अधिकारी के रुतबे के सामने उसकी तनख्वाह का कोई ख़ास महत्त्व नहीं है. इस पद पर बैठने वाले लोगों के लिए देश सेवा प्रथम कर्त्तव्य होता है. हालाँकि जीवन यापन के लिए पैसे की भी आवश्यकता पड़ती है. अतः आईएएस पद पर आसीन अफसरों की तनख्वाह को जानना भी आवश्यक है. यहाँ पर प्रशासनिक पोस्ट के साथ आईएएस की तनख्वाह का विवरण दिया जा रहा है.
- एक आईएएस का जूनियर स्केल पर एसडीएम, एसडीओ, सब- कलेक्टर पद होते हैं. यह कार्य काल 4 वर्षों का होता है. इस पद पर इनका वेतनमान रू 15,600 से रू 39,100 का होता है. इसके अतिरिक्त अधिकारी को grade पे के रूप में रू 16,500 प्राप्त होते हैं. इस तरह से समस्त वेतन मिला कर एक आईएएस अधिकारी को प्रति माह रू 75,000 से रू 1,00,000 का होता है.
- इसके उपरान्त एक आईएएस के सीनियर स्केल में डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट, कलेक्टर अथवा सरकारी मंत्रालय में जॉइंट सेक्रेटरी का पद प्राप्त होता है. इन पदों पर आईएएस अधिकार का कुल कार्यकाल लगभग 5 वर्षों का होता है. इन पदों पर मूल वेतनमान रू 15,600 से लेकर रू 39,100 का होता है. इस दौरान इन्हें grade पे के रूप में रूपये 20,000 प्राप्त होते हैं. इस तरह से इन पदों पर आसीन अधिकारियों को प्रति महीने रू 80,000 से रू 1,20,000 का वेतन प्राप्त होता है.
- एक आईएएस अधिकारी का तीसरा पद जॉइंट एडमिनिस्ट्रेटिव सेक्रेटरी का होता है. इस पद में आसीन अफसरों की नौकरी विभिन्न सरकारी विभागों में स्पेशल सेक्रेटरी के रूप में होती है. इस नौकरी को करते हुए इनका कार्यकाल 9 वर्ष का होता है. इस पद आसीन अफसरों को प्राप्त स्केल रू 15,600 से रू 39,100 का होता है. इस दौरान इनका grade पे रू 23,000 के आस पास का होता है. इस तरह एक स्पेशल सेक्रेटरी के रूप में एक आईएएस ऑफिसर का वेतन रू 1,20,000 से रू 1,50,000 का होता है.
- एक आईएएस का चौथा पोस्ट किसी मंत्रालय में सेक्रेटरी के रूप में हो सकता है. 12 से 15 वर्ष के यहाँ के कार्यकाल के दौरान इनका पे स्केल रू 37,400 से 67,000 का होता है. इस दौरान इन्हें grade पे के रूप में कुल 26,000 रुपये प्राप्त होते हैं. इस तरह इस पद पर आसीन किसी आईएएस ऑफिसर का कुल वेतनमान रू 1,50,000 से लेकर रू 1,75,000 का होता है.
- इसके उपरान्त ऑफिसर को किसी अतिमहत्वपूर्ण सरकारी विभाग में प्रिंसिपल सेक्रेटरी का पद प्राप्त होता है. इस पद पर आसीन आईएएस ऑफिसर का वेतन मान रू 37,400 से लेकर 67,000 तक का होता है. इस समय इन्हें grade पे के रूपं में रू 30000 प्राप्त होते हैं. इस तरह से इस पद पर आसीन आईएएस ऑफिसर का कुल वेतन रू 1,50,000 से रू 2,00,000 का होता है.
- एक आईएएस ऑफिसर ‘सेक्रेटरी ऑफ़ स्टेट’ के रूप में भी कार्य करता है. इस पद पर कार्य करते हुए आईएएस ऑफिसर का वेतनमान रू 37,400 से लेकर रू 67,000 के आस पास का होता है. इस दौरान इन्हें grade पे के रूप में कुल रू 30,000 प्राप्त होते हैं. इस तरह इस पद पर आसीन आईएएस ऑफिसर की तनख्वाह रू 1,75,000 से लेकर रू 2,00,000 की हो जाती है.
- एक आईएएस ऑफिसर का चुनाव सरकार भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालय के अंतर्गत यूनियन सेक्रेटरी के रूप में भी कर सकती है. इस पद पर कार्यरत अफसरों का वेतनमान रू 37,400 से रू 67,000 का होता है. इस पद के लिए किसी तरह का grade पे नहीं प्राप्त होता है. इस पद के लिए मासिक तनख्वाह 2,25,000 रुपए की होती है.
- एक आईएएस पद का अधिकारी भारत के कैबिनेट सेक्रेटरी के रूप में भी कार्य कर सकता है. इस पद पर इन्हें वेतनमान रू 37,400 से 67,000 का प्राप्त होता है. इस पद के लिए भी किसी तरह का grade पे नहीं होता और मासिक सैलरी रू 2,50,000 की होती है.
- इन सैलरी के अलावा सरकार द्वारा आईएएस अधिकारियों को आवास, सिक्यूरिटी गार्ड, गाड़ियाँ, उच्च स्तरीय सुरक्षा, पढाई के लिए विदेश जाने की छुट्टी, लाइफ टाइम पेंशन जैसी कई सुविधाएं प्राप्त होती हैं.
प्रशासनिक सेवा में कुल पद (IAS Officers Posts)
भारतीय प्रशसनिक सेवा में कुल 24 पद हैं. अतः जो भी व्यक्ति इस परीक्षा के अंतर्गत उत्तीर्ण होता है, उसे इसके अंतर्गत कुल 24 पदों में प्राप्त अंक के अनुसार एक पद दिया जाता है. इस तरह किसी परीक्षार्थी को अपनी रूचि के अनुसार क्षेत्र का चयन करना और प्रशासनिक सेवा में बैठना आवश्यक है.
लाल बहादुर शास्त्री नेशनल अकादमी ऑफ़ एडमिनिस्ट्रेशन
एक बार परीक्षा में उत्तीर्ण हो जाने के बाद एक साथ सभी चयनित परीक्षार्थियों को लाल बहादुर शास्त्री नेशनल अकादमी ऑफ़ एडमिनिस्ट्रेशन में जाना होता है. यहाँ पर सभी चयनित परीक्षार्थियों का प्रशिक्षण होता है. यहाँ पर सभी परीक्षार्थियों को सभी स्तर का प्रशिक्षण दिया जाता है.
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