गुरु पूर्णिमा 2024 में कब हैं, कब और क्यों मनाई जाती हैं, कथा, महत्व, निबंध, मुहूर्त, सुविचार, भजन [Guru Purnima 2024 Date in Hindi] (Kab hai, Quotes, Story)
देव शयनी ग्यारस के साथ ही हिंदू धर्म में त्योहारों का ताता शुरू हो जाता है इसी दिशा में अगला त्योहार गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाने वाला है। जी हां गुरु को सम्मान देने के लिए यह एक दिन गुरु पूर्णिमा का दिन कहलाता है. यह कब, क्यों और कैसे मनाया जाता है. इसकी पूरी जानकारी आपको इस लेख में मिल जाएगी. साथ ही इस साल गुरु पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त कितने से कितने बजे तक का है इसकी जानकारी भी आपको हम यहाँ देने जा रहे हैं इसलिए इस लेख के साथ अंत तक बने रहिये.
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गुरु पूर्णिमा 2024
भारत देश के त्योहारों में गुरु पूर्णिमा का एक विशेष महत्व है। हिंदू धर्म सिख धर्म इन दोनों ही धर्मों में गुरु का एक अलग ही स्थान है, गुरु को सबसे ऊपर माना जाता है जोकि अंधकार को प्रकाश में बदलने की शक्ति रखता है। इस वर्ष महामारी के कारण सभी त्योहारों को घर में बैठकर परिवारजनों के साथ ही मिलकर मनाया गया उसी तरह अब गुरु पूर्णिमा को भी घर में रहकर ही मनाना सही रहेगा क्योंकि अभी भी महामारी का प्रकोप अपनी जगह है. पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी गुरु पूर्णिमा जुलाई महीने में है. इस तरह से इस दिन का महत्व और अधिक बढ़ता चला जा रहा है. आइए जानते हैं गुरु पूर्णिमा से जुड़ी कई कहानियों एवं अन्य चीजों के बारे में।
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गुरु पूर्णिमा का आध्यात्मिक महत्व
गुरु पूर्णिमा के दिन महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था महर्षि वेदव्यास नहीं महाभारत जैसे महाकाव्य की रचना की थी इसके साथ ही सभी अठारह पुराणों की रचना भी गुरु वेद व्यास द्वारा ही की गई इसलिए इस दिन को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।
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गुरु पूर्णिमा क्यों मनाई जाती है
मनुष्य और गुरु का एक अटूट संबंध है। मनुष्य जीवन में गुरू को देव स्थान प्राप्त है गुरु के सम्मान और सत्कार के लिए ही इस दिन गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है। हिंदू धर्म के अनुसार भगवान वेद व्यास जी का जन्म आषाढ़ माह की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को हुआ था जिसे आज के समय में गुरु पूर्णिमा के त्यौहार के रूप में मनाया जाता है। हिंदू देश में भगवान के ऊपर गुरु का महत्व बताया गया है क्योंकि भगवान का हमारे जीवन में महत्व ही हमें गुरु के द्वारा प्राप्त हुआ है। यह माना जाता है कि अच्छे बुरे संस्कारों धर्म अधर्म आदि का ज्ञान पूरे विश्व में गुरु के द्वारा ही अपने शिष्यों को दिया जाता है। इसी उद्देश्य को पूरा करते हुए गुरु पूर्णिमा का त्यौहार मनाया जाता हैऔर इस दिन पूरी श्रद्धा के साथ गुरु की उपासना की जाती है। हिंदू धर्म में यह मान्यता है कि मनुष्य को अपने जीवन में एक गुरु बनाना चाहिए। जिसके अंतर्गत गुरु की दीक्षा ली जाती है और गुरु द्वारा कहे गए आचरण का पालन किया जाता है माना जाता है कि इससे उस मनुष्य को जीवन में मार्गदर्शन प्राप्त होता है और उसके जीवन के कष्ट काम होते हैं और उसे जीवन की एक उचित राह मिलती है इस तरह उसका जीवन खुशहाल हो जाता है।
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गुरु पूर्णिमा कब मनाई जाती है
प्रतिवर्ष गुरु पूर्णिमा आषाढ़ मास शुक्ल पक्ष पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार यहां प्रतिवर्ष जुलाई अथवा अगस्त माह में मनाई जाती है।
गुरु पूर्णिमा 2024 में कब है
गुरु पूर्णिमा सन 2024 में जुलाई की 21 तारीख को है, जी हां 21 तारीख को ही आषाढ़ महीने की पूर्णिमा है. जिस दिन को गुरु पूर्णिमा भी कहा जाता है.
गुरु पूर्णिमा वर्ष 2024 तिथि एवं शुभ मुहूर्त
20 जुलाई | 08.21 सुबह से शुरू |
21 जुलाई | 05.08 शाम पर समाप्त |
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गुरु पूर्णिमा कैसे मनाई जाती है
- गुरु पूर्णिमा के दिन जल्दी उठकर स्नान कर स्वच्छ कपड़ों का धारण किया जाता है।
- मंदिर अथवा घरों में बैठकर गुरु की उपासना की जाती है।
- गुरु के पूजन हेतु कई लोग उनकी फोटो के सामने पाठ पूजा करते हैं कई लोग ध्यान मुद्रा में रहकर गुरु मंत्र का जाप करते हैं।
- सिख समाज के लोग इस दिन गुरुद्वारे जाकर कीर्तन एवं पाठ पूजा करते हैं।
- गुरु पूर्णिमा के दिन कई लोग उपवास भी रखते हैं जिसमें एक वक्त भोजन एवं एक वक्त फलाहार आदि का नियम का पालन किया जाता है।
- गुरु पूर्णिमा के दिन दान दक्षिणा का आयोजन भी किया जाता है।
- खास तौर पर गुरु का सम्मान कर उनका पूजन करने की प्रथा है।
वर्ष 2024 की गुरु पूर्णिमा में क्या विशेष है
वर्ष 2021 की गुरु पूर्णिमा हर साल की तरह ही है. इस साल कुछ विशेष नहीं है. भारत देश त्योहारों का देश है इस देश में विभिन्न प्रकार के त्योहार मनाए जाते हैं एवं सभी लोगों के लिए त्योहारों का एक विशेष दिन रखा गया है जैसे भाई बहनों के त्योहारों के लिए रक्षाबंधन, माता पुत्र के प्रेम है हर छठ पूजा,पति पत्नी के लिए करवा चौथ आदि का व्रत रखा गया है उसी तरह इस देश में शिष्य एवं गुरु के लिए गुरु पूर्णिमा का विशेष स्थान है।
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गुरु एवम व्यास पूर्णिमा कथा (Guru Purnima Story)
हम सबके जीवन में गुरु का बहुत अधिक महत्त्व है. गुरु ही हमारे अन्दर से अज्ञानता का अन्धकार मिटा कर हमारे अन्दर ज्ञान का प्रकाश भरता है. ऐसी मान्यता है कि इस तरह के किसी एक आसाढ़ पूर्णिमा दिन महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था. तो उन्ही के नाम पर इसे व्यास पुर्णिमा (vyasa poornima) भी कहा जाता है. इन्हीं ने समस्त मानव जाति को पहली बार वेद का ज्ञान दिया था. पहली बार वेद दर्शन मानव जाति के मध्य लाने की वजह से इनको प्रथम गुरु का दर्ज़ा दिया गया. तब से इस दिन इनके जन्म दिवस के उपलक्ष्य पर गुरुपूर्णिमा का त्यौहार मनाया जाता है. वेद व्यास महाभारत के रचियता की कहानी जानने के लिए पढ़े.
गुरु पूर्णिमा सुविचार (Quotes, Status, Wishes)
गुरु पूर्णिमा से संबंधित कुछ सुविचार इस प्रकार हैं –
- अपने परिवार में तुम्हारा परिचय कराया, उसने तुम्हें भले बुरे का आभास कराया, अथाह संसार में तुम्हें अस्तित्व दिलाया, दोष निकालकर सुदृढ़ व्यक्तित्व बनाया…. Happy Guru Poornima.
- वक्त भी सिखाता है और टीचर भी, पर दोनों में अंतर सिर्फ इतना है कि टीचर लिखाकर इम्तिहान लेता है, और वक्त इम्तिहान लेकर सिखाता है…
- गुरु आपके उपकार का कैसे चुकाऊं में मोल ? लाख कीमती धन भला, गुरु है मेरा अनमोल…हैप्पी गुरु पूर्णिमा
- अक्षर-अक्षर हमें सिखातें, शब्द-शब्द अर्थ बताते, कभी प्यार से कभी डांट से, जीवन जीना हमें सिखाते… हैप्पी गूर पूर्णिमा
- गुरु होता सबसे महान, जो देता सबको ज्ञान, आओ इस गुरु पूर्णिमा पर करें, अपने गुरु को प्रणाम… गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएं
- पानी के बिना नदी बेकार है, अतिथि के बिना आँगन बेकार है, प्रेम न हो तो सगेसंबंधी बेकार हैं, और जीवन में गुरु न हो तो जीवन बेकार है.
गुरु पूर्णिमा के भजन
यदि आप गुरु पूर्णिमा के भजन सुनना चाहते हैं तो आप अपने फोन में गूगल पर गुरु पूर्णिमा भजन सर्च करेंगे तो आपको बहुत से भजन नज़र आएंगे आप उनमें से अपनी पसंद के अनुसार भजन सुन सकते हैं. इसके अलावा यूट्यूब पर भी बहुत सारे भजन मौजूद हैं आप वहां भी सर्च कर सकते हैं.
तो इस तरह से आप गुरु पूर्णिमा का त्यौहार मना सकते हैं, अपने गुरु को सम्मान दे सकते हैं. और उन्हें उनके द्वारा दी हुई शिक्षा के लिए धन्यवाद कह सकते हैं.
FAQ
Ans : गुरु वेद व्यास जिन्होंने महाभारत की रचना की थी.
Ans : व्यास पूर्णिमा
Ans : आषाढ़ मास शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन
Ans : 21 जुलाई
Ans : अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह जुलाई अथवा अगस्त माह में मनाई जाती है
Ans : 21 जुलाई को
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