DRDO ‘Mission Divyastra’: जानिए क्या है डीआरडीओ का ‘मिशन दिव्यास्त्र’, अग्नि 5 मिसाइल का परीक्षण हुआ सफल

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की ‘मिशन दिव्यास्त्र’ भारतीय सैन्य शक्ति के क्षितिज पर एक नई और शक्तिशाली उपस्थिति है। इस मिशन के अंतर्गत विकसित की गई अग्नि 5 मिसाइल ने अपनी अचूक निशाना और विशाल मारक क्षमता के साथ दुश्मन के खिलाफ एक मजबूत संदेश भेजा है। इस लेख में हम ‘मिशन दिव्यास्त्र’, अग्नि 5 मिसाइल की विशेषताओं, और इसकी सामरिक महत्वता को विस्तार से समझेंगे।

DRDO ‘Mission Divyastra’: जानिए क्या है डीआरडीओ का ‘मिशन दिव्यास्त्र’, अग्नि 5 मिसाइल का परीक्षण हुआ सफल

DRDO ‘Mission Divyastra’

शीर्षकजानकारी
मिशन दिव्यास्त्र क्या है?डीआरडीओ द्वारा आगे बढ़ाया गया एक अभिनव प्रोजेक्ट, जिसके अंतर्गत एक विशेष प्रकार की मिसाइल प्रणाली विकसित की गई है।
मिशन दिव्यास्त्र के उद्देश्यएक ही मिसाइल के जरिए विभिन्न युद्ध स्थलों पर सटीकता के साथ निशाना साधना और विभिन्न ठिकानों को एक ही बार में ध्वस्त करना।
अग्नि 5 मिसाइलअग्नि सीरीज की एक बैलिस्टिक मिसाइल जिसकी मारक क्षमता 5000 किलोमीटर से अधिक है, और यह परमाणु क्षमता से लैस है।
एमआईआरवी तकनीकएक उन्नत तकनीक जो मिसाइल को एक ही बार में कई परमाणु हथियार ले जाने और विभिन्न लक्ष्यों पर सटीकतापूर्वक हमला करने में सक्षम बनाती है।
इस मिशन का महत्व‘मिशन दिव्यास्त्र’ के सफल विकास से भारत की रक्षा क्षमता में बढ़ोतरी होती है, और यह भारत को सामरिक रूप से विभिन्न खतरों के खिलाफ अधिक सक्षम बनाता है।

 क्या है डीआरडीओ का ‘मिशन दिव्यास्त्र’?

मिशन दिव्यास्त्र डीआरडीओ द्वारा आगे बढ़ाया गया एक अभिनव प्रोजेक्ट है, जिसका उद्देश्य भारतीय सेना को एक ऐसी मिसाइल प्रणाली प्रदान करना है जो एक ही समय में विभिन्न युद्धस्थलों पर निशाना साध सके। यह प्रणाली उच्चतम सटीकता वाले सेंसर पैकेजों और स्वदेशी एवियोनिक्स से लैस है, जो इसे दुश्मन के विभिन्न ठिकानों को सटीकता के साथ निशाना बनाने में सक्षम बनाती है।

 अग्नि 5 मिसाइल का अचूक निशाना और मारक क्षमता

अग्नि 5 मिसाइल, अग्नि मिसाइल शृंखला की एक प्रमुख कड़ी है, जिसकी मारक क्षमता 5000 किलोमीटर से अधिक है। दिसंबर 2022 में, भारत ने इस परमाणु क्षमता से लैस मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया, जो इसे भारतीय रक्षा क्षमता में एक उल्लेखनीयजोड़ बनाता है। अग्नि 5 की विशेषता इसकी दूरी और सटीकता में निहित है, जो इसे विभिन्न लक्ष्यों को सटीकता के साथ हिट करने में सक्षम बनाती है।

 एमआईआरवी तकनीक और इसका महत्व

मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) तकनीक अग्नि 5 मिसाइल को एक विशेष क्षमता प्रदान करती है। इस तकनीक की मदद से, मिसाइल एक ही प्रक्षेपण के दौरान कई हथियारों को ले जाने और विभिन्न लक्ष्यों पर सटीकतापूर्वक हमला करने में सक्षम होती है। इससे दुश्मन के कई ठिकानों को एक ही बार में निशाना बनाना संभव हो जाता है, जिससे भारत की सामरिक क्षमता में वृद्धि होती है।

‘मिशन दिव्यास्त्र’ और अग्नि 5 मिसाइल के सफल परीक्षण ने भारत की रक्षा और सुरक्षा क्षमता को एक नई ऊँचाई पर पहुँचा दिया है। एमआईआरवी तकनीक के साथ, भारत अब उन चुनिंदा देशों की श्रेणी में आ गया है जिनके पास यह उन्नत सैन्य क्षमता है। इससे भारत की सामरिक स्वायत्तता और रक्षात्मक प्रतिक्रिया क्षमता में सुधार होगा, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूती मिलेगी।

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