Digital Data Protection Bill 2023: क्या हैं डिजिटल डेटा प्रोटेक्शन बिल जानिए लाभ और हानि

डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल 2023, क्या है, लाभ, हानि (Digital Personal Data Protection Bill 2023 in Hindi) (Highlights, Kya hai, Benefit, Drawback, Draft, Passed in Loksabha, Rajya Sabha, pdf)

पिछले दो-तीन सालों से अक्सर मीडिया में और समाचार पेपर में ऐसी खबरें आती रहती हैं कि, किसी कंपनी के द्वारा किसी यूज़र के पर्सनल डाटा को चोरी कर लिया गया है और उसका गलत इस्तेमाल किया जा रहा है, परंतु ऐसा होने पर भी यूजर कुछ भी नहीं कर पाता है, जिसकी सबसे बड़ी वजह यह थी कि हमारे देश में ऐसा कोई भी कानून नहीं था जिसकी वजह से यूजर के पर्सनल डाटा को चोरी होने से बचाया जा सके। इसी बात को ध्यान में रखते हुए सरकार के द्वारा पिछले लंबे समय से डाटा प्रोटक्शन का एक बिल तैयार किया जा रहा था, जिसे डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटक्शन बिल कहा जाता है। हम इस आर्टिकल में आपको इसी बिल के बारे में पूरी जानकारी देंगे। आप यहां पर जानेंगे कि डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटक्शन बिल क्या है और डिजिटल पर्सनल डाटा क्या है।

Digital Data Protection Bill 2023 in hindi
Digital Data Protection Bill 2023 in hindi

Digital Personal Data Protection Bill 2023 Highlights

यूजर के पर्सनल डाटा को ऑनलाइन प्रोटेक्ट करने के लिए गवर्नमेंट के द्वारा डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटक्शन बिल को लॉन्च कर दिया गया है। इस बिल के लॉन्च हो जाने के बाद यूजर अपने डाटा कलेक्शन, स्टोरेज और प्रोसेसिंग के बारे में इनफार्मेशन प्राप्त करने की डिमांड कर सकेंगे। डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटक्शन बिल आने की वजह से अब कंपनी को अपने कस्टमर को यह बताना होगा कि, वह उनसे कौन से डाटा प्राप्त कर रही है और प्राप्त हुए डाटा का इस्तेमाल वह कौन सी जगह पर या फिर किस उद्देश्य के लिए कर रही है। पिछले कई सालों से लगातार यह खबरें आ रही थी कि, विभिन्न कंपनियों के द्वारा यूजर के डाटा का गलत इस्तेमाल बिना उनकी परमिशन के किया जा रहा है। इसीलिए गवर्नमेंट के द्वारा इस बिल को लॉन्च कर दिया गया है।

डिजिटल पर्सनल डाटा क्या है (What is Digital Personal Data)

इंटरनेट पर किसी भी प्लेटफार्म का इस्तेमाल करने के दरमियान आपके द्वारा जो डाटा दिया जाता है उसे ही डिजिटल पर्सनल डाटा कहा जाता है। इसे अगर उदाहरण सहित हम आप को समझाएं तो मान लीजिए कि आपके द्वारा अपने मोबाइल में किसी एप्लीकेशन का इस्तेमाल करने के लिए उसे डाउनलोड किया गया है। तो एप्लीकेशन को ओपन करने के बाद आपको उस पर अलग-अलग प्रकार की परमिशन देने की आवश्यकता होती है। जैसे कि आप कैमरा, गैलरी, कांटेक्ट और जीपीएस जैसी चीजों को एक्सेस करने की परमिशन देते हैं। इसके पश्चात उस एप्लीकेशन के पास आप से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी चली जाती है, जिससे उन्हें यह पता चलता है कि, आपके कांटेक्ट में कौन से लोगों के नंबर सेव है, आपके मोबाइल में कौन से फोटो और वीडियो है। यहां तक कि कंपनी जीपीएस का इस्तेमाल करके आप की एक्टिविटी को भी ट्रैक कर सकती हैं।

डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल 2023

हमारे देश में अभी तक ऐसा कोई भी कानून नहीं था, जिसकी वजह से लोगों के पर्सनल डाटा को सुरक्षा प्राप्त होती हो और जैसा कि आप जानते हैं कि देश में इंटरनेट और मोबाइल का इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसलिए लगातार इस प्रकार के कानून को लॉन्च करने की डिमांड लोगों के द्वारा की जा रही थी और इस प्रकार के कानून को बनाने की आवश्यकता तब और भी ज्यादा हो गई। जब पिछले कुछ समय से डाटा चोरी होने की बहुत सारी खबरें मीडिया में आने लगी थी। दुनिया के दूसरे देशों में पहले से ही डिजिटल डाटा को लेकर के काफी कड़क कानून है। इस प्रकार से अब हमारे देश में जो बिल पास हुआ है उससे कंपनी की जिम्मेदारी तय होगी और वह गलत ढंग से कस्टमर के डाटा का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगी।

डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटक्शन बिल से लाभ

इस बिल के पास होने पर आपको निम्न सुविधाएं प्राप्त होगी।

  • इस बिल के आ जाने की वजह से यदि कंपनी के द्वारा यूजर के डाटा का इस्तेमाल किया जा रहा है और उसके डाटा को इंस्टॉल करने के लिए किसी थर्ड पार्टी डाटा प्रोसेसर का इस्तेमाल किया जा रहा है, तो कंपनी को लोगों के डाटा को सुरक्षित रखने की आवश्यकता होगी।
  • अगर किसी कंजूमर के द्वारा डाटा प्रोटेक्शन बोर्ड का जो निर्णय है उसे लेकर के अपील की जाती है तो उसे टेलीकॉम डिस्प्यूट सेटेलमेंट और अपीलेट ट्रिब्यूनल के द्वारा सुना जाएगा।
  • अब सभी कंपनियों को अपनी कंपनी में डाटा सिक्योरिटी ऑफिसर को भी नौकरी पर रखना होगा और इसकी इंफॉर्मेशन अपनी आधिकारिक वेबसाइट या फिर अन्य माध्यम से कंपनी को अपने कस्टमर को देनी होगी।
  • यदि कोई भी ऐसा मामला आता है जिसमें डाटा का उल्लंघन हुआ है तो सर्वप्रथम कंपनी को डाटा प्रोटक्शन बोर्ड और यूजर को इसकी जानकारी उपलब्ध करवाने की आवश्यकता होगी।
  • कंपनी को तब अभिभावक की परमिशन लेने की आवश्यकता होगी, जब वह किसी चिल्ड्रन या कोई दूसरे अछम व्यक्ति के डाटा को स्टोर करना चाहती हो।
  • बिल के अनुसार डेटा ब्रीच करने की पेनल्टी मिनिमम 50 करोड़ और ज्यादा से ज्यादा 2 अरब ₹500000000 हो सकती हैं।
  • ऐसे लोग जो तमाम लोगों के पर्सनल डाटा के साथ काम करते हैं, आवश्यकता होने पर पूछताछ के लिए डाटा प्रोटक्शन बोर्ड उन्हें बुला सकता है।
  • यदि किसी यूज़र के पर्सनल डाटा को लेकर के कोई भी धोखाधड़ी हुई है या फिर नियम का अगर उल्लंघन हो गया है तो डाटा प्रोटेक्शन बोर्ड के द्वारा ही पेनल्टी लगाने का डिसीजन लिया जाएगा।
  • कंपनी इंडिया के अलावा दूसरे देशों में यूजर के डाटा को स्टोर कर नहीं सकती।
  • अगर कंडीशन ऐसी है कि किसी कंपनी के द्वारा दो बार से ज्यादा इस बिल का उल्लंघन कर दिया गया है तो डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड कंपनी को ब्लॉक करने का अधिकार रखेगा।
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FAQ

Q : डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल 2023 क्या है?

Ans : डेटा को ऑनलाइन सिक्यूरिटी देने के लिए बनाया गया है बिल।

Q : भारत में डेटा संरक्षण कानून क्या है?

Ans : भारत में डेटा संरक्षण कानून को ही डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटक्शन बिल कहा जाता है।

Q : डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटक्शन बिल को किसने प्रस्तुत किया?

Ans : रविशंकर प्रसाद

Q : डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटक्शन बिल कब लागू हुआ?

Ans : साल 2023 में

Q : डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटक्शन बिल किसके लिए फायदेमंद है?

Ans : ऑनलाइन यूजर के लिए

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