Deep Fake Video App, Technology 2023: AI टूल, डीप फेक टेक्नोलॉजी क्या है

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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी टेक्नोलॉजी का आविष्कार तो लोगों की सहायता के लिए किया गया था, परंतु अब इसका गलत इस्तेमाल भी होने लगा है, जिसकी चपेट में सामान्य लोग तो आते ही थे परंतु अब दुनिया के बड़े-बड़े नेता, अभिनेता भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। चलिए इस पेज पर जानते हैं कि आखिर कैसे डीपफेक टेक्नोलॉजी काम करती है और डीपफेक टेक्नोलॉजी क्या है।

Deep Fake Video App

डीप फेक टेक्नोलॉजी क्या है

यह एक ऐसी टेक्नोलॉजी है, जिसका इस्तेमाल करके किसी भी आदमी की फोटो या फिर वीडियो पर किसी भी दूसरे व्यक्ति के या फिर सेलिब्रिटी के फेस को सेट कर दिया जाता है और जब इस प्रकार के फोटो को या वीडियो को रिलीज किया जाता है तो ऐसा लगता है, जैसे फोटो/ वीडियो में दिखाई दे रहा व्यक्ति कोई फेमस सेलिब्रिटी है, परंतु वास्तव में वह होता नहीं है, सिर्फ उसका चेहरा ही किसी दूसरे की बॉडी/फेस पर इस्तेमाल किया गया होता है।

Deep Fake Video Maker

जानकारी के लिए बताना चाहते हैं कि, DeepFake TechnoLogy के द्वारा ऐसे एल्गोरिथम और पैटर्न को पढ़ा जाता है, जिसका इस्तेमाल मौजूदा फोटो या फिर वीडियो में बदलाव करके उसे और भी रियल बनाने में किया जाता है। इस प्रकार से इस प्रकार की टेक्नोलॉजी के द्वारा जो वीडियो बनाई जाती है उस पर लोग सरलता से भरोसा कर लेते हैं और असली और नकली वीडियो या फिर फोटो में अंतर नहीं कर पाते हैं।

Deep Fake Video Latest News

हाल ही में इस टेक्नोलॉजी के माध्यम से बॉलीवुड की और साउथ की खूबसूरत अभिनेत्री रश्मिका मंदांना का एक DeepFake Video नेट पर काफी ज्यादा शेयर किया जा रहा है, जिस पर रश्मिका मंदांना को खुद सामने आकर के सफाई देनी पड़ी है। बताना चाहते हैं कि, DeepFake TechnoLogy के द्वारा Generative Adversarial Networks का इस्तेमाल किया जाता है।

रश्मिका मंदांना डीप फेक वीडियो

मोस्ट ब्यूटीफुल अभिनेत्री की लिस्ट में शामिल रश्मिका मंदाना का डीप फेक वीडियो देश में बड़े पैमाने पर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसकी लिंक ये हैं, हालांकि वीडियो में रश्मिका मंदाना खुद नहीं है, बल्कि उनकी जगह पर कोई दूसरी लड़की है, जिसके फेस को हटा करके रश्मिका मंदाना का फेस लगा दिया गया है और लोग इस प्रकार के वीडियो को रश्मिका मंदाना का ही वीडियो समझ रहे हैं। यह वीडियो थोड़ा अश्लील है। इसलिए लोग उल्टे सीधे कमेंट रश्मिका की आईडी पर कर रहे हैं।

डीपफेक टेक्नोलॉजी कैसे और कब शुरू हुई

एक Reddit यूजर के द्वारा साल 2017 के आखिरी महीना में डीप फेक शब्द बनाया गया था। इसी यूजर के द्वारा कुछ लोकप्रिय लोगों के फेस को सुपर इंपोज करने के लिए डीप लर्निंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया था, ताकि वह उनका गंदा वीडियो बना सके, जिसे कि अश्लील वीडियो कहा जाता है। जब यह घटना प्रकाश में आई, तो अन्य लोगों को भी इस टेक्नोलॉजी के बारे में पता चला और 2018 के आसपास ओपन सोर्स लाइब्रेरी और ऑनलाइन शेयर किए गए ट्यूटोरियल की वजह से टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना आसान हो गया और साल 2020 के आसपास में दुनिया के अधिकतर लोग इस टेक्नोलॉजी से परिचित हो गए और वह इसका इस्तेमाल अपने हिसाब से करने लगे।

डीपफेक वीडियो की पहचान कैसे करें

अगर आप भी अपने स्तर से डीपफेक वीडियो की या फिर फोटो को आईडेंटिफाई करना चाहते हैं, तो आपको नोटिस करना है कि वीडियो में या फिर फोटो में कोई महत्वपूर्ण बदलाव है या नहीं। खास तौर पर आपको वीडियो में हाथ और पैर की मूवमेंट पर ध्यान देना है। अगर उसमें आपको कुछ भी अजीब लगता है, तो हो सकता है कि, वह वीडियो डीपफेक टेक्नोलॉजी के द्वारा ही बनाया गया हो। कुछ ऐसे भी प्लेटफार्म है, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जेनरेटेड कंटेंट के लिए वाटरमार्क शामिल करते हैं, जिससे यह पता चलता है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करके कंटेंट क्रिएट किया गया है। इसलिए आपको ऐसे सिंबल या फिर डिस्क्लेमर को भी ध्यान से चेक करना चाहिए।

Deep Fake Video AI Tool

इंटरनेट पर फिलहाल के समय बहुत सारे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल मौजूद है। जैसे कि AI or Not और Hive Moderation इत्यादि। इस प्रकार के टूल के माध्यम से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के द्वारा बनाए गए कंटेंट को आईडेंटिफाई किया जा सकता है। इसके अलावा Deepware Scanner नाम का एक ऐसा टूल है, जिसके द्वारा आप किसी फोटो या वीडियो को Deepfack पता करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा कई टूल इंटरनेट पर आपको मिल जाएंगे।

डीपफेक कम करने के लिए टेक कंपनिया कर रहीं काम

डीप फेक फोटो और वीडियो को आईडेंटिफाई करने के लिए लगातार एक्सपेरिमेंट किए जा रहे हैं, क्योंकि इस टेक्नोलॉजी का अब गलत इस्तेमाल कुछ चालक लोगों के द्वारा किया जाना शुरू कर दिया गया है, जिसका भारत में अभिनेत्री रश्मिका मंदाना भी शिकार हो चुकी है। पॉलिसी मेकर और बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों के द्वारा इस टेक्नोलॉजी के बारे में जागरूकता बढ़ाने का काम किया जा रहा है और वह इसके संभावित दुरुपयोग को दूर करने के तरीके खोजने के लिए भी एक्टिव रूप से वर्क कर रही हैं।

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FAQ

Q : डीप फेक टेक्नोलॉजी कब डेवलप की गई?

Ans : 1990

Q : भारत में डीप फेक टेक्नोलॉजी का शिकार कौन हुआ?

Ans : रश्मिका मंदाना

Q : डीप फेक वीडियो पहचानने वाला टूल कौन सा है?

Ans : Deepware Scanner

Q : क्या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से डीप फेक वीडियो बना सकते हैं?

Ans : बिल्कुल

Q : क्या डीप फेक टेक्नोलॉजी का गलत इस्तेमाल हो सकता है?

Ans : जी हां!

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