7 वें वेतन आयोग के अंतर्गत बाल संरक्षण भत्ता योग्यता, कैलकुलेटर व लाभ | Child Care Allowance eligibility, calculator, benefits under 7th Pay Commission in hindi
बाल संरक्षण भत्ता, जिसे चाइल्ड बेनिफिट भी कहते हैं, आम तौर पर उस सामाजिक सुरक्षा भुगतान को कहा जाता है, जो बच्चो के अभिभावकों को और विशेषकर उन बच्चों की माताओं को बच्चे अथवा नवजात शिशुओं की देख रेख के लिए दिया जाता है.
भारत में बाल संरक्षण भत्ता:(child care allowance India)
लिंग अनुपात की असमानता को कम करने के लिए सरकार द्वारा कई तरह की कोशिशें की जाती हैं. यह भत्ता इसी उद्देश्य से आरम्भ किया गया है, जिसके साथ कुछ और सामाजिक उद्देश्य खुद ब खुद जुड़ गए. लैंगिक असमानता और सरकारी क्षेत्रों में महिलाओं को कार्य के लिए उत्साहित करने के लिए इस भत्ते की शुरुआत की गयी. इस भत्ते के अंतर्गत स्त्रियों को कई तरह के लाभ प्राप्त होते हैं, जैसे मातृत्व अवकाश, दो वर्ष के लिए दैनिक सुरक्षा भत्ता, बच्चे के जन्म के बाद बच्चे की देखभाल के लिए दो वर्ष का बाल संरक्षण अवकाश आदि. सिंगल पैरेंट की स्थितियों को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने 7 वें वेतन आयोग में इस भत्ते के तहत कुछ संशोधन किये हैं, ताकि सिंगल पैरेंट आसानी से अपनी समस्याओं से मुक्त हो कर अपना काम कर सकें.
बाल संरक्षण भत्ता के लिए योग्यता: (child care allowance eligibility)
- यह भत्ता उन महिला सरकारी कर्मचारियों को प्राप्त होता है, जिनके बच्चे 18 वर्ष से कम के होते हैं. इस भत्ते के अंतर्गत इन महिला कर्मचारियों को 2 वर्ष अथवा 730 दिनों की छुट्टी अधिकतम दो बच्चों के लिए प्राप्त हो सकती है.
- सरकार ने ये निर्धारित किया है, कि एक कैलेंडर वर्ष में यह अवकाश तीन अवधि (3 स्पेल्स) से अधिक के लिए मान्य नहीं होगा. इस छुट्टी के दौरान महिला कर्मचारियों को वेतन प्राप्त होता रहेगा. इस वेतन की राशि सीसीएल के पहले की वेतन राशि के बराबर होगी.
- सीसीएल (चाइल्ड केयर लीव) के साथ साप्ताहिक शनिवार, रविवार और राज्य सरकार की छुट्टियों को भी शामिल किया जा सकता है. हालांकि सीसीएल के पहले भी कोई कर्मचारी अपने मान्यता प्राप्त नियोग से छुट्टी प्राप्त कर सकते हैं.
- सीसीएल आम कर्मचारी अवकाश खाते (नार्मल एम्प्लोयी लीव अकाउंट) के विरुद्ध डेबिट नहीं किया जाएगा. यदि कोई महिला कर्मचारी ने किसी वर्ष इस अवकाश का लाभ नहीं उठाया है, तो तीसरे वर्ष बिना कोई मेडिकल सर्टिफिकेट दिखाए वह इस अवकाश का लाभ उठा सकेगी.
- किसी महिला कर्मचारियों को सीसीएल के समय एलटीसी (लीव ट्रेवल कन्सेशन) का लाभ प्राप्त नही हो सकेगा. इसकी वजह ये हैं कि इन महिला कर्मचारियों को सीसीएल नवजात शिशुओ और बच्चों की देख भाल के लिए दी जाती है.
केंद्र सरकार कर्मचारियों के लिए बाल संरक्षण भत्ता:(child care allowance for central govt employees)
महिला कर्मचारियों द्वारा लगातार सीसीएल लेते रहने की वजह से सरकारी कार्यालयों के कामों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने लगा.अतः सरकार ने इस प्रभाव से सरकारी काम काजों को बचाने के लिए संपूर्ण सीसीएल स्ट्रक्चर को पुनः संशोधित किया है. सीसीएल के दौरान उठाये गये वेतन का 100% पूरे 1 वर्ष (365 दिनो) के लिये दिया जाएगा, इसके बाद दूसरे वर्ष यह संपूर्ण वेतन का 80% कर दिया जाएगा. इस तरह से सीसीएल के दूसरे वर्ष महिला कर्मचारियों को उनके वेतन का 80% प्राप्त हो सकेगा.
विकलांगों के लिए बालसंरक्षण भत्ता: (child care allowance for disabled in hindi)
विकलांग महिलाओं को अपने बच्चे के लिए कई परेशानियां होती हैं. इस वजह से विकलांग माताओं के लिए सरकार ने इस भत्ते के नियम में संशोधन किया हैं, जो कुछ इस प्रकार है.
- बाल संरक्षण भत्ते के अतिरिक्त विशेष भत्ते (स्पेशल अलाउंस) के तहत विकलांग महिलाओं को प्रति महीने 3000 रू दिया जाएगा. महिला कर्मचारी के निःशक्तजन (डिफरेंटली एबल्ड) बच्चों के लिए इस भत्ते के तहत सरकार ने पढ़ाई के लिए भत्ता और होस्टल सब्सिडी दुगना कर दिया जाएगा. ऐसी महिला कर्मचारियों के लिए सीसीएल और बाल सुरक्षा भत्ता को बढाने के लिए सरकार ने कई विशेष नियम तैयार किये हैं.
बाल सुरक्षा भत्ता कैलकुलेटर: (child care allowance calculator)
डीओपीटी (डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनेल एंड ट्रेनिंग) के अनुसार महंगाई भत्ते में 50% की बढ़त होने पर भत्तों में 25% की वृद्धि होती है, जिसके अंतर्गत चाइल्ड केयर अलाउंस भी आता है. इसकी गणना निम्न बातों पर आधारित होती है.
- शिक्षा भत्ता बढ़ा कर हर महीने प्रत्येक बच्चे पर रू 18,000 कर दिया गया है और छात्रावास सब्सिडी हर महीने रू 4500 दी जाने लगी है. निःशक्तजन (डिफरेंटली एबल्ड) स्त्रियों के बच्चों के लिए विशेष भत्ते (स्पेशल अलाउंस) के रूप में प्रति बच्चा रू 1000 प्रति महीना दिया जाएगा.
- वे सरकारी कर्मचारी, जिनके बच्चे विकलांग हैं, उनकी शिक्षा भत्ता प्रति वर्ष प्रति बच्चे के लिए रू 36,000 कर दी गयी है. इनके होस्टल सब्सिडी में भी बढ़त हुई है, अब हॉस्टल सब्सिडी के रूप में रु 9000 प्राप्त होगा.
बाल संरक्षण भत्ता टैक्सेबल है या नहीं: (child care benefit tax return)
क्रमांक | सेक्शन | विशेष | छूट की सीमा |
1. | सेक्शन 10 (14) | बाल शिक्षा भत्ता | प्रति बच्चा प्रति महीने रू 100 प्राप्त होगा और यह भत्ता अधिकतम 2 बच्चों के लिए प्राप्त हो सकेगा. |
2. | सेक्शन 10 (14) | हॉस्टल सब्सिडी | हॉस्टल सब्सिडी के रूप में प्रति महीने प्रति बच्चे को अधिकतम रू 300 प्राप्त हो सकेंगे. यह सब्सिडी कर्मचारियों को 2 बच्चों के लिए प्राप्त होगी. |
7 वें वेतन आयोग के अंतर्गत बाल संरक्षण भत्ता का लाभ(7th pay commission child care allowance benefits) ;
- विकलांग महिलाओं को बाल संरक्षण भत्ते के आधार पर विशेष प्रावधान प्राप्त होगा. विकलांग महिलाओं को अपने बच्चे की देखभाल के लिये एक आम व्यक्ति या महिला से अधिक मेहनत करनी और परेशानी उठानी पड़ती है. तात्कालिक रिपोर्ट के अनुसार इस तरह की विकलांग महिलाओं को विशेष भत्ते के रूप में प्रति महीने मिलने वाले रू 1500 को रू 3000 कर दिया गया है.
- किसी भी महिला सरकारी कर्मचारी को अधिकतम दो वर्ष अथवा 730 दिनों के लिए सीसीएल (चाइल्ड केयर लीव) प्राप्त होगा. सीसीएल के दौरान महिला कर्मचारी को पहले वर्ष पूरा वेतन यानि वेतन का 100% तथा दूसरे वर्ष वेतन का 80% प्राप्त होगा.
- सिंगल मदर होने पर महिला कर्मचारी सीसीएल 6 स्पेल तक ले सकती हैं, आम तौर पर एक वर्ष में सीसीएल के अंतर्गत एक महिला को 3 स्पेल प्राप्त हो सकता है.
- विकलांग बच्चों वाले सरकारी कर्मचारियों को बाल शिक्षा भत्ता (चाइल्ड केयर अलाउंस) तथा हॉस्टल सब्सिडी बढ़ा कर दी जायेगी. यह बढ़त इन्हें स्पेशल अलाउंस अथवा विशेष भत्ते के रूप में प्राप्त होगी. मातृत्व अवकाश को सीसीएल अथवा अन्य अवकाशों से महिला कर्मचारियों द्वारा जोड़ा जा सकता है.
इस तरह से केंद्र सरकार के विभिन्न विभागो में कार्यरत महिलायें इस भत्ते का लाभ उठा रही हैं. इसकी सबसे ख़ास बात ये हैं कि सीसीएल अथवा मातृत्व अवकाश के दौरान महिला कर्मचारियों को वेतन प्राप्त होता रहता है, ताकि इनका जीवन निर्वाह नियमित रूप से होता रहे.
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