ब्रिक्स सम्मलेन क्या है विषय व इतिहास | What is BRICS Summit, theme, history in hindi

क्या है ब्रिक्स सम्मलेन, उनके विषय  व इसका इतिहास  | What is BRICS Summit, Theme, history, Participant and host country, full form in hindi 

Table of Contents

क्या है ब्रिक्स (What Is BRICS)

ब्रिक्स पांच देशों का एक समूह है और इसका गठन साल 2009 में किया गया था. इस समूह को ब्राजील, रूस, भारत और चीन देशों द्वारा मिलकर बनाया था. वहीं इस समूह द्वारा अभी तक कुल 10 शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जा चुका है. दरअसल ब्रिक्स राष्ट्र द्वारा हर साल औपचारिक शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जाता है और इस शिखर सम्मेलन में ब्रिक्स राष्ट्र के राज्य और सरकार के प्रमुख द्वारा हिस्सा लिया जाता हैं.

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ब्रिक्स का इतिहास (BRIC History)

  • बिक्र में शामिल सभी देशों की अर्थव्यवस्था काफी मजबूत है और साल 2001 में इसी चीज का जिक्र जिम ओ’नील ने अपने ‘द वर्ल्ड नीड्स बेटर इकोनॉमिक ब्रिक’ नामक एक प्रकाशन में किया था.
  • जिम ओ’नील, गोल्डमैन सैच्य समूह जो कि अमेरिका का एक बहुराष्ट्रीय निवेश बैंक और वित्तीय सेवा कंपनी है, उसमें उस समय बतौर अध्यक्ष के रूप में कार्य करते थे. उसी दौरान उन्होंने भारत, ब्राजील, रूस और चीन की अर्थव्यवस्था पर अनुसंधान किया था और इन देशों के अर्थशास्त्र विश्लेषण करने के बाद उन्होंने अपने अनुसंधान को प्रकाशित किया था.
  • अपने प्रकाशन में जिम ओ’नील ने लिखा था कि चार ब्रिक देश (भारत, ब्राजील, रूस और चीन) तेजी से विकास कर रहे हैं और आने वाले 50 सालों तक इन देशों की संयुक्त अर्थव्यवस्थाएं, इस वक्त दुनिया के सबसे अमीर देशों की अर्थव्यवस्थाओं से बड़ी होने वाली है. क्योंकि इन देशों का बाजार काफी बड़ा है और तेजी से बढ़ भी रहा है.
  • इस प्रकाशन में जिम ओ’नील ने इन चारों देशों के नाम के लिए ब्रिक शब्द का इस्तेमाल किया गया था और ये शब्द इन देशों के नाम के प्रथम शब्द से लेकर बनाया गया था.

ब्रिक्स का पूरा नाम (Full Form of BRICS)

जिस वक्त ब्रिक्स का गठन हुआ था, उस वक्त इसमें केवल चार देश ही शामिल थे, जिसके कारण से इसे ब्रिक (BRIC) कहा जाता था और इसका पूर्ण प्रपत्र यानी फुल फॉर्म, ब्राजील, रूस, चीन और भारत था. जब दक्षिण अफ्रीका देश भी इस समूह से जुड़ा तो इसका नाम ब्रिक्स (BRIC) रख दिया  गया.

ब्रिक्स को बनाने का उद्देश्य- (Objectives of BRICS)

विश्व में अमेरिका डॉलर एक प्रमुख मुद्रा है और ब्रिक्स देशों का लक्ष्य है कि वो इस मुद्रा की जगह अन्य मुद्राओं का उपयोग कर उन मुद्राओं को भी विश्व स्तर पर मजबूत कर सकें. ब्रिक्स को बनाने का जो दूसरा सबसे बड़ा मकसद है, वो विकासशील देशों के लिए एक विशेष व्यापार ब्लॉक बनाना है. क्योंकि व्यापार के क्षेत्र में विकासशील देशों पर विकसित देश का काफी दबदबा है और इसी दबदबे को खत्म करने के लिए ब्रिक्स देशों द्वारा व्यापार ब्लॉक बनाने का लक्ष्य बनाया गया है. इसके अलावा ब्रिक्स समूह विकसित और विकासशील देशों के बीच एक पुल के रूप में भी कार्य करता है और साथ में ही  विकासशील देशों को विकसित करने में उनकी मदद भी कर रहा है.

कब हुई ब्रिक्स की शुरुआत

वर्ष 2006 में न्यूयॉर्क में ब्रिक राष्ट्र के विदेश मंत्रियों का एक अधिवेशन हुआ था और इसी अधिवेशन के दौरान भारत, ब्राजील, रूस और चीन देश ने मिलकर ब्रिक की स्थापना करने पर चर्चा की थी. जिसके तीन साल बाद यानी साल 2009 में इन देशों ने रूस में अपना प्रथम सम्मेलन किया था.

कब शामिल हुआ दक्षिण अफ्रीका देश

इस ग्रुप के साथ वर्ष 2010 में दक्षिण अफ्रीका राष्ट्र भी जुड़ गया था. अप्रैल, 2011 में चीन में आयोजित किए गए इस शिखर सम्मेलन में इस देश के राष्ट्रपति ने भी भाग लिया था. जब से लेकर अभी दक्षिण अफ्रीका देश में भी कई बार इस शिखर सम्मेलन का आयोजन हो चुका है.

बिक्स देशों और उनके वर्तमान नेताओं के नाम –

बिक्स देशों के नामवर्तमान नेताओं के नामनेताओं का पद
ब्राजीलमिशेल टेमरराष्ट्रपति
रूसव्लादिमीर पुतिनराष्ट्रपति
भारतनरेंद्र मोदीप्रधान मंत्री
दक्षिण अफ्रीकासिरिल रामाफोसाराष्ट्रपति
चीनशी जिनपिंगराष्ट्रपति

 ब्रिक्स देश के अभी तक के हुए शिखर सम्मेलन और उनके विषय (Summit And Theme)

कौन सा सम्मेलन किस दिन और किस साल हुआकिस देश द्वारा आयोजि किया गयामेजबान नेता का नामनेता का पदविषय
प्रथम शिखर सम्मेलन 16 जून, 2009रूसदिमित्री मेदवेदेवराष्ट्रपति
दूसरा शिखर सम्मेलन 15 अप्रैल, 2010ब्राजीललुइज इनासियो लूला दा सिल्वाराष्ट्रपति
तीसरा शिखर सम्मेलन 14 अप्रैल, 2011चीनहू जिंताओराष्ट्रपतिब्रॉड विज़न, शेयर्ड प्रोस्पेरिटी
चौथा शिखर सम्मेलन 29 मार्च, 2012भारतमनमोहन सिंहप्रधानमंत्रीवैश्विक स्थिरता, सुरक्षा और समृद्धि के लिए ब्रिक्स भागीदारी
पांचवा शिखर सम्मेलन 26-27 मार्च 2013दक्षिण अफ्रीकाजैकब जुमाराष्ट्रपतिब्रिक्स और अफ्रीका: विकास, एकीकरण और औद्योगिकीकरण के लिए साझेदारी
छठा शिखर सम्मेलन 14-17 जुलाई 2014ब्राजीलदिलमा रौसेफराष्ट्रपतिसमावेशी विकास: सतत समाधान
सातवां शिखर सम्मेलन 8-9 जुलाई 2015रूसव्लादिमीर पुतिनराष्ट्रपतिब्रिक्स भागीदारी – वैश्विक विकास का एक शक्तिशाली कारक
आठवां शिखर सम्मेलन 15-16 अक्टूबर 2016भारतनरेंद्र मोदीप्रधानमंत्रीउत्तरदायी, समावेशी और सामूहिक समाधान बनाना
नौंवा शिखर सम्मेलन 3-5 सितंबर 2017चीन शी जिनपिंगराष्ट्रपतिब्रिक्स: एक उज्ज्वल भविष्य के लिए मजबूत साझेदारी
दसवां शिखर सम्मेलन 5-27 जुलाई 2018दक्षिण अफ्रीकासिरिल रामाफोसाराष्ट्रपतिअफ्रीका में ब्रिक्स

 प्रथम ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (First BRICS Submit) –

ब्रिक्स का प्रथम सम्मेलन साल 2009 में हुआ था और इस सम्मेलन में चार देशों के नेता शामिल हुए थे. इस सम्मेलन के दौरान हमारे देश का प्रतिनिधित्व उस समय के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा किया गया था. वहीं ब्राजील देश का प्रतिनिधित्व लूला डा सिल्वा ने किया था, जो कि उस समय ब्राजील के राष्ट्रपति हुआ करते थे. जबकि रूस देश का प्रतिनिधित्व इस देश के राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव द्वारा किया गया था और चीन देश का प्रतिनिधित्व हू जिंताओ ने किया था, जो कि उस समय इस देश के राष्ट्रपति हुआ करते थे. पहले शिखर सम्मेलन में ब्रिक्स देशों द्वारा वर्तमान वैश्विक वित्तीय संकट, वैश्विक विकास और ब्रिक्स समूह को और मजबूत बनाने पर चर्चा की गई थी.

दूसरा ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (Second BRICS Submit)

इस समूह का दूसरा सम्मेलन ब्रासीलिया शहर में हुआ था और इस सम्मेलन में हमारे देश का प्रतिनिधित्व द्वितीय बार उस समय के तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने किया था. वहीं अन्य देशों का प्रतिनिधित्व भी प्रथम सम्मेलन में आए राष्ट्रपतियों द्वारा किया गया था.

साल 2010 में हुए इस सम्मेलन में दक्षिण अफ्रीका देश के राष्ट्रपति और फिलिस्तीनी देश के विदेश मंत्री को मेहमान के रूप में बुलाया गया था. वहीं इसी साल दक्षिण अफ्रीका देश ने ब्रिक का हिस्सा बनने का फैसला लिया था. इस सम्मेलन में ईरान देश, परमाणु हथियार और वित्तीय संस्थानों में सुधार करने से जुड़े मुद्दों पर ब्रिक्स देशों द्वारा चर्चा की गई थी.

तीसरा ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (Third BRICS Submit)

वर्ष 2011 का सम्मेलन चीन राष्ट्र के सान्या शहर में हुआ था और इस सम्मेलन में हमारे देश का प्रतिनिधित्व पुनः मनमोहन सिंह जी ने किया था. जबकि अन्य देशों का प्रतिनिधित्व उन देशों के उस समय के राष्ट्रपतियों द्वारा किया गया था. वहीं इस साल हुए इस सम्मेलन में दक्षिण अफ्रीका देश भी ब्रिक देशों के साथ जुड़ गया था और ब्रिक का नाम ब्रिक्स हो गया था.

ब्रिक्स के इस सम्मेलन में अर्थशास्त्र, अंतर्राष्ट्रीय कानून, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार और लीबिया गृह युद्ध के मुद्दों पर चर्चा की गई थी.

चौथा ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (Fourth BRICS Submit)

वर्ष 2012 का यह सम्मेलन दिल्ली में हुआ था और इस सम्मेलन में भी उन सभी नेताओं ने भाग लिया था जो कि तीसरे सम्मेलन में आए थे. इस सम्मेलन के दौरान ब्रिक्स देशों ने दूरसंचार के लिए ऑप्टिकल फाइबर पनडुब्बी संचार केबल सिस्टम बनाने की घोषणा की थी और विकास बैंक के निर्माण पर भी बातचीत की गई थी.

पांचवा ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (Fifth BRICS Submit)

साल 2013 में हुए इस सम्मेलन का आयोजन दक्षिण अफ्रीका देश के डरबन शहर में किया गया था और इस सम्मेलन में हमारे देश का प्रतिनिधित्व पांचवीं बार मनमोहन सिंह द्वारा किया गया था, जबिक रूस देश का प्रतिनिधित्व प्रथम बार वहां के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने किया था. चीन का प्रतिनिधित्व चीन के राष्ट्रपति जी जिनपिंग द्वारा किया गया था. दक्षिण अफ्रीका देश का प्रतिनिधित्व वहां के राष्ट्रपति जैकब जुमा ने किया था और ब्राजील देश का प्रतिनिधित्व राष्ट्रपति दिलमा रौसेफ ने किया था. इस सम्मेलन के तहत विकास बैंक का निर्माण करने के मुद्दे पर फिर से चर्चा हुई थी.

इस बैंक को खोलने का मकसद, विकासशील और कम विकसित देशों को विकास के संरचना की परियोजनाओं को शुरू करने के लिए वित्त पोषित मदद प्रदान करना है.

छठा ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (Sixth BRICS Submit)

छटा सम्मेलन साल 2014 में हुआ और इसका आयोजन करने की जिम्मेदारी ब्राजील देश की थी. इस सम्मेलन में भी सभी ब्रिक्स देश शामिल हुए थे. इस साल हमारे देश की और से प्रथम बार नरेंद्र मोदी ने इस सम्मेलन में भाग लिया था. वहीं अन्य देशों के उन्हीं नेताओं ने इस सम्मेलन में भाग लिया था, जो कि पाचवे सम्मेलन में आए थे. इस सम्मेलन के दौरान सभी ब्रिक्स देश नव विकास बैंक (एनडीबी) के गठन के लिए सहमत हो गए थे और इस बैंक को खोलने से जुड़ी घोषणा भी की गई थी.

सातवां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन  (Seventh BRICS Summit)

इस शिखर सम्मेलन का आयोजन रूस देश के ऊफ़ा शहर में साल 2015 में किया गया था और ये सम्मेलन शंघाई सहयोग संगठन और यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन के साथ संयुक्त रूप से किया गया था. इन दोनों संगठनों के देश के नेता इस सम्मेलन  में शामिल हुए थे और ब्रिक्स देशों के नेताओं के साथ उन्होंने मुलाकात भी की थी.

आठवां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (Eighth BRICS summit)

ये शिखर सम्मेलन साल 2016 में भारत के गोवा राज्य में हुआ था और इस सम्मेलन को नरेंद्र मोदी द्वारा होस्ट किया गया था. इस सम्मेलन के दौरान ब्रिक्स देशों ने आतंकवाद की निंदा की थी, आने वाले समय में क्रेडिट रेटिंग एजेंसी को स्थापित करने का निर्णय लिया था और कृषि, रेलवे और ब्रिक्स खेल परिषद के क्षेत्र में शोध केंद्र स्थापित करने का फैसला लिया था.

नौंवा ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (Ninth BRICS Summit)

ये शिखर सम्मेलन  साल 2017 में चीन के ज़ियामेन शहर में हुआ और ये दूसरा मौका था, जब चीन राष्ट्र में ये सभा हुई थी. ब्रिक्स की इस सभा में मिस्र, गिनी, मेक्सिको, ताजिकिस्तान और थाईलैंड देश के मुख्यों को भी निमंत्रित किया गया था और इन देशों के नेता इस सभा का हिस्सा भी बनें थे.

दसवां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (Tenth BRICS Summit)

वर्ष 2018 में हुआ ये सम्मेलन दक्षिण अफ्रीका के जोहानसबर्ग शहर में हुआ था  और ये दूसरा मौका था, जब इस देश को यह मौका मिला था. वहीं इस सम्मेलन के दौरान मेहमान के रूप में तुर्की और अर्जेंटीना देश के राष्ट्रपति को बुलाया गया था.

अगले साल होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन ( Upcoming BRICS Summit)

अगले साल यानी 2019 का ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का आयोजन ब्राजील देश में किया जाएगा, जबकि साल 2020 में होने वाले 12 वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की जिम्मेदारी रूस देश को दी गई है और इस सम्मेलम की मेजबानी इस देश के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा की जाएगी. इसके अलावा ये शिखर सम्मेलन में शंघाई सहयोग संगठन के साथ मिलकर किया जाएगा. 

आनेवाले समय में जुड़ सकते हैं और भी देश

जिस तरह से ब्रिक्स समूह द्वारा कार्य किए जा रहे हैं उसको देखकर अन्य देश भी काफी प्रभावित हुए हैं और इन देशों ने ब्रिक्स में शामिल होने की इच्छा भी जाहिर की है और नीचे बताए गए देश इस समूह का हिस्सा बनना चाहते हैं.

संख्यादेश का नामकिस महाद्वीप से आता  देश है
1अफ़ग़ानिस्तानएशिया
2अर्जेंटीनाअमेरिका
3लेबनानएशिया
4इंडोनेशियाएशिया
5मेक्सिको उत्तरी अमेरिका
6तुर्कीएशिया
7मिस्रअफ्रीका
8ईरानएशिया
9नाइजीरियाअफ्रीका
10सूडानअफ्रीका
11सीरिया एशिया
12बांग्लादेशएशिया
13ग्रीसयूरोप

ब्रिक्स देशों द्वारा किए गए महत्वपूर्ण कार्य

ब्रिक्स देश द्वारा साल 2014 में दो वित्तीय बैंक बनाए गए थे और इनके नाम न्यू डेवलपमेंट बैंक या नव विकास बैंक और आकस्मिक रिजर्व व्यवस्था रखा गया है.

नव विकास बैंक (New Development Bank)

नव विकास बैंक को साल 2014 के जुलाई महीने में स्थापित किया गया था और इसके संचालन साल 2015 में शुरू हुआ था. इस वक्त इस बैंक के महासचिव‎ ‎के. वी कामत है और इस बैंक का प्रधान कार्यालय‎ चीन देश के ‎शंघाई शहर में है. ये बैंक ब्रिक्स विकास बैंक के नाम से भी प्रसिद्ध है और इस बैंक को शुरू करने का लक्ष्य बुनियादी परियोजनाएं के लिए उधार देना है और ये बैंक सालाना 34,000,000 तक अधिकृत उधार दे सकता है.

ब्रिक्स का आकस्मिक विदेशी-मुद्रा कोष व्यवस्था (BRICS Contingent Reserve Arrangement (CRA))

साल 2014 में ब्राजील में ब्रिक्स देशों द्वारा ब्रिक्स आकस्मिक रिजर्व व्यवस्था की स्थापना को लेकर एक संधि हुई थी. इस संधि में सभी ब्रिक्स देशों ने हस्ताक्षर कर ब्रिक्स का आकस्मिक विदेशी-मुद्रा कोष व्यवस्था की स्थापना की थी. सीआरए की स्थापना का लक्ष्य वैश्विक तरलता दबाव के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करना है.

ब्रिक्स देशों से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी

  • ब्रिक्स के अंदर शामिल सभी पांच देश चार महाद्वीपों से आते हैं, जिनमें से भारत और चीन एशिया महाद्वीपों के देश हैं, ब्राजील अमेरिका महाद्वीपों से आता है, रूस यूरोप महादूवीप का देश है और दक्षिण अफ्रीका अफ्रीका महाद्वीप का देश है. इसके अलावा ये सभी देश दुनिया की भूमि की सतह का लगभग 27% क्षेत्र घेरते हैं और इन चारों देशों की औसत जनसंख्या 627,060,914 है.
  • इस समूह में शामिल सभी देशों की दुनिया के सकल घरेलू उत्पाद में 30 प्रतिश्त हिस्सेदारी है. वहीं विश्व व्यापार में इन देशों की 17 प्रतिशत हिस्सेदारी है.
  • हर साल ब्रिक्स के होने वाले शिखर सम्मेलन के दौरान इन देशों के प्रमुखों में से किसी एक प्रमुख को ‘प्रो टेम्पोर प्रेसीडेंसी’ के रूप में चुना जाता है. साल 2018 में हुए इस सम्मेलन में दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति को ‘प्रो टेम्पोर प्रेसीडेंसी’ के रूप में चुना गया है.

निष्कर्ष

ब्रिक्स समूह के देशों ने काफी कम समय के अंदर ही कई सारी अहम उपलब्धियां हासिल कर ली हैं और इस समूह की सबसे बड़ी उपलब्धि नव विकास बैंक का गठन करना है और इस बैंक को सफलतापूर्वक शुरू करना है. वहीं आने वाले समय में ब्रिक्स से जुड़े देश दुनिया की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाने वाले हैं.

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