बेवफ़ा / बेवफ़ाई पर शायरी
बेवफ़ाई इश्क का एक ऐसा मंजर हैं जो या तो तोड़ देता हैं या जोड़ देता हैं | प्यार के कई रूप हैं कभी तो प्यार ताकत बन जाता हैं तो कभी कमज़ोरी | बेवफ़ाई भी प्यार का एक पहलू हैं जो सही गलत की पहचान कराता हैं |आइये पढ़े बेवफ़ा प्यार के लिये लिखी बेवफ़ाई की शायरी
बेवफ़ा के लिये बेवफ़ाई पर हिंदी शायरी
Bewafa Bewafai Shayari
- प्यार की राहों में ज़माना साथ ना देता तो हम सह भी लेते
लेकिन उसकी बेवफाई को सहना ना मुमकिन सा हो गया ||
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- न प्यार से डर लगता हैं
ना जुदाई से प्यार कम होता हैं
मिलना बिछड़ना तो आम हैं यारों
लेकिन डर तो सनम की बेवफाई से लगता हैं
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- प्यार करना कोई जुर्म नहीं,
प्यार में फनाह होना कोई जुर्म नहीं
जुर्म तो बस एक हैं प्यारों
बेफवाई करना ही जुर्म हैं यारों
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- दोस्तों की बेफवाई ने ऐसा घायल कर दिया
मेरा दिल दुश्मनों से जा मिला
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- मेरी जुदाई को बेवफाई का नाम न दे
बेवफा कह कर मुझे इल्ज़ाम ना दे
हम तो वो शख्स हैं
जो तुझे इत्ला किये बिना जान न दे
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- तेरे इश्क में मैं फनहा हो गया
हजारों की भीड़ में तन्हा हो गया
गम नहीं मुझे इस बात का
गम तो तेरी बेवफाई का छा गया
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- प्यार की कहानी याद बन गई
तेरे मेरे साथ की कहानी याद बन गई
फिर भी उन यादों से दिल बैचेन नहीं
लेकिन तेरी बेवफाई दर्द-ए-दिल बह गई
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- तन्हाई भी मेरी अपनी होती
जुदाई से भी हमारी जमती होती
बिन तेरे भी हम ख़ुशी से जी लेते
अगर ए सनम तू बेवफा ना होती
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- आज का वक्त सुपरफ़ास्ट हो गया
बेवफ़ाई का आलम फ़ेशन हो गया
अब तो प्यार हर गली मोहल्ले में मिलता हैं
सच्चे दीदार का तो न जाने कब इंतकाल हो गया
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- अब तो बेवफ़ाई शब्द का कोई मायना नहीं रहा
प्यार का मोहताज कोई दीवाना नहीं रहा
हर पल मिलते हैं नये-नये प्यार के अफ़साने
ऐसे में जुदाई बेवफाई का कोई ठिकाना नहीं रहा
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- कैसा दिल-ए- नादान हैं मेरा
जान कर उसकी बेवफाई को भी
न भूल पाता उसका चेहरा
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- मौत को भी प्यार से गले लगा लेते
अगर तुम मजबूर होते
सरे आम सर कटवा लेते
अगर तुम बेवफा ना होते
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- तेरी जुदाई को तो सह लेता दिल
तुझे किसी और को भी दे देता दिल
खुद तेरी बिदाई कर आते सनम
अगर तू ना देती बेवफाई के जखम
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- हम बेवफ़ा नही थे
हम खुद गर्ज़ नही थे
लेकिन अगर हम ये ना कहते
तो तू कभी परिंदे सा आजाद नहीं होता
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- प्यार का फैशन हैं इस ज़माने में
न हो मोहब्बत हो,तो टेंशन हैं इस ज़माने में
जहाँ दिल का अहसास एक फैशन हो गया
वो प्यार से ज्यादा बेवफ़ाई का ज़माना हो गया
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- टुटा दिल रुस्वाई से नहीं डरता
वो तो प्रेमी की बेवफ़ाई से डरता हैं
__________________________________________________ - प्यार की जुदाई में दिल सहम जाता हैं
महबूब से दीदार को मचल जाता हैं
लेकिन जब बेवफ़ाई की खबर सुनता हैं दिल
तो दिल, अहसासों से नफ़रत कर जाता हैं
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- महबूब की बेवफ़ाई में अक्सर
दिल अपने प्यार से नहीं
अपने आप से रूठ जाता हैं
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- जमाना हमें बेवफा कहने लगा
हम पर ताने कसने लगा
फिर भी ये दिल आस लगाये तुम्हे देखता हैं
क्या तुम्हे भी हमसे शिक्वा होने लगा ?
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- हर बेवफाई के पीछे निजी हित नहीं होता
हर जुदाई के पीछे दिमाग का हाथ नहीं होता
कभी कभी बेवफाई वफ़ा की पहचान बन जाती हैं
खुद पर लिये आरोप प्रेमी के जीवन की दुआ बन जाती हैं
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- हमने मुँह मोड़ लिया
पर हम बेवफ़ा ना थे
तूने उफ़ तक न किया
इसलिये आज हम शर्मिंदा खड़े थे
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- बेवफ़ा कह कर वो हमें अलविदा कह गये
हिम्मत ना थी उनमे सच कहने की
तो ज़माने में हमें बदनाम कर गये
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- सनम की शिकायत मार गई
उसकी जुदाई से जिन्दगी हार गई
फिर भी एक उम्मीद होती हमें
मगर वो हमें ही बेवफ़ा कह गई
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- तन्हाई ने भी कभी शिकायत ना की
जुदाई में भी दिल ने बगावत ना की
लेकिन बेवफ़ाई का मंजर ऐसा छाया
कि खुशियों ने लौटकर कभी दस्तक ना दी
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- हमें तन्हा कर क्या वफ़ा की उम्मीद हैं तुझे
जा ढूंढले अगर हमसा कोई मिले तुझे
इतनी मोहब्बत की थी शिद्दत से हमने
बेवफा तुम थे पर ज़माने के सामने बेवफ़ाई निभाई हमने
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- जरा से गिले शिक्वे क्या हो गये
तुम्हे हक़ मिल गया दूर होने का
जैसे इन्तजार था तुम्हे इस पल का सदियों से
जो आज बिन सुने ही हमें बेवफ़ा कह गया
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- आज जब मौका था हमें प्यार करने का
हमारे हक़ को बयाँ करने का
तुम ने क्या वफ़ा निभाई
भरी महफ़िल में दी हमें तौहफे में रुसवाई
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- प्यार से भरा एक दौर था
कोई घात लगाये बैठा चौर था
देख तन्हा हमें वो आ गया
आज जब दिल मेहरबान था
वो बेवफ़ा हमें अकेला छोड़ गया
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- दिल ही बेवफा हैं यारों
ना जाने क्यूँ झांसा दे बैठता हैं
जब भी कहते हैं दिमाग से काम लेने दो
वो अक्सर ही अपना खेल खेल जाता हैं
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- वो खफा थे हमसे ये दिल सह ना सका
वक्त के आगे मजबूर दिल एक हो ना सका
जुदा होने का गम तो कबूल था हमें
लेकिन वो बेवफ़ा कह गये ये गम पी ना सका
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- बेवफ़ाई का दर्द कैसा नासूर बन गया
जो टुटा दिल कभी जुड़ ना पाया
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- उसे जिन्दगी से प्यार था
और हमें उससे
उसे खुशियाँ का इन्तजार था
और हमें उसका
इसी आदत ने रुसवा कर दिया
और उसने हमें तन्हा छोड़ दिया
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- तेरे हर गुनाह को हमने कुबूल किया
तेरी हर खता की सजा को हमने कुबूल किया
तुझे उड़ना था आसमान हमने पंख बनना कुबूल किया
फिर ना जाने क्यूँ जाहिल कह कर तूने खुद से हमको जुदा किया
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- आँखों में अश्रु लिये तुझे याद करते हैं
तन्हा दिल से बस तेरी ही बात करते हैं
यूँ तो यादें चेहरे पर मुस्कान खिला देती थी
लेकिन तेरी बेवफाई ने सीने पर हजार वार किये
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- बेवफ़ा दिल हर कदम प्यार ढूंढ़ता हैं
ना जाने कितनो से वफाई का वादा करता हैं
नहीं जानता वो सच्चे दिल का सुकून
इसलिये ही तो हर कदम वो नया साथ तलाशता हैं
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- वो दोस्ती कहते रहे,हम प्यार निभाते रहे
लम्हे बीतते गये,हम कुछ कह ना सके
डर था दिल में कही ,दोस्ती ही ना टूट जाये यही
न जाने क्यूँ था हमको गुरुर, लगता था वो कुबूल करेंगे जरुर
पर सारे नज़ारे धुंधले हो गये,वो सामने हमारे किसी और के हो गये
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