बगलामुखी मंत्र कवच एवम जयंती 2024, पूजा (Baglamukhi Mantra kavach jayanti puja in hindi)
वैशाख माह मे शुक्ल पक्ष मे अष्टमी तिथी के देवी बगलामुखी का अवतरण हुआ था, इसलिए हर वर्ष इसी दिन इसे बगलामुखी जयंती के रूप मे मनाया जाता है . इस दिन देवी की पूजा अर्चना की जाती है बगलामुखी जयंती पूरे भारत मे मनाई जाती है . इस दिन भजन संध्या और भगवती जागरण का महत्व है और साथ ही साथ विश्व कल्याण महायज्ञ का अनुष्ठान भी किया जाता है.
Table of Contents
बगलामुखी मंत्र कवच एवम जयंती पूजा Baglamukhi mantra kavach jayanti puja in hindi
नाम | बगलामुखी जयंती |
कौन है | स्तंभन की देवी |
कब आती है | वैशाख शुक्ल की अष्टमी तिथी को |
2024 में कब है | 15 मई |
देवी बगलामुखी कौन है (Who is Devi Baglamukhi) :
दस महाविधाओ मे से आठवी महाविधा है देवी बगलामुखी| इनकी उपासना इनके भक्त शत्रु नाश, वाकसिद्धधी और वाद विवाद मे विजय के लिए करते है. माता बगलामुखी स्तंभन की देवी है और कहा जाता है कि इनमे सारे ब्राह्मण की शक्ति का समावेश है, इनकी उपासना से भक्त के जीवन की हर बाधा दूर होती है और शत्रुओ का नाश के साथ साथ बुरी शक्तियों का भी नाश करती है.
देवी का नाम बगलामुखी क्यू पड़ा :
बगला एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ एक दुल्हन अर्थात दुल्हन की तरह आलौकिक सौन्दर्य और अपार शक्ति की स्वामिनी होने के कारण देवी का नाम बगलामुखी पड़ा.
देवी बगलामुखी का सिहासन रत्नो से जड़ा हुआ है और इसी रत्नो से जड़े रथ पर सवार होकर देवी शत्रुओ का नाश करती है और कहा जाता है की देवी के सच्चे भक्त को तीनों लोक मे कोई शक्ति पराजित करने योग्य नहीं है.
माता बगलामुखी के पूजन विधी (Baglamukhi puja):
माता बगलामुखी का पूजन प्रातः काल के समय किया जाता है| इस पूजन के लिए या तो मंदिर मे अकेले रहकर पूजन करना चाहिए या किसी सिध्द पुरुष की मौजूदगी मे भी यह पूजन किया जा सकता है. पूजन के समय पीले वस्त्र धारण करने चाहिए तथा पूर्व दिशा की ओर देवी को भी पीले आसन पर विराजमान करना चाहिए. इसके बाद आप अपने नियमानुसार पूजन कर सकते है परंतु ध्यान रहे इस पूजन के समय आपको ब्रम्हचर्य का पालन करना चाहिए. अपनी पूजा को सिध्द करने के लिए आपको माता बगलामुखी का पूजन यंत्र चने की दाल का बनाना चाहिए और इसे चाँदी या तांबे के पात्र पर स्थापित करना चाहिए.
देवी बगलामुखी को क्या अर्पित किया जाता है :
शत्रुओ का नाश करने वाली देवी बगलामुखी की पूजा हर कोई करना चाहता है. देवी बगलामुखी का एक नाम पीतांबरा भी है, माता को पीला रंग अतिप्रिय है, इसलिए जब भी आप देवी का पूजन करते है, तो उन्हे पीले फूल अवश्य चढ़ाये और उनका पूजन भी पीले वस्त्र पहनकर करे. देवी को दीप दान भी पीली हल्दी के ढ़ेर पर किया जाता है, क्यूकी माता को यह प्रिय है . कहा जाता है कि माता को पीला वस्त्र चढ़ाने से जीवन की बढ़ी से बढ़ी बाधा दूर होती है. माता को भोग स्वरूप नारियल चढ़ाया जाता है . परंतु आप जब भी यह सब माता को अर्पित करे, तो माता के मंत्रो का जाप अवश्य करे.
देवी बगलामुखी का मंत्र (Baglamukhi Mantra):
माँ बगलामुखी मंत्र साधना भक्त को पूरी निष्ठा से करनी चाहिए तथा कोशिश करनी चाहिए कि मंत्र उच्चारण सही तरह से हो. यहाँ माँ बगलामुखी मन्त्र दिया जा रहा है :
ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिह्वां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्रीं ॐ स्वाहा
यदि भक्त सर्वकार्य सिद्धि मंत्र साधना करना चाहता है, तो उसका मंत्र यहाँ दिया जा रहा है-
‘ॐ ह्रीं ऎं क्लीं श्री बगलानने मम रिपून नाशय नाशय ममैश्वर्याणि देहि देहि शीघ्रं मनोवान्छितं साधय साधय ह्रीं स्वाहा’
बग्लामुखी मंत्र के लाभ (Benefits of Baglamukhi Mantra)
माँ बगलामुखी की पूजा कोर्ट कचहरी के मामलों में जीत तथा आम जीवन में अपने दुश्मनों को हराने के लिए की जाती है. माँ बगलामुखी के पास परिस्थितियों को बदलने की क्षमता है अतः लोग अपने बुरे समय में माँ की आराधना करके प्रतिकूल परिस्थितियों को अनुकूल बनाते हैं. ऐसा माना जाता है कि माँ को पूजा और हवन अर्पित करने से माँ खुश होती है तथा भक्त के शत्रुओं का नाश करती है. नीचे माँ बगलामुखी के मंत्र उच्चारण के लाभ दिए जा रहे हैं.
- माँ बगलामुखी के मन्त्र उच्चरण से भक्त पर किये गये काले- जादू का असर कम होता है, तथा काला जादू करने वाले को उसके ग़लत इरादों में किसी तरह की सफलता नहीं मिलती.
- माँ बगलामुखी की मंत्र- साधना का प्रयोग राजनेता तथा शासन प्रबंध सम्बन्धी लोग अपने क़र्ज़ से मुक्ति तथा मुक़दमों में सफलता के लिए करते हैं. राजनेता अपनी सफलता तथा अपने प्रतिद्वंदी नेताओं को पराजित करने के लिए इस मंत्र की साधना करते हैं.
- बगलामुखी मंत्र का प्रयोग वैसे लोग भी करते हैं, जिनका व्यापार घाटे में चल रहा है अथवा जो लोग झूठे मुक़दमे में फंस गये हैं. ऐसे लोग बगलामुखी मंत्र साधना से अपने सद्कर्मो में सफलता प्राप्त करते हैं.
- माँ बगलामुखी के मंत्र साधना से लोगों को उच्च स्तरीय बहसों, प्रतियोगिता परीक्षाओं आदि में सफलता के मार्ग आसान करती है. अतः नियम और निष्ठा को मान कर विद्यार्थी भी माँ की भक्ति कर सकते हैं.
- माँ बग्लामुखी अपने भक्तों को बुरी आत्माओं तथा बुरी नज़रों से भी बचातीं हैं. यदि कभी बुरी आत्माओं के प्रभाव के लक्षण अपने जीवन में महसूस हो तो भक्त माँ बगलामुखी की मंत्र साधन से अपनी तथा अपने परिवार की रक्षा कर सकते हैं.
- माँ बगलामुखी की साधना से भक्तों में आत्मविश्वास की वृद्धि होती है. माता की मंत्र साधना से भक्तों में निश्चयात्मक भाषण देने की क्षमता बढ़ जाती है. इस क्षमता के साथ भक्त आम सभाओं में अपने भाषण से अपनी गहरी छाप छोड़ सकते हैं.
बगलामुखी का कवच (Baglamukhi Kavach):
बगलामुखी कथा (Baglamukhi Katha) :
देवी बगलामुखी के लिए जो कथा प्रचलित है, उसके अनुसार सतयुग के समय एक महाविनाश करने वाला तूफान उत्पन्न हुआ, जिसके फलस्वरूप सारा विश्व महाविनाश की ओर बढने लगा. इससे विंष्णु जी विचलित हो उठे और अपनी समस्या के समाधान के लिए भगवान शिव के पास पहुचे. तब भगवान शिव ने उन्हे शक्ति की उपासना करने की सलाह दी, उनकी सलाह पर भगवान विष्णु ने हरिद्रा सरोवर के तट पर कठोर तप किया . भगवान विष्णु के तप से देवी महात्रिपुरा सुंदरी बहुत प्रसन्न हुई और तालाब मे जलक्रीड़ा करती हुई देवी के हृदय से दिव्य तेज उत्पन्न हुआ. उसी समय चतुर्दशी की रात्री को देवी बगलामुखी प्रकट हुई और उन्होने मनवांछित वरदान दिया और इस प्रकार सृष्टि का विनाश रुका. देवी बगलामुखी को वीर रति भी कहा जाता है तांत्रिक इन्हे स्तंभन की देवी मानते है. गृहस्त लोगो के लिए देवी हर संशय का शमन करती है और अपने भक्तो की रक्षा समस्त शत्रुओ से करती है.
साल 2024 मे बगलामुखी जयंती कब है (Baglamukhi Jayanti 2024):
जैसा कि आप सभी लोग जानते है कि यह जयंती वैशाख शुक्ल की अष्टमी तिथी को पढ़ती है, तो इस साल 15 मई 2024 को बगलामुखी जयंती मनाई जायेगी .
FAQ
Ans- इस बार ये जयंती 15 मई को मनाई जाएगी।
Ans- बगलामुखी की पूजा दुश्मनों को हराने के लिए की जाती है।
Ans- बगलामुखी का मंत्र है, ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिह्वां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्रीं ॐ स्वाहा
Ans- बगलामुखी की पूजा अकेले रहकर करनी चाहिए। पूजन के समय पीले वस्त्र धारण करने चाहिए।
Ans- बगलामुखी दसमहाविधाओ मे से आठवी महाविधा हैं।
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FAQ
Ans : इस बार ये जयंती 15 मई को मनाई जाएगी।
Ans : बगलामुखी की पूजा दुश्मनों को हराने के लिए की जाती है।
Ans : बगलामुखी का मंत्र है, ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिह्वां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्रीं ॐ स्वाहा
Ans : बगलामुखी की पूजा अकेले रहकर करनी चाहिए। पूजन के समय पीले वस्त्र धारण करने चाहिए।
Ans : बगलामुखी दसमहाविधाओ मे से आठवी महाविधा हैं।
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