Arun Goel Biography: कौन हैं अरुण गोयल, जिन्होंने चुनाव आयुक्त से दिया इस्तीफा, जानिए क्या है वजह

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मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने शनिवार को स्पष्ट किया कि चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने अपने व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दिया है। जब उनसे उनके इस्तीफे के कारण पर सीधा प्रश्न पूछा गया, तो वह इसे टालते दिखे। लोकसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के लिए आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजीव कुमार ने यह भी बताया कि चुनाव आयोग में विभिन्न विचारों को समर्थन देने की प्रक्रिया है।

Arun Goel Biography: कौन हैं अरुण गोयल, जिन्होंने चुनाव आयुक्त से दिया इस्तीफा, जानिए क्या है वजह

Arun Goel Biography

प्रकारविवरण
नामअरुण गोयल
पदचुनाव आयुक्त
प्रारंभिक सेवाकालनवंबर 2022
जन्म तिथि7 दिसंबर, 1962
जन्म स्थानपटियाला, पंजाब
शैक्षिक योग्यताएमएससी गणित, पंजाब यूनिवर्सिटी
अधिक शिक्षाविकास अर्थशास्त्र में विशिष्टता के साथ पोस्ट ग्रेजुएशन, कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी
सेवानिवृत्ति18 नवंबर, 2022 में
प्रशिक्षणहार्वर्ड यूनिवर्सिटी के जॉन एफ कैनेडी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट
वर्तमान पदसेवानिवृत्त चुनाव आयुक्त

पूर्व आईएएस अरुण गोयल: एक उद्यमी और समाजसेवक

पूर्व आईएएस अरुण गोयल एक प्रमुख भारतीय उद्यमी, समाजसेवक और सामाजिक कार्यकर्ता हैं। उन्होंने 21 नवंबर 2022 को चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यभार संभाला था। वे 1985 बैच के पंजाब कैडर के आईएएस अधिकारी हैं और उन्होंने अपने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी योगदान दी है।

अरुण गोयल ने भारत सरकार के भारी उद्योग मंत्रालय में सचिव के रूप में कार्य किया है। उन्होंने भारत में ई-वाहन में भी बहुत काम किया है और ऑटो उद्योग के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना और एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल बैटरी स्टोरेज के लिए पीएलआई भी लागू किया था।

उनके प्रशंसा का विषय है कि वे दिल्ली विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष के रूप में भी काम कर चुके हैं। उन्हें 1995 से 2000 तक लुधियाना और 1993-94 तक बठिंडा जिले के जिला चुनाव अधिकारी भी रह चुके हैं।

अरुण गोयल को उनकी उत्कृष्ट पढ़ाई और कार्यशैली के लिए सम्मानित किया गया है। उन्होंने चांसलर मेडल ऑफ एक्सीलेंस से भी सम्मान प्राप्त किया है। उन्होंने अपनी शिक्षा को चर्चिल कॉलेज, कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय, इंग्लैंड से और जॉन एफ कैनेडी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, यूएसए से पूरी की है।

चुनाव से आयुक्त अरुण गोयल का इस्तीफा

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने शनिवार को एक साक्षात्कार में बताया कि चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने व्यक्तिगत कारणों के बजाय इस्तीफा दिया है। इसके बावजूद, अरुण गोयल ने अपने इस्तीफे के कारण पर सीधा उत्तर नहीं दिया। राजीव कुमार ने लोकसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के मौके पर एक संवाददाता सम्मेलन में यह भी बताया कि चुनाव आयोग में असहमति को प्रोत्साहित किया जाता है। इससे स्पष्ट होता है कि आयोग विवादों का सामना करने में सक्षम है और सुनिश्चित करता है कि विभिन्न दृष्टिकोणों की समीक्षा की जाए। गोयल ने पिछले शनिवार को अपने इस्तीफे की घोषणा की थी, जो काफी महत्वपूर्ण घटना है। इससे चुनाव आयोग की कार्य प्रणाली में नई स्थितियाँ उत्पन्न हो सकती हैं।

अरुण गोयल की चुनावी भूमिका

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अरुण गोयल के इस्तीफे को स्वीकार कर लिया है। इस वर्ष के फरवरी में अनूप पांडे की सेवानिवृत्ति और गोयल के इस्तीफे के बाद, अब तीन सदस्यीय निर्वाचन आयोग में केवल मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार बाकी हैं। अरुण गोयल मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) बनने के लिए विचार किया जा रहा था, जिसका कार्यकाल पांच दिसंबर, 2027 तक था। मौजूदा सीईसी राजीव कुमार की सेवानिवृत्ति की उम्र अगले साल फरवरी में है। उनके सेवानिवृत्ति के बाद, अरुण गोयल ही अगले मुख्य निर्वाचन आयुक्त बनने के लिए उपयुक्त थे।

क्या वजह है इस्तीफा देने की

सूत्रों के मुताबिक, गोयल ने निजी कारणों के चलते इस्तीफा देने की बात कही हैं। सरकार ने उन्हें इस्तीफा नहीं देने के लिए मनाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने यह निर्णय लिया कि वह अपनी पहली बारी की इस्तीफे देंगे।गोयल के स्वास्थ्य से जुड़े कारणों के चलते उन्होंने पंजीकृत हवाई यात्रा को कोलकाता में बीच में छोड़ दिया था। उन्होंने चुनाव में केंद्रीय बलों की तैनाती संबंधित बैठक में भी भाग लिया था, जिसमें मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार भी शामिल थे। यहां उस बैठक में ‘विभिन्न मुद्दों पर मतभेद’ के बारे में चर्चा हुई थी, जो इस्तीफे के पीछे का प्रमुख कारण हो सकता है।

कौन है अरुण गोयल ?

अरुण गोयल, जो पंजाब के पटियाला में जन्मे हैं, एक 1985 बैच के पंजाब कैडर के आईएएस अधिकारी थे। उन्होंने भारत निर्वाचन आयोग में भाग लिया और उन्हें नवंबर 2022 में इस भविष्यवाणी का श्रेय जाता है। गोयल की उच्च शैक्षिक योग्यता की बात करें तो, उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी से गणित में एमएससी की डिग्री प्राप्त की है। उन्हें चांसलर मेडल ऑफ एक्सीलेंस से सम्मानित किया गया है क्योंकि वे सभी परीक्षाओं में टॉप करने का रिकॉर्ड बनाए रखने के लिए जाने जाते हैं। इसके अलावा, उन्होंने इंग्लैंड की कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में विकास अर्थशास्त्र में विशेषज्ञता के साथ पोस्ट ग्रेजुएशन की है और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के जॉन एफ कैनेडी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट से भी प्रशिक्षण प्राप्त किया है।

अरुण गोयल की सेवानिवृत्ति के पश्चात, उन्हें स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की गई और एक दिन बाद ही उन्हें चुनाव आयुक्त का पद नियुक्त किया गया था। इनकी नियुक्ति को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिसका अंतिम निर्णय वर्ष 2023 में आया था। यहां, दो न्यायाधीशों की पीठ ने उनकी नियुक्ति को खारिज कर दिया था, जिससे एक संविधान पीठ ने भी इस मुद्दे पर जांच की थी।

चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति प्रक्रिया

आगे की प्रक्रिया में, केंद्र सरकार को लोकसभा चुनाव से पहले दो नए चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करने का मौका है। इस प्रक्रिया में, दो समितियां शामिल होंगीं जो नामों की सिफारिश करेंगी और चुनाव आयुक्तों का चयन करेंगी।

पहला है एक तीन सदस्यीय खोज समिति, जिसमें कानून मंत्री के नेतृत्व में तीन सदस्य शामिल होंगे। इस समिति में, दो सचिव स्तर के अधिकारी भी शामिल होंगे। इसके बाद, प्रधानमंत्री के अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय चयन समिति फैसला करेगी। इस समिति में, प्रधानमंत्री और विपक्ष के नेता के अलावा एक केंद्रीय मंत्री भी होंगे।

इस प्रक्रिया में कुल छह व्यक्तियों की शामिलता है, जिनमें तीन सरकार के सदस्य हैं और दो सरकार द्वारा नियोजित हैं। खोज समिति सिफारिश करेगी और चयन समिति चुनाव आयुक्तों का चयन करेगी। चयन समिति को पांच नामों की सिफारिश करने का कार्य होगा, लेकिन उसके पास चयन का अंतिम अधिकार होगा। फिर, चयन समिति द्वारा सुझाए गए व्यक्ति को राष्ट्रपति बतौर चुनाव आयुक्त नियुक्त किया जाएगा।

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