अमरनाथ यात्रा 2023की जानकारी | Amarnath Yatra Information in Hindi

अमरनाथ यात्रा 2023 की जानकारी, रजिस्ट्रेशन, फीस, खर्च, सब्सिडी, हेलिकॉप्टर, कब शुरू होगी, मेडिकल सर्टिफिकेट फॉर्म, अमरनाथ की कहानी, कहां है (Amarnath Yatra Information in Hindi) (Registration, Medical Form, Online, Helicopter, Booking, 2023 Date)

भारत मे अजूबो की कोइ कमी नहीं है यहा आज भी कई ऐसे रहस्य है जिनका आज तक कोई खुलासा नहीं हुआ जिनके होने का कारण आज तक कोई नहीं जान पाया । इन्ही मे से एक है अमरनाथ का शिवलिंग जिसकी जानकारी आपको Amarnath Yatra Details In Hindi मे दी गई है।

Table of Contents

अमरनाथ कहां हैं (Where is Amarnath)

कश्मीर से करीब 135 मीटर की दूरी पर यह तीर्थ स्थल स्तिथ है अमरनाथ मे उपस्थित गुफा की लंबाई 19 मीटर, चौड़ाई 16 मीटर तथा उचाई 11 मीटर है।

अमरनाथ गुफा की ऊंचाई3888 मीटर
श्रीनगर से दूरी141 किलोमीटर
गुफा की लम्बाई, चौड़ाई, ऊंचाई19 मीटर, 16 मीटर, 11 मीटर
पहलगांव के बाद यात्रा का समय5 दिन
पैदल चलाई16 किलोमीटर

अमरनाथ शिवलिंग की विशेषता (Amarnath Shivling Importance)

अमरनाथ भगवान शिव के प्रमुख स्थानो मे से एक है । यहा की प्रमुख बात यह है की यहा पर उपस्थित शिवलीग स्वयं निर्मित होता है । स्वयं निर्मित होने के कारण इसे स्वयंभू हिमानी शिवलिंग भी कहते है । इस शिवलिंग के दर्शन आषाढ़ पुर्णिमा से लेकर रक्षा बंधन तक प्राप्त होते है। कहा जाता है की चंद्रमा के घटने बढ्ने के साथ साथ इस शिवलिंग का आकार भी घटता बढ़ता है । इस शिवलिंग की खास बात यह है की यह शिवलिंग ठोस बर्फ का बना होता है जबकि जिस गुफा मे यह शिवलिंग स्तिथ व्हा उपस्थित अन्य बर्फ हिमकण के रूप मे होती है। जिस प्रकार भगवान शिव का शिवलिंग है ठीक उसी प्रकार उसी गुफा मे कुछ दूरी पर भगवान गणेश, पार्वती जी तथा भैरव बाबा के भी ठोस लिंग बनते है।

अमरनाथ गुफा का रहस्य (Amarnath Gufa Mistry)

अमरनाथ गुफा मे शिव जी ने माता पार्वती को अमरत्व का रहस्य बताया था तथा इसी कथा को सुनकर शुक शिशु संघोजात शुकदेव ऋषि के रूप मे अमर हो गए थे| जब शिव जी यह कथा पार्वती माता को सुना रहे थे ठीक उसी समय उस गुफा मे एक कबूतर का जोड़ा भी मौजूद था इस कथा को सुनने के कारण वह कबूतर का जोड़ा भी अमर हो गया । आज भी कुछ भाग्यवान श्रधालुओ को इस कबूतर के जोड़े के दर्शन होते है तथा मान्यता तो यह भी है की जिस किसी को भी इस कबूतर के जोड़े के दर्शन होते है, उसे शिव पार्वती स्वयं अपने दर्शन प्रदान करके कृतार्थ करते है ।

Amarnath Yatra Details In Hindi

इसी गुफा मे शिव जी ने माता पार्वती को कथा मे अमरनाथ यात्रा मे आने वाले समस्त स्थलो का वर्णन किया था यही कथा वर्तमान मे अमर कथा नाम से प्रचलित है । कहा जाता है कि जब भगवान शिव माता पार्वती को कथा सुनने लेजा रहे थे तो उन्होने छोटे छोटे नागो को अनंत नाग मे, कपाल के चन्दन को चंदनबाड़ी मे, पिस्सुओ को पिस्सू टॉप पर तथा शेषनाग को शेषनाग पर छोड़ा । यह स्थल आज भी अमरनाथ यात्रा के दौरान मार्ग मे आते है ।

अमरनाथ गुफा को सबसे पहले किसने देखा

इस गुफा को सबसे पहले एक मुस्लिम गड़रिये ने देखा था आज भी अमरनाथ से प्राप्त चढ़ावे का एक भाग उस मुस्लिम गड़रिये के परिवार को दिया जाता है । इस अमरनाथ गुफा के रास्ते मे यदि अमरावती नदी के तट पर आगे बड़ा जाए तो और भी कई गुफाये दिखती है परन्तु वे सभी गुफाये बर्फ से ढकी हुई है ।

अमरनाथ यात्रा की जानकारी (Amarnath Yatra Information in Hindi)

अमरनाथ यात्रा की शुरुवात :

अमरनाथ यात्रा करने वालो के लिए दो विकल्प मौजूद है पहला रास्ता पहलगाम से जाता है और दूसरा सोनमर्ग बलटाल से । पहलगाम का रास्ता बलटाल की अपेक्षा सरल है इसलिए सरकार भी दर्शनार्थियों को इसी रास्ते से जाने का सुझाव देती है । क्योकि बलटाल से जानेवाला रास्ता बहुत कठिन है यहा से जाने वालो को कई परेशानीया उठानी पड़ती है तथा इस रास्ते मे जोखिम भी बहुत है इसलिए सरकार इस रास्ते से जाने वालो की जिम्मेदरी सरकार नहीं लेती ।

पहलगाम से अमरनाथ यात्रा :

पहलगाम जम्मू से 315 किलोमीटर की दूरी पर स्तिथ है । जम्मू तक यात्री बस ट्रेन या रोड किसी भी रास्ते से पहुच सकते है तथा जम्मू से पहलगाम तक के लिए सरकारी पर्यटन की बसे उपलब्ध रहती है । पहलगाम ही वह जगह है जहा से यात्री अपनी पैदल यात्रा की शुरवात करते है अमरनाथ यात्रा मे अन्य तीर्थ स्थानो की तरह पैदल चलने वालो के लिए घोड़े, पालकी की सुविधा नही होती परंतु फिर भी वृद्ध लोगो के लिए साधन मौजूद है ।

पहला पड़ाव – चंदनबाड़ी

पहलगाम से यात्रा शुरू करने पर आठ किलोमीटर की दूरी पर पहला पड़ाव चंदनबाड़ी आता है यही वह जगह है जहा यात्री अपनी पहली रात गुजारते है रात रुकने के लिए यहा कैंप लगाए जाते है ।

दूसरा पड़ाव – पिस्सू घाटी एवं शेषनाग झील

चंदनबाड़ी पर विश्राम के बाद यात्री दूसरे दिन पिस्सू घाटी की चड़ाई शुरू करते है वैसे तो प्रथम चरण की यह चड़ाई ज्यादा कठिन नहीं थी परंतु पिस्सू घाटी पर दूसरा पड़ाव शुरू करते ही जोखिम भरा रास्ता भी शुरू हो जाता है । कहा जाता है की यही पिस्सूघाटी पर देवता और राक्षसो के बीच यूध्द हुआ था जिसमे राक्षसो की हार हुई थी । इसी पिस्सू घाटी से होते हुये यात्री 14 किलोमीटर चलने पर शेषनाग पर पहुचते है । यही शेषनाग पर नीले पानी की खूबसूरत झील है इस झील मे देखने पर यात्रियो को बादल होने का भ्रम होता है इसकी लंबाई करीब 1.5 किलोमीटर है । कहते है की आज भी इस झील मे शेषनाग रहता है तथा 24 घंटे मे एक बार यह नाग बाहर आता है तथा खुशनसीबों को इसके दर्शन प्राप्त होते है । यही वह पड़ाव है जहा यात्री अपनि अगली रात्रि बिताते है ।

तीसरा पड़ाव – पंचतरणी

तीसरे दिन की यात्रा यही से शुरू होती है करीब 8 मील चलने के बाद पंचतरणी आता है इसी रास्ते मे बैववैल टॉप तथा महागुणास दर्रे को पार करना पड़ता है । महागुणास पर पाहुचने के बाद सारा रास्ता उतराई का है यहा पर 5 जलधाराए बहती है इसी कारण इसका नाम पंचतरणी पड़ा । यहा का मौसम अपेक्षाकृत ज्यादा ठंडा होता है तथा यहा पर यात्रियो को ऑक्सीजन की कमी महसूस होती है।

आखिरी पड़ाव – अमरनाथ गुफा

यहा से अमरनाथ की गुफा केवल 8 किलोमीटर रह जाती है परंतु यहा से आगे के सारे रास्ते मे बर्फ जमी रहती है यहा से यात्रा शुरू करने पर यात्री अगले दिन अमरनाथ गुफा पहुच जाता है यात्री यहा चाहे तो रात्री विश्राम करके अगले दिन नहा कर शिवलिंग के दर्शन कर सकता है।

वैसे तो यह यात्रा बहुत कठिन है परन्तु शिवजी के दर्शन होते ही सारी थकान मीट जाती है । तथा दर्शन के बाद यात्री वापसी के लिए अपनी यात्रा शुरू कर देते है वापसी मे पहले दिन ही यात्री शेषनाग तक का सफर कर सकते है ।  इसी प्रकार यात्री अपनी यात्रा आसानी के पूरी कर पाते है|

अमरनाथ यात्रा कौन नहीं जा सकता

अमरनाथ यात्रा में ऐसे मरीज नहीं जा सकते जिन्हें ब्लडप्रेशर, डायबिटीज, हाइपरटेंशन, जॉइंट पेन, सांस की बीमारी, मिर्गी के दौरे आदि की परेशानी है. इसके अलावा 6 हफ्ते से ज्यादा की प्रेग्नेंट महिलाएं भी इस यात्रा में नहीं जा सकती हैं. इसलिए यात्रा से पहले यात्रियों का मेडिकल टेस्ट किया जाता है, और फिर उसे पास करने के बाद ही अमरनाथ यात्रा का अप्रूवल मिलता है.

अमरनाथ यात्रा में क्या लेकर जाना जरुरी है

जब आप अपनी अमरनाथ यात्रा पर जाते हैं तो आपको निम्न चीजें साथ लेकर जाना हैं –

  • रेनकोट
  • हवा वाली जैकेट
  • सनस्क्रीन एवं कीड़े से बचने वाली क्रीम
  • स्टील की पानी की बोतल
  • चॉकलेट
  • ट्रैकिंग करने के लिए लाठी
  • फर्स्ट ऐड किट और जरुरी दवाएं
  • बैटरी टॉर्च
  • सैनीटाइज़र

अमरनाथ यात्रा 2023 में कब से शुरू हैं

अमरनाथ यात्रा इस साल 1 जुलाई से शुरू होने वाली है और यह 30 अगस्त तक चलेगी. लेकिन यात्रा पर जाने से पहले आपको रजिस्ट्रेशन कराना जरुरी होता है.

अमरनाथ यात्रा 2023 रजिस्ट्रेशन

अमरनाथ यात्रा 2023 के लिए यदि आप रजिस्ट्रेशन कराना चाहते हैं तो इसके लिए नीचे दी हुई जानकारी को देखें.

रजिस्ट्रेशन के नियम

आपको बता दें अमरनाथ यात्रा करने के लिए अमरनाथ श्राइन बोर्ड द्वारा कुछ नियम बनाये गये हैं, जिसके तहत 13 साल से 70 साल तक के लोग ही रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं.

रजिस्ट्रेशन कब से कब तक होंगे

इस साल अमरनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन 17 अप्रैल से शुरू हो चुके हैं. आप कभी भी इसके लिए रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं.

कैसे होगा रजिस्ट्रेशन

अमरनाथ यात्रा का रजिस्ट्रेशन आप ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीके से करा सकते हैं.

ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया

  • यदि आप ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना चाहते हैं तो इसके लिए आपको अधिकारिक वेबसाइट में जाना होगा.
  • इसके बाद आप what’s new पर क्लिक करें.
  • यहां से आप click here to register online for yatra 2023 पर क्लिक करें.
  • अब आप अगले पेज में पहुंचेंगे, जहां पर आपको 1 agree पर क्लिक करना होगा.
  • इसके बाद आप रजिस्टर पर क्लिक करें.
  • इसके बाद आपकी स्क्रीन पर अमरनाथ रजिस्ट्रेशन फॉर्म खुलेगा, जिसमें आपको सभी जानकारी को भरना है.
  • इसके बाद आप सबमिट बटन पर क्लिक कर दें, तब आपको अपना मोबाइल नंबर एवं ईमेल आईडी ओटीपी के माध्यम से सत्यापित करने के लिए कहा जायेगा.
  • यह पूरा हो जाने के बाद आपका इसमें रजिस्ट्रेशन हो जायेगा.
  • इसके बाद संबंधित board द्वारा इसका वेरिफिकेशन किया जायेगा.
  • वेरिफिकेशन पूरा करने के बाद आपको 24 घंटे के अंदर परमिट डाउनलोड करने का मेल आयेगा.
  • परमिट के पीडीएफ फॉर्म को आप डाउनलोड करके संभाल के रख लें.
  • ऑफिसियल वेबसाइट से आप अपने रजिस्ट्रेशन को ट्रैक भी कर सकते हैं.

ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया

यदि आप ऑफलाइन आवेदन करना चाहते हैं तो इसके लिए आप चिन्हित किये गये बैंक में जाकर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. इसमें निम्न बैंक को चिन्हित किया है –

  • पंजाब नेशनल बैंक
  • स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया
  • यस बैंक
  • जम्मू कश्मीर बैंक

मोबाइल एप्प

आप अपने मोबाइल फोन में श्री अमरनाथजी एप्प डाउनलोड करके भी रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. लेकिन इससे केवल 5 लोग ही रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं.

ग्रुप रजिस्ट्रेशन

अगर आप ग्रुप में रजिस्ट्रेशन कराना चाहते हैं तो इसके लिए आप अपने ग्रुप के सभी मेम्बर के डाक्यूमेंट्स लेकर SASB को डाक के माध्यम से भेज दें. इसके बाद आप रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. एक ग्रुप में 5 से 50 लोग तक हो सकते हैं.

आवश्यक डाक्यूमेंट्स

  • ट्रेवल एप्लीकेशन फॉर्म
  • मेडिकल सर्टिफिकेट
  • 4 पासपोर्ट साइज़ फोटो
  • RFID कार्ड
  • आधार कार्ड

कुल खर्च

  1. यदि आप बैंक ब्रांच से रजिस्ट्रेशन कराते हैं तो इसके लिए आपको 120 रूपये फीस लगेगी.
  2. ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना है तो इसके लिए आपको 220 रूपये लगेंगे.
  3. ग्रुप में कराने पर प्रति व्यक्ति 220 रूपये लगेंगे.
  4. यदि यात्री NRI है तो वह पंजाब नेशनल बैंक के माध्यम से 1520 में पर्सनल रजिस्ट्रेशन करा सकता है.

टोल फ्री नंबर

अमरनाथ यात्रा में रजिस्ट्रेशन करने या फिर इसके बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए आप टोल फ्री नंबर पर कॉल भी कर सकते हैं. इसका टोल फ्री नंबर 180018007198 या 180018007199 है.

इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको इस यात्रा कि समस्त जानकारी देने का प्रयास किया है| अगर आप कोई और जानकारी चाहते है तो कमेंट बॉक्स के माध्यम से पूछ सकते है| अगर आप Hindi कहानी पढने के शौकीन है तो  Hindi Story पर क्लिक करे |

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FAQ

Q : अमरनाथ यात्रा कब से शुरू है?

Ans : 1 जुलाई से

Q : अमरनाथ यात्रा में रजिस्ट्रेशन कब से शुरू हैं?

Ans : 17 अप्रैल से

Q : अमरनाथ यात्रा में रजिस्ट्रेशन कैसे कराएँ?

Ans : ऑनलाइन या ऑफलाइन किसी भी तरीके से

Q : अमरनाथ यात्रा कौन नहीं कर सकता है?

Ans : शारीरिक रूप से कमजोर व्यक्ति

Q : अमरनाथ यात्रा कब तक चलेगी?

Ans : 30 अगस्त तक

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Sneha
स्नेहा ने पुणे से एमबीए किया हुआ है. दैनिक भास्कर में कुछ समय काम करने के बाद इन्होने दीपावली के लिए फाइनेंस से जुड़े अलग-अलग विषय में लिखना शुरू किया. इसके अलावा इन्हें देश दुनिया के बारे नयी-नयी जानकारी लिखना पसंद है.

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