सरदार वल्लभभाई पटेल के आदर्ष जीवन की घटना

“Aadarsh Jeevan” आदर्श जीवन क्या हैं | कैसे के व्यक्ति विकट परिस्थती में अपने कर्तव्य को सर्वोपरि रखता हैं | सरदार वल्लभभाई पटेल के जीवन से जुड़ी यह कहानी हमें आदर्श जीवन की परिभाषा समझाती हैं |लोह पुरुष कहलाने वाले सरदार वल्लभभाई पटेल का जीवन आदर्षों का एक उदहारण हैं जो हर मायने में हमारे लिए प्रेरणाप्रद हैं | उन्ही के जीवन से जुड़ी एक घटना आपके लिए प्रस्तुत हैं |

Aadarsh Jeevan

Aadarsh Jeevan

सरदार वल्लभभाई पटेल के आदर्ष जीवन की घटना

लोह पुरुष श्री वल्लभभाई पटेल पेशे से एक वकील थे और सादगीपूर्ण अपनी वकालत का कार्य करते थे | उस वक्त उनकी पत्नी उनके साथ ना रहकर गाँव में रहती थी | अचानक ही उनकी पत्नी की तबियत ख़राब हो गई | खबर मिलते ही वल्लभ भाई गाँव पहुँचे और पत्नी की सेवा में लग गये | उस वक्त वल्लभ भाई एक निर्दोष व्यक्ति का केस लड़ रहे थे जिसे धोखे से आरोप में फँसा दिया गया था | उस वक्त उसी व्यक्ति की पेशी पड़ी | वल्लभभाई को टेलीग्राम के जरिये संदेश आया | पत्नी की स्थिती ठीक नहीं थी | वल्लभभाई विचार में थे | उनके यह भाव देख पत्नी ने कहा – आप ! जाइये ये आपका कर्तव्य हैं | कहीं ऐसा ना हो कि आपके ना जाने से किसी बेकसूर को सजा मिल जायें | वल्लभभाई ने तुरंत जाने का निर्णय लिया |

वल्लभभाई ने केस की तैयारी की और अदालत में जाकर बैठे | तभी उन्हें  एक टेली ग्राम आया जिसे देख उन्होंने जेब में रख लिया | सभी के मन में सवाल था | आखिर टेलीग्राम क्यूँ आया क्यूंकि उन दिनों तार या टेलीग्राम किसी विशेष खबर के लिए ही आया करते थे | लेकिन वल्लभभाई पटेल ने टेलीग्राम को जेब में रख अपनी पैरवी शुरू की और अपनी दलीलों एवम सबूतों के आधार पर बेगुनाह को बचाया | सभी ने पेरवी सुनकर वल्लभभाई की सराहना की | तब ही एक ने उस टेलीग्राम के बारे में पूछा | तब वल्लभभाई ने टेलीग्राम दिखाया जिसमे लिखा था कि उनकी पत्नी का देहांत हो गया हैं | सभी स्तब्ध रह गये | उनसे पूछा गया कि वे अपनी बीमार पत्नी को छोड़कर क्यूँ आयें | तब उन्होंने कहा कि उसी के परामर्श पर आया हूँ |वो भी जानती थी कि वकील का कर्तव्य किसी निर्दोष की रक्षा करना हैं और वही मेरा धर्म हैं |

इसी कर्तव्यनिष्ठा के कारण वल्लभभाई पटेल को लोह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल कहा गया और इतिहास में उनका नाम अमर हुआ |

महान बनाना आसान नहीं | इतिहास के जिन पन्नो में ऐसे महानतम व्यक्ति का नाम होता हैं | वही उनकी कुर्बानी और सहनशीलता की आधारशिला पर ही उनके व्यक्तितव का निर्माण होता हैं |

साधारण व्यक्ति के लिए इस तरह की सोच की कल्पना भी साहस की बात हैं | जीवन में कई ऐसे मोड़ आते हैं | जब भावनाओं को परे रख इंसान को कर्तव्य के पथ पर चलना होता हैं और जो यह कर पाता हैं वही महानतम बनता हैं |

आसानी से हम ऐसे महान व्यक्ति के लिए कई सवाल खड़े कर देते हैं | वास्तविकतौर पर हम उनके कर्तव्यनिष्ठ जीवन के आगे उनकी कुर्बानी को जान ही नहीं पाते और अपनी छोटी सोच के साथ इन महानतम लोगो के जीवन की समीक्षा करते हैं | सही गलत का हिसाब बनाते हैं |

ऐसे महान व्यक्ति के जीवन की यह घटनायें ही हमें कर्तव्य का बोध कराती हैं | वास्तव में यही विभूतियाँ हमारे लिये भगवान् कृष्ण के तुल्य हैं जो हमें अपने कर्मों से सही मार्ग के दर्शन करवाती हैं |

सरदार वल्लभभाई पटेल के आदर्ष जीवन (Aadarsh Jeevan) की घटना इस कहानी के संदर्भ में अपने विचार व्यक्त करें |

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