प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना 2023 | PM Fasal Bima Yojana

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना Pradhan mantri Fasal Bima Yojana (PMFBY) In Hindi 2023 ऑनलाइन फॉर्म रजिस्ट्रेशन पात्रता Online Application Form Process, Eligibility Criteria, Primium, Mobile App, Guideline @pmfby.gov.in

भारत की एक बहुत बड़ी आबादी खेती पर निर्भर करती है. इनका जीवन यापन खेती पर ही निर्भर करता है, किन्तु कई बार मौसम की मार जैसे सूखा, बाढ़ आदि की वजह से इनके फसल नष्ट हो जाते हैं और इन्हें बहुत नुकसान उठाना पड़ जाता है. कई बार किसान क़र्ज़ और नुकसान के बोझ तले आत्महत्या तक कर लेते है. इस समस्या से निदान पाने के लिए भारत सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत की है, जिसकी सहायता से किसान अब अपने फसल का बीमा करा पायेंगे और किसी भी तरह से उनके फसल का नुकसान होने पर उसकी भरपाई इसी बीमा द्वारा की जायेगी. इस स्कीम की शुरुआत 13 जनवरी 2016 को की गयी. यह योजना देश के सभी राज्यों में लागू किया जाने का लक्ष्य हैं. यह योजना भारत सरकार के कृषि विभाग मंत्रालय द्वारा संचालित की गई है. किसान कर्ज माफ़ी योजना 2017 के बारे में यहाँ पढ़ें.

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना क्या हैं ? (What is Fasal Bima Yojana)

इस योजना  के तहत केंद्र एवम राज्य सरकार द्वारा किसानो को उनकी फसल के लिए बीमा करवाया जायेगा, जिसमे प्रीमियम दर बहुत कम कर दी गई हैं, जिससे किसानो को पूरा लाभ मिले .प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत प्रीमियम कम होगा लेकिन ज्यादा नुकसान पूरा किया जायेगा . इस योजना में लगने वाले बजट का वहन दोनों राज्य एवम केंद्र सरकार द्वारा उठाया जायेगा . अनुमानित तौर पर इसका बजट 17600 करोड़ तय किया गया हैं . यह बीमा एग्रीकल्चर इंशोरेंस कंपनी के अंडर में होगा यह कंपनी बीमा भुगतान करेगी. 2017-18 में इस योजना के तहत देश की 50% खेती को इसका लाभ देना है. इसके लिए अतिरिक्त 9000 करोड़ रूपए इस योजना को दिए गए है.

Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का उद्देश्य (Pradhan mantri Fasal Bima Yojana Objectives )

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत सरकार के कई लोक कल्याणकारी उद्देश्य निहित हैं. इन उद्देश्यों का वर्णन नीचे किया जा रहा है.

  • फसल का उत्पाद कई कारकों से प्रभावित होता है, जैसे मौसम, कीटाणु का रोकथाम, विभिन्न फसल सम्बंधित रोग आदि. इन सबके कुप्रभाव से फसल नष्ट होना शुरू हो जाती है और इससे किसानों को भारी क्षति होती है. इस योजना की सहायता से सरकार इन सभी कुप्रभावों से होने वाली क्षति से किसानों को होने वाली आर्थिक हानियों में मदद करेगी. इस योजना का लाभ हालाँकि उन्हीं चयनित फसलों पर ही प्राप्त हो सकेगा, जिसे सरकार ने योजना के अंतर्गत रखा है.
  • कृषि कर्म में लाभ अनिश्चितताओं से भरा हुआ है. किसानों को आने वाले मौसम में उगाई जाने वाली फसल पर लाभ के प्रतिशत का कुछ भी अनुमान नहीं रहता है. कई बार बाज़ार में किसी निश्चित फसल की मांग कम होने की वजह से उन्हें फसल बेचने में भी परेशानी होती है और कभी कभी नुकसान का बोझ भी उठाना पड़ता है. इन अनिश्चितताओं की वजह से कई किसान खेती छोड़ भी देते हैं. यह एक बहुत बड़ी समस्या है. इससे निजात पाने के लिए ही सरकार ने इस योजना की शुरुआत की है. इस योजना की सहायता से इन अनिश्चितताओं पर क़ाबू पाया जा सकेगा.
  • इस योजना के अंतर्गत किसानों के लिए नए नए उपकरणों का प्रयोग अमल में लाया जाएगा. देश में कई कृषि क्षेत्र ऐसे हैं, जहाँ पर आज भी पुराने उपकरणों के प्रयोग और पारंपरिक खेती प्रक्रिया की वजह से उत्पाद अपेक्षित उत्पाद से बहुत कम होता है. इस योजना की सहायता से उन स्थानों पर कृषि सम्बंधित नए नए तरीकों को लाया जाएगा.
  • आम तौर पर ये देखा जाता है कि कृषि क्षेत्र प्रायः रोजगार के लिए नहीं चुना जाता है. इसकी एक बड़ी वजह इससे उत्पन होने वाला लाभ का परिमाण और इसकी अनिश्चितताएं हैं. इस योजना की सहायता से कृषि क्षेत्र में एक प्रवाह लाने की कोशिश की जायेगी, ताकि किसानों को नियमित रूप से कम से कम इतना लाभ प्राप्त हो सके कि वे जीवन यापन कर सकें.

योजना की विशेषताएँ (Fasal Bima Yojana Features)

इस योजना की कुछ प्रमुख विशेषताओं का वर्णन नीचे किया जा रहा है.

  • यह एक कृषि सम्बंधित स्कीम है अतः विभिन्न फसलों के लिए भिन्न भिन्न सब्सिडी का निश्चय किया गया है. अतः किसानों को अपने वास्तविक प्रीमियम का 5%, 2% अथवा 5% भुगतान करना पड़ेगा, जो कि फसल पर निर्भर करेगा.
  • पहले के इस तरह की योजनाओं में सब्सिडी पर एक विशेष सीमा यह थी कि किसान अपने व्यापार को बढ़ा नहीं सकते थे, क्योंकि सरकार एक हद तक ही इनकी आर्थिक मदद करती थी. नए सिरे से तैयार किये गये इस स्कीम की सब्सिडी पर किसी भी तरह की सीमा नहीं है, अतः किसान खुल कर खेती कर सकेंगे और अपना व्यापार बढ़ा सकेंगे.
  • यह योजना किसान को खेती की नयी तकनीकों से जोड़ने के लिए भी सक्षम है. साथ ही योजना भी पूरी तरह से डिजिटल कर दी गई है, ताकि किसानों के लिए सभी तरह के लेनदेन के कार्य जल्द से जल्द हो सकें और किसानों को मुनाफा बिना किसी बिचौलिए के उनके बैंक खाते में प्राप्त हो सके. कृषि को और उन्नत बनाने के लिए सरकार फसल काटने की मशीन यंत्र आदि को किसानों के बीच लाने की कोशिश कर रही है.
  • इस योजना के अंतर्गत प्राप्त लाभ पर किसानों को किसी भी तरह से सर्विस टैक्स नहीं देना होगा.

फसल बीमा योजना का लाभ प्राप्त करने की योग्यता (Pradhan mantri Fasal Bima Yojana Eligibility Criteria)

प्रधानमन्त्री फसल बीमा योजना के लिए किसी भी तरह की विशेष योग्यता की माँग नहीं की गयी है. कोई भी किसान, जो कृषि कर्म कर रहा है, इसके लिए अप्लाई कर सकता है. इस योजना की सबसे ख़ास बात ये है कि दुसरे की ज़मीन पर खेती करने वाले किसान भी इस योजना के तहत अपने फ़सल की बीमा करा सकते हैं. अतः सभी तरह के किसान इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं. किसानों को योजना के लिए पंजीकरण कराते हुए विभिन्न तरह के दस्तावेज़ जैसे ज़मीन अग्रीमेंट और राज्य सरकार द्वारा मान्य किये जाने पर अन्य सभी आवश्यक दस्तावेज प्रदर्शित करना होता है.

  योजना के अंतर्गत किसान और फसल कवरेज (PMFBY Farmers and Crop Coverage)

इस स्कीम के अंतर्गत सभी तरह के पेशेवर किसानों को लाभ पहुँचाया जा रहा है. इसे निम्नलिखित घटकों में विभक्त किया गया है, जिसके वर्णन इस प्रकार है,

  • अनिवार्य घटक : इस केटेगरी के अंतर्गत वैसे किसान आते हैं, जिन्होंने अपनी खेती के लिए एसएओ लोन ले रखा है. यह एक तरह का मौसमी फसल लोन होता है. जिन किसानों ने इस तरह का लोन लिया है उन्हें बिना किसी आपत्ति के इस योजना के तहत पंजीकरण कराने का अवसर प्राप्त हो जाएगा.
  • वोलंटरी (स्वैच्छिक) घटक : यदि कोई उपरोक्त केटेगरी के अंतर्गत नहीं आता है यानि किसी तरह का कृषि सम्बंधित लोन नहीं लिया है, तो इस योजना के अंतर्गत उसकी भागीदारी उसकी स्वेच्छा से होगी. तात्पर्य ये है कि यह उस पर निर्भर करेगा कि वह इस योजना के अंतर्गत अपना नामांकन कराना चाहता है या नहीं.

हालाँकि सरकार अधिक से अधिक किसानों को इस योजना से जोड़ने का प्रयत्न कर रही है, विशेषतः उन किसानों को जो अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति अथवा महिला हैं. इन सभी को इनकी ज़मीन के हिसाब से फण्ड आवंटित किया जाएगा.

  • फसल: इस योजना के अंतर्गत जिन फसलों को लाया गया है वे सभी मूल भूत भोज्य पदार्थ है, जैसे धान, गेहूं, दाल, तेल बीज, मूंगफली, कपास, रेडी आदि. इसी के साथ कुछ अन्य बागबानी सम्बंधित फसल जैसे आम, केला, अमरूद, काजू आदि को भी रखा गया है.

  योजना के अंतर्गत आने वाली आपदाएँ (Yojana Disaster Management)

योजना का लाभ उठा रहे किसानों को निम्नलिखित आपदाओं के एवज में बीमा का लाभ मिल पायेगा.

  • यदि फसल बिजली गिरने से या प्राकृतिक रूप से लगी आग में नष्ट होती है.
  • यदि फसल आंधी, मूसलाधार बारिश, चक्रवात और तूफ़ान आदि में नष्ट होती है.
  • यदि फसल के नष्ट होने का कारण बाढ़, भू स्खलन आदि बने तो.
  • सूखा, विभिन्न तरह के फसल समबंधित रोग, कीड़े आदि लगने से फसल नष्ट होती है तो भी बीमा का लाभ प्राप्त किया जा सकेगा.

प्रधानमन्त्री फसल बीमा योजना ऑनलाइन वेबपोर्टल (Fasal Bima Yojana Online Web Portal)

भारत सरकार अपने सभी योजनाओं को डिजिटल प्रारूप देने की कोशिश में लगी हुई है, ताकि सिस्टम में पारदर्शिता आए और लाभार्थी को बिना किसी थर्ड पार्टी के लाभ प्राप्त हो सके. अतः सरकार ने इस योजना के लिए ऑनलाइन वेबपोर्टल और स्मार्टफ़ोन एप्लीकेशन का निर्माण किया है. नीचे इस ऑनलाइन वेबपोर्टल का लिंक दिया जा रहा है.

http://agri-insurance.gov.in/Login.aspx  एवं http://pmfby.gov.in/

ऊपर दिए गये लिंक पर जा कर आप अपने फसल के लिए बीमा का आवेदन दे सकते हैं.

प्रधानमन्त्री फसल बीमा योजना के लिए ऑनलाइन कैसे अप्लाई करें (How to Apply for Pradhanmantri Fasal Bima Yojana Application Process)

प्रधानमन्त्री फसल बीमा योजना के लिए बड़ी सरलता के साथ ऑनलाइन आवेदन दिया जा सकता है. इसका वर्णन नीचे किया जा रहा है.

  • इस स्कीम का लाभ उठाने के लिए इस http://pmfby.gov.in/ लिंक पर जाकर आवेदन करना होगा है. लिंक पर जाने के बाद जो पेज खुलेगा उस पेज में आपको सबसे पहले “किसान कॉर्नर – स्वयं द्वारा फसल बीमा के लिए आवेदन करें” लिखा हुए दिखेगा. जिस पर किल्क करना होगा.
  • किल्क करने के बाद आप से अकाउंट बनाने को कहा जाएगा, जिसके लिए आपको “गेस्ट फार्मर” पर क्लिक करना होगा. किल्क करने के बाद http://pmfby.gov.in/farmerRegistrationForm ये लिंक खुलेगा और इस लिंक पर आप से पूछी गई इनफार्मेशन जैसे नाम, पता और बैंक अकाउंट डिटेल्स को भरना होगा. ये सभी डिटेल्स भरने के बाद रजिस्ट्रेशन प्रोसेस खत्म हो जाएगी.
  • रजिस्ट्रेशन प्रोसेस खत्म होने के बाद, लॉग इन http://pmfby.gov.in/ पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन फोन नंबर भरकर लॉग किया जा सकेगा.

इस तरह से फसल बीमा के लिए ऑनलाइन आवेदन दिया जा सकता है.

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत पालिसी अमाउंट कैसे क्लेम करें (How to Claim Policy Amount from PMFBY)

इस स्कीम के अंतर्गत किसान अपनी बीमा राशि या तो बैंक से अथवा उन इन्सुरांस कंपनी जिन्हें सरकार ने इस योजना के लिये चुना है, वहाँ से प्राप्त कर सकते हैं.

यदि इन्सुरेंस कवर बैंक से प्राप्त किया जाये तो, बैंक ख़ुद ब ख़ुद अलग अलग किसानों के लिए अलग अलग अकाउंट में पैसे जमा कर देगा. एक बार बैंक अकाउंट में पैसा जमा हो जाने के बाद लाभार्थियों का नाम और उनके डिटेल बैंक द्वारा संपादित किये जायेंगे.

किसी इन्सुरांस पालिसी कंपनियों के अंतर्गत लाभ प्राप्त होने पर ये इन्स्युरेंस कम्पनियों द्वारा किसान के बैंक अकाउंट में बीमा की राशि ऑनलाइन ट्रान्सफर कर दी जाती हैं.

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत फसल का नाम कैसे बदलें (How to Change Crop Name through PMFBY)

किसान अपने खेत की मिट्टी के गुणों और तात्कालिक वातावरण के अनुसार फसल उगाने की योजना बनाता है, और अपने चयनित फसल पर बीमा की सुविधा अर्जित करता है. किन्तु कभी कभी परिस्थितिवश किसानों को अपनी योजना में परिवर्तन लाना होता है और तय किये गये अनाज की जगह अन्य अनाज की खेती करनी होती है. ऐसे में नए फसल पर बीमा का लाभ प्राप्त करने के लिए किसानों को नए फसल की बीमा करानी होती है. प्रधानमत्री फसल बीमा योजना ऐसी परिस्थिति से निपटने में खूब सहायता करती है. अतः इस योजना के अन्तर्गत किसान बीजरोपण के 30 दिन पहले तक अपने फसल का नाम बदल सकते हैं.

यदि नए फसल का प्रीमियम पुरानी फसल के प्रीमियम से अधिक है, तो किसान को बाकी बची राशियाँ जमा करनी होती हैं. इसी तरह यदि नयी फसल की प्रीमियम पुरानी फसल की प्रीमियम से कम है तो बाक़ी बची राशि किसान के बैंक अकाउंट में रिफंड कर दी जाती है.

फसल बीमा योजना का सञ्चालन और निगरानी (Yojana Implementation and Monitoring)

जैसा कि यह योजना बहुत ही बड़े पैमाने पर शुरू की गयी है अतः इस योजना में केवल केंद्र सरकार का ही योगदान नहीं है. इस योजना को पूरा करने के लिए भारत सरकार, कृषि विभाग, किसान कल्याण समिति, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय और विभिन्न राज्य सरकार एक साथ काम कर रहे हैं. ये सभी इस योजना के मुख्य स्तम्भ हैं. इनके अलावा इनमें कई व्यावसायिक बैंक, सहकारी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक तथा विभिन्न सरकारी कृषि विभाग भी शामिल हैं.

तात्कालिक समय में DAC&FW ने कृषि इन्शुरांस कंपनी को भी इससे संक्युक्त कर दिया है तथा आर्थिक शक्ति, बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, आदि के मद्देनज़र भी कई कंपनियों को इससे जोड़ा गया है. यदि कुछ बड़े नाम गिनवाएं जाएँ तो आईसीआईसीआई लोम्बारड, HDFC-ERGO जनरल इन्सुरांस कंपनी लिमिटेड, IFFCO-Tokio बजाज अलायन्स, रिलायंस, चोलामंदलम एमएस गेनेराक्ल इन्सुरांस, फ्यूचर जनरली इंडिया इन्सुरांस कंपनी लिमिटेड, टाटा- एआईजी जनरल इन्सुरांस कंपनी लिमिटेड, एसबीआई जनरल इन्स्युरेंस कंपनी लिमिटेड आदि इस योजना में सरकार का साथ दे रहे हैं.

योजना सफ़ल बनाने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल (Yojana Success Technology)

इस योजना को सफ़ल बनाने के लिए सरकार विभिन्न विकसित तकनीकों का सहारा ले रही है. इस स्कीम के अंतर्गत एक निश्चित संख्या मे ‘क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट’ (CCE) तय किया गया है, जिसका प्रयोग राज्य सरकार के देख रेख में राज्य के चयनित क्षेत्रों में किया जाएगा. हालाँकि यह योजना का यह अंश पूरी तरह से कारगर नहीं हो पाया है. CCE को सफ़ल बनाने के लिए हाई क्वालिटी डेटा की आवश्यकता पड़ती है, जो कि समय दर समय प्राप्त हो सके.

इस समय इसका निवारण समय समय पर उगते फसल की फोटो लेकर उसे रियल टाइम बेसिस पर CCE की सहायता से प्रसारित करके किया जा रहा है. इस तकनीक के लिए थोडा अधिक खर्च पड़ता है. इस खर्च से निपटने के लिए दोनों सरकार (केंद्र और राज्य) की सहभागिता रहेगी.

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से प्राप्त होने वाले लाभ (Pradhanmantri Fasal Bima Yojana Benefits)

इस योजना से प्राप्त होने वाले लाभ निम्नलिखित हैं

  • इस योजना की सबसे बड़ी उपलब्धि ये है कि इस बीमा योजना के तहत किसान को पहले दिए जा रहे प्रीमियम से बहुत कम प्रीमियम भरना पड़ता है. रबी फसल के प्रीमियम के तौर पर किसानों को 5% और खरीफ फसल के लिए 2% की प्रीमियम भरनी होती है.
  • कई ऐसी सरकारी योजनायें पहले सब्सिडी पर लगाई उनकी विशेष सीमाओं की वजह से फ़ैल हो गयी हैं. इस योजना में सब्सिडी पर किसी भी तरह का कैप नहीं रखा गया है. अतः किसान इस योजना के अंतर्गत बेहद अच्छे से लाभ उठाते हुए पूरी निडरता से खेती कर पायेंगे.
  • पुरानी बीमा योजना के अंतर्गत जो किसान पार्शियल प्रीमियम भरते थे, उन्हें उनके द्वारा क्लेम किये गये पूरे अमाउंट का एक हिस्सा ही दिया जाता था. इस स्कीम के अंतर्गत किसानों को उनके द्वारा क्लेम की गयी पूरी राशि दी जायेगी.
  • इस योजना के अंतर्गत लगभग सभी तरह की प्राकृतिक आपदाओं को रखा गया है. उन प्राकृतिक आपदाओं की वजह से यदि फसल नष्ट होता है, तो बीमा की राशि प्राप्त हो सकती है.
  • इस योजना में डिजिटल प्लेटफार्म की मदद ली जा रही है. इसके लिए ऑनलाइन वेबसाइट और एप्लीकेशन का प्रयोग किया जा रहा है. इस तरह से इस योजना के तंत्र में पारदर्शिता है और सबसे ख़ास बात ये हैं कि ऑनलाइन फण्ड ट्रान्सफर होने की वजह से बहुत जल्द किसानों को उनकी क्लेम की गयी राशि प्राप्त हो जाती है.
  • एक बार फसल नष्ट होने की पुष्टिकरण हो जाने के साथ ही क्लेम की गयी राशि का 25% हिस्सा किसान के खाते में डिपाजिट कर दिया जाता है. इसके लिए किसान का आधार कार्ड बैंक खाते से जुड़ा होना ज़रूरी है.

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए फण्ड एलोकेशन (Pradhanmantri Fasal Bima Yojana Budget)

यह योजना साल 2016-17 फ़ाइनेन्शिअल ईयर के दौरान लॉन्च हुई थी. लॉन्च होने के साथ ही तात्कालिक समय में खेती किये जा रहे ज़मीन के 30% ज़मीन को इसके अंतर्गत लाने की कोशिश की गयी. इसके लिए 5500 करोड़ रूपए का बजट बनाया गया. इसी तरह साल 2017-18 के लिए इस सीमा को बढ़ा कर 40% कर दिया गया है जो कि साल 2018-19 के दौरान यह 10% और बढ़ कर 50% की हो जायेगी. इस योजना को पूरा करने के लिए कुल 9000 करोड़ रुपए का बजट तैयार किया गया है. जो साल 2016 से साल 2019 तक का बजट है.

जिन रिस्क को इस योजना के अंतर्गत कवर नहीं किया जायेगा (Risk not Covered by PMFBY)

कुछ ऐसी परिस्थीयाँ भी हैं जिसके अंतर्गत इसे क्लेम नहीं किया जा सकेगा. यदि किसी तरह की लड़ाई के दौरान फसल नष्ट हो जाती है, तो इस पर बीमा क्लेम नहीं किया जा सकेगा. इसी तरह से यदि दंगे, या न्यूक्लियर अटैक में फसल नष्ट होती है तो इस पर भी बीमा राशि क्लेम नहीं की जा सकेगी. न्यूक्लियर सप्लायर्सर ग्रुप के भारत को फ़ायदे यहाँ पढ़ें.

इस तरह से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ कोई भी किसान उठा सकता हैं. इस योजना से किसानों को कई तरह से मदद मिल सकेगी और वे अपनी सुविधा के अनुसार खेती कर पायंगे और कृषि उन्नत हो पायेगी. 

योजना के तहत प्रीमियम दर –

रबी की फसल : रबी की फसल पर 5 % प्रीमियम होगा, जिनमे गेंहू, चना, जों, मसूर एवम सरसों आदि आती हैं .

खरीब की फसल : खरीब की फसल पर 2% प्रीमियम होगा, जिसमे धान, मक्का, ज्वार, बाजरा, मुंग, गन्ना एवम मूंगफली आदि आती हैं .

बागवानी फसल : बागवानी फसल पर 5% प्रीमियम होगा, जिसमे कपास को लिया जाता हैं .

तिलहन की फसल : तिलहन की फसल पर भी 5% प्रीमियम होगा.

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सरकार की भूमिका –

  • योजना के तहत जब कोई किसान प्राकृतिक आपदा के कारण अपनी फसल को खो देता हैं तब किसानो को तुरंत 25 % नुकसान दिया जायेगा और बचा हुआ नुकसान स्थिती के अवलोकन के बाद दिया जायेगा .
  • इस योजना में 8% का वहन केंद्र सरकार और 8 % का वहन राज्य सरकार द्वारा उठाया जायेगा, जबकि 2% राशि प्रीमियम के तौर पर किसान द्वारा जमा किया जायेगा .
  • यह योजना पुरे देश के किसानों को लाभान्वित करेगी, जिससे किसानो की आत्महत्या बढ़ती तादात को कम किया जा सकेगा.
  • इस बीमा योजना के लिए की जाने वाली पूरी कार्यवाही को आसान बनाया जायेगा, जिससे किसान आसानी से इसे पूरा कर राशि प्राप्त कर सके.
  • किसानो पर सबसे बड़ी समस्या प्राकृतिक आपदा हैं जिसके चलते गत कई वर्षों से किसान गर्त में जाते जा रहा हैं इसलिए इस योजना को 23 % से बढ़ाकर 50 % तक ले जाने की सोच हैं .
  • इस योजना के तहत 5 करोड़ किसानो को जोड़ा जायेगा और संकट से उभारा जायेगा .
  • इस योजना के तहत सभी किसान शामिल हो सकते हैं जिन्होंने उधार लेकर बीज बोया हैं या अपने स्वयं के धन से बीज बोया हो . दोनों परिस्थिति में किसान बीमा के लिये क्लेम कर सकता हैं .
  • केंद्र ने राज्य को अपने नियमों में संशोधन का आदेश दिया हैं जिससे किसान इस योजना से आसानी से जुड़ सके. देश के कई हिस्सों में बटाई पर खेती की जाती हैं, जिस कारण कई किसानो के पास प्रमाण नहीं होता कि उन्होंने फसल में पैसा लगाया हैं, जिसके लिये नियमो में संशोधन कर उन बटाईदार किसानो को प्रमाणपत्र मुहैया कराये जायेंगे जिससे वे इस योजना का लाभ उठा सके .
  • सरकार ने तकनिकी सुविधा भी दी हैं जिससे किसानो को जल्द से जल्द राशि मिल सके .
  • तकनिकी सुविधा के कारण इसमे फ्रॉड होने की गुंजाईश भी कम होगी, जिससे धन सही हाथों में जायेगा . जरूरतमंद ही योजना का लाभ उठा पायेंगे .

प्रधानमन्त्री फसल बीमा योजना मोबाइल एप्प (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana Mobile App)

प्रधानमन्त्री फसल बीमा योजना के लिए ‘फसल बीमा एप’ भी लॉन्च किया गया है. इस एप्लीकेशन की सहायता से भी आप योजना के तहत अपना पंजीकरण करा सकते हैं. इसके बारे में मुख्य बातें इस प्रकार हैं :  

  • इस फसल बीमा एप्लीकेशन का प्रयोग करने के लिए सबसे पहले एप्लीकेशन में अपना नाम पंजीकृत कराना होता है. इसके लिए एप्लीकेशन में नाम और फ़ोन नंबर देने की आवश्यकता होती है.
  • इस एप्लीकेशन की सहयता से किसान कभी भी कहीं से भी इन्टरनेट का इस्तेमाल करके अपने फसल के कराये गये बीमा का स्टेटस जान पायेंगे.
  • इस एप्लीकेशन की सहयता से किसान अपना प्रीमियम अमाउंट, कुल अमाउंट आदि का जायजा ले सकते हैं.
  • इस एप्लीकेशन को अपने एंड्राइड मोबाइल में डाउनलोड करने के लिए इस लिंक पर विजिट करें www.agri-insurance.gov.in/Document/CCE_Agri_121_27-03-2017.apk

हेल्पलाइन नंबर (Helpline Number)

किसी प्रकार की मदद लेने के लिए नीचे बताए गए नंबरों पर फोन कर मदद भी मांगी जा सकती है-

  • किसी भी प्रकार की क्वेरी करने के लिए, किसान 011-23382012 नंबर पर फोन कर सकते हैं.
  • ऊपर बताए गए नंबर के अलावा इस 011-23381092 नंबर पर भी कॉल किया जा सकते हैं या फिर agri-insurance@gov.in पर मेल कर सकते हैं.
  • कार्यकर्ता मंत्रालय द्वारा एक आदेश जारी किया गया है कि वरिष्ठ अधिकारी आशीष कुमार भूटानी को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का प्रमुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) बनाया गया है. ये असम – मेघालय कैडर के सन 1992 बैच के आईएएस अधिकारी हैं, जिनकी 9 मई, 2020 तक के लिए इस पद पर नियुक्ति की गई है.

Update 

25/05/2018

किसानों के हित के लिये किसान कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसके अंतर्गत कई किसानों ने अपना फॉर्म भरा जिसमे उन्हे खेती से संबंधित जानकारी प्रदान की गई. इसी कार्यशाला में किसानों को फसल योजना की जानकारी भी दी गई. मृदा स्वास्थ्य योजना के तहत किसानों को मिट्टी की गुणवत्ता को बढ़ाने के बारे से समझाया गया. साथ ही कृषि विज्ञान केंद्र को 20 लाख रुपये की राशि देने का ऐलान किया गया. ग्राम स्वराज अभियान के दौरान आयोजित इस कार्यक्रम में किसानों को अच्छे उत्पादन पर पुरुस्कृत किया गया.

15/6/2018

शिकायत (How to complaint)

किसान किसी भी तरह की अपनी शिकायत भी ऑनलाइन के जरिए कर सकते हैं और ऐसा करने के लिए उन्हें बस http://pmfby.gov.in/ इस लिकं पर दिए गए कंप्लेंट सेक्शन पर जाना होगा. इस सेक्शन पर जाने के बाद अपना नाम, फोन नंबर, ई मेल आईडी और अपनी कंप्लेंट लिखनी होगी और फिर सबमिट बटन पर किल्क करना होगा.

31/7/2018

केन्द्रीय पेट्रोलियम एवं कौशल विकास मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कल यानि सोमवार को यह घोषणा की कि ओडिशा के सभी किसान ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ के तहत आने वाले 20 से 25 दिनों के अंदर अपनी बची हुई फसल बीमा की राशि प्राप्त करेंगे. उन्होंने केन्द्रीय जनजातीय मंत्री जुआल ओरम के साथ मिलकर केन्द्रीय वित्त मंत्री पियूष गोयल से मुलाकात की थी और उनसे ओडिशा के किसानों को इस योजना के तहत फसल बीमा जारी करने में तेजी लाने के लिए आग्रह किया था. इसके बाद वित्त मंत्री ने आश्वासन देते हुए कहा कि फसल बीमा जारी करने की प्रक्रिया 2-3 दिन में शुरू हो जाएगी, और जल्द ही किसानों को बीमा की राशि मिल जायेगी.   

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