बाल शोषण क्या हैं इसके प्रकार, कारण, उपाय ,कविता एवं अनमोल वचन (Child Harassment (Abuse) Speech, Poem, Quotes In Hindi)
बाल शोषण की समस्या विकराल रूप ले चुकी हैं. यह केवल देश नहीं बल्कि विदेशों में भी दिन प्रतिदिन बढ़ रही हैं. कहते हैं समाज में व्याप्त हर बुराई के पीछे का कारण शिक्षा का अभाव होता हैं, लेकिन पुराने जमाने से अब तक शिक्षा का स्तर बढ़ा है, लेकिन उसके साथ ही इस बाल शोषण ने भी अपने पैर तेजी से फैलाये हैं. यह आधुनिक समाज की अति गंभीर बीमारी हैं, जिसकी गिरफ्त में मासूमों की खुशियाँ, उनकी सुरक्षा हैं. क्या हैं बाल शोषण? यह कितने प्रकार का होता हैं और इससे कैसे अपने बच्चो को बचाया जा सकता हैं, साथ ही इसके खिलाफ क्या कानून हैं, हमारा आर्टिकल इन्ही प्रश्नों का जवाब लेकर आया हैं.
बाल यौन शोषण क्या है? (Child Harassment Meaning)
जब बच्चो को मानसिक या शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जाता हैं, उसे बाल शोषण कहते हैं. इसके तहत नाबालिक अर्थात 18 वर्ष से कम की आयु के बच्चे शामिल होते हैं. जब भी बच्चे डर जाये, उन्हे चोट पहुंचाई जाये इस तरह की घटना बाल शोषण के दायरे में आती हैं.
बाल शोषण की शुरुवात एवं उत्तपत्ति का कारण (Causes Of Child Harassment)
इसकी शुरुवात 1920 मे ही हो चुकी थी, लेकिन अब तक इस पर खुल कर चर्चा नहीं की जाती. यह समस्या भारत की ही नहीं हैं यह सभी देशों का अहम मुद्दा हैं. भारत में यौन संबंधी बातों पर खुल कर कहना अपराध एवं शर्म का विषय समझा जाता हैं, इसलिए बच्चे अपनी बात माता पिता के सामने रखने में खुद को असहज मानते हैं. और अगर बच्चे बता भी दे, तो माता पिता ऐसी घटनाओ को छिपा जाते हैं. ऐसे में बच्चो को सही सलाह एवं हिम्मत ना मिलने के कारण यह अपराध बढ़ता ही जा रहा हैं. और यही इसके व्यापक होने का कारण हैं.
बाल शोषण का अपराधी कौन हैं ?
बड़ी- बड़ी रिसर्च और अनुभव यह कहते हैं कि इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने वाले हमेशा परिवार के करीबी होते हैं, जिनका घर में आना जाना बना रहता हैं. और उनकी दोस्ती बच्चो से जल्दी हो जाती हैं. वे बच्चो के साथ इतने खुश दिखाई देते हैं कि समझा ही नहीं जा सकता कि उनके इरादे इतने घिनौने हैं. आमतौर पर ये घर के नौकर होते हैं, क्यूंकि आज के व्यस्त जमाने में बच्चे नौकरों के साथ ज्यादा समय गुजारते हैं और कई तरह के केस नौकरों के खिलाफ ही सुनने में आते हैं.
बाल शोषण के प्रकार क्या क्या हैं? [Types Of Child Harassment]
- मानसिक प्रताड़ना : जब किसी बच्चे से ऐसी बाते की जाती हैं जो उन्हे मानसिक तनाव देता हैं या उन्हे डराता हैं, वे सभी मानसिक प्रताड़ना के अंतर्गत शामिल हैं. बच्चों से अनुचित बाते करना, उन्हे किसी चीज से डराना, उनके मन में भय पैदा करना ये सभी अपराध हैं, जिनके खिलाफ आवाज उठाई जा सकती हैं.
- शारीरिक प्रताड़ना : जब किसी बच्चे को अनुचित तरीके से अनुचित जगहों पर छुआ जाता हैं, उन्हे तकलीफ पहुँचाई जाती हैं या उन्हे मारा जाता हैं, वे सभी शारीरिक प्रताड़ना में शामिल हैं. इस दिशा में बच्चो को शिक्षित करना आवश्यक हैं, ताकि वे इस शोषण को समझ सके और खुलकर अपने माता- पिता अथवा पालकों से कह सके.
बच्चो पर इसका प्रभाव [Effect Of Child Harassment]
- जो बच्चे इस शोषण से ग्रसित होते हैं, वो या तो बहुत डरे हुये होते हैं या बहुत ज्यादा गुस्सेल और चिड़चिड़े हो जाते हैं.
- कुछ बच्चे बहुत ही शर्मीले हो जाते हैं, किसी से बात करने में खुद को असहज महसूस करते हैं, कम बोलते हैं.
- कई बार बच्चे बहुत बत्तमीज हो जाते हैं, उन्हे घर के लोगों से भी एक अजीब सा व्यवहार करता देखा जाता हैं.
- बच्चे डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं. मानसिक रोगी की तरह बर्ताव करने लगते हैं. अत्यधिक सोने अथवा खाने भी लगते हैं.
- ऐसे बच्चे आसानी से आपराधिक गतिविधियों में भी शामिल हो सकते हैं जैसे चोरी करना, मारना पीटना अथवा ड्रग्स आदि का सेवन करने लगना.
वे सभी कारण जो बच्चे को दूसरे बच्चो से अलग दिखाये, उनके ऐसे बर्ताव के पीछे बाल शोषण एक अपराध शामिल हो सकता हैं. इसलिए सभी को इस दिशा में कार्य करने की जरूरत हैं, ताकि मौसम ऐसे घृणित अपराध का शिकार ना हो.
बाल शोषण रोकने के उपाय [Child Harassment Solution]
- बाल शोषण को रोकने के लिए जरूरी हैं कि बच्चों को सही और गलत का ज्ञान दिया जाये. उनसे इस विषय में खुलकर बात की जाये, ताकि वे इस शोषण को समझ सके और अपनों से कह सके.
- बच्चो को यह ज्ञान होना बहुत आवश्यक है, कि वो अपने और पराये के अंतर को समझ सके. वैसे यह बहुत मुश्किल हैं क्यूंकी वयस्क भी कौन अपना कौन पराया का हिसाब सही नहीं कर सकता, तो बच्चे तो ना समझ होते हैं. पर फिर भी उन्हे कुछ हद तक ज्ञान देना आवश्यक हैं.
- बच्चो को शारीरक शोषण को समझने के लिए अच्छे और बुरे टच को महसूस करने का ज्ञान दिया जाना जरूरी हैं.
- बच्चो की बातों को छिपाने के बजाय उसका खुलकर विरोध करे, इससे आपका बच्चा तो आत्मविश्वास महसूस करेगा ही समाज का हर व्यक्ति इससे शिक्षित होगा और अपराधी अपराध करने से पहले कई बार सोचेगा.
- बाल शोषण से निपटने के लिए आज कल कई तरह की क्लासेस भी चलाई जा रही हैं जहां बच्चो को इस बात की समझ दी जाती हैं और माता-पिता को भी सिखाया जाता हैं कैसे बच्चो को खेल –खेल में यह सब सिखाये. इसलिए बिना शर्म किए ऐसी क्लासेस का हिस्सा बने और अपने बच्चो को भी वहाँ भेजे.
बाल शोषण से ग्रसित बच्चो को कैसे उभारे ?
दुर्भाग्यवश बच्चा इस बाल शोषण का शिकार हो चुका हैं तो सबसे पहले अपराधी को सजा दिलवाये और उसकी कानूनी कार्यवाही करें. बच्चे से अच्छे से बात करने और उसे यकीन दिलवाये, कि वो अब सुरक्षित हैं, उससे माफी मांगे कि आपके होते हुये उसके साथ यह हुआ. यह सभी जल्द से जल्द खतम कर उसे एक नया और अच्छा वातावरण दे. ध्यान रहे बच्चा इस घटना से सीख तो ले, लेकिन यह घटना उसके मन और दिमाग कर कब्जा ना करले. जरूरी हैं कि बच्चा इन बातों के भय से बाहर निकल कर नॉर्मल बच्चों की तरह जीवन जिये. और इसके लिये आपको अपने व्यवहार में सावधानी रखनी होगी, क्यूंकि एक बार अपराध होने के बाद आप एक्स्ट्रा केयर करेंगे और कहीं यही केयर ही बच्चे को वो घटना भूलने ना दे और वो अपने आपको दूसरे बच्चो से अलग समझने लगे. इसके लिये जरूरी हैं कि आप बच्चे को पूरी आजादी के साथ जीवन जीने दे.
बाल शोषण के लिए बने कानून [child harassment act in India]
हमारे देश में महिलाओं के शोषण के लिए बहुत से कानून बनाये जा चुके थे, लेकिन बच्चे जो कि 18 से कम आयु के हैं उनके शोषण के विरुद्ध देश में कोई बड़ा कानून नहीं था. बहुत सी वारदातों एवं घटनाओं से स्पष्ट हुआ, कि बाल शोषण अपराध भी दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा हैं और इनके पीछे ज़्यादातर करीबी लोगो का होना पाया गया हैं, इस कारण 2012 में बाल शोषण के खिलाफ बड़ा कानून बनाया गया, जिसे प्रोटेक्टशन ऑफ चिल्ड्रन अगेन्स्ट सेक्सुयल ऑफेंस बिल 2011 के रूप में सदन में पारित किया गया. बाद में इसे 22 मई 2012 को एक एक्ट बनाया गया.
बाल शोषण पर अनमोल वचन [Child Harassment Quotes In Hindi]
- बाल शोषण अशिक्षित समाज की देन नहीं अपितु पढ़े लिखे मॉडर्न समाज की देन हैं.
- फूलों को निहारा जाता हैं उसे कुचलना अपराध हैं.
- स्वस्थ समाज स्वस्थ बच्चों से हैं, बाल शोषण बच्चो को मानसिक रोगी बना रहा हैं, भविष्य के लिये इस घृणित अपराध को रोकना हमारा कर्तव्य हैं.
- बचपन जितना बेहतर होगा भविष्य उतना ही उज्जवल बनेगा अतः बाल शोषण जैसे अपराध बच्चो की नींव को कमजोर करते हैं.
- बेहतर समाज बेहतर बच्चो से बनता हैं अतः उन्हे स्वस्थ बचपन देना बुजुर्गों का कर्तव्य हैं.
बाल शोषण अपराध एक ऐसा अपराध हैं जो भविष्य को अंधकारमय कर सकता हैं. इसके लिए आवाज उठाना अति महत्वपूर्ण हैं.
बाल शोषण पर कविता (Child Harassment Poem)
मासूम की मासूमियत से भी खेल रही है दुनिया,
जंगली जानवर की तरह झंझोड़ रही है दुनिया |
इंसानियत पर कोई विश्वास नहीं रह गया,
आज आदीमानव से ज्यादा विचारहीन मानव हो गया |
किसे सिखाएं इस पढ़ी लिखी दुनियां में,
जब अपना ही लगा गया दाग मासूम के दामन में |
कोई किसी का नहीं रह गया यह कलयुग का दौर है,
संत महापुरुष में भी छिपा यहाँ चौर है ||
बाल शोषण के अलावा और भी कई अपराध हैं, जो बच्चो से संबंधी होते हैं और वे सभी बच्चो के जीवन नकारात्मक प्रभाव डालते हैं. ऐसे अपराधों में बालश्रम, बाल विवाह आदि आते हैं जो बच्चो की नींव को कमजोर कर उनके भविष्य को खराब करते हैं. इन सबके साथ समाज को लड़ना बहुत जरूरी हैं ताकि समाज का विकास हो सके.
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