शाम संध्या की शायरी कविता (Good Evening Shaam shayari in Hindi)

Good Evening Shaam shayari In Hindi शाम संध्या की शायरी के साथ अपने खास को प्यार भरा पैगाम भेजे  गुड इवनिंग मेसेज आपके लिए लिखे गए हैं अगर आपको पसंद आये तो शेयर जरुर करें 

Good Evening Shaam shayari In Hindi

 Good Evening Shaam shayari (शाम संध्या शायरी) 

  • ढलता दिन तेरी यादों की गवाही देता हैं
    बीते लम्हों की दुहाई देता हैं
    डूबता सूरज हैं
    पर जाने क्यूँ मेरा दिल रोता हैं

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  • हर पहर दिल तुझे याद करता हैं
    डूबते सूरज के साथ तेरा इंतजार करता हैं
    जैसी सुहानी हैं शाम हुआ करती हैं
    तू भी कभी मेरे साथ इस शाम का हिस्सा हुआ करती थी

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  • चलती साँसे सुकूं बयां नहीं करती
    ये पूछना हैं तो कब्र में सोये मुर्दे से पूछो
    जो चैन की नींद में सो गया
    उससे जीवन की उलझने ना पूछो

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  • दिन रात का यह मिलन
    सृष्टि की सुंदर रचना हैं
    अप्रतीम सा दीखता यह सौन्दर्य
     शाम का अद्वितीय नजारा हैं

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  • ये ढलती शाम किसी अंत की शुरुवात नहीं
    यह एक संगम हैं जो जीवन के हर रूप को दिखाता हैं

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  • डूबता सूरज ढलता दिन
    क्यूँ इस कदर कचौटता हैं यह मुझे
    शायद तकलीफ करता हैं बयाँ
    फिर बिता एक दिन तेरे बिना

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  • प्रकृति की सुन्दरता
    ह्रदय को शांत करती हैं
    दिन से रात का यह मिलन
    पिय से पिया के प्रेम का आगाज करता हैं

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  • ढलता दिन हैं उसे ढलने दो
    तुम यूँही खुशनुमा रहना
    दिन रात तो जीवन का अंग हैं
    तुम बस आगे बढ़ते रहना

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  • संध्या का समय हैं
    कीर्तन में मन लगाओ
    सास बहु की पंचायत छोड़ो
    ढलती उम्र में ईश्वर के भजन गाओ

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  • दिन ढल जाये
    तू घर ना आये
    कैसे मन लगाऊ सजना
    मरे मच्छर हैं खायें

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  • वो भी क्या शाम थी
    जब पंछी घौसले में आते थे
    और अब ये शाम हैं
    जब टीवी सीरियल घरों में आते हैं

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  • दिन ढलते ही सनम तू याद आता हैं
    कैसे नुक्कड़ पर बैठ कर सिटी बजाता था
    आज तरस गई हैं आँखे तुझे देखने को
    जो रोज-रोज मुझे लाइव WWE दिखाता था

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  • थक गया सूरज
    अब घर को जायेगा
    तू भी आजा मेरे पिया
    कल ये सूरज फिर जल्दी जगायेगा

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  • ये शाम कितनी हंसीन हैं
    जैसे तेरी मुस्कान खिली हैं
    तू भी यूँही जवां रहे सालो साल
    जैसे ये संध्या ढलती उम्र में भी जवां हैं

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  • लबो पर तेरे मुस्कान खिले
    सागर किनारे हम हर शाम मिले
    मेरे इस मेसेज को संभल कर पढ़ना
    वरना कहीं शाम पड़े सागर किनारे
    तेरे पापा खड़े ना मिले

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