पारंपरिक चिकित्सा के वैश्विक केंद्र की स्थापना 2022, भारत में, पद्धति, डब्ल्यूएचओ, क्या है, शिलान्यास, कब होगा उद्घाटन (Global Centre for Traditional Medicine in India in Hindi) (Research, System, WHO)
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और आयुष मंत्रालय के बीच एक समझौता हुआ है जिसके अंतर्गत गुजरात में पारंपरिक चिकित्सा का वैश्विक केंद्र बनाया जाएगा। इस समझौते पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काफी अधिक प्रसन्नता व्यक्त की है। साथ ही पीएम ने कहा कि यह हमारे देश के लिए बहुत ही ज्यादा गौरवपूर्ण बात है। उन्होंने यह आशा भी जताई है कि इस प्रकार से धरती स्वस्थ बनेगी और वैश्विक हित में कई चिकित्सा विधियों का दोहन किया जाएगा। यदि आप भारत के नागरिक हैं तो यह इंफॉर्मेशन आपके लिए लाभदायक हो सकती है। इसलिए सारी जानकारी जानने के लिए हमारे आर्टिकल को पूरा पढ़ें।
Table of Contents
पारंपरिक चिकित्सा के वैश्विक केंद्र 2022 (Global Centre for Traditional Medicine in Hindi)
नाम | पारंपरिक चिकित्सा वैश्विक केंद्र की स्थापना |
कहां होगी स्थापना | गुजरात |
समझौता किसके बीच हुआ | डब्ल्यूएचओ और ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडीशनल मेडिसिन के मध्य |
उद्देश्य | भारत की पारंपरिक औषधियों और स्वास्थ्य विधियों का वैश्विक स्तर पर दोहन करके लोगों के स्वास्थ्य को सुधारना |
निवेश की राशि | 25 करोड़ डॉलर |
केंद्र का शिलान्यास | 21 अप्रैल 2022 |
पारंपरिक चिकित्सा वैश्विक केंद्र की स्थापना (Global Centre for Traditional Medicine Establishment)
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन और आयुष मंत्रालय के बीच हाल ही में एक समझौता हुआ है। जानकारी के लिए बता दें कि यह समझौता गुजरात में हुआ है। इसके तहत भारत की पारंपरिक चिकित्सा के लिए वैश्विक केंद्र स्थापित किया जाएगा। इसका शिलान्यास 21 अप्रैल 2022 को किया जाएगा, जिसमें प्रधानमंत्री भी शामिल रहेंगे।
पारंपरिक चिकित्सा वैश्विक केंद्र समझौते का उद्देश्य (Traditional Medicine Establishment Main Purpose)
आयुष मंत्रालय और डब्ल्यूएचओ के बीच हुए इस समझौते का मुख्य उद्देश्य सभी लोगों के स्वास्थ्य में सुधार करके उसे बेहतर बनाना है। जैसा कि आपको मालूम ही होगा कि हमारे देश भारत की जो पारंपरिक औषधियां हैं वह दुनिया भर में बहुत ज्यादा प्रसिद्ध है। इसीलिए इनका उपयोग करके दुनिया भर का कल्याण किया जाएगा। इस बात को सुनिश्चित किया जाएगा अधिक से अधिक लोगों को इस वैश्विक केंद्र के माध्यम से हेल्थी बनाया जा सके।
पारंपरिक चिकित्सा के वैश्विक केंद्र की विशेषता (Global Centre for Traditional Medicine Features)
- ऐसी उम्मीद है कि ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडीशनल मेडिसिन लोगो के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में काफी महत्वपूर्ण योगदान देगा।
- इसके अलावा आपको बता दें कि यह दुनिया भर में पहला और अकेला वैश्विक केंद्र होगा जो कि पारंपरिक चिकित्सा के लिए जाना जाएगा।
- इस प्रकार से यह केंद्र पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के साथ-साथ उत्पादों पर भी अपना मुख्य रूप से फोकस करेगा।
पारंपरिक चिकित्सा के वैश्विक केंद्र का उद्घाटन कब होगा (Global Centre for Traditional Medicine Inauguration)
आपको जानकारी के लिए बता दें कि केंद्र सरकार ने इस सेंटर को शुरू करने के लिए पिछले महीने अपनी मंजूरी दे दी है। इसके अलावा 25 मार्च 2022 को गुजरात में डब्ल्यूएचओ और आयुष मंत्रालय के बीच समझौता हुआ था, जिसके अंतर्गत दोनों पार्टी की तरफ से हस्ताक्षर भी किए जा चुके हैं। इस पारंपरिक चिकित्सा वैश्विक केंद्र का शिलान्यास 21 अप्रैल 2022 को होना तय पाया गया है। बताते चलें कि इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी भी वहां पर उपस्थित रहेंगे।
पारंपरिक चिकित्सा वैश्विक केंद्र में कुल निवेश (Global Centre for Traditional Medicine Budget)
ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडीशनल मेडिसिन की स्थापना के लिए देश की सरकार ने 25 करोड़ डॉलर की राशि निवेश करने का निश्चय किया है। ऐसी आशा है कि शिलान्यास के बाद इस केंद्र की स्थापना बहुत तेजी के साथ होगी, जिससे कि देश भर के लोगों के अलावा सारी दुनिया लाभान्वित होगी।
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FAQ
Ans : इसके शिलान्यास के लिए 21 अप्रैल तारीख तय की गई है।
Ans : भारत की पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली को विश्व भर में फैलाना।
Ans : 25 करोड़ डॉलर
Ans : जी हां।
Ans : डब्ल्यूएचओ और आयुष मंत्रालय के मध्य।
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