बर्ड फ्लू क्या है, बर्ड फ्लू वायरस का नाम, लक्षण bird flu symptoms, prevention, treatment In Hindi
नए साल के साथ – साथ अब एक नयी बीमारी भी भारत में आ गयी है | इस नयी बीमारी का नाम है बर्ड फ्लू | हाल ही में आपने सुना होगा की भारत में बर्ड फ्लू पाया गया है , बर्ड फ्लू की दस्तक के चलते पुरे देश में हलचल हो गयी है | कोरोना वायरस जैसी महामारी से देश अभी पुरी तरह से उबरा भी नहीं था और देश के 6 राज्यों में बर्ड फ्लू ने अपने पैर पसार लिए है | जिस से देश के कई हिस्सों में बड़ी संख्या में पक्षियों की मृत्यु हो रही है | साथ ही कई जगहों पर विदेश से उड़ कर आने वाले प्रवासी पक्षियों की भी जान चली गयी है |
बर्ड फ्लू क्या है
सामन्य बोल – चाल की भाषा में हम समझे तो बर्ड फ्लू मतलब पक्षियों में फैलने वाला एक फ्लू है | यह एक प्रकार का वायरल इन्फेक्शन है | वैसे तो यह फ्लू पक्षियों में फैलता है लेकिन इस से अन्य जानवरों और मनुष्यों को भी उतना ही खतरा है , जितना पक्षियों को है | बर्ड फ्लू या एवियन फ्लू ये इनफ्लुंजा ए वायरस के द्वारा किया गया एक इन्फेक्शन है जो आमतौर पर पक्षियों और मुर्गियों को संक्तामित करता है | साल 1997 में यह पहली बार पक्षियों में पाया गया था , जिस से हजारो की संख्या में पक्षियों की मौत हुई थी | बर्ड फ्लू या एवियन फ्लू के सभी वायरसों में से H5N1 सबसे ज्यादा कॉमन और खतरनाक है | बर्ड फ्लू के बारे में एक जरुरी बात और है जो हमे जानना बहुत जरुरी है वो ये की यह कोई कृत्रिम वायरस नहीं है यह किसी प्रयोगशाला में मनुष्य के द्वारा नहीं बनया गया है |
बर्ड फ्लू का भारत में असर
बहुत से लोगो के मन में ये प्रश्न उठ रहा है की क्या बर्ड फ्लू भारत में पहली बार आया है , तो इसका जवाब है नहीं साल 2006 से 2018 तक भारत में बर्ड फ्लू के 225 इन्फेक्शन एपिसेंटर पाए गये है | साल 2006 के बाद से पोल्ट्री इंडस्ट्री ने एक बायो सेफ्टी जोंन का निर्माण किया गया है | इस बायो सेफ्टी जोंन के अंतर्गत इस बात का ध्यान रखा जाता है की संक्रमित विदेशी पक्षी पोल्ट्री फर्म तक न आये जिस से अन्य पक्षियों की बर्ड फ्लू जैसी बीमारी से रक्षा की जा सके |
राजस्थान , मध्यप्रदेश , केरला , हरियाणा में H5NA हिमाचल प्रदेश में H5N1 पाया गया है | इन प्रदेशो मे सेकड़ो , हजारो की संख्या में मृत पक्षी पाए गये है |
क्रमांक | विवरण बिंदु | विवरण |
1 | सामान्य भाषा में वायरस का नाम | बर्ड फ्लू |
2 | वैज्ञानिक नाम केरल | एवियन इन्फ्लुएंजा |
3 | संकमित होने वाली प्रजातियाँ | पक्षी , जानवर , इंसान |
4 | भारत में संक्रमित प्रदेश | राजस्थान , मध्य प्रदेश , हिमाचल प्रदेश , केरल , हरियाणा , गुजरात |
5 | पहली बार कब पाया गया | सन 1997 चीन के हांगकांग में |
6 | भारत कब आया | 2006 |
7 | वैक्सीन उपलब्ध है या नहीं | हाँ |
8 | बर्ड फ्लू का सबसे खतरनाक स्ट्रेन | H5N1 |
9 | बर्ड फ्लू वायरस का नाम | इनफ्लुंजा ए |
बर्ड फ्लू भारत में कब आया
अभी हाल ही में बर्ड फ्लू ने भारत में अपने पैर बहुत ही तेजी से पसरे है देखते ही देखते यह 4 से 6 राज्यों में फ़ैल गया है | भारत में सबसे पहले साल 2006 में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी | जिसके बाद 2008 में भीं बर्ड फ्लू का असर देखने को मिला था | इसके बाद 2012 और 2015 में भी बर्ड फ्लू यानि एवियन इन्फ्लुएंजा ने भारत पर हमला किया था , और अब 2021 में फिर से भारत इस फ्लू की चपेट में है | भारत के साथ – साथ यह फ्लू दुनिया के कई देशो में फ़ैल चूका है |
पक्षियों बर्ड फ्लू होने के कारण या बर्ड फ्लू कैसे फैलता है
बर्ड फ्लू एक वायरल इन्फेक्शन है जो की एक पक्षी से दुसरे पक्षियों में फैलता है | बर्ड फ्लू का सबसे जानलेवा स्ट्रेंन H5N1 है , H5N1 वायरस से संक्रमित पक्षियों की मौत भी हो सकती है | यह वायरस संक्रमित पक्षियों से अन्य जानवरों और इंसानों में फैलता है | पक्षियों में बर्ड फ्लू के फैलने के निम्न कारण हो सकते है |
- मल के द्वारा
- नाक के स्त्राव के द्वारा
- मुह की लार
- आँखों से निकलने वाले पानी से |
क्या इंसान को बर्ड फ्लू से खतरा है
एक सवाल जिसका जवाब हर कोई जानना चाहता है की जब ये बर्ड फ्लू है तो यह बीमारी इंसानों में किस तरह से फैलती है ? कोरोना वायरस की तरह बर्ड फ्लू का वायरस भी इंसानों के लिए बहुत खतरनाक होता है और यह वायरस पक्षियों की तरह इंसानों की भी जान ले सकता है | यदि किसी इंसान को बर्ड फ्लू हो जाता है तो बहुत हद तक उसके लक्षण भी कोरोना के जैसे ही होते है | यह मनुष्य के शारीर में आँख , नाक और मुह से प्रवेश करता है | इस वायरस का जो H5N1 स्ट्रेन है वो इंसानों को संक्रमित कर सकता है | यह ज्यादातर संक्रमण ज्यादातर उन लोगों में होने की सम्भावना अधिक है जो सीधे तौर पर संक्रमित पोल्ट्री फार्म के संपर्क में आते है | सामान्य तौर पर इस से कुछ लोगो को खतरा ज्यादा रहता है जैसे 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चे , 65 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग, गर्भवती महिलाये या फिर ऐसे लोग पहले से ही किसी बीमारी जैसे मधुमेह , रक्त चाप या केंसर जैसी बीमारी से पीड़ित हो उन्हें बर्ड फ्लू होने का खतरा ज्यादा होता है | पक्षियों और जानवरों के जरिये यह संक्रमण इंसानों में फ़ैल सकता है |
यह वायरस पक्षियों से मनुष्यों तक पहुचता है | वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन के अनुसार बर्ड फ्लू का इन्फेक्शन एक व्यक्ति से दुसरे व्यक्ति तक पहुचना मुश्किल जरुर है लेकिन यह वायरस जानलेवा है | इस वायरस से संक्रमित लोगो की मृत्यु दर 60 प्रतिशत तक होती है |
इंसानों में बर्ड फ्लू के क्या लक्षण है
यह फ्लू भी और दुसरे फ्लू की तरह ही होता है जो अन्य फ्लू की तरह हमारे फेफड़े , गला , नाक को प्रभावित करती है | बर्ड फ्लू से संक्रमित होने पर किसी व्यक्ति में इसके लक्षण 2 से 8 दिनों में दिखने लगते है | इसके लक्षण फ्लू जैसे ही है :-
- गले में खराश , दर्द , सुजन
- छींक आना
- नाक बहना
- सांस लेने में परेशानी
- आँखों में संक्रमण
- बुखार
- मांसपेशियों में दर्द
- खांसी
- सरदर्द
- डायरिया
- थकावट
- गले में कफ होना
- पेट दर्द , या पेट ख़राब होना
यदि आप सीधे तौर पर किसी संक्रमित जीवित या मृत पक्षी या संक्रमित पोलट्री फार्म के सपर्क में आते है और इनमे से कोई भी लक्षण आपको लगते है तो 48 घंटे के अन्दर डाक्टर को बताये और एहतियात बरते |
बर्ड फ्लू से कैसे सावधानी रखे या इसकी रोकथाम के उपाय –
बर्ड फ्लू से बचने के लिए हमे वही सावधानियां रखनी है जो हम कोरोना से बचने के लिए रख रहे है |
- हाथों को अच्छे से बार – बार साबुन एवं पानी से धोये |
- बार बार अपने मुह या नाक , आंख को हाथ न लगाये |
- ज्यादा भीड़ वाली जगह पर जाने से बचे , विशेषकर उन जगहों पर न जाये जहाँ जीवित या मृत पक्षी हो |
- संक्रमित या मृत पक्षियों से दुरी बनाये रखे |
- पोल्ट्री फार्म या उस से सम्बंधित सभी जगहों पर जाने से बचे , मास्क पहन के रखे |
- साफ़ सफाई का पूरा ध्यान रखे |
- लक्षण दीखते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करे |
- कच्चा या अधपका मांसाहारी भोजन नहीं खाना चाहिए , पूरी तरह से पके हुआ भोजन का ही सेवन करे , क्यूंकि खाना पकाने पर 60 से 70 डिग्री पर पका हुआ खाना फायदेमंद होता है |
- यदि आपके आस – पास किसी पक्षी की मौत हो जाती है तो इसकी सुचना तुरंत सम्बंधित विभाग को दे |
क्या बर्ड फ्लु की वैक्सीन उपलब्ध है
आज सभी के मन में यह सवाल आ रहा है की बर्ड फ्लु की वैक्सीन है या नहीं तो इसका जवाब है की हाँ इसकी वैक्सीन जरुर है | यदि भविष्य में H5N1 वायरस अधिक फैलता है तो इसका उपयोग किया जायेगा लेकिन उम्मीद है की इस तरह की परिस्थिति नहीं बनेगी , क्योंकि अभी प्रशासन बहुत ज्यादा सतर्कता बरत रहा है |
बर्ड फ्लू के बारे में यह आशंका जताई जा रही है की यदि जल्दी ही इसे काबू में नहीं किया गया तो यह कोरोना से भी बड़ी महामारी का रूप ले सकता है |
बर्ड फ्लू के बारे में पूछे जाने वाले कुछ सामन्य प्रश्न
उत्तर – बर्ड फ्लू या एवियन इन्फ्लुएंजा साल 1997 में पहली बार पाया गया |
उत्तर – बर्ड फ्लू सबसे पहले चीन के हांगकांग में पाया गया था |
उत्तर – भारत में बर्ड फ्लू सबसे पहले 2006 में आया था |
उत्तर – हाँ बर्ड फ्लू की वैक्सीन उपलब्ध है |
उत्तर – अभी तक किसी इंसान की जान नहीं गयी है लेकिन सव्शानी बरतना जरुरी है |