सोलर चरखा मिशन योजना क्या हैं Solar Charkha Mission Scheme of the Ministry of Micro Small & Medium Enterprises (MSME) Details In Hindi
ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा बन गया है. गाँव में रहने वाले कई ऐसे लोग हैं जो शिल्पकार भी है, लेकिन बेहतर प्रशिक्षण एवं उनकी वित्तीय स्थिति ठीक नहीं होने के कारण उन्हें बेरोजगारी में रहना पड़ता है. इसको ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार ने मिल कर कई कदम उठाये हैं. ऐसा ही एक कदम रोजगार पैदा करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा उठाया गया है जिसका नाम है ‘सोलर चरखा मिशन’. इस मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को प्रशिक्षण दिया जायेगा, ताकि वे कपड़ों का निर्माण कर अपनी बेहतर आजीविका चलाने में सक्षम हो सकें. कपड़ों के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए इस मिशन को सौर स्पिंडल मिशन के तहत शुरू किया गया है. यह मिशन 5 करोड़ रोजगार के अवसर पैदा करके कपड़ों के निर्माण को समर्थन देता है.
कब होगा लॉन्च ये मिशन
सोलर चरखा मिशन को अभी लॉन्च किया जाना है और ये स्कीम 27 जून, 2018 के दिन लॉन्च होने वाली है. माइक्रो, स्माल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज (MSME) मंत्रालय के मुताबकि इस मिशन को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा लॉन्च किया जाएगा.
योजना का नाम | सोलर चरखा मिशन
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कब लॉन्च होगी ये योजना | 27 जून, 2018 |
किसके द्वारा लॉन्च की जाएगी ये योजना | राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद |
किस मंत्रालय के अधीन चलेगी योजना | माइक्रो, स्माल एंड मध्यम इंटरप्राइजेज (MSME) मंत्रालय |
योजना का बजट | 550 करोड़ रुपये |
योजना से किसको मिलेगा फायदा | कारीगरों |
क्या है सोलर चरखा मिशन (What is Solar Charkha Mission)
‘सोलर चरखा मिशन’ स्कीम कारीगरों के विकास करने के लिए बनाई गई है और इस स्कीम की मदद से हमारे देश के कारीगरों को अच्छे अवसर प्रदान किए जाएंगे. सरकार के मुताबिक इस स्कीम के लॉन्च होने के दो साल के अंदर हमारे देश में एक लाख जॉब्स भी उत्पन्न होंगी, जिससे कारीगरों के जीवन स्तर को और बेहतर बनाया जा सकेंगा.
योजना की विशेषताएं (Scheme Features)
- महिलाओं का विकास :- इस योजना के तहत कम से कम 80 लाख महिला उम्मीदवारों को इस क्षेत्र में शामिल होने के लिए प्रशिक्षण दिया जायेगा. और इसके अलावा 5 करोड़ महिला उम्मीदवारों को रोजगार भी मिलेगा. इसके माध्यम से सरकार महिलाओं को सशक्त करके एवं व्यवसाय पर जोर देते हुए उनका विकास करना चाहती है.
- सोलर स्पिंडल मिशन :– केंद्र सरकार द्वारा यह योजना सोलर स्पिंडल मिशन के तहत शुरू की जायेगी. इस योजना में 500 सोलर स्पिंडल होंगे, जबकि इसके समूह में 4000 स्पिंडल होंगे.
- अधिक रोजगार के अवसर :- यह योजना गाँव में रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए शुरू की गई है, ताकि अधिक लोगों को रोजगार प्राप्त हो. एक आंकड़े के अनुसार शुरुआत में ज्यादा से ज्यादा 10 लाख रोजगार के अवसर इस क्षेत्र में प्रदान किये जायेंगे.
- योजना की अवधि :- इस योजना को केंद्र सरकार द्वारा शुरुआत में 2 सालों तक के लिए लागू किया जायेगा. इस बीच इसके ओवरआल प्रभाव को एनालाइज किया जायेगा. अतः अधिकारिक तौर पर इसे सन 2020 तक ही जारी रखा जायेगा.
- स्वयं – सहायता संगठनों को जोड़ना :- गाँव में लोगों के व्यावसायिक विकास में स्वयं – सहायता संगठन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इसलिए इन संगठनों को इस मिशन को लागू करने में मदद करने के लिए शामिल किया जायेगा.
- खादी के कपड़ों को बढ़ावा देना :- इस योजना के माध्यम से सरकार खादी के कपड़ों को बढ़ावा देने के साथ ही उसे पुनर्जीवित करना चाहती है. और साथ ही ग्रीन एनर्जी एवं पर्यावरण फ्रेंडली खादी फैब्रिक को भी विकसित करना चाहती है.
- समूह का निर्माण :- केंद्र सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि समूह एवं शहरी क्षेत्रों में औद्ध्योगिक समूह का विकास करने की योजना बनाई है. इन विशेष समूहों में केवल शिल्पकारों को ही शामिल होने की अनुमति है. शुरुआत में 50 अलग – अलग समूह का निर्माण किया जायेगा.
- प्रत्येक समूह की साइज़ :- इस काम की प्रगति सुचारू रूप से हो सके, यह सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक समूह में 400 से 2000 कारीगरों को शामिल किया जायेगा.
- सब्सिडी :- इस योजना को बढ़ावा देने के प्रयास में केंद्र अधिकारी ने 550 करोड़ रूपये सब्सिडी के रूप में देने का आवंटन किया है.
योजना के लिए पात्रता (Scheme Eligibility)
- छोटे पैमाने पर व्यापार के लिए :- इस योजना में केवल वे लोग शामिल हो सकते हैं, जो छोटे पैमाने पर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को चलाने में रुचि रखते हैं.
- जिनके पास एमएसएमई प्रमाण पत्र हो :- सभी व्यापार शुरू करने वाले लोगों का माइक्रो, स्माल एवं मीडियम इंटरप्राइजेज विभाग के साथ रजिस्टर्ड होना आवश्यक है. इसके प्रमाण पत्र के बिना उन्हें इसका हिस्सा बनने का लाभ प्राप्त नहीं हो सकेगा.
योजना में ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवेदन कैसे करें ? (How to Apply For The Scheme Via Online Portal)
इस योजना के लिए सभी आवेदन ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से किये जायेंगे. इस योजना का ऑनलाइन फॉर्म प्राप्त करने के लिए आवेदकों को इसके अधिकारिक वेब पोर्टल udyamsakhi.org पर विजित करना होगा. इस पोर्टल को विशेष रूप से इच्छुक उम्मीदवारों को जानकारी प्रदान करने के लिए शुरू किया गया है.
इस मिशन के माध्यम से पैसे कैसे कमायें ? (How to Earn Money Through Solar Charkha Mission)
लोग हमेशा अच्छी गुणवत्ता वाले कपड़ों की मांग करते हैं. वे लोग जो अपने सोलर द्वारा संचालित कपड़ों के निर्माण यूनिट को शुरू करते हैं, वे अपने प्रोडक्ट को केंद्र के साथ – साथ राज्य सरकार को भी बेचने में सक्षम होंगे. यहाँ तक की भारत का खादी कमीशन भी उन व्यापारियों की मदद करेगा. ये इन प्रोडक्ट को खरीद कर सीधे सरकारी विभाग को भेज देंगे. कपड़ों की अच्छी गुणवत्ता के चलते बिस्तर की चादरें, तकिया कवर, टोवेल्स, डस्टर के कपड़े और साथ ही गारमेंट्स का निर्माण करना संभव हो जाता है. यदि व्यापारी चाहते हैं, तो वे गारमेंट्स मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के साथ कॉन्ट्रैक्ट साइन कर सकते हैं, और अपने प्रोडक्ट उन्हें बेचकर अधिक पैसे कमा सकते हैं.
सोलर चरखा को इनस्टॉल कैसे करें (How to Install Solar Charkha)
एक बार आवेदकों को इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए चुन लिया गया, तो इसके बाद उन्हें एमएसएमई द्वारा जरुरी पार्ट्स एवं सोलर प्लेट्स प्रदान की जाएगी. इसके साथ ही आधुनिक चरखें और लूम्स भी प्रदान किये जायेंगे. इन मशीनों के इंस्टालेशन के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी गई है. किन्तु यह अनुमान लगाया गया है कि एमएसएमई विभाग के द्वारा सहायता प्रदान की जाएगी या आवेदक अपने स्वयं के आधार पर विशेषज्ञों को किराये पर ले सकते हैं.
योजना के लिए बजट का आवंटन (Solar Charkha Mission Budget)
इस योजना के लिए शुरुआत में 500 करोड़ रूपये का बजट तय किया गया है. ये पैसे आवेदकों के लिए प्रशिक्षण एवं मशीनें प्रदान करने के काम आएंगे. एमएसएमई विभाग की माइक्रो बिज़नेस सेक्टर में 10,000 करोड़ रूपये के अतिरिक्त निवेश करने की भी उम्मीद है.
सोलर चरखा बिज़नस कैसे शुरू करें (How to Start Solar Charkha Business)
केन्द्रीय सरकार द्वारा अधिकारिक निमंत्रण प्रकाशित किये गए हैं. कोई भी व्यक्ति, जो खुद का सोलर चरखा कपड़ों के निर्माण की व्यापार यूनिट शुरू करना चाहता है, उन्हें सोलर संचालित लूम को स्थापित करना होगा और इसके बाद उन्हें संबंधित अधिकारी को आवेदन करने की आवश्यकता होगी. प्रधानमंत्री रोजगार जनरेशन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत कम दरों पर जरूरी मटेरियल और सहायता प्रदान की जाएगी.
वित्तीय आवश्यकताएं (Financial Requirements)
यदि कोई व्यक्ति अपना खुद का व्यवसाय शुरू करना चाहता है, तो उसके पास 24 लाख 87 हजार रूपये तक होने चाहिए. छोटे पैमाने पर व्यापार शुरू करने वाले लोगों के लिए यह बहुत बड़ी राशि है. किन्तु इस योजना के ड्राफ्ट में यह उल्लेखित किया गया है कि आवेदकों को कुल खर्च का केवल 10 % ही भुगतान करना होगा, जबकि 90 % अधिकारीयों द्वारा प्रदान किये जायेंगे. इस प्रकार आवेदकों को 2 लाख 48 हजार रूपये का भुगतान करना होगा और केंद्र अधिकारी उन्हें 22 लाख 39 हजार रूपये प्रदान करेंगे.
सब्सिडी और पैसों का रिपेमेंट (Subsidy and Repayment of the Money)
केंद्र सरकार द्वारा दी जाने वाली राशि लोन के रूप में प्रदान की जाएगी. लेकिन आवेदकों को इस क्रेडिट में किसी भी तरह के ब्याज का भुगतान नहीं करना पड़ेगा. हालाँकि यहाँ क्रेडिट 15 % का है. लेकिन इसे अधिकारी द्वारा सब्सिडी के साथ व्यवस्थित कर दिया जायेगा. केंद्र सरकार सभी इच्छुक उम्मीदवारों को 25 % यानि 6 लाख 22 हजार रूपये तक की सब्सिडी प्रदान करेगी. हर आवेदकों को अपना व्यापार शुरू करने के दिन से लेकर 5 साल के अंदर एक्चुअल क्रेडिट राशि को वापस करना होगा.
व्यापार के लिए औजार एवं रॉ मटेरियल (Equipments and Raw Materials for the Business)
एक बार आवेदक क्रेडिट प्राप्त कर लें, उसके बाद वे 25 चरखें प्राप्त करेंगे, जो सोलर पॉवर से चलते हैं. इसके अलावा वे 10 लूम्स भी प्राप्त करेंगे. ये मशीनें अच्छी गुणवत्ता वाले कपड़ें का निर्माण करेगी. भारत के खादी कमीशन द्वारा रॉ मटेरियल सप्लाई किये जायेंगे. इसके अलावा अन्य माध्यमों से रॉ मटेरियल खरीदने के लिए भी किसी भी प्रकार का बंधन नहीं है.
इस व्यवसाय से कितनी आय की उम्मीद की जा सकती है ? (How Much Income Can One Expect From This Business)
यदि प्रोडक्शन यूनिट अपनी पूरी सक्षमता से चल रही है, तो वार्षिक आधार पर 79 लाख से 80 लाख रूपये तक की कमाई की संभावना है. श्रमिकों की शक्ति व्यापार यूनिट को चलाने के लिए बहुत जरुरी है, और साल भर में लगभग 32 से 33 लाख रूपये तक का उपयोग उनके वेतन के भुगतान के लिए किया जायेगा. रॉ मटेरियल की खरीद के लिए लगभग 15 लाख रूपये की आवश्यकता होगी. इसकी गणना से यह पता चला है कि 12 से 13 लाख रूपये व्यापारियों के हाथ में आएंगे. इसका मतलब यह है कि इस व्यवसाय के शुरू होने के साथ कोई भी व्यक्ति 1 लाख रूपये कमा सकते हैं. समय के साथ, वह व्यापारी अपने व्यापार का अधिक विस्तार करके और अधिक पैसा कमा सकता है.
यह योजना न केवल युवाओं और महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए होगी, बल्कि सोलर पॉवर का उपयोग करने के बारे में आवश्यक जागरूकता फैलाने के लिए भी होगी. इससे देश की ओवरआल प्रगति में वृद्धि होगी और बेरोजगारी के दुष्प्रभाव भी कम होंगे.
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