हिंदी शादी कविता : नन्ही परी (जन्म से बिदाई तक का जीवन )

नन्ही परी हिंदी कविता जन्म से बिदाई तक की कहानी शादी स्पेशल  (Poem For Sister Marriage In Hindi)

एक लड़की के जीवन का सारांश हैं कैसे वो एक परिवार में जन्म लेती हैं औए एक दिन उससे सदा के लिए छोड़ देती हैं | कितनी यादे वो एक पल में पराया कर जाती और एक नयी ज़िन्दगी को गले लगाती | जन्म से बिदाई तक वो अपनी माँ के आँचल में ज़िन्दगी को सहेजती हैं और अचानक ही एक दिन वो किसी आँगन की तुलसी बन जाती हैं | आजादी होती हैं उसे एक बेटी के रूप में, बहू बनते ही वो जिम्मेदारी निभाती हैं |

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Hindi Poem Kavita For Daughter (Bride) for Marriage Sangeet Function

नन्ही परी
(नन्ही परी दुल्हन बन ससुराल चली)

देखों-देखों घर आई एक नन्ही परी,
दिल में उत्साह और उमंग भरी,
देखों-देखों घर आई एक नन्ही परी||

घर में गूंज रही किलकारी ध्वनि,
आँखों से झर रही मोतियों की लड़ी,
जैसे खेत में ओंस की बुँदे है पड़ी ||

देखों-देखों घर आई एक नन्ही परी………………..||

पूरा परिवार उसके इर्द गिर्द घूम रहा,
सुन्दर सलौना प्यारा सपना उसके लिए बून रहा,
जैसे भंवरे की गुंजन में हर एक पुष्प झूम रहा||

देखों-देखों घर आई एक नन्ही परी………………..||

पैरों में घुंघरू बांधकर छमक-छमक वो बाजती,
कभी दादा,कभी दादी,कभी माँ के पास भागती,
जैसे वन में मौर की सुन्दर छवि है नाचती ||

देखों देखों घर आई एक नन्ही परी………………..||

नन्ही परी आज चली गुरुकुल की गली,
चलो-चलो आज वो विवाह के मंडप में खड़ी,
प्यारी नन्ही परी माँ का आँचल छोड़ चली,
बाँटने स्नेह ससुराल की गली ||
देखो देखो घर छोड़ चली नन्ही परी
बाँटने स्नेह ससुराल की गली ||
देखों-देखों घर छोड़ चली नन्ही परी,
दुल्हन बन ससुराल चली  ……||

कर्णिका पाठक

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Poem For Sister Or Daughter Marriage In Hindi खासतौर पर वधू पक्ष के लिए लिखी गई हैं | 

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