भारत के 28 राज्यों के नाम कैसे रखे गए | How The 28 Indian States Got Their Name history in hindi

भारत के 28 राज्यों के नाम कैसे रखे गए (How The 28 Indian States Got Their Name history  in hindi)

भारत एक ऐसा देश है, जहां पर लगभग हर तरह के धर्म समुदाय और सम्प्रदाय के लोग रहते है. यही वजह है कि यहाँ की सांस्कृतिक इतिहास बहुत ही अधिक समृद्ध है. यहाँ पर विभिन्न स्थानों के नाम के साथ विभिन्न तरह की सांस्कृतिक इतिहास जुड़ा हुआ है. ध्यान देनें योग्य बात है कि ख़ुद शब्द हिन्दुस्तान भी अपने अन्दर एक इतिहास लिए हुए है. भारत के सिंध नदी के तट पर रहने वाले लोगों को सिन्धी कहा जाता था, जिसे कालांतर में आये पारसी लोग हिन्द कह कर पुकारने लगे. इस तरह से इस स्थान का नाम ‘हिन्दुस्तान’ पड़ा. इस देश में तात्कालिक समय में कुल 28 राज्य हैं. इस 28 राज्यों के नाम के पीछे भी ऐसे ही सांस्कृतिक रहस्य छुपे हैं. भारत में कई राज्य केंद्र शासित प्रदेश और उनकी अपनी भाषा है.

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भारत के 28 राज्यों के नाम कैसे पड़े (How The 28 Indian States Got Their Name in hindi)

यहाँ पर कुल 28 नामों के पीछे के कारणों का वर्णन किया जाएगा.

हिमाचल प्रदेश :

इस शब्द से यह अर्थ प्राप्त होता है कि कोई प्रदेश हिम से आच्छादित है. हिम का अर्थ बर्फ होता है और अचल का अर्थ स्थापित. इस तरह यह एक ऐसा प्रदेश हैं, जहां पर सदा बर्फ जमा रहता है. इसे बर्फ़ीले पहाड़ों का घर भी कहा जाता है.

पंजाब :

शब्द पंजाब भारत—इरानी संस्कृति से बना शब्द है. ध्यान देने वाली बात है कि इस क्षेत्र से पांच नदिया बहती है. अतः शब्द ‘पंजाब’ में पंज यानि पांच और आब यानि पानी होता है. इसे पांच नदियों की भूमि भी कहा जाता है.

उत्तराखंड :

वर्ष 2000 में उत्तरप्रदेश से अलग हो कर एक नया राज्य उत्तरांचल का आविर्भाव हुआ. आरम्भ में इसे उत्तरांचल ही कहा जाता था, जिसका शाब्दिक अर्थ था उत्तरी पहाड़ी. इसके उपरान्त इस स्थान को उत्तरांचल की जगह उत्तराखंड के नाम से पुकारा जाने लगा. इसका अर्थ होता है, किसी क्षेत्र का उत्तरी हिस्सा.

हरियाणा :

इस स्थान के नाम को महाभारत काल से जोड़ा जाता है. हरियाणा शब्द का अर्थ हरी यानि श्री कृष्ण के यहाँ आने से जुड़ा हुआ है. महाभारत के समय भगवान श्रीकृष्ण स्वयं यहाँ आये थे, जिस वजह से यह स्थान हरियाणा के नाम से प्रसिद्द हुआ. सक्षम योजना हरियाणा यहाँ पढ़ें.

उत्तर प्रदेश :

उत्तर प्रदेश के नाम का अर्थ इसके नाम से ही झलक जाता है. इसका अर्थ है उत्तरी दिशा में स्थापित राज्य. अतः भारत का जो हिस्सा उत्तर दिशा की तरफ फैला हुआ है, उसे उत्तर प्रदेश के नाम से जाना जाता है.

राजस्थान :

यह शब्द स्वयं में ‘राजा’ शब्द को निहित रखता है. ध्यान देने वाली बात है कि इस क्षेत्र में एक से एक प्रतापी राजा हुए थे. इन राजाओं के महलों का अवशेष अभी भी इस राज्य में पाया जाता है. राजपूत राजाओं का गढ़ होने की वजह से इस स्थान का नाम राजस्थान पड़ा. प्राचीनकाल में इसका नाम राजपुताना भी रहा है.

बिहार :

बिहार शब्द का आविर्भाव पाली शब्द विहार से हुआ है. विहार शब्द का अर्थ है किसी स्थान पर भ्रमण के लिये डेरा डालना. धीरे धीरे यह शब्द विकृत होकर बिहार हो गया. यह राज्य एक लम्बे समय तक बौद्ध मठधारियों का विहार स्थल यानि भ्रमण स्थल भी रहा है. बिहार में छात्र क्रेडिट कार्ड योजना यहाँ पढ़ें.

पश्चिम बंगाल :

पश्चिम बंगाल को प्राचीन समय में बंगाल अथवा बंग्लाह कहा जाता था. यह शब्द संस्कृत के ‘वांग’ शब्द से बना है. वर्ष 1905 के दौरान बंगाल विभाजन के साथ ही इस स्थान के नाम के साथ पश्चिम जुड़ गया और यह स्थान पश्चिम बंगाल कहलाने लगा. वर्ष 1947 में भारत विभाजन के बाद इस राज्य का नाम पश्चिम बंगाल रखा गया. बंगाल के पूर्वी हिस्से को बंगलादेश कहा जाता है.

झारखंड :

शब्द झारखंड ‘झर’ और ‘खंड’ दो शब्दों से मिलकर बना है. झर का अर्थ है जंगल और खंड का अर्थ है भूमि. इस वजह से झारखंड का अर्थ हुआ जंगल की भूमि. यहाँ पर वन पाए भी जाते हैं. झारखण्ड को ‘वनांचल’ भी कहा जाता है.

ओड़िसा :

ओड़िसा नाम की उत्पति ‘ओडरा’ नामक शब्द से उत्पन्न हुई है. इसका अर्थ है वे ओडरा लोग जो भारत के मध्य में निवास करते है.

छत्तीसगढ़ :

इस स्थान को पहले दक्षिण कोसला के नाम से जाना जाता था. हालाँकि इस नाम से इस स्थान का संबंध नहीं मिल पाता. ग़ौरतलब है कि इस राज्य में कुल 36 किले पाए गये हैं. इन 36 किलों के होने की वजह से इस स्थान को छत्तीसगढ़ कहा जाता है.

मध्यप्रदेश :

मध्य प्रदेश का शाब्दिक अर्थ किसी देश के मध्य में स्थित राज्य से होता है. स्वतंत्रता के पहले यह एक बहुत बड़ा राज्य था. इसमें बरार, मकर, छत्तीसगढ़ आदि स्थान शामिल थे. भारत के मध्य में स्थित होने की वजह से इसे मध्य प्रदेश कहा जाता है. इसे हिंदुस्तान का दिल भी कहते है.

गुजरात :

गुजरात शब्द की उत्पति शब्द ‘गुजरा’ से हुई. इस स्थान पर लगभग गुज्जरों द्वारा शासन किया गया था. इन गुज्जरों द्वारा शासन होने की वजह से इसे गुज्जरों की भूमि अथवा गुजरात कहा जाता है.

महाराष्ट्र :

महाराष्ट्र शब्द की उत्पति के साथ कई मत जुड़े हुए हैं. नाम के अनुसार इसका अर्थ है महान देश. इसके पहले इसे राष्ट्रिका भी कहा जाता था. महाराष्ट्र में शब्द राष्ट्र का आविर्भाव राष्ट्रकूट वंश के शासन की वजह से भी माना जाता है.

गोवा :

इस राज्य के नाम का सही विश्लेषण नहीं मिल पाता. कुछ इतिहासकारों का मानना है कि गोवा यूरोपीय अथवा पुर्तगाली शब्द है. कुछ लोग इसे गाय से भी जोड़ते है, क्योंकि गो का अर्थ गाय भी होता है.

आन्ध्र प्रदेश :

आंध्र का अर्थ ‘दक्षिण’ होता है. इसी के साथ इस क्षेत्र में कुछ ऐसी जनजाति निवास करती है, जिसे आन्ध्र के नाम से जाना जाता है. मौर्य काल में भी प्रशासन में दक्षिण के नौकरशाहों के लिए ‘आन्ध्र भृत्य’ भी कहा जाता था.

कर्नाटक :

कर्नाटक शब्द की उत्पत्ति ‘करू’ से हुई है. इसका अर्थ है गगनचुम्बी. यह दक्कन पठार का क्षेत्र है, जो कि काफ़ी ऊँचा क्षेत्र था. अतः इस वजह से इस स्थान को कर्नाटक का नाम दिया गया.

तमिलनाडु :

तमिलनाडु दो शब्दों से मिलकर बना है तमिल और नाडू. नाडू का अर्थ है जन्मभूमि. इस वजह से यह स्थान तमिलों का घर के रूप से जाना जाता है. इस स्थान में अधिक संख्या में तमिल लोग पाए जाने के कारण इस राज्य का नाम तमिलनाडु पड़ा.

केरल :

इस नाम के साथ भी कई ऐतिहासिक और सांस्कृतिक मत जुड़े हुए हैं. केरल शब्द का आविर्भाव चेरा वंश के शासकों द्वारा उत्पन्न माना जाता है. संस्कृत में केरल का अर्थ है एक जुडी हुई भूमि. अतः यह कहा जा सकता है कि केरल समुद्र से निकली अतिरिक्त भूमि है, क्योंकि यह समुद्र के किनारे स्थित है.

तेलंगाना :

इस शब्द की उत्पत्ति शब्द ‘त्रिलिंग’ से हुई है, जिसका अर्थ है भगवन शिव के तीन लिंग. अतः इस स्थान का एक अध्यात्मिक महत्त्व भी है.

सिक्किम :

इस शब्द की उत्पत्ति लिम्बू से हुई है. प्राचीन समय में इसका अर्थ एक नया विशाल भवन के रूप में भी था. हालाँकि तात्कालिक समय में इसे तिब्बती भाषा में डेजोंग भी कहा जाता है.

अरुणाचल प्रदेश :

अरुणाचल शब्द दो शब्दों के मेल से बना है. ये दो शब्द हैं अरुण और अचल. अतः यह वह स्थान है, जहाँ से सूर्य निकलता दिखाई देता है. इस वजह से इस स्थान को अरुणाचल प्रदेश कहा जाता है.

असम :

असम शब्द का अर्थ अहम शासकों से है. इस स्थान पर 6 सदियों तक ऐसे शासक का राज्य रहा. इसका एक अन्य मतलब अनियमित से भी है, क्योंकि इंडो- आर्यन संस्कृति में असामा का अर्थ अनियमित होता है.

मेघालय :

इस राज्य को बादलों का घर कहा जाता है. मेघालय शब्द दो शब्द से मिल कर बना है मेघ और आलय. यहाँ पर वृष्टि की संभावनाएं अधिक होने की वजह से इस स्थान का नाम मेघालय पड़ा.

मणिपुर :

इस स्थान में मणियों की अधिकता होने की वजह से इसे मणिपुर कहा जाता है.

मिजोरम :

शब्द मिजोरम में ‘मि’ का अर्थ है लोग और ‘जो’ का अर्थ है पहाड़ी. चूँकि मिजोरम एक पहाड़ी क्षेत्र है अतः इस स्थान को मिजोरम कहा जाता है.

नागालैंड :

नागालैंड शब्द में नागा की उत्पत्ति एक बर्मा शब्द नाका से हुई है. नागा का अर्थ उन लोगों से है, जिनके नाक और कान छिदे हुए होते हैं. यह एक विशेष प्रजाति के लोग होते हैं. इसे कई बार नागाओं की भूमि भी कहा जाता है.

त्रिपुरा :

त्रिपुरा की उत्पत्ति शब्द ‘तुईपारा’ से मानी जाती है. इसमें तुई का अर्थ है पानी और पारा का अर्थ है नजदीक. ऐसा भी माना जाता है की इस स्थान पर एक त्रिपुर नामक राजा के शासन की वजह से इसे त्रिपुरा कहा जाता है.

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