किताबों को पढने के फ़ायदे | Reading Books and its benefits in hindi

Reading Books and its benefits in hindi मानव इतिहास में सभ्यता के साथ सबसे प्राचीन वस्तु जो अस्तित्व में आई थी वह किताबें थी. किताबों की अपनी दुनिया होती है. किताबों में बंद राजों के साथ कभी कभी पढने वालों के राज़ भी शामिल हो जाते है. अभी वक़्त बदल चला है वरना किताबों में सूखे हुए पीपल के पत्तों, गुलाब की पंखुड़ियों और मोर के पंखों का मिलना बहुत आम बात होती थी. ये चीज़ें रखी तो किताबों में होती थीं, लेकिन रखने वाले के मन में ये चीज़ें किसी मेटाफोर की तरह काम करती थी जैसे रिश्तों के मेटाफोर. किताबें मांगने- लौटाने के बहानों से अक्सर जो रिश्ते बना करते थे, उनका बनना अब बहुत कम हो गया है. कहा गया है कि दुनिया में रईस आदमी वो ही लोग होते हैं जिनके घरों में बड़ी- बड़ी अलमारियां किताबों से भरी रहती हैं. किताबें एक तरह से जानकारी का माध्यम तो ज़रूर हैं पर इन किताबों की सबसे ख़ास बात ये होती हैं कि ये अपने पढने वाले को एक ही पल में अतीत की उस दुनिया में ले जा सकती हैं जहाँ जाना बहुत ही कठिन होता है. कभी कभी किसी की कहानी को पढ़ते हुए उसमे पसंद आये किसी किरदार का हाथ थामे ज़िन्दगी गुज़ार देने का मन करता है. इसके बारे में यहाँ विस्तार से बताया गया हैं.

different-benefits-of-reading-books-

किताबें हैं क्या ? (What is Books)

वाक़ई किताबें हैं क्या..? क्या ये महज कुछ पन्नों को जोड़ कर बनाई गयी कोई चीज़ है, या ऐसी चीज़ है जिसे पढ़कर कोई इस दुनिया में एक बहुत अच्छी नौकरी पा सकता है. दरअसल दौरे- हाज़िर में तालीम दो ख़ेमों में बंट गयी है. एक बहुत बड़ा खेमा है जिसमे पढने का सिर्फ और सिर्फ एक ही मक़सद है कि एक बहुत अच्छी सी नौकरी पा कर ख़ूब पैसे कमाने हैं. पैसा इस दुनिया में बहुत महत्त्वपूर्ण चीज़ है पर सबसे महत्त्वपूर्ण नहीं. पैसा हो और ऑक्सीजन न हो तो पैसा किस काम का? दूसरी तरफ वैसी किताबें हैं जो ज़िन्दगी के हर पहलूओं पर आसानी से जीना सीखाती है. बहुत पुरानी किताबें छोड़ भी दें तो कुछ किताबें ऐसी हैं जिन्हें हर वक़्त पढ़ा जा सकता है, बार बार पढ़ा जा सकता है. फ्रान्ज़ काफ्का, मिलान कुंदेरा, रिल्के के पत्र, करेल चापेक आदि ऐसी पठनीय चीज़ें हैं  जिनमें लिखी गयी चीजें हर वक़्त काम की होती हैं. इसे पढने से नौकरी शायद न मिले लेकिन वो मीठा स्वाद ज़रूर मिलता है, जो अक्सर पुराने ज़ख्मों को साफ़ कर वापिस मरहम लगाने से मिलता है. इस तरह किताबे भी अक्सर बाज़ार में दो तरह की रही हैं. एक नौकरी दिलाने वाली और दूसरी सच्चाई बताने वाली. दोनों का हमारी ज़िन्दगी में अलग- अलग महत्व है.

किताबें क्यों जरूरी हैं? (Why Books are important)

बात अगर मनोरंजन की हो तो कोई ज़रूर ये बात पूछ सकता है कि किताबे ही क्यों..? कई तरह की फिल्मे बनती हैं जो, महज 2 घंटे में कई किरदारों के साथ आकर एक कहानी बता कर चली जाती है. तो फिर किताबों की क्या ज़रुरत..? दरअसल इसी सोच की वजह से किताबों का पढना बहुत कम हुआ है, और कई बहुत अच्छे – अच्छे प्रकाशन अपना अस्तित्व खो बैठे. इसका जवाब शायद ये हो सकता है कि अक्सर किरदार को पढ़ते हुए उसका जन्म हमारे अन्दर हो जाता है, हम अपनी तरह से एक किताबी किरदार को अपने अन्दर महसूस कर सकते हैं. मगर फ़िल्मों में ये आज़ादी नहीं होती. फ़िल्मों के किरदार सिर्फ मानसिक ही नहीं बल्कि शारीरिक रूप में भी सामने आते हैं. फ़िल्म किताबों से ही निकलती हैं, जिसका एक प्रमाण ये है कि एक ही कहानी पर दो – दो फ़िल्में बन जाया करती है. किताबें कई तरह की होती हैं. पाठक अपनी रूचि अपने पसंदीदा विषयों के आधार पर कई तरह की किताबें पढ़ सकता है. विज्ञान, साहित्य, कला, वाणिज्य कई तरह की किताबें मौजूद हैं, जिन्हें पढते हुए वक़्त गुज़ारने के साथ – साथ कई मालूमात भी हासिल किये जा सकते हैं. किताबों का अपना महत्व है, किताबें खुले आसमान की तरह होती हैं और पढने वाला एक पंछी भी हो सकता है. पढने वाला चाहे तो बैठे- बैठे एक टक उस खुले आसमान में देख सकता है या चाहे तो उसमे विचर भी सकता है.  

किताबों को पढने के फ़ायदे (Reading Books and its benefits in hindi)

इन सब बातों से परे किताबों से कई फायदे हैं. इनकी सोहबत में बहुत कुछ सीखा और जाना जा सकता है. इन्हें ज्ञान का ‘पॉवर हाउस’ माना जा सकता है. यहाँ से कई तरह की मानसिक शक्तियां हमारे अन्दर पैदा होती है. लिखना इंसानी जीवन में सबसे बड़ा आविष्कार है, और लिखी हुई चीज़ें एक तरह की दलीलें हैं. किताबें पढने से दिमाग़ अक्सर सोचने की क्रिया में रहता है, या यों कहें कि जवान रहता है. पढने वाले के पास शब्दों का भंडार खुलता जाता है. मन ख़ुश रहता है. रोज़मर्रा की परेशानियों से कुछ वक़्त के लिये रिहाई मिलती है. कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ मुहैया होती हैं. सोचने के लिए नयी दिशाएं मिलती हैं. नीचे इन सब बातों पर विचार प्रकट किए जा रहे हैं.

मानसिक प्रेरणा : कई तरह की किताबें मंज़रे- आम पर मौजूद हैं, अपनी पसंद के अनुसार किसी किताब के साथ बहुत आराम से अच्छा- ख़ासा वक़्त गुज़ारा जा सकता है. इसके साथ दिमाग़ी विकास भी बहुत शानदार तरह से होता है. घटनाओं और चीज़ों पर नयी तरह से नये नज़रिए के साथ सोचने के कई रास्ते मिलते हैं. कई तरह के पहलू सामने आते हैं जिन पर सोचने- विचार करने से कई और नये तरह के अहसास जन्म लेते हैं. इस तरह किताबें पढना एक मानसिक कसरत का काम है, जो दिलो- दिमाग़ को हमेशा जवान रखता है.

याददाश्त बेहतर करने का ज़रिया: किताबें पढ़ते रहने से याददाश्त बहुत दुरुस्त होती रहती है. दरअसल टीवी देखना या रेडिओ सुनना एक समय के बाद बोर सा महसूस कराता है. टीवी देखते देखते सोचने की क्षमता कम बहुत कम होती जाती है. इस तरह कल्पनाशीलता भी बहुत कम होती रहती है. किताबों को कुछ वक़्त देने से वो ढेर सारी कल्पनाएँ दे सकती है. किताबें पढने से मन स्थिर रहता है, जो याददाश्त को बनाए रखने में मददगार साबित होती है. मसलन यदि कोई किताब पढ़के समोसे बनाना सीखता है, तो पद्धति पढ़ते हुए उसके दिमाग़ में गतिविधियों के चित्र उभरने लगते हैं.

तनाव से राहत : किताबें पढने का एक बहुत बड़ा महत्व ये है कि इससे तनाव से राहत मिलती है.. रोज़मर्रा की ज़िन्दगी अक्सर इतनी तेज़ होती है कि अपने लिए समय निकालना मुश्किल हो जाता है. किताबें वो क़ीमती पल देने में सहायक होती हैं, जिसमे आदमी पूरी तरह से अपने पास रह सके. अपनी रूचि की किताब पढ़ते हुए बहुत आसानी से कुछ पल ले लिए ज़िन्दगी के अनसुलझे मसलों से छुटकारा पाया जा सकता है. तनाव मुक्त हो जाने से दिमाग़ में एक नयी ऊर्जा महसूस होती है, जो नए सिरे से किसी काम को शुरू करने के लिए बहुत ज़रूरी है.

समस्याओं का समाधान : कई तरह की किताबें ज़िन्दगी की अलग- अलग परेशानियों का हल लिए होती है. कई तरह की क़ानूनी किताबें, सेहत सम्बन्धी किताबे, व्यापार की किताबें, खाना बनाने की किताबे इस तरह से प्रकाशित की गयी हैं कि कोई भी साधारण आदमी उसे पढ़कर उसका अनुसरण कर सकता है. इससे कई क़ानूनी, सेहत सम्बन्धी जानकारियाँ बहुत आसानी से मिल जाती हैं.

शब्दावली : तरह तरह की किताबें पढने से एक ही मतलब के कई तरह के शब्द मिल जाते हैं, जो अक्सर किसी से बात करते हुए या कुछ अपना लिखते हुए बहुत काम आता है. शब्दावली जितनी मजबूत होती है सोचने की क्षमता भी उतनी अधिक विकास करती है. शब्दावली मजबूत होने से किसी को अपनी बातों से प्रभावित किया जा सकता है. किसी भी विद्यार्थी के लिए ये बहुत ज़रूरी है अतः विद्यार्थियों को किताबें पढने की सलाह देते रहनी चाहिए.

विश्व दर्शन : विश्व स्तरीय किताबों को पढ़कर विश्व की कई बातें आसानी से पता चल जाती हैं. एवेरेस्ट, अफ्रीका के जंगल, आर्कटिक का बर्फ, जर्मनी की म्युनिक सिटी आदि जगहों के विषय में छपी किताबों को पढ़कर वहाँ के विषय में बहुत गहराई से जाना जा सकता है.

निर्णय क्षमता में वृद्धि : विभिन्न कहानियों, विभिन्न घटनाओं और उनके समाधानों को पढ़कर मुसीबतों का सामना करने की विचारशीलता में वृद्धि होती है. कड़े समय में संयम रख कर मुसीबतों का सामना और बिना धैर्य खोये उन मुसीबतों का समाधान ढूँढने की शक्ति किताब पढने से मिल सकती है. आये दिन नये नये समस्याओं का सामना होना आम बात है और बिना समय गवाएं निर्णय लेना पड़ता है. किताबें पढना ऐसे फैसलों को लेने में मदद करती है.

मनोरंजन का माध्यम : किताबे जानकरियों के साथ साथ मनोरंजन का भी एक बहुत बड़ा जरिया है. टीवी, रेडियो इन सबसे परे किताबों की दुनिया में मनोरंजन एक बहुत अनोखे रूप में सामने आता है. मसलन किसी कहानी को पढते वक़्त पाठक नकारात्मक किरदार का भी उतना ही अपना होता है,  जितना उस कहानी में वो सकारात्मक किरदार का होता है. दो – दो किरदारों को एक साथ समझने परखने और जानने की क्रिया बहुत ही रोचक और उत्साहवर्धक होती है. इसी तरह कई ऐसी भावनात्मक कहानियाँ पढ़ने मिलती हैं, जिसे पढ़ कर भूले- बिसरे रिश्तों की अहमियत का पता लगता है. अपनों के और क़रीब जाने का मन करने लगता है.

महापुरुषों की वाणी : किताबें एक तरह की चमत्कार हैं. विश्व में कई महापुरुष जन्म लिए एक समय के बाद उनकी मृत्यु हो गयी. उन्होंने अपने समकालीन लोगों को कई बातें सिखायीं. उनके द्वारा कही गयी महत्त्वपूर्ण बाते आज भी किताबों की शक्ल में कहीं न कहीं मौजूद हैं. इन किताबों को पाकर, इन्हें पढ़कर कई तरह की ज्ञानवर्धक बातें मालूम होती हैं, जिन पर अमल कर के जीवन को आसान बनाया जा सकता है. ज़िन्दगी से जुड़े कई ऐसे सवाल जिनके जवाब मिलने बहुत मुश्किल लगते हैं, ऐसी किताबों में उन सवालों के जवाब ढूंढें जा सकते हैं. कई ऐसी आध्यात्मिक किताबें मौजूद हैं जो सत्य के प्रत्यक्षीकरण में बहुत उपयोगी साबित होती हैं. भगवान् बुद्ध, भगवान् महावीर, कबीर ,रूमी आदि के विचार ज़िन्दगी के लिए अतिमहत्वपूर्ण हैं, इन्हें पढ़ते रहने से जीवन में सही और ग़लत को परखने की क्षमता मिलती है.

अल्जाइमर रोग का निदान : किताबें पढते रहने से मस्तिष्क हमेशा काम में लगा रहता है. ऐसा पाया गया है कि जो लोग अपना खाली समय इन दिमाग़ी कसरतों में बिताते हैं, उनके दिमाग़ में अल्जाइमर होने का खतरा लगभग ढाई गुना कम होता है. दरअसल दिमाग़ का इस्तेमाल न करना ही एक तरह से अल्जाइमर की शुरुआत है.

नींद में सहायक : टीवी देखते हुए सोने से कहीं बेहतर है किताब पढ़ते हुए सोना. सोने से पहले मस्तिष्क का तनाव- मुक्त होना अतिआवश्यक है. किताबें पढने से तनाव में कमी आती है और मस्तिष्क एक अच्छी नींद के लिए तैयार हो जाता है. इ रीडर या टेबलेट पर ई पुस्तकें पढने से अक्सर अधिक देर तक नींद नहीं आ पाती या कभी कभी अनिद्रा की भी शिकायत हो जाती है, लेकिन असली किताबों को पढने से ऐसा नहीं है. असली किताबें को मध्यम रौशनी में पढ़ते हुए नींद बहुत आराम से आ जाती है.

संवेदनशीलता में वृद्धि : किताबें पढना मनुष्य को संवेदनशेल बनाता है. एक संवेदन शील मनुष्य किसी को भी कष्ट में नहीं देख पाता. इस तरह संवेदनशीलता मनुष्य के लिए एक बहुत ही आवश्यक गुण है. इससे कई लोगों के पास जाने और उनकी मदद करने का मन करता है. इस तरह से मानवता की भी रक्षा होती है. किताबें पढने से मनुष्य मानवतावाद के मूल्यों को समझता है.

इस तरह किताब पढने से मनुष्य को कई ऐसे फायदे पहुँचते हैं, जिन्हें किसी क़ीमत में ख़रीदा नहीं जा सकता. हालाँकि कई ऐसी किताबें भी हैं जो इस मूल्यों पर नहीं बल्कि बाजारू मूल्यों पर बिकने के लिए होती है. पढने के पहले अपनी रूचि के अनुसार अपने विषय के मक़ामी लेखको को पढना उचित होता है. कई तरह के उपन्यास, कहानियाँ, कविताओं का संग्रह अच्छे प्रकाशक उपलब्ध कराते हैं, जिन्हें पढने समझने में बहुत आनंद आता है. कुछ हिंदी कहानीकारों में निर्मल वर्मा, मोहनराकेश, अमृता प्रीतम, कमलेश्वर जैनेन्द्र, अमरकांत आदि हैं, जिनकी कहानियों को पढकर पढने को अपनी आदत में शुमार किया जा सकता है. एक अच्छी और स्वस्थ सोच के लिए किताबें पढना अति आवश्यक है. किताबों को दोस्त बना लेने से कई ग़ैर ज़रूरी लोग अपने आप ज़िन्दगी से दफ़ा हो जाते हैं.

अन्य पढ़ें –

Leave a Comment