भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह की जीवनी व आने वाली फिल्म, राजनीतिक करियर, प्रधानमंत्री कब बने, लेटेस्ट न्यूज़, संपत्ति, बेटी, उम्र, तबियत कैसी है, जन्म कब हुआ, बचपन (Indian Prime Minister Dr Manmohan Singh Biography and The Accidental Prime Minister Movie Review in Hindi) (News, Age, Education, History, Health, Books, Net Worth)
मनमोहन सिंह भारत के 14 वें प्रधानमंत्री रहे, वे एक प्रतिभाशाली अर्थशास्त्री, महान विद्वान् व विचारक थे. पं. जवाहर लाल नेहरु के बाद ये दुसरे प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने 10 सालों तक भारत में शासन किया. ये पहले ऐसे प्रधानमंत्री थे, जो हिन्दू नहीं थे बल्कि सरदार थे. राजनीती में आने से पहले मनमोहन जी सरकारी नौकरी किया करते थे, जहाँ उन्हें उनके काम के लिए बहुत से सम्मान मिले. कुछ समय बाद उन्होंने नौकरी छोड़ राजनेता बनने की ठान ली. इनके शासनकाल में भारत की आर्थिक स्थति में क्रांतिकारी परिवर्तन हुए. उनके इस योगदान की वजह से उन्हें भारतीय वित्तयी का वास्तुकार कहा गया. मनमोहन जी विनम्र, नैतिक व महान नैतिक मूल्यों वाले इन्सान है. मनमोहन सिंह जी की प्रतिभा व नेतृत्व कौशल को पूरी दुनिया भलीभांति जानती है, यही वजह है कि उन्हें लगतार 2 बार प्रधानमंत्री चुना गया. उनके काम व प्रतिभा को दुनिया के हर कोने में सराहा गया.
Table of Contents
मनमोहन सिंह की जीवनी (Manmohan Singh Biography and Movie in Hindi)
जीवन परिचय बिंदु | मनमोहन सिंह जीवन परिचय |
पूरा नाम | मनमोहन सिंह |
धर्म | सिख्ख |
जन्म | 26 सितम्बर, 1932 |
जन्म स्थान | गाह, पाकिस्तान |
माता-पिता | अमृत कौर, गुरुमुख सिंह |
विवाह | गुरशरण कौर |
बेटी | 1. उपिन्दर
2. दमन 3. अमृत |
राजनैतिक पार्टी | कांग्रेस |
अवार्ड व अचीवमेंट | 1987 – पद्म विभूषण |
मनमोहन सिंह का जन्म, शुरुआती जीवन व बचपन (Manmohan Singh Birth, Initial Life)
मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितम्बर 1932 को गाह (पंजाब) जो अब पाकिस्तान में आता है, वहां हुआ था. इनका जन्म सिख्ख परिवारी में हुआ था. बचपन में ही इनकी माता का देहांत हो गया था, जिसके बाद उनकी दादी ने इनको पालापोषा था.
मनमोहन सिंह की शिक्षा (Manmohan Singh Education)
बचपन से ही मनमोहन सिंह जी तेज दिमाग के थे, उनका पढने में बहुत मन लगता था, इस वजह से वे हर साल क्लास में टॉप करते थे. आजादी के समय हिंदुस्तान पाकिस्तान विभाजन के बाद उनके परिवार को अमृतसर आना पड़ा. आगे की पढ़ाई मनमोहन सिंह जी ने यही की, यहाँ के हिंदु कॉलेज में उन्होंने दाखिला लिया. ग्रेजुएशन के लिए मनमोहन सिंह जी चंड़ीगढ़ गए, जहाँ उन्होंने पंजाब युनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में ग्रेजुएशन किया. आगे की पढाई के लिए वे कैंब्रिज व ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी चले गए. पढाई पूरी करने के बाद भारत लौट कर वे पंजाब यूनिवर्सिटी व दिल्ली स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स में प्रोफेसर बन गए.
मनमोहन सिंह का परिवार, पत्नी, बच्चे (Manmohan Singh Family, Wife, Child)
1958 में उन्होंने गुरुशरण कौर से शादी की, जिससे उनको 3 बेटियां उपिन्दर, अमृत व दमन है. उनकी बेटी उपिन्दर दिल्ली युनिवर्सिटी में इतिहास की प्रोफेसर है. दूसरी बेटी अमृत अमेरिकन सिविल लिबर्टी में काम करती है. तीसरी बेटी दमन एक हाउसवाइफ है, जिन्होंने आईपीएस ऑफिसर से शादी की है, उन्होंने बहुतसी बुक भी लिखी है.
1971 में उन्होंने इंडियन सिविल सर्विस ज्वाइन कर ली, जहाँ वे कॉमर्स मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार बन गए. भारतीय सरकार के बहुत से डिपार्टमेंट में उन्होंने काम किया, जहाँ उन्हें टॉप ग्रेड ऑफिसर का सम्मान भी मिला.
मनमोहन सिंह जी का करियर (Manmohan Singh Career Background)
1991 में मनमोहन सिंह जी ने सरकारी नौकरी छोड़ राजनीती में कदम रखा. इस समय पी वी नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री चुने गए थे, उन्होंने अपने कैबिनेट मंत्रालय में मनमोहन सिंह जी को वित्त मंत्री बना दिया. इस समय भारत बहुत बुरे आर्थिक दौर से गुजर रहा था, मनमोहन सिंह जी ने देश की अर्थवयवस्था सुधारने के लिए कई देशों के दौरे किये. उन्होंने सबसे पहले सत्ता में आते ही ‘लायसेंस राज’ नाम की योजना को बंद किया, इसके अंतर्गत किसी भी बिजनेस में अगर कोई बदलाव होता है, तो उसके लिए सरकार की अनुमति लेनी होगी. इस योजना से कई प्राइवेट फ़र्म को फायदा मिला, उन्हें स्वतंत्र बनाने से देश को आर्थिक फायदा मिलने लगा.
1998 में मनमोहन सिंह जी राज्यसभा के सदस्य चुने गए, और 1998 से 2004 तक वे राज्यसभा में विपक्ष के नेता रहे.
मनमोहन सिंह जी का राजनितिक करियर (Manmohan Singh Political Career)
सन 2004 में हुए आम चुनाव में UPA सरकार की जीत हुई, इस जीत के बाद कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने मनमोहन सिंह जी को भारत का अगला प्रधानमंत्री घोषित किया. उस समय मनमोहन सिंह जी लोकसभा के सदस्य भी नहीं थे, बहुत कम भारतवासी उन्हें जानते पहचानते थे. राजनीती में वे साफ छवि रखते थे, उन्होंने कभी गन्दी राजनीती नहीं खेली, जिस वजह से हर भारतवासी ने उन्हें दिल से अपनाया. 22 मई 2004 को मनमोहन सिंह जी ने प्रधानमंत्री पद की शपत ली और उस पद को संभाला.
एक अच्छे अर्थशास्त्री होने के नाते उन्होंने देश की अर्थवयवस्था पर पूरा ध्यान दिया, और उस मंत्रालय का काम अपनी देख रेख में ही रखा. अपने वित्त मंत्री पी चिदंबरम के साथ मिल कर उन्होंने देश का मार्किट व अर्थवयवस्था को आगे बढ़ाया. सन 2007 में भारत की हाईएस्ट ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (GDP) की ग्रोथ 9% तक बढ़ गई, जिसके साथ भारत दुनिया का दुसरे नंबर का अर्थवयवस्था ग्रोथ वाला देश बन गया. मनमोहन जी प्रधानमंत्री होने के नाते बहुतसी योजनायें भी शुरू की, उन्होंने ग्रामीण जनता के कल्याण के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन योजना की शुरुवात की. इस योजना के लिए मनमोहन जी की देश विदेश सभी जगह बहुत सराहना हुई. मनमोहन जी की सरकार के पहले देश में शिक्षा के हालात बहुत ख़राब थे. मनमोहन जी ने शिक्षण क्षेत्र में सुधार के लिए बहुत मेहनत की. इस दौरान शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय बदलाव भी आये. UPA सरकार ने गाँव व छोटी जाति, जनजाति में हायर शिक्षा के लिए अभियान भी चलाया. उस समय कुछ पार्टी आरक्षण के खिलाफ थी, वे मेरिट में आये सभी बच्चों को योग्यता के अनुसार न्याय दिलाना चाहती थी. उनकी इस बात पर मनमोहन जी ने कम भी किया.
मनमोहन जी की सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ कड़े कानून बनाये. 2008 में मुंबई में हुए आतकंवादी हमले के बाद मनमोहन जी ने नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (NIA) का गठन किया, जो आंतकवाद पर कड़ी नजर रखती थी. 2009 में इ गवर्नस की सुविधा दी गई, जिससे नेशनल सिक्यूरिटी बढ़ गई, मल्टीपरपस आइडेंटिटी कार्ड बनाये गए, जिससे देशवासियों को सुविधा होने लगी. मनमोहन सिंह जी ने अपने शासनकाल में पड़ोसी देशों व अन्य देशों से संबद्ध सुधारे जिससे देश को बहुत से फायदे हुए. इन्ही सब बातों के फलस्वरूप 15 वें लोकसभा चुनाव में UPA सरकार की एक फिर जीत हुई, जिसके बाद मनमोहन जी फिर से प्रधानमंत्री बन गए. जवाहरलाल नेहरु के बाद मनमोहन जी पहले प्रधानमंत्री थे, जो लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री चुने गए.
मनमोहन सिंह जी के अवार्ड्स व अचीवमेंट (Manmohan Singh Awards and Achievements)
- 1982 में कैंब्रिज के जॉन कॉलेज ने मनमोहन सिंह जो को सम्मानित किया.
- 1987 में उन्हें देश के चौथे सबसे बड़े सम्मान पद्म विभूषण से भारत सरकार द्वारा सम्मानित किया गया.
- 1994 में लन्दन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स ने प्रतिष्ठित अध्येता के रूप में उन्हें चुना.
- 2002 में भारतीय संसद ग्रुप के द्वारा उन्हें संसदीय अवार्ड से नवाजा गया.
- 2010 में उन्हें एक फाउंडेशन ने वर्ल्ड स्टेटमैन अवार्ड से नवाजा.
मनमोहन सिंह जी बहुत शांत स्वाभाव के वयक्ति है, उन्होंने कभी भी राजनीती व सत्ता की आड़ में किसी को बुरा भला नहीं कहा. उनके इस शांत स्वाभाव के चलते लोग उनका मजाक भी बहुत बनाया करते थे. लोग उन्हें सोनिया जी की कठपुतली कहते थे, लोगो का मानना था कि वे कभी बुद्धि से काम नहीं करते थे, जैसा सोनिया जी कहती थी वैसा ही करते थे. लेकिन मनमोहन जी ने कभी इन सब बातों पर ध्यान नहीं दिया, वे अपना काम पूरी निष्ठा व ईमानदारी से करते रहे. यही वजह है देश वासी आज भी उन्हें आदर की द्रष्टि से देखते है. मनमोहन जी अर्थशास्त्र पर अपने अनुभव के अनुसार बहुतसी पुस्तकें भी लिखी है. हम मनमोहन जी के अच्छे स्वास्थ्य व लम्बी आयु की कामना करते है.
मनमोहन सिंह के बारे में ताजा खबर (Manmohan Singh Latest News)
डॉ मनमोहन सिंह जी इस समय खूब सुर्खियाँ बटोर रहे हैं. क्योंकि मनमोहन सिंह जी भारत के प्रधानमंत्री कैसे बने एवं उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद के सफर को दर्शाने के लिए उनकी एक बायोपिक फिल्म आने वाली है. जिसका नाम है ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’. जैसे ही फिल्म का ट्रेलर लांच हुआ हैं, तब से राजनीति में खलबली मच गई है. और लोगों को इनके कार्यकाल के बारे में जानने के लिए उत्सुकता भी बढ़ गई है.
द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर फिल्म का रिवयू (The Accidental Prime Minister Movie Review)
सन 2014 में संजय बारू जी जोकि एक राजनीतिक कमेंटेटर हैं, ने मनमोहन सिंह जी की जीवनी पर एक किताब लिखी थी. इस किताब का नाम ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ था. इसी पर आधारित मनमोहन सिंह जी की बायोपिक फिल्म आने वाली हैं. इसका नाम भी ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ ही रखा गया है. इस फिल्म को विजय रत्नाकर गुट्टे द्वारा निर्देशित किया गया है. इस फिल्म में राष्ट्रीय आवार्ड जीतने वाले अनुपम खेर जी मनमोहन सिंह जी के किरदार में नजर आ रहे हैं. जबकि संजय बारू का किरदार अक्षय खन्ना निभा रहे हैं. इसके अलावा इसमें सोनिया गाँधी जी के रूप में सुजैन बर्नेट, प्रियंका गाँधी के रूप में अहाना कुमरा एवं राहुल गाँधी के रूप में अर्जुन माथुर दिखाई देंगे.
इस फिल्म में मुख्य रूप से मनमोहन सिंह जी के सन 2004 से 2014 तक संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के तहत भारत के प्रधानमंत्री के रूप में किये गए कार्यों को दर्शाया गया है. इस फिल्म का प्रोडक्शन रूद्र प्रोडक्शन्स (यूके) के तहत बोहरा ब्रदर्स ने, पेन इंडिया लिमिटेड के बैनर तले जयंतीलाल गडा के साथ मिलकर किया है. यह फिल्म 11 जनवरी सन 2019 को रिलीज़ होने जा रहे हैं, जिसे आप अपने नजदीकी सिनेमाघरों में जाकर देख सकते हैं.
फिल्म का विवाद (Film Controversy)
फिल्म का ट्रेलर लांच होने पर कांग्रेस पार्टी के महाराष्ट्र युवा विंग ने फिल्म निर्माताओं को एक पत्र लिख कर यह आपति जताई है कि इस फिल्म में तथ्यों की प्रस्तुति गलत ढंग से की गई है. उन्होंने फिल्म की विशेष स्क्रीनिंग की मांग की है. हालाँकि फिल्म को प्रचारित न करते हुए उन्होंने यह ऑडर वापस ले लिया. वहीं कांग्रेस पार्टी के कुछ सदस्यों का मानना हैं कि मनमोहन सिंह जी एक्सीडेंटल प्रधानमंत्री नहीं थे, वे एक सफल प्रधानमंत्री थे. कुछ लोग इस फिल्म के ट्रेलर को बैन करने की भी मांग कर रहे हैं, उनका मानना है कि यह देश के प्रधानमंत्री पद की गरिमा को ठेस पहुंचा सकती है. बीजेपी सरकार द्वारा इसे ट्वीटर के माध्यम से सपोर्ट किया जा रहा है, इस पर कांग्रेस के एक प्रवक्ता ने इसे आने वाले आम चुनाव के मतदान से जोड़ते हुए यह कहा है कि यह एक “राजनीतिक प्रचार” है और इससे मतदान पर असर हो सकता है.
इस तहत के विवादों के बीच होने के बावजूद भी इस फिल्म को रिलीज़ किया जा रहा है. अब देखना यह होगा कि यह फिल्म लोगों को पसंद आती है या नहीं, एवं लोगों की इस फिल्म के बाद मनमोहन सिंह जी के प्रति क्या प्रतिक्रिया होती है.
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FAQ
Ans : मनमोहन सिंह को 1987 में पद्म विभूषण से नवाजा।
Ans : मनमोहन सिंह कांग्रेस पार्टी के नेता है।
Ans : मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को हुआ था।
Ans : मनमोहन सिंह ने अपने करियर की शुरूआत 1991 में की।
Ans : साल 2004 में जीता आम चुनाव।
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