गोबर धन योजना 2023 क्या है, राज्य, शुरुआत, गैल्वनाइजिंग ऑर्गेनिक बायो-एग्रो रिसोर्सेज [Gobar – Dhan Yojana in Hindi] (Full Form, Ministry, Launch Date, Registration, Eligibility, Documents)
फरवरी 2018 को पेश किये गए वित्तीय बजट के दौरान भारत के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गांवों के ढाँचों को बदलने के लिए एक नई योजना की घोषणा की है. बजट की घोषणा के दौरान जेटली ने बताया कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों को विकसित करना है. ये योजना गैलवनाइजिंग आर्गेनिक बायो-एग्रो (GOBAR) धन योजना के नाम से जानी जाएगी.
गोबर धन योजना बजट (Budget )
हालांकि भारत सरकार ने इस योजना को संचालन करने के लिए इसके बजट की पुष्टि नहीं की है. वहीं सरकार ने दूसरी योजना ‘नमामि गंगे योजना’ के तहत 187 नए प्रोजेक्ट लाने की बात कही है. जिसके लिए 4465 गंगा गांवों (नदी किनारे स्थित गांव) को चुना गया है, ये वो गांव है जिनका सरकार स्ट्रक्चर एवं सफाई के साथ-साथ अन्य सुधारों पर भी ध्यान देगी. जिसके लिए 16713 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है. वहीं उम्मीद है कि सरकार इस योजना की तरह ही गोबर धन योजना के लिए एक अच्छा खास बजट आवंटित करेगी.
गैलवनाइजिंग आर्गेनिक बायो-एग्रो (गोबर) धन योजना की विशेषताएं (Key Features)
- ठोस कचरे एवं जानवरों के मलमूत्र का इस्तेमाल (use of dung as fuel)
इस योजना के तहत ठोस कचरे एवं जानवरों के मलमूत्र का इस्तेमाल खाद बनाने में किया जायेगा, इतना ही नहीं इससे ऊर्जा उत्पन्न करने के उद्देश्य से बायो-गैस एवं बायो-सीएनजी का भी निर्माण किया जायेगा. इस दृष्टि से देखा जाए तो इस समय बर्बाद हो रहे मलमूत्र का उपयोग हो सकेगा.
- ग्रामीणों के लिए फायदा
इस योजना को गांव में रहने वाले लोगों के रहन-सहन सुधारने के साथ-साथ गांव में खुले होने वाली शौच काबू पाने के लिया बनाया गया है. जिसका फायदा सीधे तौर पर ग्रामीणों को पहुंचेगा.
- किसानों के लिए अतिरिक्त आय का साधन
इस समय किसान की आय पूरी तरह फसल की पैदावार पर निर्भर करती है, इसलिए यह योजना किसानों की आय बढ़ाने में काफी हद तक कारगार होगी. क्योंकि इस योजना में बर्बाद मटेरियल या सामग्री को इस्तेमाल करना है, जिससे किसानों को इस खराब मलमूत्र एवं खराब मटेरियल के भी दाम देगी.
- 115 जिलों का चयन
2018-19 के इस किसान समर्पित बजट में 115 जिलों का चयन किया है जहां सरकार योजना के तहत विकास करेगी. इतना ही नहीं इन जिलों में स्थित गांवों के इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा, बिजली, सिंचाई, आदि का इंतजाम किया जायेगा.
- कम्पोस्ट खाद बनाने पर ध्यान (making compost from dung)
सरकार इस योजना के जरिए किसानों को आर्थिक सहायता देने के साथ-साथ उनको आर्थिक तौर पर निर्भर भी बनाना चाहित है. सरकार चाहित है कि किसान खुद से अपनी खाद का निर्माण कर सकें एवं अपनी कृषि प्रणाली को मजबूत कर सके.
गोबर-धन योजना से लाभ (Benefits)
- ग्रामीण इलाकों के ढांचे में परिवर्तन (rural infrastructure development in India)
भारत में विकास करने के लिए सबसे जरुरी है कि इस देश के हर गांव को भारत की जीडीपी का हिस्सा बनाया जाए, तभी हम इस संसार में जल्द एक महान शक्ति बन सकते है. इसके लिए भारत के गांवों इलाकों में रोजगार एवं नई तकनीकों की मदद से व्यापार के रास्ते खोलने होंगे इस योजना की मदद से ऐसा इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने में सहायता मिल सकती है.
- बिजली उत्पादन में मदद
जैसे की इस योजना में बायोगैस के उत्पादन पर जोर दिया रहा है, इसका फायदा किसानों और देश दोनों को पहुंचने वाला है. क्योंकि अगर भारत के पिछड़े इलाकों में काफी ज्यादा मात्रा मात्रा में डंग (मलमूत्र) एवं अनेक ऐसे सॉलिड वेस्ट पाए जाते हैं, जिनका इस्तेमाल बायोगैस या फिर बिजली उत्पादन में किया जा सकता है. बिजली की समस्या अक्सर ऐसे इलाकों में देखी जा सकती है, इस योजना से पूरी तरह तो नहीं लेकिन कुछ हद तक बिजली की समस्या से भी निजात पाया जा सकता है.
- कम्पनिओं का आकर्षण
भारत में अधिकतर कंपनियां शहरी इलाकों में होती है, क्योंकि यह पर किसी भी कंपिनयों के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध होती है. लेकिन अगर सरकार यही सुविधाएं इन इलाकों में भी देती है तो कंपिनयों का रुख ग्रामीण क्षेत्रों की ओर भी बढ़ सकता है. जिससे भारत का चौतरफा विकास करना संभव हो सकेगा, सरकार इस योजना के माध्यम से गांवों में बड़े पैमाने पर परिवर्तन लाना चाहती है.
- स्वच्छता अभियान में मदद (steps to clean India)
भारत में गांधी जयंती 2014 से मोदी सरकार स्वच्छता अभियान चला रही है, गोबर धन योजना में अपशिष्ट पदार्थों एवं कूड़े कचरे का इस्तेमाल करके खाद एवं अन्य चीजों का उत्पादन किया जाना है. अगर इस नजरिए से देखा जाए तो सरकार अब देश के कोने कोने में इस अभियान को भी मजबूत बनाने में लगी है.
- पशु पालन को बढ़ावा
रूरल क्षेत्रों में पशुपालन का कारोबार काफी मात्रा में देखने को मिलता है, लेकिन उनसे उत्पन्न मलमूत्र (डंग) बर्बाद चला जाता है. इस योजना के तहत सरकार इस मलमूत्र के भी पैसे किसान या पशुपालक को प्रदान करने वाली है. जिसका सीधा अर्थ ये निकलता है, कि सरकार किसान और पशुपालकों को भी आर्थिक रूप से मजबूती देना चाहती है.
गोबर – धन योजना में पात्रता मापदंड (Eligibility)
- भारत का निवासी :- इस योजना का लाभार्थी भारत का मूल रूप से निवासी होना आवश्यक है.
- ग्रामीण क्षेत्र का किसान :- इस योजना के लाभार्थी ग्रामीण क्षेत्र के किसान होने चाहिए. केवल उन्हें ही इसका लाभ मिलेगा.
गोबर – धन योजना में आवश्यक दस्तावेज (Documents)
- आधार कार्ड :- आवेदक के पास उनका आधार कार्ड होना जरूरी हैं जिसकी आवश्यकता आवेदन के दौरान पड़ती हैं
- मूल निवासी प्रमाण पत्र :- आवेदक को अपने पते का प्रमाण देने के लिए मूल निवासी प्रमाण पत्र की भी आवश्यकता होगी.
- पासपोर्ट साइज़ की फोटो :- आवेदन फॉर्म में लगाने के लिए आवेदकों जी अपनी कम से कम 2 पासपोर्ट आकार की फोटोग्राफ भी भी आवश्यकता होगी.
- मोबाइल नंबर एवं ईमेल आईडी :- आवेदक के पास उनका मोबाइल नंबर एवं ईमेल आईडी होना भी आवश्यक है.
गोबर – धन योजना में आवेदन कैसे करें (Registration Process)
- सर्वप्रथम आवेदकों को अधिकरिक पोर्टल में जाकर आवेदन करने के लिए इस लिंक पर क्लिक करना होगा.
- इसके बाद आप इसके होम पेज में पहुँच कर रजिस्ट्रेशन बटन पर क्लिक करके खुद का रजिस्ट्रेशन इसमें करें.
- इसके लिए आपको रजिस्ट्रेशन फॉर्म में पूछी गई सभी जानकारी देनी होगी. और इसे सबमिट कर देना होगा.
- फॉर्म सबमिट करने के बाद आपका रजिस्ट्रेशन हो जायेगा. आप अपने रजिस्ट्रेशन नंबर की स्लिप सेव करके रख लें.
गोबर धन योजना में स्थिति की जाँच करें (Check Status)
आपको इसकी अधिकरिक वेबसाइट में स्थिति की जाँच करने का भी विकल्प मिल जायेगा उस पर क्लिक करके आप अपने आवेदन की स्थिति की जाँच कर लें.
गोबर-धन योजना को लेकर दूरगामी सोच (Target Till 2022)
बायोगैस एवं बायोमास के उत्पादन में भारत का 6 वां स्थान है, इस सूची नार्थ अमेरिका पहले नंबर पर है. भारत में इस समय तेल (फ्यूल) को लेकर काफी समस्याएं बढ़ती जा रही है, लगभग 95 प्रतिशत तक वाहन फ्यूल से चलते हैं और इसकी मांग और बढ़ती जा रही है. इस गंभीर समस्या का हल भारत को अपने अंदर से खोजना होगा, जिसका एक बड़ा विकल्प बायोगैस या बायो-सीएनजी भी हो सकता है. अगर भारत की इकॉनमी को लगातार बढ़ाना है तो ऊर्जा उत्पादन देश के अंदर भी करना आवश्यक है. इस समय स्वीडन देश में बायोगैस ईंधन पर चलने वाली बस चलाई जाती है, इतना ही नहीं इस देश ने बायोगैस से चलने वाली ट्रेन का भी निर्माण कर रखा है. हालांकि इस क्षेत्र में वृध्दि कम जरूर होती है लेकिन लगातार हर साल बढ़ोत्तरी अवश्य होती है. भारत को साल 2022 तक इस ऊर्जा के उत्पादन के क्षेत्र में काफी अच्छा माना जा रहा है.
इस योजना से सरकार विशेष रूप से गांव एवं पिछड़े इलाकों के लोगों को आर्थिक मजबूती देना चाहती है, जिससे भारत के किसान भी काफी तादाद में फायदा उठा सकेंगे, एवं भविष्य में गावों के मॉडल को एक नया रूप देने में मदद मिलेगी. प्रधानमंत्री जी के अनुसार भारत को महान बनाने के लिए गांवों को भी विकसित बनाने का कदम है. क्योंकि भारत की इकॉनमी में कृषि का बहुत बड़ा हिस्सा है.
FAQ
Ans : सरकार ने किसानों से गोबर एवं अन्य अपशिष्ट पदार्थों को उचित दामों में खरीदकर उन्हें रीसायकल करके उसकी खाद एवं कम्पोस्ट एवं बायो – गैस आदि बनाने के लिए इस योजना को शुरू किया है.
Ans : गैल्वनाइजिंग ऑर्गेनिक बायो-एग्रो रिसोर्सेज धन योजना है.
Ans : ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले किसान.
Ans : अधिकरिक वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरना होगा.
Ans : इससे ग्रामीण क्षेत्र में स्वच्छता बनी रहेगी और किसानों की आय दोगुनी होने में मदद होगी.
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