निपाह वायरस क्या है, लक्षण, न्यूज़, इन इंडिया, प्रकोप, क्या होता है, अपडेट (Nipah Virus in India) (Symptoms in Hindi, News, Update, Outbreak, Treatment, Vaccine, Transmission, Origin, Incubation Period)
इस पेज के माध्यम से हम आपको निपाह वायरस के बारे में जानकारी प्रदान करने वाले हैं। साल 2004 में बांग्लादेश में भी इस वायरस के बहुत सारे मामले सामने आए थे और उसके पश्चात निपाह वायरस के एक इंसान से दूसरे इंसान तक पहुंचने का मामला हमारे देश में भी दिखाई पड़ा था। साल 1998-1999 के बीच में जब यह बीमारी फैलनी शुरू हुई थी, तो इस बीमारी की चपेट में आए हुए लोगों की संख्या 265 थी तथा अस्पताल में एडमिट हुए इनमें से तकरीबन 40% ऐसे पेशेंट थे, जिन्हें गंभीर नर्वस बीमारी थी और उन्हें अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। चलिए इस आर्टिकल के माध्यम से पूरी जानकारी प्राप्त करते हैं कि निपाह वायरस क्या है और निपाह वायरस के लक्षण क्या है तथा निपाह वायरस से बचने का उपाय क्या है।
Table of Contents
निपाह वायरस क्या होता है (Nipah Virus in Hindi)
उपरोक्त वायरस इंसानों को जानवरों से मिला हुआ है अर्थात जानवरों से यह वाइरस इंसान में आया है, जिसकी वजह से विभिन्न प्रकार के कष्ट इंसानों को हो रहे हैं। निपाह वायरस को जोनोटिक डिजीज भी कहा जाता है। यह वाइरस अधिकतर चमगादड़ और सूअर में पाया जाता है और चमगादड़ या सूअर के संपर्क में आने से ही इंसानों में भी अब इस वायरस के लक्षण देखे जा रहे हैं। हमारे देश में अभी तक इस वायरस के बहुत सारे मामले अखबारों में सामने आ चुके हैं। वहीं केरल जैसे राज्यों में इस वायरस की वजह से 2 से 4 लोगों की मृत्यु भी हो चुकी है। साल 2018 में पहली बार इस वाइरस को देश में देखा गया था। चमगादड़ के द्वारा जो फल खाए जाते हैं, उसी की वजह से इंसानों में यह संक्रमण फैलता है। इसके अलावा यह वाइरस बकरी, घोड़े, कुत्ते और बिल्लियों से भी फैल सकता है। मलेशिया में सूवर पालन करने वाले किसानों में पहली बार इस वायरस के लक्षण देखे गए थे। वहीं देश में बंगाल के सिलीगुड़ी में साल 2001 में और साल 2007 में यह बीमारी दिखाई दी थी।
निपाह वायरस के लक्षण (Nipah Virus Symptoms in Hindi)
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन अर्थात विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार इस वायरस से अफेक्टेड लोगों में शुरुआत में बुखार की समस्या, सर दर्द की समस्या, मांसपेशियों में दर्द की समस्या और उल्टी तथा गले में खरास जैसे लक्षण दिखाई पड़ते हैं। इसके बाद व्यक्ति को चक्कर आना भी शुरू हो सकता है या फिर उसे इंसेफेलाइटिस की समस्या भी हो सकती है। कई लोगों ने असामान्य निमोनिया और गंभीर सांस से संबंधित समस्याओं का भी अनुभव किया हुआ है। यदि वायरस का मामला गंभीर है, तो ऐसे में इंसेफेलाइटिस और व्यक्ति को दौरे भी पड़ने लगते हैं। इसके बाद 24 से 48 घंटे के अंदर ही व्यक्ति कोमा में चला जाता है। जानकारी के अनुसार 4 दिनों से लेकर के 14 दिनों तक यह वाइरस एक्टिव रहता है।
निपाह वायरस कैसे फैलता है (Nipah Virus Transmission)
निपाह वायरस से संक्रमित सूअर या फल खाने वाले चमगादड़ों के द्वारा यह वायरस फैलता है। इसके अलावा पेशाब, लार अथवा मल के माध्यम से भी यह वायरस फैलता है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के अनुसार भारत और बांग्लादेश में निपाह वायरस सामान्य तौर पर फल अथवा फलों के प्रोडक्ट जैसे की कच्चे खजूर का रस इत्यादि का सेवन करने से फैल सकता है। यह ऐसे फल होते हैं जो चमगादड़ की पेशाब से या फिर उसकी लार से संक्रमित होते हैं। आसान भाषा में समझा जाए, तो कोई चमगादड़ अगर निपाह वायरस से संक्रमित है और उस चमगादड़ के द्वारा कोई फल खाया गया है और उस फल को यदि कोई इंसान खा लेता है तो यह वाइरस इंसानों में प्रवेश कर जाता है और अगर इंसानों के द्वारा जो भोजन ग्रहण किया गया है, उसे कोई अन्य व्यक्ति खा लेता है तो यह वाइरस उसमें भी भोजन के माध्यम से चला जाता है।
निपाह वायरस का संक्रमण कैसे रोके (Nipah Virus Outbreak)
निपाह वायरस का संक्रमण रोकने के लिए निम्न बातों पर ध्यान दें।
- वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन के अनुसार यदि निपाह वायरस का संदेह है, तो जिस जगह पर जानवर है वहां से तुरंत ही आपको चले जाना चाहिए और उस जगह को तुरंत ही क्वॉरेंटाइन कर देना चाहिए।
- यदि निपाह वायरस का खतरा बड़े पैमाने पर हो गया है, तो ऐसे में लोगों में इसके इन्फेक्शन के जोखिम को घटाने के लिए इस वायरस से जो भी जानवर पीड़ित है, उन जानवरों का खात्मा कर देना चाहिए और खात्मा करने के पश्चात जानवरों की लाश को किसी एक्सपर्ट की देखरेख में किसी निश्चित जगह पर दफन करना चाहिए।
- यदि संक्रमित खेत से जानवरों की आवाजाही को दूसरे क्षेत्र में प्रतिबंधित कर दिया जाता है तो इससे बीमारी के फैलाव को कम किया जा सकता है।
- व्यक्ति को कच्चे खजूर के रस को या फिर ताड़ी का सेवन करने से बचना चाहिए। उसे सिर्फ धुले हुए फलों का ही सेवन करना चाहिए और जमीन पर जो फल गिरे हुए हैं उन्हें नहीं खाना चाहिए।
निपाह वायरस की जांच (Nipah Virus Test)
जिस प्रकार से कोरोनावायरस की जांच होती है, उसी प्रकार से निपाह वायरस की भी जांच होती है अर्थात कहने का मतलब है कि, जिस प्रकार से कोरोना में रियल टाइम पॉलीमरेज चैन रिएक्शन का टेस्ट होता है, वैसे ही यहां पर भी यही टेस्ट किया जाता है। इसके लिए सबसे पहले बॉडी में से खून के सैंपल लिए जाते हैं या फिर बॉडी के दूसरे फ्लूइड से भी जांच की जा सकती है। जैसे कि बलगम इत्यादि से। इसमें एंटीबॉडी टेस्ट के लिए एलिजा टेस्ट भी किया जाता है।
Nipah Virus Incubation Period
निपाह वायरस 4 से लेकर 14 दिनों तक सक्रिय रहता है।
निपाह वायरस से बचने का उपाय (Nipah Virus Precaution)
इस वायरस से बचने के लिए आपको साबुन और पानी से हमेशा अपने हाथों को धोते रहना चाहिए और आपको कच्चे खजूर के फल को या फिर कच्चे खजूर के रस को पीने से बचना चाहिए। प्राप्त जानकारी के अनुसार निपाह वायरस से यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु हो गई है, तो ऐसे में उसे जलाया जाना उचित माना जाता है। इस वायरस से बचने के लिए किसी भी फल को बाजार से खरीद कर घर लाने के बाद उसे खाने से पहले आपको उसे पानी से धोना चाहिए। इसके अलावा यदि आप बीमार पशुओं या फिर जानवरों की देखभाल करने का काम करते हैं, तो आपको हाथ में दस्ताना पहनना चाहिए और चेहरे पर मास्क लगाकर काम करना चाहिए।
निपाह वायरस का इलाज (Nipah Virus Treatment)
दुनिया के किसी भी देश में अभी तक इस वायरस की ट्रीटमेंट के लिए किसी भी प्रकार की मेडिसिन का निर्माण नहीं हो पाया है। हालांकि निपाह वायरस से अगर सांस की समस्या होती है या फिर दूसरी कोई परेशानी होती है, तो सपोर्टिव इलाज दिया जा सकता है। इस बीमारी में तंत्रिका तंत्र पर अच्छा खासा असर देखने को मिलता है। इसलिए इससे संबंधित लक्षणों की पहचान और उनका इलाज आवश्यक होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार निपाह के ऐसे भी मरीज देखे गए हैं, जिसमें एन्सेफेलाइटिस के लक्षण देखे गए हैं। ऐसे में उनका समय रहते हुए इलाज करवाना बहुत ही आवश्यक होता है।
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FAQ
Ans : निपाह वायरस के लक्षण की पूरी जानकारी हमारे द्वारा इस आर्टिकल में आपके सामने उपलब्ध करवाई गई है।
Ans : निपाह वायरस एक इंफेक्शन से फैलने वाली बीमारी है, जिससे इंसान की मृत्यु भी हो सकती है।
Ans : यदि निपाह वायरस से संक्रमित किसी जानवर या फिर उसके मल मूत्र के संपर्क में इंसान आता है, तो यह बीमारी इंसानों को हो सकती है।
Ans : निपाह वायरस 4 से लेकर 14 दिनों तक सक्रिय रहता है।
Ans : इस वायरस से मृत्यु की संभावना 50 से 75 परसेंट तक होती है।
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