अयोध्या राम मंदिर निर्माण न्यूज़ 2023: कितना हुआ काम, कार्य, किसने बनवाया था, विवाद क्या है, कहां पर है, जानकारी, उद्घाटन 22 जनवरी, न्यौता (Ayodhya Ram Mandir Nirman Karya and Date) (Photo, Size, Estimated Cost, Trust Members, Opening Date, Udghatan, Invitation, Distance, Chandrakant Sompura)
इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको अयोध्या राम मंदिर के बारे में पूरी जानकारी देने का प्रयास करेंगे। जब से अयोध्या राम जन्म भूमि का फैसला हिंदुओं के पक्ष में आया हुआ है, तब से ही अयोध्या राम मंदिर देश और दुनिया भर में चर्चा का विषय बना हुआ है। बताना चाहते हैं कि, अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण चल रहा है और जल्द ही निर्माण काम पूरा हो जाएगा। इस मंदिर का निर्माण करवाने के लिए जो पैसा लग रहा है वह सामान्य हिंदुओं के द्वारा दान किया गया पैसा है। विदेश से भी बड़े पैमाने पर लोगों ने मंदिर के निर्माण के लिए दान किया हुआ है। चलिए आर्टिकल में जानते हैं कि, अयोध्या राम मंदिर क्या है और अयोध्या राम मंदिर कैसे पहुंचे तथा अयोध्या राम मंदिर का इतिहास क्या है।
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अयोध्या राम मंदिर 2023
भगवान श्री राम का जन्म अयोध्या में हुआ था। इसलिए अयोध्या में वर्तमान के समय में उनका भव्य मंदिर बन रहा है। इसलिए राम भगवान के मंदिर को अयोध्या राम मंदिर कहा जाता है। भगवान श्री राम के इस मंदिर को हिंदू पक्ष ने बहुत लंबी लड़ाई लड़कर कानूनी रूप से मुस्लिम पक्ष से प्राप्त किया है और इस प्रकार से अब अयोध्या में भगवान श्री राम का विराट मंदिर बन रहा है।
Ayodhya Ram Mandir Nirman Estimated Cost
इस मंदिर के निर्माण में जो पैसा लग रहा है, उसे बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद और दुर्गा वाहिनी के द्वारा देश के करोड़ों हिंदुओं से दान के तौर पर इकट्ठा किया गया है। मंदिर का जो भी पैसा जनता ने दिया है, उसका सारा लेखा-जोखा राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष श्री चंपत राय के पास मौजूद है। अयोध्या राम मंदिर में भगवान राम के अलावा माता सीता, लक्ष्मण जी और हनुमान जी की सोने की मूर्तियां लगाई जाएगी। अयोध्या में निर्मित हो रहे विशाल राम मंदिर के निर्माण में 1800 करोड रुपए खर्च होने का अनुमान लगाया गया है। मंदिर निर्माण के लिए जो कमेटी बनाई गई है, उस कमेटी के द्वारा इस जानकारी को प्रस्तुत किया गया है।
अयोध्या राम मंदिर निर्माण में 900 करोड़ रूपये का खर्च हो चूका है और अभी भी ट्रस्ट के पास 3,000 करोड़ रूपये हैं. मंदिर निर्माण का कार्य 3 चरणों में पूरा होगा अंतिम चरण सन 2024 में होगा जिस समय भव्य मंदिर का उद्घाटन किया जायेगा.
Ayodhya Ram Mandir Campus Map
सूत्रों के मुताबिक यह खबरें दी गई है कि राम जन्मभूमि में बनने वाले भव्य रामलाल के मंदिर को 70 एकड़ की जमीन में बनाया गया है. पूरे परिसर के उत्तरी भाग में मंदिर का निर्माण किया गया है. राम मंदिर के ट्रस्ट के महासचिव द्वारा कहा गया है कि मंदिर के चारों तरफ एक सुरक्षा दीवार बनाई गई है जिसे परकोटा कहा जा रहा है. यह 732 मीटर की होगी.
Ayodhya Ram Mandir Nirman Opening Date (Udghatan)
इंटरनेट से प्राप्त जानकारी के आधार पर ऐसा माना जा रहा है कि, अयोध्या में भगवान श्री राम का मंदिर बनने के पश्चात मंदिर का उद्घाटन 15 जनवरी से 22 जनवरी साल 2024 के बीच के दरमियान हो सकता है। वैसे तो भव्य उद्घाटन समारोह की शुरुआत 15 जनवरी से ही शुरू हो जाएगी। हालांकि दूसरी तरफ ऐसा भी कहा जा रहा है कि, प्रधानमंत्री मोदी जी के द्वारा अयोध्या राम मंदिर के उद्घाटन की तारीख को कंफर्म किया जाएगा।
अयोध्या राम मंदिर उद्घाटन में किसे मिला न्यौता (Ayodhya Ram Mandir Inauguration Invitation)
आपको बता दें कि अयोध्या राम मंदिर के उद्घाटन में 10 लाख से ज्यादा लोगों को न्यौता दिया गया है. इस समारोह में लोग बड़ी संख्या में शिरकत करने वाले हैं. इसमें विराज कोहली, सचिन तेदुंलकर जैसे बड़े सेलेब्रिटीज को भी न्यौता दिया गया है. आपको बता दें कि पीएम मोदी समेत लगभग 8,000 गणमान्य व्यक्ति भी इसमें सम्मिलित होंगे.
अयोध्या राम मंदिर उद्घाटन में सजेगी झांकियां
अयोध्या राम मंदिर उद्घाटन को भव्य रूप देने के लिए बहुत सारी तैयारियां हो रही है. उनमें से एक है कि अयोध्या राम मंदिर में भगवान राम के जन्म से लेकर उनके वनवास तक की भव्य झाकियां सजाई जाएगी. झाकियों के निर्माण का कार्य शुरू हो गया है. और यह 22 जनवरी से पहले समाप्त हो जायेगा.
अयोध्या राम मंदिर में लगेंगे सोने के दरवाजे
आपको बता दें अयोध्या राम मंदिर की भव्यता अलौकिक है. खबरें आई है कि अयोध्या राम मंदिर में सोने के दरवाजे लग रहे हैं, जोकि बहुत ही खूबसूरत हैं और इसकी ऊंचाई लगभग 12 फीट की है और साथ ही इसकी चौड़ाई 8 फीट की है. अभी इस दरवाजें को पहली मंजिल तक बनाया हुआ है. राम मंदिर के परिसर में कुल मिलाकर 46 दरवाजे लगाये जा रहे हैं. जिनमें से 42 ऐसे दरवाजे होंगे जिनमें 100 किलोग्राम सोने की परत होगी. इन दरवाजों की खास बात यह है कि इन दरवाजों के ठीक बीच में 2 हाथी बने हुए हैं, इसके अलावा ऊपर की ओर महल के सामान चित्र बना हुआ है. और निचले हिस्से की बात करें तो निचले हिस्से में चौकोर आकार में बहुत ही खबसूरत डिज़ाइन बनी हुई है. आपको बता दें कि दरवाजों में लगी लकड़ियाँ महाराष्ट्र से आई हुई हैं जोकि 1000 सालों तक नहीं सड़ती हैं. इसके अलावा इस भव्य दरवाजे का निर्माण करने के लिए कन्याकुमारी से आर्टिस्ट को बुलाया गया था.
अयोध्या राम मंदिर रामलला की मूर्ती हुई फाइनल
हालही में ख़बरें आ रही है कि देश के विभिन्न क्षेत्रों में से 3 कलाकारों एवं मूर्तिकारों को रामलाल की मूर्ती बनाने का कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था. और आज उनमें से एक की मूर्ती फाइनल कर दी गई है. अयोध्या राम मंदिर में कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगीराज जी द्वारा बने गई रामलला की मूर्ती की स्थपना की जाएगी, रानी अयोध्या राम मंदिर के गर्भगृह में इनके द्वारा बनाई गई मूर्ती स्थापित की जाएगी. केन्द्रीय मंत्री द्वारा इसकी अधिकारिक तौर पर घोषणा की गई है. अयोध्या राम मंदिर में रामलला की मूर्ती का साइज़ 51 इंच होगा.
अयोध्या राम मंदिर में दी जाने वाली सुविधाएँ
आपको बता दें कि मंदिर में बहुत सी सुविधाएँ भी दी गई है. जैसे कि बुजुर्गों के लिए लिफ्ट लगाई गई है. साथ ही कम से कम 25 हजार लॉकर की सुविधा भी दी जा रही है. आपको बता दें कि राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय जी द्वारा यह खबर दी गई है कि अयोध्या में अगले साल के अंत तक 7 और मंदिरों का निर्माण होगा जोकि महर्षि वाल्मीकि, गुरु वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य ऋषि, निषादराज, सबरी एवं अहिल्या जी का मंदिर होगा.
अयोध्या रेलवे स्टेशन का नाम बदला
खबरें आ रही है कि अयोध्या रेलवे स्टेशन का नाम बदल कर अयोध्या धाम जंक्शन किया जा रहा है. इस बात पर राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने खुशी जताई है. साथ ही कहा गया है कि योगी सरकार द्वारा उठाया गया यह कदम सराहनीय है. इस नए नाम के साथ अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन का उद्घाटन 30 दिसंबर 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा किया जाना है. इसके लिए अयोध्या के रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट को सजाया एवं सवारा जा रहा है. और अब इस भव्य रेलवे स्टेशन में भी कई सारी लक्ज़री सुविधाएँ भी शामिल होगी.
अयोध्या में रामलाल के लिए 108 फीट की अगरबत्ती तैयार
अयोध्या राम मंदिर उद्घाटन की तैयारी जोर शोर से हो रही है. इसी बीच खबरें आ रही है कि रामलला के पूजन के लिए 108 फीट की अगरबत्ती की तैयार की गई हैं. आपको बता दें कि इसे पिछले 6 महीने से तैयार किया जा रहा है. और इसकी तैयारी गुजरात के वडोदरा में की जा रही है.
अयोध्या राम मंदिर आरती पास बुकिंग (Online and Offline)
अयोध्या राम मंदिर का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चूका है. और अब इसके उद्घाटन की तैयारियां हो रही है. पूरा देश श्रीराम जी के आगमन का इंतजार रहा है. और उनके दर्शन के लिए अयोध्या पहुँच रहा है. लेकिन आपको बता दें कि अयोध्या राम मंदिर में दर्शन एवं आरती में शामिल होने का मौका उन्हें ही मिलेगा जिन्होंने राम मंदिर आरती के पास की बुकिंग कराई होगी. जी हां राम मंदिर आरती पास बुकिंग ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों तरीके से होंर्ही है. जिन भी भक्तों को अयोध्या राम मंदिर की आरती में शामिल होना हैं वे पहले बुकिंग करा लें.
अयोध्या राम मंदिर निर्माण का मुख्य चेहरा कौन हैं
अयोध्या राम मंदिर के निर्माण में देश के विभिन्न महारथियों का नाम सामने आता है. लेकिन आपको बता दें कि अयोध्या राम मंदिर निर्माण में जो मुख्य चेहरा हैं वह श्री चम्पत राय जी का हैं, क्योकि वे वही हैं जो मंदिर निर्माण से जुड़ी अधिकारिक खबर को साझा करते हैं. आपको बता दें कि चंपत राय जी लंबे वक़्त तक विश्व हिंदू परिषद से जुड़े हुए थे. वर्ष 2020 में उन्हें श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का महासचिव बनाया गया. चंपत राय जी उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के रहने वाले हैं, उनका जन्म वर्ष 1946 में रामेश्वर प्रसाद बंसल के परिवार में हुआ था. और वे बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयम् सेवक संघ से प्रभावित होकर उससे जुड़ गए थे.
अयोध्या राम मंदिर का इतिहास (Ayodhya Ram Mandir History)
भगवान श्री विष्णु के 7वें अवतार के तौर पर भगवान श्री राम को जाना जाता है, जो मर्यादा पुरुषोत्तम के नाम से दुनिया भर में प्रसिद्ध है। महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण में इस बात का वर्णन है कि, त्रेता युग में अयोध्या में ही भगवान श्री राम का जन्म हुआ था। यही वजह है कि, अयोध्या को राम जन्मभूमि भी कहा जाता है।
अयोध्या राम मंदिर किसने बनवाया था
जानकारी के अनुसार ईशा के लगभग 100 साल पहले उज्जैoन के सम्राट विक्रमादित्य एक दिन अयोध्या पहुंचे थे और उन्हें वहां पर कुछ चमत्कार दिखाई देने लगे। तब उन्होने अपनी खोज को शुरू किया और वहां पर मौजूद साधु संतों की कृपा से उन्हें पता चला कि, यहां पर भगवान श्री राम का जन्म हुआ था और यहां पर उनका एक भव्य मंदिर भी है। इस प्रकार से संतों के आदेश पर सम्राट के द्वारा अयोध्या में भव्य मंदिर के साथ ही साथ सरोवर और महल का निर्माण करवाया गया।
अयोध्या राम मंदिर विवाद क्या है
जानकारी के अनुसार 15वीं शताब्दी में मुगल शासक के द्वारा अयोध्या में मौजूद भगवान श्री राम के मंदिर को खंडित करके वहां पर एक भव्य मस्जिद का निर्माण करवाया गया था और तब से ही अयोध्या में राम जन्मभूमि विवादों में आ गई। हिंदुओं के द्वारा अयोध्या राम जन्म भूमि पर दावा करने के पश्चात साल 1850 से इस मामले पर तगड़ा विवाद पैदा हो गया। इसके पश्चात विभिन्न हिंदू संगठनों के द्वारा विवादित मस्जिद को हटाकर के राम मंदिर का निर्माण करवाने की मांग की जाने लगी, परंतु काफी समय गुजरने के बावजूद भी कुछ भी निर्णय नहीं आ सका।
इस प्रकार से साल 1992 के दशक में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल की अगुवाई में हिंदुओं की एक बड़ी भीड़ अयोध्या में मौजूद मस्जिद की तरफ बढी। वहां पर पुलिस प्रशासन ने हिंदुओं की भीड़ को रोकने का काम किया परंतु वह नाकामयाब रही। इस प्रकार से हिंदुओं की भारी भीड़ मस्जिद के ढांचे तक पहुंची और उन्होंने मस्जिद के गुंबद को तोड़कर उसे नेस्त नाबूद कर दिया साथ ही मस्जिद के बड़े ढांचे को नुकसान पहुंचाया।
अयोध्या राम मंदिर विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला
अयोध्या राम मंदिर विवाद: इसके पश्चात सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच के द्वारा साल 2019 में एक फैसला सुनाया गया, जिसके अंतर्गत विवादित जगह को गवर्नमेंट ने एक ट्रस्ट को सौंपने के लिए कहा। इसके बाद श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन किया गया और यह जमीन इसी ट्रस्ट को सौंप दी गई। इसके पश्चात साल 2020 के मार्च महीने से राम मंदिर के निर्माण का काम चालू हो गया और अंदाजा है कि यह काम साल 2024 तक पूरा हो जाएगा और 2024 में ही मंदिर का उद्घाटन भी हो जाएगा।
अयोध्या राम मंदिर निर्माण कितना हुआ (कार्य)
श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपद राय के द्वारा कहा गया कि, साल 2023 में अगस्त के महीने तक अयोध्या में बन रहे श्री राम मंदिर निर्माण का काम तकरीबन 70% तक पूरा हो चुका है। इस प्रकार से राम मंदिर निर्माण का पहला चरण कंप्लीट हो गया है।
Ayodhya Ram Mandir Trust Members List
अयोध्या राम मंदिर के ट्रस्ट मेंबर के नाम निम्न अनुसार है।
- पद्मश्री श्री. के. परासरण
- स्वामी वासुदेवानन्द सरस्वती जी महाराज
- युगपुरुष परमानंद गिरी जी महाराज
- स्वामी विश्वप्रशन्नतीर्थ जी महाराज
- स्वामी गोविन्द देव गिरी जी महाराज
- श्री विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र
- डॉ० अनिल मिश्र
- डॉ कामेश्वर चौपाल
- महेंद्र नित्यागिरी दास महाराज
- चंपत राय
- महंत दिनेन्द्र दास जी
- श्री ज्ञानेश कुमार
- अवनीश अवस्थी
- डीएम अयोध्या
- श्री नृपेंद्र मिश्र, आई. ए. एस
श्री राम मंदिर का शिलान्यास समारोह
भारतीय प्राइम मिनिस्टर श्रीमान मोदी जी के द्वारा साल 2020 में 5 अगस्त के दिन दोपहर को 12:00 बजे श्री राम जन्मभूमि मंदिर का शिलान्यास किया गया था और उन्होंने चांदी की ईट की स्थापना मंदिर की जमीन पर की थी। शिलान्यास होने के 3 दिन पहले से पंडितों के द्वारा वैदिक अनुष्ठान किया गया था। शिलान्यास के दरमियान भगवान श्री राम की पूजा अर्चना की गई थी। प्रमुख नदियों का पानी और मिट्टी भी इस्तेमाल में लिया गया था, जिसमें गंगा, सिंधु, जमुना, सरस्वती, कावेरी नदी की मिट्टी और पानी थे। समारोह के उत्सव में अयोध्या में तकरीबन 7000 दिए अलग-अलग मंदिरों में जलाए गए थे।
Ayodhya Ram Mandir Size
अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर का निर्माण 2.7 एकड़ की जमीन में हो रहा है, जिसमें 54, 700 वर्ग फुट की जमीन शामिल है और इस मंदिर का पूरा परिसर तकरीबन 70 एकड़ में फैला हुआ है। मंदिर में इतनी जगह है कि, लाखों भक्त एक साथ भगवान श्री राम के दर्शन कर सकेंगे। इस मंदिर का निर्माण करने की जिम्मेदारी मंदिर निर्माण कमेटी के द्वारा लार्सन ऐंड टुब्रो कंपनी को दी गई है।
अयोध्या राम मंदिर कैसे पहुंचे (How to Reach Ayodhya Ram Mandir)
- ट्रेन के माध्यम से :- अयोध्या जाने के लिए यदि आप रेलवे के माध्यम से जा रहे हैं, तो आप देश के किसी भी कोने से ट्रेन के माध्यम से डायरेक्ट अयोध्या रेलवे स्टेशन पर उतर सकते हैं या फिर फैजाबाद रेलवे स्टेशन पर उतर सकते हैं। वहां से लोकल टैक्सी या फिर बस या फिर टेंपो के माध्यम से राम मंदिर पहुंच सकते हैं।
- हवाई जहाज के माध्यम से :- यदि आप हवाई जहाज से आ रहे हैं, तो आप गोरखपुर हवाई एयरपोर्ट पर उतर सकते हैं और वहां पर प्राइवेट वाहन के माध्यम से अयोध्या आ सकते हैं।
- बस या 2 पहिया या 4 पहिया वाहन के माध्यम से :– यदि गाड़ी और मोटरसाइकिल के द्वारा कोई अयोध्या जा रहा है, तो वह लखनऊ की तरफ से आगे बढ़ते हुए अमेठी, सुल्तानपुर से फैजाबाद से होते हुए अयोध्या जा सकता है, वहीं बिहार की तरफ से गोरखपुर, बस्ती होते हुए आदमी फैजाबाद और अयोध्या पहुंच सकते हैं।
Ayodhya Ram Mandir Timeline
अयोध्या राम जन्म भूमि की टाइमलाइन कुछ इस प्रकार है।
- साल 1528 से लेकर के 1529 के दरमियान मुगल आक्रांता बाबर के द्वारा अयोध्या में राम जन्मभूमि की जगह पर बाबरी मस्जिद का निर्माण करवाया गया।
- साल 1850 में राम जन्मभूमि की जमीन को लेकर के हिंदू और मुसलमान में सांप्रदायिक हिंसा की बड़े पैमाने पर शुरुआत हो गई।
- साल 1949 में राम जन्मभूमि की जगह पर भगवान राम की मूर्ति मिली, जिसकी वजह से सांप्रदायिक तनाव में और भी ज्यादा बढ़ोतरी हो गई।
- साल 1950 में मूर्ति पूजा की अनुमति पाने के लिए हिंदू पक्ष के द्वारा फैजाबाद सिविल कोर्ट में दो मुकदमा दायर किया गया।
- सुन्नी सेंट्रल वर्क बोर्ड के द्वारा मूर्ति को हटाने की मांग साल 1961 में अदालत से की गई।
- जिला कोर्ट के द्वारा हिंदू पक्ष के लिए साल 1986 में मंदिर के स्थल को खोलने का आदेश दिया गया, ताकि हिंदू पक्ष पूजा कर सके।
- हिंदुओं की भारी भीड़ के द्वारा साल 1992 में 6 दिसंबर के दिन बाबरी मस्जिद को गिरा दिया गया।
- प्रयागराज हाई कोर्ट के द्वारा सुननी बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और रामलाल के बीच तीन हिस्से में जगह को साल 2010 में बांटने का आदेश दिया गया।
- हाई कोर्ट के द्वारा प्रयागराज हाई कोर्ट के आदेश पर साल 2011 में रोक लगा दी गई।
- सुब्रमण्यम स्वामी के द्वारा साल 2016 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई और याचिका में राम मंदिर का निर्माण करवाने की डिमांड की गई।
- सुप्रीम कोर्ट के द्वारा साल 2019 में एक्सेप्ट किया गया कि, भगवान राम की जन्म भूमि अयोध्या ही है और सुप्रीम कोर्ट ने पूरी 2.77 एकड़ विवाहित जमीन भूमि ट्रस्ट को सौपने के लिए कहा और मस्जिद निर्माण के लिए सुन्नी बोर्ड को 5 एकड़ जमीन दूर गांव में देने के लिए कहा गया।
- प्रधानमंत्री मोदी जी के द्वारा साल 2020 में राम जन्मभूमि का पूजन किया गया और शिलान्यास भी किया गया।
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FAQ
Ans : राम मंदिर का मालिक श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को कहा जा सकता है, क्योंकि इसी के द्वारा मंदिर के निर्माण की सारी जिम्मेदारी देखी जा रही है और फंड जारी किया जा रहा है।
Ans : अयोध्या भगवान श्री राम की जन्म भूमि है। इसलिए वहां पर राम मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। इससे न सिर्फ अयोध्या के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
Ans : अयोध्या का असली नाम अजोध्या एवं अवधपुरी भी है। वैसे इसे रामनगरी या साकेत नगरी भी कहा जाता है।
Ans : अयोध्या राम मंदिर का निर्माण साल 2024 के जनवरी महीने तक हो जाएगा।
Ans : राम मंदिर उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले में मौजूद है।
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