Kundli Matching (Kundali Milan) For Marriage In Hindi कहा जाता हैं कि शादी कोई गुड्डे – गुड़िया का खेल नहीं हैं, शादी जीवन में बार – बार नहीं होती और कम- से- कम हम तो यहीं चाहते हैं कि शादी एक ही बार हो और जीवनसाथी ऐसा हो, जिसके साथ जीवन बिताना एक प्यारे से सफ़र को तय करने की तरह लगे. शादी के बंधन में बंधने के बाद ये सफ़र सुहाना हो, इसके लिए किये जाने वाले प्रयासों में से एक हैं -: कुंडली मिलाना. चाहे परिवार द्वारा चुने गये इंसान से शादी हो या प्रेम विवाह, अंत में हर कोई अपनी शादीशुदा जिंदगी को खुशहाल ही देखना चाहता हैं. हमारे बुजुर्गों और कुछ अनुभवी व्यक्तियों के अनुसार शादी करने से पहले लड़के और लड़की की कुंडली मिलाना चाहिए और अगर उनकी कुंडली मिलती हैं, तो ही शादी करानी चाहिए, अन्यथा नहीं.
शादी के लिए कुंडली मिलान जरुरी है या नहीं
Kundli Matching Is Necessary For Marriage In Hindi
यह सत्य हैं कि ज्योतिष शास्त्र [Astrology] एक विज्ञान हैं और ये बता सकता हैं कि लड़का और लड़की के नक्षत्र [Stars] शादी के लिए अनुकूल [Favourable] हैं या प्रतिकूल [Unfavourable]. वहीँ दूसरी ओर कुछ लोगों का मानना यह भी हैं कि सफल वैवाहिक जीवन के लिए ग्रह – नक्षत्रों के मिलने की नहीं, अपितु प्रेम, भरोसे और आपसी समझ की जरुरत होती हैं. गुण, नक्षत्र, `आदि का मिलना अथवा मिलाना एक विश्वास की बात हैं, अतः ये नहीं कहा जा सकता कि एक सफल विवाह के लिए कुंडली मिलाना आवश्यक हैं या नहीं. सफल शादी के लिए कितने गुण मिलने चाहिए? जानने के लिए पढ़े.
शादी में कुंडली मिलाने का क्या अर्थ हैं ? [What is Kundali Milan in marriage?] -:
कुंडली मिलाना अर्थात् ज्योतिष विज्ञान का अध्ययन करना. ज्योतिष विज्ञान के अंतर्गत लड़का और लड़की के जन्म स्थान, जन्म दिनांक और अन्य जानकारियों के आधार पर कुंडली बनाई जाती हैं और फिर दोनों की कुंडलियों का अध्ययन करके ये पता लगाने की कोशिश की जाती हैं कि उनके भावी जीवन में परस्पर सामंजस्य [Adjustments or Mutual Understandings] होगा या नहीं. सामान्यतः कुंडली में उस मनुष्य के करियर, स्वभाव, स्वास्थ्य और संपूर्ण जीवन के विषय में वर्णन किया जाता हैं. शादी के लिए कुंडली मिलाते समय गुण आदि के मिलने से संबंधित बातें ध्यान में रखी जाती हैं.
शादी के लिए लड़का और लड़की की कुंडली का अध्ययन करते समय 36 गुणों और 8 कूटा में से कितने गुण मिल रहें हैं और कितने मिलने चाहिए, जैसी बातों पर विचार किया जाता हैं. इस संबंध में निम्न लिखित तालिका का अध्ययन मदद कर सकता हैं -:
क्रमांक | लड़का और लड़की की कुंडली में मिले गुणों की संख्या | शादी होने पर भावी परिणाम |
1. | 18 अथवा इससे कम गुण मिलने पर | इस स्थिति में शादी होने पर इसके असफल होने की संभावनाएं ज्यादा होती हैं. |
2. | 18 – 24 गुण मिलने पर | इस स्थिति में हुई शादी सफल तो हो सकती हैं, परन्तु इसमें कई समस्याएँ आ सकती हैं. |
3. | 25 – 32 गुण मिलने पर | इस प्रकार से कुंडलियों के मिलने से सफल वैवाहिक जीवन के संकेत प्राप्त होते हैं. |
4. | 32 – 36 गुण मिलने पर | शादी के लिए सर्वोत्तम साथी. इस प्रकार की शादियों में समस्याएं उत्पन्न ही नहीं होती, और अगर हो भी तो वे रिश्ते पर बुरा प्रभाव नहीं डालती.
[परन्तु स्थानीय मान्यता के अनुसार भगवान राम और माता सीता की कुंडलियों के भी पूरे 36 गुण मिले थे, उनका जीवन कष्टों में बिता, अतः कुछ लोग पूरे 36 गुण मिलने की स्थिति को शुभ नहीं मानते.] |
अरेंज्ड मैरिज में कुंडली मिलाना [Kundli match in Arranged Marriage] -:
सामान्यता अरेंज्ड मैरिज की स्थिति में ही लोग कुंडली मिलाते हैं क्योंकि वे उस दूसरे व्यक्ति, जो कि भावी जीवनसाथी हो सकता हैं, के बारे में कुछ भी नहीं जानते, अतः उन्हें कुंडली मिलाने से उसके व्यवहार, आदतों, जीवन शैली, आदि के बारे में एक अंदाजा तो लग ही जाता हैं, तो इन सभी बातों पर विचार करके वैवाहिक संबंध जोड़ने या न जोड़ने का फैसला लेने में मदद मिलती हैं.
प्रेम विवाह में कुंडली मिलाना [Kundli match in Love Marriage] -:
दो लोग अर्थात् लड़का और लड़की पहले से ही एक – दूसरे को जानते हैं, समझते हैं, उनकी आदतों और व्यवहारों के संबंध में वे जानते हैं और फिर शादी का फैसला लेते हैं तो इसमें कुंडली मिलाने या न मिलाने का प्रश्न इतना महत्व नहीं रखता. अतः सामान्यतया लव मैरिज में लोग कुंडली नहीं मिलवाते.
कुंडली न मिलने पर [What will you do if the Kundli does not match ?]
कभी – कभी ऐसा होता हैं कि कुंडली नहीं मिलती या कुंडली में गुण पर्याप्त मात्रा में नहीं मिलते, ऐसी स्थिति में ज्योतिषी द्वारा इससे उबरने के उपाय बताये जाते हैं और इन उपायों में कोई व्रत, उपवास, कोई पूजा अथवा कोई रत्न धारण करना, आदि जैसे उपाय होते हैं, जिन्हें अपनाकर कुंडली के दोष को दूर किया जा सकता हैं और सफल वैवाहिक जीवन में कदम रखा जा सकता हैं.
कुछ स्थितियों में ऐसा भी होता हैं कि एक व्यक्ति के कुछ मजबूत गुण, दूसरे व्यक्ति के कमजोर गुण से मिल जाते हैं और इस प्रकार भी एक सफल वैवाहिक जीवन की शुरुआत होती हैं.
परन्तु कुछ परिस्थितियों में लोग कुंडली न मिलने पर वैवाहिक संबंध ना जोड़ना ही बेहतर समझते हैं.
कुंडली मिलान में आने वाली कठिनाइयाँ अथवा कमियाँ [Loopholes in Horoscope matching] -:
ऐसा कहा जाता हैं कि ज्योतिष शास्त्र एक विज्ञान हैं, परन्तु ज्योतिषी हमेशा वैज्ञानिक नहीं होता क्योंकि उसके द्वारा कुंडली देखकर लगाये जाने वाले अनुमानों की प्रामाणिकता [Authenticity] का पता नहीं लगाया जा सकता क्योंकि कोई भी मनुष्य भविष्य के गर्भ में झांक कर नहीं देख सकता कि आने वाले समय में क्या घटना घटित होने वाली हैं. इसके अलावा एक तथ्य यह भी हैं कि कुंडली मिलाना तभी सार्थक सिद्ध हो सकता हैं, जब कुंडलियों में जन्म का समय, स्थान, आदि बातें बिल्कुल सही लिखी हो. इसमें अन्य सभी बातें तो ठीक होने की पुष्टि की जा सकती हैं, परन्तु आप किसी भी बच्चे के जन्म के समय का बिल्कुल सही प्रमाण नहीं दे सकते क्योंकि मात्र एक मिनट अथवा कुछ सेकंड्स का अंतर भी कुंडली में बदलाव करने में सक्षम होता हैं, इसका कारण यह हैं कि इस समय अंतराल में उस बच्चे के सितारे, ग्रह, नक्षत्र, आदि में बदलाव बहुत हद तक संभव हैं.
कुंडली मिलान जरुरी हैं या नहीं ? [Kundli Milan is necessary or not ?] -:
विवाह संबंध के लिए कुंडली मिलाना जरुरी हैं या नहीं, ये सभी का अपना व्यक्तिगत मत हो सकता हैं. इस बारे में कुछ लोग बहुत भरोसा करते हैं और कुछ लोगों को ये सब अंधविश्वास लगता हैं और ये दोनों ही मत उनके अपने अनुभवों से ही प्रकट होते हैं. परन्तु ये बात जरुर हैं कि यदि हम लड़का – लड़की की कुंडली मिलाये या ना मिलाये, हमें उन दोनों के मन मिलाने का प्रयास अवश्य करना चाहिए और दोनों परिवारों को भी आपसी समझ और सूझबूझ के साथ यह संबंध जोड़ना हैं या नहीं, इसका निर्णय लेना चाहिए.
कुंडली मिलाते समय कुछ बातें ध्यान में रखना चाहिए, जो कि अग्र लिखित हैं -:
- कुंडली मिलाने के लिए किसी भी राह चलते ज्योतिषी के पास न जायें, बल्कि उस पंडित को अपनी कुंडली दिखाए, जो वास्तव में इसके बारे में ज्ञान रखता हो.
- कुंडली में आपका जन्म स्थान, समय, आदि सबकी जानकारी बिल्कुल सही हो.
- यदि आप प्रेम विवाह कर रहें हैं, तो बेवजह कुंडली मिलाकर किसी भी संदेह को उत्पन्न करने जैसी स्थिति में न पड़ें.
- केवल कुंडली के आधार पर अपने जीवन के निर्णय न लें, बल्कि सभी परिस्थितियों के बारे में अच्छी तरह सोच विचार करके अपना निर्णय लें.
कुंडली में बताई गयी बातों को पकड़ कर न बैठ जायें, बल्कि स्वयं के ह्रदय में अपने भावी जीवन साथी के प्रति प्रेम, समझ और भरोसा लाये, जिससे आप एक सफल वैवाहिक जीवन का आनंद ले सकें.
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