INTERNATIONAL 

WOMEN DAY

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस

महिला दिवस की शुरुआत साल 1908 में न्यूयॉर्क से हुई थी,उस समय वहाँ मौजूद महिलाओं ने बड़ी संख्या में एकत्रित होकर अपनी जॉब में समय को कम करने की मांग को लेकर मार्च निकाला था.

इसके बाद साल 1910 में क्लारा जेटकिन ने कामकाजी महिलाओं के एक अंतराष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान इस दिन को अंतराष्ट्रीय स्तर पर मनाने का सुझाव दिया. इस सम्मेलन में 17 देशों के करीब 100 कामकाजी महिलाएं उपस्थित थी, इन सभी महिलाओं ने क्लेरा जेटकिन के सुझाव का समर्थन किया.

इसके बाद साल 1911 में सर्वप्रथम 19 मार्च के दिन कई देशो में यह दिन एक साथ मनाया गया. इस तरह से यह प्रथम अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस था. परंतु अब तक इसे मनाने के लिए कोई दिन निश्चित नहीं था.

इसके बाद 1917 में प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान रूस की महिलाओं ने तंग आकर खाना और शांति (ब्रेड एंड पीस) के लिए विरोध प्रदर्शन किया. यह विरोध इतना संगठित था कि सम्राट निकोस को अपना पद छोड़ने के लिए मजबूर होना पढ़ा

रूसी महिलाओं ने जिस दिन इस हड़ताल कि शुरुआत की थी, वह दिन 28 फरवरी था और ग्रेगेरियन केलेण्डर में यह दिन 8 मार्च था, तब ही से 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाने लगा.

महिला दिवस पर कविता

कुछ माँगा नहीं,कुछ चाहा नहीं, बदला बस खुद को, कि रिश्ता टूट ना जाये कहीं.  आदतों को बदला,चाहतों को बदला, भले मेरे अरमानों ने,अपनी करवट को बदला. समन्दर की एक बूंद बन जाऊं भले, बस समन्दर में मेरा अस्तित्व तो रहें. धूल का एक कण भी में बन ना सकी, मेरे त्याग की ओझल हो गई  छबि.

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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर कविता

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